Author Topic: Honour Of State Movement Heroes - उत्तराखण्ड आन्दोलन के आन्दोलनकारियों का सम्मान  (Read 12153 times)

पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
jagran news Jul 03, 12:45 am

सोमेश्वर (अल्मोड़ा): उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति की बैठक में राज्य गठन के नौ वर्ष बीतने पर भी असली राज्य आंदोलनकारियों की पहचान नहीं होने, उन्हे अनुमन्य सुविधाएं नहीं दिए जाने तथा राज्य की स्थाई राजधानी के मुद्दे को लटकाए रखने के लिए राज्य सरकारों की कड़ी भ‌र्त्सना की गई।

आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य प्राप्ति के लिए जिन लोगों ने यातनाएं सहीं तथा जेल गए उनकी सुध नौ वर्षो तक नहीं लिया जाना देवभूमि में सत्ता सुख भोग रहे राजनैतिक दलों की कुर्सी के पीछे राजनीति का परिचायक है। यदि शीघ्र आंदोलनकारियों का सही चिह्नीकरण कर उन्हे सुविधाएं मुहैया नहीं की जाएंगी तो उन्हे पुन: अपने अधिकारों के लिए आंदोलन की राह पकड़ने को विवश होना पड़ेगा।

बैठक में सदस्यों ने राज्य की स्थाई राजधानी के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए राज्य में अब तक बनी सरकारों की कड़ी निंदा की।

Mohan Bisht -Thet Pahadi/मोहन बिष्ट-ठेठ पहाडी

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 712
  • Karma: +7/-0

bhai aandolan kariyo ki to list hi gayeb hai sakaar ke pass hai ho maharaz...

baki....abhi to bade bade waade gayeb hai ...

maire hisab se to phir se ek naye andolan ko janam dena chahiye jo rajdhani ke masle ko hal kar sake.. aur sabhi ko meel kar is awaz ko buland karni hogi.. jandi ki power kya hai use sakaar ko batana hoga...

kya kahate hai aap log... chup bekar sayed kuch na ho...


kyon uttarakhand mai abhi tak jisne bhi raj kiya o sirf national partyo ne kiya aur aur aage bhi yehi hone waala hai kshaitriy party ka to haal bura hai.. aur aage bhi bura hi rahega...

so is masle per ab janta ko hi sochna hoga...

hito gairsain ... paidal..


पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
130 आंदोलनकारियों की ही जांच मिली  देहरादून: राज्य स्थापना को भले ही लंबा वक्त बीत गया हो लेकिन उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का मुद्दा अभी भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न प्रार्थना पत्रों में से केवल 130 की ही जांच आख्या पुलिस से प्रशासन को मिली है। जबकि, बाकी के लिए भी जल्द जांच आख्या देने को कहा गया है। आंदोलनकारियों के चिह्निकरण के संबंध में चल रही प्रक्रिया के बारे में एसडीएम सदर मनोज कुमार हाल ही में जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न लोगों से 2400 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए थे। जबकि, जिलाधिकारी कार्यालय से 2476 प्रकरण प्राप्त हुए थे। इस प्रकार कुल 4876 प्रार्थना पत्र जांच के लिए पुलिस के पास भेजे गए थे। लेकिन, इनमें से केवल 130 की ही जांच आख्या पुलिस से अभी तक प्राप्त हुई है। अभी 4746 प्रकरण बचे हुए हैं। बचे हुए प्रकरणों पर भी शीघ्र जांच आख्या देने का अनुरोध एसएसपी से किया गया है।

जब पूरा प्रदेश आन्दोलनरत था, बच्चे, बूढे और जवान सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहकर आन्दोलन कर रहे थे तो कैसे चिन्हीकरण हो रहा है, समझ में नहीं आता। और जो सक्रिय आन्दोलनकारी थे, उनका चिन्हीकरण अभी तक न हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी निजी जानकारी है कि अभी तक कई विधायक और पूर्व विधायक ऐसे हैं, जिनका नाम इस सूची में नहीं है, जब कि वे इस आन्दोलन के अगुवा थे, शासन की यह कार्य प्रणाली भी तो हास्यास्पद ही कही जा सकती है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

I don't agree with the figure. How can be only 130 State Struggle Agitators ?

When the struggle was in full swing, whole Uttarakhand was there. This figure should be almost 10,000.

There are many Agitators who do not have proof of to have particiapted in the Struggle.


130 आंदोलनकारियों की ही जांच मिली  देहरादून: राज्य स्थापना को भले ही लंबा वक्त बीत गया हो लेकिन उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का मुद्दा अभी भी सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न प्रार्थना पत्रों में से केवल 130 की ही जांच आख्या पुलिस से प्रशासन को मिली है। जबकि, बाकी के लिए भी जल्द जांच आख्या देने को कहा गया है। आंदोलनकारियों के चिह्निकरण के संबंध में चल रही प्रक्रिया के बारे में एसडीएम सदर मनोज कुमार हाल ही में जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न लोगों से 2400 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए थे। जबकि, जिलाधिकारी कार्यालय से 2476 प्रकरण प्राप्त हुए थे। इस प्रकार कुल 4876 प्रार्थना पत्र जांच के लिए पुलिस के पास भेजे गए थे। लेकिन, इनमें से केवल 130 की ही जांच आख्या पुलिस से अभी तक प्राप्त हुई है। अभी 4746 प्रकरण बचे हुए हैं। बचे हुए प्रकरणों पर भी शीघ्र जांच आख्या देने का अनुरोध एसएसपी से किया गया है।

जब पूरा प्रदेश आन्दोलनरत था, बच्चे, बूढे और जवान सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहकर आन्दोलन कर रहे थे तो कैसे चिन्हीकरण हो रहा है, समझ में नहीं आता। और जो सक्रिय आन्दोलनकारी थे, उनका चिन्हीकरण अभी तक न हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी निजी जानकारी है कि अभी तक कई विधायक और पूर्व विधायक ऐसे हैं, जिनका नाम इस सूची में नहीं है, जब कि वे इस आन्दोलन के अगुवा थे, शासन की यह कार्य प्रणाली भी तो हास्यास्पद ही कही जा सकती है।


पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
Uttarakhand CM announces job quota for statehood activists
« Reply #24 on: August 16, 2010, 03:53:36 PM »
                    Uttarakhand chief minister Ramesh Pokhariyal Nishank today announced 10% reservation in government jobs for Uttarakhand statehood agitationists.
After unfurling the national flag at the historic parade ground here on the occasion of Independence Day, he also said a pension of Rs10,000 per month will given to the activists who became disabled during the statehood movement of 1990s.
Besides, the chief minister announced that Siddowala Polytechnic will be converted to the first technology college for women in the state. He said a women's university will be set up in the hill state.
On the occasion of Independence Day, Nishank honoured 37 officials and employees for successful conduct of the Mahakumbh Mela in Haridwar earlier this year.

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
शहीदों के नाम पर हो नामकरण
========================


राज्य आंदोलनकारी कल्याण परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र जुगरान ने मुख्य सचिव सुभाष कुमार से भेंटकर राज्य आंदोलन के शहीदों के नाम प्रमुख मार्गो एवं प्रतिष्ठानों के नामकरण करने में हो रहे विलंब पर चिंता जताई।

श्री जुगरान ने कहा कि इस संदर्भ में नवंबर 2007 में शासनादेश हो चुका है, किंतु प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता की वजह से इसे क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत के परिणामस्वरूप उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ है। उनकी शहादत से ही सभी क्षेत्रों में लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है, लेकिन एक दशक में ही राज्य ने शहीदों को भुला दिया है। मुख्य सचिव ने इस मामले को गंभीरता से सुना और कार्यवाही का आश्वासन दिया।

Dainik jagran

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

It is sad to note that there are many state agitators who have not got any honor and facilities from the State Govt. The criteria set by the Govt is different kind.

As per the policy, a person who has spent 3 days in jail will get the benefit of State Agitators.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
    This is all happening in UK. 
 
 टंकी पर चढे आंदोलनकारी तीन उतरे
[/t][/t][/t]
[/t][/t]
 
[/t][/t]
 
 
फाइल फोटो[/t][/t]
अपनी मांगों के समर्थन में पानी की टंकी पर चढे तीन प्रशिक्षित छात्र सरकार के आश्वासन के बाद नीचे उतर आये.
  उत्तराखंड की देहरादून पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अपनी मांगों के समर्थन में तीनों छात्र गत 25 मार्च को रात पानी की टंकी पर चढ गये थे और मांगों को नहीं मानने की स्थिति में कूदकर जान देने की धमकी दे रहे थे.

तीनों ने मंगलवार को नये सिरे से नीचे कूदने की धमकी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने टंकी के आसपास जाल लगाकर पुलिस का घेरा भी बढ़ा दिया था.

टंकी पर चढे छात्रों से पुलिस के आला अधिकारी तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार दिन में बातचीत की थी लेकिन तीनों नहीं माने थे.

सूत्रों ने बताया कि देर रात मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के विशेष अधिकारी ने जब पहुंचकर आंदोलनकारी छात्रों को आश्वस्त किया तो तीनों टंकी से नीचे उतर आये. टंकी से नीचे उतरते ही तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके स्वास्थ्य की जांच की गयी.

सूत्रों ने बताया कि मनवीर रावत, मुरलीधर तथा रामकृष्ण नौटियाल गत 25 मार्च को जब पुलिस लाइन से लौट रहे थे तो धीरे से मौका देखकर बन्नू कालोनी के पास पानी की टंकी पर चढ गये थे.
 
http://www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/uttar-pradesh-news-in-hindi/114581/uttar-pradesh-news-in-hindi.html
[/td][/tr][/table][/td][/tr][/table]

हलिया

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 717
  • Karma: +12/-0
राज्य गठन आंदोलन में शहीदों के परिवार को 'स्वतंत्रता सेनानी' के समान सुबिधायें दो.

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
देहरादून में बनेगा शहीद स्मारक और कीर्ति स्तंभ
=================================

देहरादून। राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने 10 करोड़ की सांसद निधि से देहरादून में कीर्ति स्तंभ और शहीद स्मारक बनवाने की घोषणा की है। इसमें से दो करोड़ रुपये जिला प्रशासन को देने की स्वीकृति भी उन्होंने दे दी है।

 सांसद ने देहरादून में साहित्यकारों के लिए कला मुक्तांगन बनाने का ऐलान भी किया।
भाजपा मुख्यालय में प्रेस से मुखातिब तरुण विजय ने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर संगठन का आभार जताया।

 उनके अनुसार शहीद स्मारक और कीर्ति स्तंभ को सर्वश्रेष्ठ और अनूठा बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। यह कार्य प्रदेश का संस्कृ ति विभाग करेगा। भूमि राज्यसरकार देगी। वे खुद आज इस मामले में राज्यपाल बीएल जोशी से मिले। राज्यपाल ने भी इस योजना का समर्थन किया है।

 परियोजना में राज्यपाल ने संरक्षक बनना भी स्वीकार किया है। सांसद निधि से इसके लिए 10 करोड़ मिलेंगे। पूरी योजना में करीब आठ करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। शेष दो करोड़ फंड में रहेगा।

 इसका निर्माण तीन खंडों में होगा। पहला भाग युद्ध स्मारक, दूसरे भाग में शहीद के माता-पिता, गांव घर आदि का भी पूरा परिचय और तीसरे भाग में विजुअल्स होंगे। प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों का परिचय भी इसमें दिया जाएगा।

सांसद के मुताबिक इस योजना की देखरेख को समिति का गठन किया जा रहा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी, टिहरी सांसद विजय बहुगुणा और खुद वह भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी वे इस योजना के संदर्भ में बात कर चुके हैं।

 तरुण विजय ने करीब 65 लाख की लागत से देहरादून में ही कला मुक्तांगन बनवाने की घोषणा की। उनके मुताबिक इस स्थान पर साहित्यक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकेगा। इसके लिए दस लाख रुपये प्रशासन को दिए जा चुके हैं।

http://www.amarujala.com/state/Uttrakhand/25689-2.html

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22