शहीदों की कुर्बानी नहीं भुला पाएगा उत्तराखंड : खंडूड़ी
Oct 02, 11:45 pm
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मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से.नि.) भुवनचंद्र खंडूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड कभी भी शहीदों की कुर्बानी नहीं भुला पाएगा। अहिंसा के पुजारी के जन्मदिन पर हुई तत्कालीन यूपी सरकार द्वारा की गई हिंसा इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अहिंसा की नींव पर खड़ा है और इसे बुलंदी पर पहुंचाना ही प्रत्येक उत्तराखंडी का ख्वाब है। इसे साकार करने की ओर तेजी से कदम बढ़ रहे हैं।
भुवनचंद्र खंडूड़ी रविवार को रामपुर तिराहा कांड की बरसी पर आंदोलनकारियों की शहादत को सलाम करने यहां पहुंचे थे।
छपार प्रतिनिधि के मुताबिक मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर सुबह 9.55 बजे रोहाना के अमृत इंटर कालेज के हेलीपैड पर लैंड हुआ और यहां से सीएम कार द्वारा शहीद स्मारक पहुंचे। सर्वप्रथम उन्होंने शहीद स्तंभ पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यहां आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता शहीद हुए नौजवानों, माता-बहनों व अन्य आंदोलनकारियों का बलिदान नहीं भूल पाएगी। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के कुछ लोग जो आंदोलन में शामिल थे उनका आज तक कुछ पता नहीं है। तत्कालीन यूपी सरकार ने जो बर्बरता की वह इतिहास में काले अध्याय के रूप में हमेशा सालती रहेगी। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंडी आंदोलनकारियों का सहयोग करने वाले मुजफ्फरनगर के वाशिंदों का भी आभार जताया।
कार्यक्रम को उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष सुशीला बरोनी व ग्राम्य विकास, महिला सशक्तिकरण, बाल विकास संस्कृति एवं धर्मस्य विभाग की मंत्री विजय बड़थ्वाल, मुजफ्फरनगर विधायक अशोक कंसल ने भी संबोधित किया, जबकि पालिकाध्यक्ष कपिल देव अग्रवाल, जिला महामंत्री विजय शुक्ला, राजन ओथवाल, रेणू गर्ग, सत्यप्रकाश, तीरथ सिंह राव, राजेंद्र अर्थवाल, भाजपा हरिद्वार अध्यक्ष सुशील चौहान, उमेश चंद्र आदि समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
उत्तराखंड सरकार करेगी
रामपुर तिराहा कांड की पैरवी
उत्तराखंड के आंदोलनकारियों पर हुई बर्बरता के उनके सहयोगी रहे महावीर प्रसाद शर्मा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सीबीआइ कह चुकी है कि उत्तराखंड सरकार चाहे तो अपना वकील खड़ा कर सकती है, लेकिन सरकार ने अपना वकील क्यों खड़ा नहीं किया? आंदोलनकारी अपने स्तर से न्याय को संघर्ष कर रहे हैं। सरकार की अनदेखी से केस कमजोर होना तय है। इस पर मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने वादा किया कि अब रामपुर तिराहे की पैरवी उत्तराखंड सरकार करेगी। पिछले पांच साल में इस बाबत विचार क्यों नहीं हुआ? इसे भी वह जरूर दिखवाएंगे।
मुलायम सिंह ने गोली क्यों चलवाई? समझ से परे
रामपुर तिराहा कांड को यादकर भावुक हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की मांग कर रहे आंदोलनकारी अहिंसात्मक रूप से निहत्थे दिल्ली जा रहे थे। मांग भी दिल्ली सरकार से थी, फिर भी मुलायम सिंह ने गोली चलाने का आदेश क्यों दिया?
मोदी के मुद्दे पर नहीं खोला मुंह
दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री के नहीं पहुंचने का मुद्दा सियासी गलियारों की सुर्खियां बना है, वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस पर मुंह नहीं खोला। इस बाबत सवाल पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि नरेंद्र मोदी कार्यकारिणी की बैठक में नहीं आए इसका कुछ कारण हो सकता है। उनके न आने का कोई दूसरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।