3 अक्टूबर, 1994 को उत्तराखण्ड के प्रवेश द्वार हरिद्वार और रुड़की में भी उग्र प्रदर्शन हुआ, जिसमॆं अन्य जगहों की ही भांति पुलिस ने फायरिंग की, हरिद्वार में तो आन्दोलनकारियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ लेकिन रुड़की में तीन आन्दोलनकारी गंभीर रुप से घायल हो गये। गंभीर रुप से घायल- श्री यादवेन्द्र सिंह पुत्र श्री देवेन्द्र सिंह, निवासी-रुड़की, संजय सिंह पुत्र श्री देवेन्द्र सिंह रावत, रुड़की और श्री प्रकाश कांति पुत्र श्री जयकिशन कांति, रुड़की।
इनमें से यादवेन्द्र और संजय तो ठीक हो गये लेकिन मेरठ मेडिकल कालेज और सफदरगंज हास्पिटल, दिल्ली में ५ महीने तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष करते हुये चमोली जिले के चिरखून गांव के मूल निवासी प्रकाश कांति, जो रुड़की में निवास करते हैं, कमर से नीचे का भाग हमेशा के लिये निष्क्रिय हो जाने के कारण हमेशा के लिये अपाहिज होकर उत्तराखण्ड आन्दोलन का जिन्दा शहीद बन गये हैं।