Author Topic: Tribute To Movement Martyrs - उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि  (Read 63656 times)

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #50 on: November 07, 2007, 08:18:04 PM »
Wah Tarun ji +1 karma aapko is badhiya kavita ke liye.

अपनों से ही लड़ी, हमने अपने आंदोलन की लड़ाई,
अपनों ने ही तब, हम पे कुछ गोलियाँ चलाई।

औरतों की अस्मत, जब लूटने आये लूटेरे,
अपने तब कुछ भाई, सीना तान आगे आ डटे रे।

हो गये शहीद, आंदोलन में वो कुर्बान हो गये,
'तरूण', उत्तराखंडियों में वो नया जोश भर गये।

आओ इस बरस फिर, उनकी चिताओं पर चंद फूल चढ़ायें
याद करके उन शहीदों को, वर्षगांठ का ये जश्न मनायें।।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #51 on: November 08, 2007, 03:17:12 PM »
"क्रिएटिव उत्तराखण्ड - म्योर पहाड" की वेबसाइट पर ओन-लाइन श्रद्धांजली देने के लिए यहां क्लिक करें
http://www.creativeuttarakhand.com

"क्रिएटिव उत्तराखण्ड - म्योर पहाड"  ने आन्दोलन से संबन्धित कुछ साहित्य इकट्ठा किया है. उसे यहां पढें
http://www.creativeuttarakhand.com/tribute.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #52 on: November 08, 2007, 03:22:37 PM »


इतिहास के पन्नों इन अमर शहीदों का नाम सदा अमर रहेगा..

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #53 on: November 10, 2007, 09:19:34 AM »
शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य बनाने का संकल्पNov 09, 02:32 am

देहरादून। राज्य गठन की सातवीं सालगिरह और दीपावली की पूर्व संध्या पर राज्यपाल बीएल जोशी और मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने प्रदेशवासिसों को शुभकानाएं देते हुए शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य बनाने का संकल्प दोहराया।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड वन एवं प्राकृतिक संसाधन की दृष्टि से धनी प्रदेश है। यहां की कुल भूमि का 66 प्रतिशत भाग वनाच्छादित है। इसके सदुपयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के साथ ही वन्य प्राणियों के संवर्धन एवं संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। श्री जोशी ने प्रदेश की खुशहाली के लिए कृषि उत्पादन एवं औद्यानिकी को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंतनगर स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं को बेहतर तकनीक की खोज को आगे बढ़ाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री खंडूड़ी ने कहा कि जनसहभागिता के आधार पर शहीदों की स्मृति को चिरस्थायी बनाया जाएगा। राज्य के समग्र विकास और आमजन की बेहतरी के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्य के भौगोलिक और आर्थिक विषमताओं को चुनौती के रूप में स्वीकार कर सरकार समग्र विकास के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य कर रही है। उन्होंने प्रदेशवासियों से इसे आदर्श राज्य बनाने में सक्रिय योगदान का आह्वान किया। उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज तथा विधायक अमृता रावत ने जिन उद्देश्यों को लेकर राज्य निर्माण की लड़ाई लड़ी गई थी, उसकी प्राप्ति के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाएंगे। खासकर युवाओं को आशाओं पर तुषारापात नहीं होना चाहिए।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #54 on: November 12, 2007, 12:25:38 PM »
CM condoles death of Pitambar Bist
 
Dehradun, 11 Nov: Chief Minister BC Khanduri today expressed shock and grief at the death of Sachajkot (Gairsain) based Freedom Fighter Pitambar Bist. In his condolence message, he prayed for strength to his family members to bear the loss and for peace to the departed soul.
CM recalled that Bist had contributed significantly to the independence of the country after joining the INA (Indian National Army). He also suffered a lot of torture while in the prison during the struggle for independence. He further observed that Bist had continued to serve the nation and society even after the country achieved independence. He termed the death of Bist as a loss that could never be compensated.

Source of News : Garwalposts.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #55 on: November 14, 2007, 10:05:14 AM »
चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को मिलेगा पूरा सम्मान: अजयNov 14, 02:26 am

पिथौरागढ़। समाज कल्याण राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा है कि चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के प्रति सरकार गंभीर है। समाज के अंतिम व्यक्ति को विकास की धारा से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे है।

मंत्री बनने के बाद पहली बार पिथौरागढ़ आये राज्य मंत्री अजय टम्टा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने सात माह के कार्यकाल में प्रदेश को विकास की ओर अग्रसर किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के शासन काल में प्रदेश की दशा बेहद दयनीय हो गयी थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सुरक्षा को देखते हुए सरकार द्वारा राज्य सुरक्षा आयोग का गठन किया गया है।

समाज कल्याण विभाग के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि समाज के निर्बल वर्ग के लोगों के उत्थान के लिये जरूरी प्रयास किये जा रहे है। विधवा , विकलांग पेंशन बढ़ा दी गयी है। पूर्व में पचास प्रतिशत तक ही विकलांगता को मान्यता थी वर्तमान सरकार ने इसे 40 प्रतिशत तक कर दिया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश के सभी महिला शरणालयों, बाल्मीकि छात्रावासों और आश्रम पद्यति विद्यालयों की दशा सुधारने के लिये चार्ट बनाया गया है। छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को मिलने वाली 5 सौ रुपये की धनराशि बढ़ाकर एक हजार रुपये कर दी है। महिला शरणालयों में रहने वाली महिलाओं को मिलने वाली राशि में दो सौ रुपये की वृद्धि कर दी गयी है।

श्री टम्टा ने सरकार की उपलब्धियों के बारे में बोलते हुए बताया कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे है। वर्षाे से रिक्त पड़े इण्टर कालेजों में प्रधानाचार्याें की नियुक्तियां की जा चुकी है। अभी आठ हजार शिक्षकों की ओर नियुक्तियां होनी है। इसके अलावा अन्य विभागों में भी रिक्त पदों पर शीघ्र ही नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #56 on: November 14, 2007, 10:06:23 AM »
राज्य आंदोलनकारियों की हो सही पहचान : विजय लक्ष्मीNov 14, 02:26 am

पौड़ी गढ़वाल। राज्य आंदोलनकारी मंच की प्रदेश सचिव(महिला) विजय लक्ष्मी गुसांई ने कहा कि प्रदेश सरकार को उत्तराखंड आंदोलनकारियों की पहचान ठीक ढंग से करनी चाहिए। उनके मुताबिक आज उन लोगों को भी आंदोलनकारियों की सुविधाएं मिल रही हैं जिनका आंदोलन से कोई वास्ता नहीं था।

मंडल मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य आंदोलनकारी मंच की प्रदेश सचिव ने कहा कि आंदोलनकारियों की पहचान के लिए मीडिया कर्मियों, एलआईयू के रिकार्ड सहित उन लोगों का सहयोग लिया जाए जो आंदोलन के दौरान मौजूद थे या फिर आंदोलन से जुडे़ थे। उनका कहना था कि आंदोलनकारियों का जो मूल्यांकन हुआ है, उनमें तमाम खामियां हैं। आंदोलनकारियों की सूची में जेल जाने की अवधि जैसे सीमाओं को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप आरोप लगाया कि पहुंच रखने वाले लोग तो सूची में शामिल हो गए, लेकिन जो वास्तव में आंदोलनकारी थे, वे अभी भी वंचित हैं। यही नहीं मातृ शक्ति की भी अनदेखी हो रही है। रोजगार व महिला नीति पर भी उन्होंने सवाल उठाएं। तीलू रौतेली सम्मान को लेकर विजय लक्ष्मी गुसांई का कहना था कि इस बाबत राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

पंकज सिंह महर

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #57 on: December 17, 2007, 04:21:59 PM »
क्यूं दोस्तो सो गये????
1994 के उत्तराखण्ड आन्दोलन में अचानक विराम लगने से उत्पन्न व्यथा को कुमाऊनी कवि शेरदा "अनपढ" ने इन शब्दों में व्यक्त किया.
इस दौर में भी इस कविता की प्रासंगिकता कम नही हुई है, जब राज्य बने 7 साल बीत चुके हैं और आम जनता नेताओं और पूंजीपतियों के द्वारा राज्य को असहाय होकर लुटता देख रहे हैं. कहीं भी विरोध की चिंगारी सुलगती नही दिख रही है. उम्मीद है कि शेरदा "अनपढ" की यह कविता युवा उत्तराखण्डियों को उद्वेलित जरूर करेगी.


चार कदम लै नि हिटा, हाय तुम पटै गो छा?
के दगडियों से गोछा?
डान कान धात मनानेई, धात छ ऊ धात को?
सार गौ त बटि रौ, तुम जै भै गो छा?
भुलि गो छा बन्दूक गोई, दाद भुलि कि छाति भुलि गिछा इज्जत लुटि,
तुमरै मैं बैणि मरि हिमालाक शेर छो तुम,
दु भीतर फै गो छा? के दगडियों से गोछा?
काहू गो परण तुमर, मरणै कसमा खै छी उत्तराखण्ड औं उत्तराखण्ड,
पहाडक ढुंग लै बोलाछि कस छिया बेलि तुम,
आज कस है गो छा के दगडियों से गोछा?
एकलो नि हुन दगडियो,
मिल बेर कमाल होल किरमोई तराणै लै,
हाथि लै पैमाल होल ठाड उठो बाट लागो,
छिया के के है गो छा? के दगडियों से गोछा?
तुम पुजला मज्याव में, तो दुनिया लै पुजि जालि तुमरि कमर खुजलि तो,
सबूं कमरि खुजि जालि निमाई जै जगूना,
जगाई जै निमुंछा के दगडियों से गोछा?
जांठि खाओ, जैल जाओ, गिर जाओ उठने र वो गर्दन लै काटि जौ तो,
धड हिटनै र वो के ल्यूंल कोछि कायेडि थै, ल्यै गो छा? के दगडियों से गोछा?

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #58 on: December 17, 2007, 04:23:10 PM »
Wah Pankaj bhai kya kavita sunai hai Sher Da ki chhaa gaye aap +1 karma aapko.

पंकज सिंह महर

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Re: Shaheedon ko Shradhhanjali
« Reply #59 on: December 17, 2007, 04:24:08 PM »
हीरा सिंह राणा की उत्तराखंड आन्दोलन की लोकप्रिय कविता

लश्का कमर बांधा,
हिम्मत का साथा 
फिर भुला उज्याली होली, कां लै रौली राता लश्का कमर बांधा.....|
य नि हूनो ऊ नि होनो,कै बै नि हूंनो के ,
माछी मन म डर नि हुनि चौमासै हिलै के |
कै निबडैनि बाता धर बै हाथ म हाथा,
सीर पाणिक वै फुटैली जां मारुलो लाता|
लश्का कमर.....| जब झड़नी पाता डाई हैं छ उदासा,
एक ऋतु बसंत ऐछ़ पतझडा़ का बाद|
लश्का कमर बांधा........|

 

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