Author Topic: आवों अपनी भाषा सीखे ! LET US LEARN OUR LANGUAGES !!  (Read 47664 times)

पंकज सिंह महर

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #50 on: October 09, 2007, 12:17:37 PM »
आमा पैलाग,
आमा ओ आमा...........का छै तू?

अच्छा मैं ही पूछता हूं, हां पोथी बताओ, इन शब्दों कि मतलब हुं?
धै
पै
भल
द..अ
कुछ शब्द यश लै छन, जैके लगुनै जरूरत नै हुनी फिर लै हम लगा दिनु जसी

हाई
मतलब
ठैरा
कर के
होय-होय


हेम पन्त

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #51 on: October 16, 2007, 05:51:36 PM »
बुबू पैलाग!!!! आमा कां भजा हालिन अच्याल.....तुम स देख बैर डरि ग्यान शायद....

sanjupahari

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #52 on: October 17, 2007, 03:49:13 AM »
ayee mere bubu se TAMEEZ se baat karna haaan,,,main tere ko SISAUN se ulaaal dunga,,, mere bubu se koi nahi darta,,,bhauttey bhal bubu chin kau wu.....UUUZYYAAAA sachchi-muchchi kau

पंकज सिंह महर

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #53 on: October 17, 2007, 02:28:18 PM »
आमा पैलाग,
आमा ओ आमा...........का छै तू?

अच्छा मैं ही पूछता हूं, हां पोथी बताओ, इन शब्दों कि मतलब हुं?
धै
पै
भल
द..अ
कुछ शब्द यश लै छन, जैके लगुनै जरूरत नै हुनी फिर लै हम लगा दिनु जसी

हाई
मतलब
ठैरा
कर के
होय-होय



कि ह्वै गौ रै कैले मेरा पूछी सवाल को जबाबै न दि,
इन शब्दों कि मतलब हुं?
धै
पै
भल
द..अ
 

हेम पन्त

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #54 on: October 17, 2007, 03:00:58 PM »
बुबू जी मैं तो हार गया...ये शब्द सामान्य भाषा में काफी प्रयुक्त होते हैं लेकिन इनका शब्दार्थ बता पाना मुश्किल है....प्लीज आप ही मार्गदर्शन करें..

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #55 on: October 17, 2007, 03:02:23 PM »

Good going sir...

Gret*88888888

पंकज सिंह महर

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #56 on: October 18, 2007, 01:44:17 PM »
धै -  देखते हैं फिर, चुनौती के लिये प्रयुक्त होता है, जैसे किसी ने कहा "मैं हाथ से पत्थर तोड़ सकता हूं" तो चुनौती के लिये कहा जायेगा, धै, तोड़ फिर
पै - नहीं कर सकोगे, मजाक बनाने के लिये, जैसे किसी ने कहा "मैं हाथ से पत्थर तोड़ सकता हूं" तो उसे यह बताने के लिये कि तुम नहीं कर सक्ते तो कहा जायेगा, पैं, कर हाली त्युल
भल - कोई बात किसी को बतानी है और अपने ऊपर जिम्मेदारी नहीं लेनी है,  तो कह दो भल , मतलब किसी और ने मुझसे कहा, गाड़ी गिरी भल हो वहां पर.     इसे किसी और से पता चला है.

द...अ - विस्मय कारक शब्द भी है, उपहास कारक भी है.

हेम पन्त

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #57 on: October 18, 2007, 04:31:50 PM »
मान गये बूबू....कुमाऊँनी के इतने गूढ शब्दों की बडी सरल विवेचना कर दी आपने...

Bhawani Aama

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #58 on: October 18, 2007, 06:00:53 PM »
ओह हो!!! आज भौत दिन बाद यां ऊनाको टाइम मिलिछ!!!!! गाज्यो कटै चल रै अच्यालन!!! क्वै बात ने तुम सबन का बुबू त आग्योथ्या मेर बदाल...... इन ले जां मैं जांछू वां पुजनान....

पंकज सिंह महर

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Re: Aao Apni Bhasha Seekhein
« Reply #59 on: October 30, 2007, 01:22:40 PM »
कुछ पहाडी़ शब्द और उनके अर्थ
चिफल -  फिसलन वाली जगह
चुकीला - खट्टा
गुलिया - मीठा
गोरू   - गाय
बल्द   -  बैल
ढेपू-टाक या डबल -  रूपया-पैसा
हलिया  - हल जोतने वाला

 

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