पैर - खुट
याद आया "तुमरी खुटी शिलाम महाराज"
झुगुल्टायाना- बाल पकड़ के हिलाना (मारते समय)
कुमाऊंनी भाषा में हर प्रकार की बदबू कि लिये एक अलग शब्द है, जो कि हिन्दी भाषा में भी नहीं है
भड़ेन - जलने की बदबू
किड़ेन - बाल जलने की बदबू
सेत्यान - बिस्तर या कपड़े सिल जाने की बदबू
चुरैन - पेशाब की बदबू
ऎसे ही दाल कभी टमाटरैन(टमाटर ज्यादा या उसकी खुशबू) हो जाती है कभी हल्दैन (हल्दी ज्यादा या उसकी खुशबू) तो कभी बसैन ( बासी होने की खुश्बू)... ज्यादा खा लेने पर हो जाती है....................................मचैन