कविता उत्तराखंड की बालकृष्ण डी ध्यानी with Manoj Bhatt and 110 others
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ना ना नि चैनी ईनि नीति
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति मेरा पाड़ों मा
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति..............
प्रगति का नाम परी यूँ की
झौलम-झौल
वादों और्री छुईं मा यूँ की सब
गौळम-गौळ
कब मिलालू बगत यूँ थे
कब करला काम जी
कब हुलु बिकसित राज्यों मा
मेरु उत्तराखंड कु नाम जी
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति मेरा पाड़ों मा
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति..............
टाक्कों बंडल यख संगी साथी
सबु लमाड़-लाम जी
कैन कारण यख काम काज
सबु सुरसुर-सार जी
सीयँ छन यख सबी का सबी
मिल नि लेण यख कैकु नाम जी
टक्कों दगडी इन अल्जी जीयु
ये घियु सबुल बकौरी खाण जी
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति मेरा पाड़ों मा
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति..............
कब आलू दिन ऐ मेरा देबता
ले ले सुबू कु राम-राम जी
मेरु पाड़ा मा पलयान दगडी
व्हैगे बुरु हाल- काज जी
अपरुँ थे मि कया कया बुलूँ
क्ख्क मि जाकी वैथे खोज्युं
हर्ची गै न सब अपरा परया
सम्लौणा व्हैगे बिरदया बाटा
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति मेरा पाड़ों मा
ना ना नि चैनी ईनि नीति
इन राज नीति..............
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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