भुली मिथे मेरु गौंऊँ
हिमाल मा बसी
ऊ सुपनियों कु मेर छाऊँ मा
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
ईजा बाबा खुटी मा पसरी
ऊ मेरु छोटू सौंसारु
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
जीयु ने बोती च भूली
वख ये माया मेर बाड़ी मा
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
कया बगेरेलू देकेनू
हिमाल छला गद्नियों को धारु
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
सारि मा सारि दांडी घसेरी गीत
पन्देर कु पाणी ठंडो मीठो कलेजी कु भेंट
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
बाल कुँवारी माता मंदिर मा हवा चली सरा रर रा
माता का खुठी चल दीदियों माथा पौडी औंला
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
माया माया पसरीच
बोई बेटी ब्वारी मा दडिच
आंखि आंखि मा ऊँका देकि ले
माया दगडी माया भेंटि ले
ऊँ ह्युं चलूँ जमी ह्युंद थे देकि ले
कैन बसै ई धरती वे देबता से ऐकि यख मिलि ले
वे फूलों थे भेटि मा और्री कौथिग मेले मा
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
हिमाल मा बसी
ऊ सुपनियों कु मेर छाऊँ मा
कन भलु लगणु मिथे मिथे मेरु गौंऊँ
भुली मिथे मेरु गौंऊँ
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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