ऐजा स्वामी ते थे माय दूँ
ऐजा स्वामी ते थे माय दूँ गोरी बैंयां ते पर अंग्वाल दूँ
किले की तू इतगा उदास, सुख्यां सुख्यां ओंठ ,आँखि मा तिस
किले की ,किले की ?
डमी गैंया छन सरीर कित्गा ,स्वामी इनि राति मा
थाकी गेना इनि हाथों थे , दे दे मेर हाथ मा
सुख मेर लियां , मि दुःख तुमरि ले लू
मि बी जगूं,तू बी जिंयां
हुंण दे रे , जो ये जुल्मी छन ,बाटा तेरु गौंऊँ का
पलकी मा बिण लें लूँ , कांटा तेरा खूठा का
लट बिखरलु ,चुनरी बिछे की
बैठी छों मि , तेरा बाना
आपरी त अखियों थे ,भनि च धार सी
खिल व्हाली एक हैंसी , स्वामी तेर माय की
मि त ना हारी , स्वामी जरा सोचा
किले की ,किले की ?
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
हिंदी गाणा बोल छंण ... आजा पिया तोहे प्यार दू, गोरी बैय्याँ तोपे वार दू
चित्रपट : बहारों के सपने -
गढ़वाली मा ये बोल जी कंन लाग्यां जी आप थै बतवा जरुर जी
हिन्दी गाने का ये का गढ़वाली बोळ संस्करण