Author Topic: Bal Krishana Dhyani's Poem on Uttarakhand-कविता उत्तराखंड की बालकृष्ण डी ध्यानी  (Read 64059 times)

devbhumi

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इखलु  मां

झनि मेरु मन
कया गठयाणु छा
इखलु मां..... ३

कया शरणु हुलो अफि
कया अफि ढखयाणु छा
इखलु मां..... २

माया दाड़ी होलि
दाड़ी होलि वा कख
किलै लुकि होलि
लुकि होलि वा कख

हेरु जों  मि दिखे ना तू
दिखे ना तू
आँखि मिटी जिकोड़ि मां
(झळे जांद तू ).... २
इखलु मां..... २

बालकृष्ण डी ध्यानी
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दादी कि.....

दादी कु जोड़ा मां,बुराँस फूली गे
दादी कि गलोड़ी,फ्योंली सि शरमिगे

लाल लाल ऊंटडी नि,रंग  इन  जमाई
दादी कि आंख्युं न,घुटी सबु थे पिलाई

दादी कि बिंदुली न,कथा जबैर लगैई
भैर बैथ्यून दादा,भीतर झट दौड़ी आई

दादी कि कमरी लसाक मारीगे
रासो मां दादी आज खुब झूमिगे
ढोल दामों मां इन रास लगैई
हैंसदरी दादी न आज सबु थे हैंसैई

दादी कु जोड़ा मां,इनि बुराँस फूली रे  ......

बालकृष्ण डी ध्यानी
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हे गेल्या

हे गेल्या मिथे तुम ना
जून तारा जनि हंसे दे ना
हे तारा कया छ
मि तेथे जून जनि हंसे देलू

डाँडो धारु मां ...हे गेल्या
मिथे भेंटि ऐजा
अध्  बाटों मां रुमुक पड़लू
उजाळी मां भेंटि ऐजा

माया थे मेर तू ना परखी
मिथे ते थे भेंटि औंलू
अध्  बाटों मां रुमुक पड़लू
मि वै थे छंटी औंलू

हे गेल्या मिथे तुम ना
जून तारा जनि हंसे दे ना
हे तारा कया छ
मि तेथे जून जनि हंसे देलू

बालकृष्ण डी ध्यानी
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दानी जलेबी

कौथिक मां विं दगडी आज भेंट हुंई छा
आज विं नजरि दगडी  फिर मेल हुंई छा
जिकोडी को इंजन इन धक धक दौड़ी छा
कोटद्वार छोड़िक कि सट पौड़ी खाल रौड़ी छा

दानि जिकोडी न फिर माया गीत  लगै दे
वै चिफुलु बाटों मां मिथे फिर से चिफले दे
लाली बुरांस फुलि फिर यख  डाला डाला मां
फ्योंली बी शरमेग फिर पहाड़ा पहाड़ा  मां

दानी जलेबी आज फिर इंगलि पिंगली हैगे
रितू मौल्यार फिर फूफळी दन्तुलि मां छैगे
विं लटूलि चरखी को झँफा मिथे फिर झूलेगे
बौल्या बणयूं छ्या कबि फिर वा बौल्या बणिगे

बालकृष्ण डी ध्यानी
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बाकी सब ऊनि छा

अठरह बरस पैलि जन छा
अब बी वा ऊनि छा
पीड़ा त अब बी ऊनि छा
खैरी बी ऊनि छा

जुन कि जुन्याली जन छे
अब बी वा ऊनि छा
नजरि कि भेंट्याली जन छे
अब बी वा ऊनि छा

दानि जिकोडी माया जन छे
अब बी वा ऊनि छा
बदलिगे बस अब मेरु ऐ मन
बाकी सब ऊनि छा  .... ३

बालकृष्ण डी ध्यानी
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किलै छलै जांद तू

ऐजाँदी भग्यानी ओं बाटूं मां
हिट हिट जोंला त्यूं डंडियूं मां

विं अखियुं का मि सुपनिया ह्वैजाऊं
विं लटूलि मां मि लतै जाऊं

निन्दि बी वा च जाग बी वा च
ईं दुई आंखियुं को प्रभात बी वा च

जख पौड़ी नजरि दिखे जांद वा
हे बांदा मिथे किलै छलै जांद तू

बालकृष्ण डी ध्यानी
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कैल न जाणि

मेरी पीड़ा त मेरी पीड़ा च
कै दगडी  बोलों  .... कैल न जाणि
गेड अपड़ी जिकोडी क़ा मि
कै दगडी खोलों  .... कैल न जाणि

चखुलि ऐ जीबन
चखुलि बनेकि सर .... उड़ि जालो
उड़ि उड़ि  कि ऐ निलू आग्स
किले कि..... भूंयां नि आलो

मेरी पीड़ा त मेरी पीड़ा च  ......
कै दगडी  बोलों  .... कैल न जाणि

सोँण कि पीड़ा सोँण न जाणि
आंख्युं को पाणि आंख्युं न चखी
किलै तांसि की तिस न बुझै
गौलि का बाटो क्वी न हिटे

गेड अपड़ी जिकोडी क़ा मि
कै दगडी खोलों  .... कैल न जाणि

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कन ऐ बात छ

ई ओं दिनों कि बात छ
जब हम दुईयां दगडी साथ साथ छ
कया दिन वा कया रति छे

बगता की दुई घड़ी जन
साथ साथ तुक तुक हिटदा रैणदा छन
हम तनि ही अब बी आस पास छन

तुम हम परि किलै कि
कनि कि बिशवास नि कना
टैम से हिटादा रयाँ तुम थे मि सुदि नि थगेनु

जीकोडी मां कैकु भार ना धैरी
जिंदगी बिगरैली छे तू छोड़ ना खैरी
बांदी ले गेड़ी इन ना मार फेरी

क्वी अपड़ा बिराण नि हुँदा
सैत्त्या पळ्यां गौर अजाणा नि हुँदा
माया की इन तू पौध जमै जा   

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गीत मेरा

गीत मेरा बिराणा ह्वैगैनी
अपड़ी कथा वा अफि ही लगै गैनी
फुसलाई मिन वैथे फरकाई
हिरकाई मिल वैथे क्दगा ललचाई
बैठि बैठि की मिन वैथे खूभ समझाई
फिर बी ना मानी.......गीत मेरा .....

दुनिया की वैन सिकैसैरी कि
अपड़ी ही पीड़ा लेखी अपड़ी ही खैरी कि
लेखी कि वैळ अपड़ो उमाळ बौगयाई
जांदा जांदा वैल मैसे  ऊ भांड फुण्ड सरकाई
बोली बी ना बनि ना बनि मेरी अब बी भाषा
फिर बी ना मानी.......गीत मेरा .....

उकाळो का बाटों बस  ऊ यखलु हिट दा ग्याई
बिन्सरी बेल उठि कि उ गैर रुमक मां चप सैग्याई
थाकि बी ना लगि वै थे ना वैथे लगि जमैई
पैल पंगत बैठिक वैल सत पौण्याई खेई
अब ऊ ह्वैगयाई  अपड़ों से ही  हर्ची
फिर बी ना मानी.......गीत मेरा .....

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हे बोई

पंसारी जा हे बोई  हैरयाळी मेरा पहाड़ मां
हे बोई मेरु उत्तराखंड ऐ कुमो-गढ़वाला मां

दैणा  हवैजा हे माँ सरस्वती मेर पहाड़ों मां
आखर-आखर गेठी दे हमरू ढूंगा गारों मां

बोती जा हे देबि जौ हमरा कूडा कूडा गौं स्यारों मां
फूली दे बसंत बौंऊ कु जूड़ा जूड़ा मां

छोटा छोटा नौनीयूँ  कु नकोडि कु छेदन
कन भली लगदी फूली त्यूं छूटी नकोडि मां

पिलो रुमाल रेशम कु उड़िगे हे आगास मां
जौं राखीदयाँ हे दानो हमरा, हमरा कपलि मां

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