Author Topic: Bal Krishana Dhyani's Poem on Uttarakhand-कविता उत्तराखंड की बालकृष्ण डी ध्यानी  (Read 64106 times)

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
रै जांदू रे

उनाणेउ बाद बी
ऐ सरेल मां
अलगस किलै कि
रै जांदू रे हम..म अ..रै जांदू रे

उक बक मेर चलदी रैंदि
ऊकाळी उक्सांसी बाटो मां रे
उक बक बिगरी नि कटै जांदू रे
रै जांदू रे हम म अ रै जांदू रे

उसकार आंदि बथों मां रे
उदमात ऐ ज्यू किलै ह्वै जांदू रे
उब उदं फेर मां सब बंटे जांदू रे
रै जांदू रे हम म अ रै जांदू रे  .......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
मेर यन तू ढब बणीगे

क्दगा पीढा
म्यार भाग मां तिढा
औंथे छटे कि तू दूर लिगे
मेर यन तू ढब बणीगे

यूँ आँखों का आँशु
यन लुछि-पुछि कि
ऐ ग्लोडि थे तू हैंसी देगे
मेर यन तू ढब बणीगे

ढब मेर तू यन बणीगे
अंग्वाल मां भोरिकि
अप्डी तू मीथे सुले गे
मेर यन तू ढब बणीगे

औंथे छटे कि तू दूर लिगे
मेर यन तू ढब बणीगे  ..... ३

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
सदानी

खगास रेगे ज्यू
अगास रेगे ज्यू

खटकण मां वा लगी छा
कै द्वार कै मौर वा लुकि छा

खंदाक इन पड्युं छा
खंद्वार वा हुँई छा

चंगुल इन कस्यूं छा
चखुलि कु ज्यू हुयूँ छा

खगास रेगे ज्यू
अगास रेगे ज्यू

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
इन ही सुदि
 
भंडया घिचघिच छ या
जिंदगी मेर जिंदगी
तबि इन मि ऊकलों भत्ते
दौड़ी गियूं मि ऊन्दारियूं

भंडया घिचघिच छ या
जिंदगी मेर जिंदगी

कबि डाळ टूक यख बैठ्यूं
कबि डाळ छैलू
तबि बी अकल नि मि ऐई
सौर मेरु वख ही गैई

भंडया घिचघिच छ या
जिंदगी मेर जिंदगी

कबि यन मि सोच्दु
कया मि खुद थे जणदु
ना मिल कबि ऐ सोची जी
ना मिल खुद थे जाणी

भंडया घिचघिच छ या
जिंदगी मेर जिंदगी

अजमत यन ह्वैगयाई जी
बुढेंदा मां ही किलै मिथे अकल ऐग्याई
घप्प कैरी अब सब समझ ऐग्याई जी
मेरु ऐ जीबन इन ही आई इन ही ग्याई 
इन ही ग्याई

बात मिन अब इन समझी जी
कुई इन ही सुदि लिखवाळदार नि हूंदो

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
कुतगली लगिं छा

कुतगली लगिं छा
कन ये ज्यू बड़ोली लगिं छा
यन दाण्डियों काण्ठियों मां
कन विंकी खुदेली लगिं छा

कौंल फुल्युं हुलु जनु कौंल फुल्युं होलो
विंका बाण जणि मि खौल्या बणी होलो
कव्वरोलि मां इन मेर वा दशा कैगैई
कबरेणो ऊ मुखड़ी झट दिखे कि झट लुकेगैई

बौल्या बणी होलो जनु बौल्या बणी होलो
निंदी मेर हर्चि मेर खाणी पाणी हर्चि
भूक नि लगदु मिथे मिल क्दगा पैसा खर्ची
चलण लंगि  मेर ज्यू पर बस तेर मर्जी
 
छबलाट ह्यूं मेरु छलबलाट ह्यूं छ
स्वाद मेरु अस्वाद ह्वैगे इन किलै कि हुनु
कभि रैंदु रौलों ढीस , कभि पुंगड़ा ढीस
जिकुड़ी झुरैण वाळी किलै ह्वै तू इन धीट

कुतगली लगिं छा  ............ 
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
माया की मुखड़ी

गुलबंध नथूलि
कन भली सजली
माया की मुखड़ी
वा माया की मुखड़ी

बार -तियोहार
सजणु  मेरु पहाड़
संस्कृति की रख्यांण
माया की मुखड़ी
वा माया की मुखड़ी

धैय लगान्द
दौड़ी दौड़ी आंन्द
परदेसा भति देसा बान
माया की मुखड़ी
वा माया की मुखड़ी

जी रे  जागि रे
सदनी यनि मयाली रे
अपडो का बान
माया की मुखड़ी
वा माया की मुखड़ी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
जरासि पाणि

जरासि पाणि (पिला दे) ..... २
जरासि पाणि पिला दे
तिंसालि जिकोडी कि तिस (मिटा दे) ...२
जरासि पाणि पिला दे

ठमसाण ज्यू लग्युँ चा
मंगरी कु बाटो बणी अड़युं चा
झ्याडा- क्याड सैर भैर
यन ऊ जल्यूं- फूकयूं  चा

जरसि कैर दे आंख्युं कु रगरयात
बैथ छुछी बैथ मेर पास
गटगट अपड़ा हतियों पिला दे
मिथे अब सिधु सरग पैठा दे

जरासि पाणि (पिला दे) ..... २
जरासि पाणि पिला दे 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
जरा घड़ेक

अपड़ी मां ना लगै रै
सांस मेर आंदि जांदि
जरा घड़ेक थैर बैथ छुईं लगै रै
सांस मेर आंदि जांदि

जिकोड़ि थे इन ना थेस लगै रै
गुमचोट गैरी व्हैजाळी मेर हैरी भैरी
झपाक कैकि बैथी जा समण मेर
जन थपाक बैथ जांद छूथी भुल्ली मेर

बैथी कि दुईया भैणा छुईं लगोंला
सत गुमचोट थे बिसरि जोंला
सांस थे इन ना चड़ै ना उत्तार
जन हुळू उकाळी ऊन्दरु कु बातो

अपड़ी मां ना लगै रै
सांस मेर आंदि जांदि  ..........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
ओंसिल बून्द

ओंसिल बून्द
ग्लोडि भतेक
टप टप चुनि होली

अंख्यों भतेक
माया विंकी
कया बिगोंणि होली

कब्बि खैल मां ऐकि
छुईं भंडया लगैकि
किलै यखुलि कैजांदी

इन अपड़ी
बिसात बिछे कि
अफ से अजाण कैग्याई

ओंसिल बून्द
ग्लोडि भतेक
टप टप चुनि होली

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
 ऊ बगत आज

भोरी कि ऐगे आंसू बल
ऊ मिथे अब खमखमौ कै जाला 
ज्यूंदा राला ऊ अन्ध्यारु का बाटा
जू आस उजाळु कि दयाळा
भोरी कि ऐगे आंसू बल ......

जाण मिल कख यख भत्ते की
टकटेर,अळगस  मि इन सदनी को
पौडी रोलो मि ईनि-ऊनि यख-वखि
खत्युँ ऐखरि ज्यू छौ मि ये भूमि को
भोरी कि ऐगे आंसू बल......

खंदरौळ कैगे मिथे मेर छौल्याण
ठोकराट सब्दो को देकि ऊ उलाहण
गंजमंज  कैरी की गे मेर बिसात
खेल न्यू  फिर बिछेगे ऊ बगत आज
भोरी कि ऐगे आंसू बल......


बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22