स्पर्श बोधक शब्द
गढ़वाली में ऐसे शब्दों की भी अपनी विशिष्टता है जो कि विभिन्न प्रकार वेफ स्पर्शानुभवों वेफ वाहक हैं। वस्तु की कठोरता, कोमलता आदि का बोध कराने वाले ये शब्द इस प्रकार हैंः-
कंड्या- कंटीली वस्तु का स्पर्श
कटकटो-सख्त.
खळखळो- चिकना (पत्थरद्).
गलगलो- ऐसी वस्तु जो उँगलियों से दबाने पर पिचक जाए.
गुदखली- मांसल
गदगदी-मोटी एवं मुलायम
गळ्तो- गुनगुना
गिंजगिंजो-कीचड़युक्त, लिजलिजा
चड़चड़ो- अत्यंत गर्म (पानी).
चस्सो- ठंडा
चिपचिपो- चिपकने वाला तरल पदार्थ
चिपफळो- पिफसलन वाला
चिपफळपट्ट- अत्यंत पिफसलनयुक्त
चिपफल्वाणी- लिजलिजा.
छसाक- नुकीली वस्तु की हल्की चुभन.
झमज्याट- बिच्छू घास का स्पर्श
टंगटंगो-सख्त जिसमें लचीलापन न हो.
ठसाक- हल्की ठेस, धक्का
तातो-गरम
दरदरो-मोटा, खुरदरा
पलपलो-सूजे हुए भाग का स्पर्श
बग्वड़्या- खुरदरे (हाथ-पाँवद्).
मनततो- हल्का गरम (पानीद्).
मुलैम- मुलायम
लसलसो- महीन (मिट्टी, आटा).
लिचलिचो- चिपचिपा