कवि - चारू चन्द्र पाण्डेय
जन्म - १९२३
ग्राम - कसून, जिला अल्मोड़ा
रचना - अड्वाल, गौर्दा का काव्य दर्शन और छोडो गुलामी
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भौ की निनुरी ये जाली, चुप-२ आँखी भै जाली
फूल दिसाण छजै जाली, दू दू भाति खै जाली !
मुसी खटपट जहाँ करिए, माखी भिन भिन झन करिए !
घुघूती घू घू झन करिए, कोयल कू कू झन करिए!
कुकुर हूँ हूँ झन करिए, बिराऊ म्याऊ म्याऊ झन करिए !
बाकरी मै मै झन करिए, सुवा टे टे झन करिये !
बाछी हम्मे झन करिए, भैसी बाई झन करिए !
दातुली छणमाण झन करिए, तौली डीनमिन झन करिए
कसनि तू मुख झन पड़िये, डाडू तू माठु माठु रडीए!
बड बजियु की हवाक सुनिए , हलकी भै गुडघुड करिए