Author Topic: Exclusive Poems of many Poets-उत्तराखंड के कई कवियों ये विशिष्ट कविताये  (Read 30869 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Kab Khulan -  Dr Sunil Kanthola


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फजल उठण
मुख धूण से पैलि,
चाअ अर
बासी रूटला घुलण
फेर पुगड़ौ मां
बल्दु दगड़
बल्द बणन
ब्यखुन दा°
काका-ब्वाडा दगड़
चिलम पीण,
रामायण सुणन
अर द्यबत्तों का समणि
छात्ती फुलैक
मुडं नवैक
रोज पुछण
सिहे द्यबत्तोंपि
इन बतावा
भर्ती कब खुलण ? पि

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Gau K Geet
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Poem : Anand Singh Rawat

भलि भलि पुंगड़ि लोगों की बल बा°जी छ्वड़ीं छीं
दानू का नौना भी ≈°की सेवा नि कना छन
पुंगड्यू° का हाल द्याखा मी सोच प्वड्या° छन
पुंगड्यू° का बीचौं बीच कांडा जम्या छन
बुगुलू जम्यूच चारों ओर खेती पर नी च कैकू सोर
हैˇ लगाणू द्याखा चार सींई मरी छन
पुग्ड्यूंम दयाखा क्वीं कुटळ्या भी नि छन
ब्वारी परदेश जयीं छन
बूढ-बुढ्या यकुली छ्वड़यां छन
जतगा भी लोग अब गौंम् रया° छन
चुनावू का कारण ≈ंका मनमैला हुयां छन
स्कूल्य नौनूक पढ़णम नीच सोर
दिन भर वॅू°कू द्याखा ÿिकेट पर जोर
मैच म बुकट्यां धरयां छन
ब्वे-बाब लुतिगीम मस्त हुया छन
इनमा भलला कन कैकि हूण कि सोच प्वड़यां छन।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Bekar
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Narendra Kathait
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जबारि मिन् बोली-
अरे चुचा,
कुछ पौढ़िलि, पौढ़िली
स्यू लुकणू रै।
जबारि मिन् बोली
अरे चुचा,

कुछ कौरलि,कौरलि
स्यू घुमणू रै।
अब नौनौकि फौज फटाक
अफु बेकार
अर् मैकु ब्वनू
तिन कुछ नि कै।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Guthiyaar

By : Raghuvir Singh Rawat

बुबा जी/हा° ब्यटा जी
ब्वाला/ब्वन क्याच डैडी
तुमन/ ‘ये गुठ्यार’ मां
ऐकी/क्य क्य
काम कैनी/मिन बोलि
ब्यटा/तेरी ब्वेन
अर मिन/जमडांग
उठैनि/अर जमडांग तोड़ि की
कूड़ी चींणीं/पुंगड़ी बणैनी
पर/अब तुमरा बारा
अर तुमरा भ्वारा/द्यखणां छां
कूड़ी खंह्ार/पंुगड़ी पैखाˇ
ये गुठ्यार।

वू° लाल बांन्दुरू
म्वरदा इन म्वारी
कि जान्द-जान्द
वाडा धैरी गैनी
अर बगत बगतौ
कुक्रयोˇ
हमू तैं/कैरी गैनी
ठ्यलक्य°ू मा बैठ्या°
हमरा काˇा गूणी
जौन कै कैकी
सूणी/पर फˇ्ˇी
इन मरीन/कि
 
डाˇी बोटयू° का
जलड़ा भी
घाम तपण
बैठी गैनी।
रै कुकर्योˇ
बात/वा° खणु त
बल उ शान्ति प्रिय
बणी गैनी
तबी त जै कैन
जख कखि बटी
वाडा त राया राया
कवीडंˇा भी
हत्येन/जन काश्मीर
जैकी शांति वार्ता
अज्यू° तै
शिमˇ्या बर्फम
धरींच/स्यलार
ये गुठ्यार।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Bhaut Jaruri
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By Uma Bhatt
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त सुबेर बट्टि लेकी रात होण तक
चुल्लू जगोण बटि पन्देरां जाण तक
भैंसी पिंजाण बटि इस्कूल्यूं खलाण तक
चौक डन्डयाˇि स्वन बटि साˇि मौˇ स्विन तक
तु सुबेर बटि लैकी रात ५ौण तक
चाΣΣ कितला उमाˇन बट्टि छा°च छ्वˇण तक
भात पकाण बट्टि भाण्डा मज्यांण तक
करिछ दाथडू कुच्याण बट्टि कुटˇू चलाण तक
घास पूˇि बट्टि लखड़ भारा तक
त सुबेर बटि लैगी रात ५ौण तक
तिन सब्बु कि पूछि, तेरि कैल पूछि
खाण बट्टि स्योण तक ?
तिन सब कू ख्याल राखि, तेरू कैल राखि?
सुबेर बट्टि रात तक ?
सब्बु कि सुख सुबद्यानि सोचण खुणि
सब्बु का स्वीणा वींणा होण खुणि
सब्बु मा अपणा पराण राखण, खुणि
तेरू पराण राजि-खुशी बच्यूं राण
भौत जरूरि च मा° भौत जरूरि।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Bada Log

By : Gajenda  Nautiyal
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बड़ा लोग
बडु भोग
बडु रोग
बडु सेठ
बडु पेट
बडु गेट
दगड़ा मा बडु रेट
बड़ोकि बड़ि छ्वी
बींगि नि साकु क्वी
बडु मुख बड़ि बात
छ्वटु पराण पडु गात
बड़ि अकल बड़ि जात
बडु काज बडु हात
पण दगड्यों
चोरि चकोरि त् छ्वट-छ्वट करदीं
वोत् मुलुक थैं बि बेचिक
सिर्फ जनसेवा का वास्ता
चन्दा का रूप मा
थोड़ा भौत कमीशन ही त् खंदी।

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 जल्यब्यू° का थौला जन

By : Kunj Bihari Mandepi "Kalyugi"

हम त सदनी रै ग्यों दगड़यों जल्यब्यू° का थौला जन
रंदिन जब तैं जल्यबी थौलूंद तबरि तैं वो थौला प्यारो
चलि जंदिन जब जल्यबी लद्वाडिंद धौल दिन्दा थौला थैं कन
हम त सदनी.........
दीन अर ईनाम खायो शर्म लाज सबि खयाला
खाणा छन इनसानियत तैं खाणु दगड़ ठुंगार जन
हम त सदनी ........
मी बि चा°दू मेरी गौड़ी सेब, क्याला, मेवा खांदी
घास बी नी पेट भोरी गुजरू बसरू ह्वालु कन
हम त सदनी........
नौं धर्यंूचा आम जैको खपदी नीचा बात या
अब निरौ यो आम लाटा टक लगैकी मैंगो ब्वन
हम त सदनी .......
एक दा° इनि बाड़ आंदी द्यखला तौंको तमशु हम
तड़फदा स्यो गदनछला भल्ल़ा का सी माछा जन
हम त सदनी रै ग्यों दगड़यों जल्यब्यू° का थौला जन

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Man Aghori

Shayar Surenda Khushal.

मन अघोरी
घोर ध्यानम
ध्यानम बैठ्यू° ब्र२।
ईं/कूड़ी की
द्वर ढकि लगि जै
प्याटि प्याट
यन स्वचणू भै
यखी/म्यारू भि
मरघट ∫वेजा
मोरिजा म्यारू अहम्।
अहा!
नाम-धाम की बिज्वाड़
औंगिरगे
अर, तृष्णा-हिरुली
मेरी जलुड़ी घाम लगिगे
य दुनिया ∫वेगे
ऐसी-तैसी
वेकु,
वासुदेवः सर्वम्।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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टुप्प सौ
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By : Dinesh Kukreti

मि नि जणदू क्या छ दिल्ली
जबकि दिल्ली मा अयां मीतैं
एक साल ह्वे ग्ये
मि पछ्यणदु भि नि छौं
कि लोग क्यांकु तैं दिल्ली ब्वलदना
मि त बस इथगाई जणदू कि
एक सौ छियाणबें, आठ सौ तिरासी
अर टुप्प सौ
तुम स्वचणै ह्वेला कि
एक मैना मा हौरि कथगा चयेणू
क्वी रुप्यांे कि फैक्टरि छ दिल्ली मा
कि दिल्ली जावा अर टम दस हजार
अरे ग्यारा सौ कैका बबा का छिन ?
अर वू बि रोजा का
कैतैं त र्वटि भी नीΣमिलणी
अर तू छै बौˇ़ेणू पैसों का बाना
यख तब जैबरि सुदि रैंदु छायू लंडखणू
तुम स्वचणै बि ठीकि छा
पर म्यारु मतबल यु कतैई नी छ
तु मीतैं कतै नि पछ्यणदवा
लोग ब्वलदना बल उतगा हि खुटा पसारा
जतगा खटुलि छ
अर मित उतगा बि नि पसरुदु
वीं खटुलि मा बि तीन-तीन तैं पुर्यांेदु
Πया जतगा मिन गणति कार
Πया रुप्यांे कि नीछ
यि वूं गाड्यों का नंबर छिना
जौं मा मि चार घंटा धक्का खांदू
सुबेर लेकि मिसे जांदू

एक खुटु हवा मा अर एक सीड़ि मा
क्वी नि दिख्येंदु अगनै-पिछनै
जरा हथ छुट्टू कि छटका-बटि
जनि कंडक्टर ब्वलदा
बरफखाना-बरफखना
बस मि समझि जांदू
ज्वी खालू बरफ पर मिल त
यखि उतरण
जनि भ्वां उतरु अर फिर शुरू ह्वे जांद नौकरि
नौकरीΣत ब्वलदना
हमरा गढ़वाला़ लोग
यख-फुंड त सर्विस छ
आठ घंटा कपलि़ पकड़ीΣ रौण
कब्बि इनै-कब्बि उनै
अक्का-बक्कि, रगर्याट
बरमंड परैं स्वींस्याट
ठीक छै बजि अर फीर वी गाड़ि कु ममताट
चट पकड़ि रिठाला, अवंतिका,
मंगोलपुरी या क्वी हौर
अर टम फीर सुबेर वला़ अड्डा मा

राति का जुट्ठा भांडा मठौण पर
अर मुख कैल धोणै
गिला हथौंन् राति कि अंसधर्यों का छाप फूंजा
झप्प द्वी ग्वाˇा काया
अर सटा-सट उल्टा-सुल्टा हथौंल ओलि आटू
चम धौरि स्टोव मा एक चुंगटि हरडै़ कि दाल़
अर पक्यां-अधपक्यां सटासट चार छै ग∂फा
हथ-गिच्चु पोंजि कैं, टम एक गिलास पाणि पेंदु
अर कपल़ी परैं हथ लगैकि खड़ु ह्वे जांदू
ठीक आठ बजि, गाड़ि का अड्डा मा
गाड़ि मा चौढ़िक कुछ नि सुणेंदु मीतैं
सुणेंदु च त बस इथगा-
मधुबन चौक, पीरगढ़ी, जनकपुरी
ध्यान धौरि सुणदु अर जनि आंद अड्डा
उत्यड़ौं का मुख उतरि जांदू
अर खड़ु ह्वे जांदु हैंकि गाडि मा चढ़णा कु
हर्बि गाडि द्यखणु रौंदु
जनि आंद आठ सौ तिरासी
अर कंडक्टर ब्वलद
बाईपास, माल रोड, कैंप, मोरीगेट, बस अड्डा
चम चौढ़ि जांदू गाड़ि मा
बस, गाड़ि बटे नजर लगीं रौंद
कबरि आंद धौं कैंप
कैंपा कु मतलब क्या छ मि नि जणदु
क्या कनै मिल जाणि कै बि
मिलत् वख बटि सौ नंबर पकड़ण
सौ नंबर अैई अर मि सौ नंबर मा
भितर कैल जाणै
देलि़ परी लम्बड़ंदु रौंदु


वखमा बि बयोणू रौंद कंडक्टर
सेक्टर सोला-सेक्टर सोला
जख मेरि मुसदुंलि सि ख्वलि़ छ
ज्यांकु तैं यख लोग फलैट ब्वलदिना
यन नी छ कि घौर पौंछि मीतैं चैन ह्वालो
सुबेरा का भांडा कैल मठौणिन
आटू बि च्या°दै छ
अर भुज्जि, वांका बिना कनक्वै घुटणैन
द्वी-चार ग∂फा बि
यनि-यनि मा बजि जंदना
राति का बारा
फिर सियां मा बि वी स्वीणा
कि
सुबेर पांच बजि उठणु च अर
गाडि द्यखण
मधुवन चौक, मालरोड़, बरफखाना
मतलब कि
एक सौ छियाणबे, आठ सौ तिरासी अर
टुप्प सौ......।



 

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