आज भी मीतै गौं की
याद भौत आंणी च
बल्दु की जोडी अपडी
लैंदी गौडी याद आंणी च
आज बी मीतै गौं की
जंदर्युं क घुंघ्याट
गदन्युं कु सुंस्याट
बसकल्या हरच्यां गोरु की
घंडुल्युं की याद आंणी च
आज मीतै गौं की
म्वाल लगयीं जुगयीं लोखु की
चुरयीं ककडी याद आंणी च
दिल्ली छौं फ्लैटु मा पड्युं
बुये की धै सुंण्यांणी च
आज मीतै गौं की
याद भौत आंणी च
खल्यांणु मा बल्द रिटांण की
दां ल्यांण की याद आणी च
कांधा मा जु धरीक
गल्यों तै पैटांण की याद आंणी च
आज मीतै दीदों गौं की
भौत याद आंणी च
सर्वाधिकार सुरक्षित@लेख..सुदेश भट्ट(दगडया)फोटो साभार सत्येस्वर प्रसाद जोशी