बालकृष्ण डी ध्यानी with Nidhi Aswal.
March 16 at 11:17am ·
और कैसे किस तरह से बेवकूफ बनायेंगे ये हमें ?
हमने देखली इन दोनों की घोड़ सवारी जी
उत्तराखंड को सजाने की कितनी है इन दोनों की तयारी जी
क्या है इनके मंसूबे क्या है इनका रोड मानचित्र के छलावे
और कैसे किस तरह से बेवकूफ बनायेंगे ये हमें ?
कोई नींद में सोया रहा किसने जाग कर किया तंग
अपने कार्यों से इन दोनों ने अपने तरीके से अपनों को कितना किया दंग
पहाड़ पर बैठा भोला जनमानस बेचारा ये ही अब तक सोचता रहा
और कैसे किस तरह से बेवकूफ बनायेंगे ये हमें ?
मनसा नहीं इनकी कुछ अपने से कर गुजरने की
है होड़ बस दोनों में फिर बस पांच वर्षों का सत्ता का सुख भोगने की
उत्तराखंड आंदोलन में हुये शहीदों की अभिलाषा अब भी अधूरी है
और कैसे किस तरह से बेवकूफ बनायेंगे ये हमें ?
बस अपने अपने चूल्हे पर ये अब तक अपनी अपनी रोटियाँ सेंक रहे हैं
कितने ढीट बन गये हैं इतना खाने के बाद भी डकार नहीं ले रहे हैं
दिखता नहीं इन्हे भूख प्यास रोजगार से वंचित अपने अपना पहाड़ छोड़ रहे हैं
और कैसे किस तरह से बेवकूफ बनायेंगे ये हमें ?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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