Author Topic: Garhwali Poems by Balkrishan D Dhyani-बालकृष्ण डी ध्यानी की कवितायें  (Read 448174 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बात रखनी

बात रखनी थी मेरी
तुम ने सर हिला दिया
कुछ कहा भी नही
सब बता दिया
बात रखनी थी मेरी ............

तेरी अदाओं ने इस तरह
मेरा साथ निभा दिया
हमे हम से मुस्कुरना
तुमने यूँ सीखा दिया
बात रखनी थी मेरी ............

छुई मुई सी कली
को फुल बना दिया
खुदा मेरा आंगन
फूलों से महका दिया
बात रखनी थी मेरी ............

परेशानी मै हौले से
उसने मुस्कुरा दिया
बड़बड्या खुद से मै
उसने सर झुका दिया
बात रखनी थी मेरी ............

दो कदम जब चला
पीछे पीछे अपना पग मीला लिया
नयनो को मिलकर
मुझे अपने पास बोला लिया
बात रखनी थी मेरी ............

साथ तेरा हरदम
इस तरह मीला मुझसे
मैने ऐ जीवन संग तेरे
यूँ ही बिता दिया
बात रखनी थी मेरी ............

बात रखनी थी मेरी
तुम ने सर हिला दिया
कुछ कहा भी नही
सब बता दिया
बात रखनी थी मेरी ............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पुछती हो

तेरी हर बात मुझे याद है की याद नही
पुछती हो मुझसे वों जज्बात याद है की याद नहीं
पुछती हो मुझसे ..........

गुजरे दिन वो रात याद है की याद नहीं
वो पलछिन वो मुलाकात याद है के याद नहीं
पुछती हो मुझसे ..........

पहले श्नण की पहला अक्षर याद है की याद नहीं
गुजरे वो पल पल तुम्हे याद याद है की याद नही
पुछती हो मुझसे ..........

पुछना इस तरंह तुम्हार मेरा ही खयाल करता है
उसमे मै भी ही मेरा प्यार छुपा नजर आता है
पुछती हो मुझसे ..........

हर एक पल मेरी आँखों मै बस तुम रहती हो
इन संसों से भी अब तुम पुछा करती हो
पुछती हो मुझसे ..........

लहु के संग संग अब तुम ही तो बहती हो
फिर भी इस दिल से तुम धडकन से पुछा करती हो
पुछती हो मुझसे ..........

बस तेरा ही नाम और साथ लिखा है इस मुकदर मै
हाथों मै लिखी लकीरों से तुम क्या पुछा करती हो
पुछती हो मुझसे ..........

मेरा आज भी तुम मेरा कल भी तुम मेरा अब भी तुम
फिर वकत से तुम क्यों पुछा करती हो
पुछती हो मुझसे ..........

तेरी हर बात मुझे याद है की याद नही
पुछती हो मुझसे वों जज्बात याद है की याद नहीं
पुछती हो मुझसे ..........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गीत मेरा तेरा

अगणी अगणी जणुदु
वा पीछाणे पीछाणे आंदी
अगणी पीछाणे माया लोटेणी
गीत माया का गैल्यांणी
मै दगडी लगों दी जा लगों दी जा
जीकोडी लुछी जांदी ...२

धक धक कैण लगी छ
प्रेम का आखर पडी णी पडे
आंखी अनख्युं दगड बल पडण लगी छ
डाली डाली अब बचाण लगी छ
छुंयीं अप्डी लगाणी लगी छ
गीत माया का गैल्यांणी
मै दगडी लगों दी जा लगों दी जा
जीकोडी लुछी जांदी ...२

लटलूं मा उलझी गै
तेरा दगडू मील सब सुल्जी गै
फरफर अब भयणी लगे
प्रीत अब तै दगडी झुलण लगे
बथों दगडी बहाण लगे
गेल्या मेरा अब कैण लगे
गीत माया का गैल्यांणी
मै दगडी लगों दी जा लगों दी जा
जीकोडी लुछी जांदी ...२

अगणी अगणी जणुदु
वा पीछाणे पीछाणे आंदी
अगणी पीछाणे माया लोटेणी
गीत माया का गैल्यांणी
मै दगडी लगों दी जा लगों दी जा
जीकोडी लुछी जांदी ...२

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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देख वख छ

देख वख छ टेहरी बसी
अब बाँध बंधी झील च
लोड शैडिंग होणी रैंदी
गीचुं फ़ैली तिसचा
देख वख छ टेहरी बसी
अब बाँध बंधी झील च.............

अबरदा घमाण बल
गढ़ को बुरु हाल कैग्याई
पंतेद्र सुख्याँ सुख्याँ
नलखों लगी भीड़ चा
देख वख छ टेहरी बसी
अब बाँध बंधी झील च.............

बिजली बणणी टेहरी
दिल्ली मा जलणी दीप चा
हमारा कुडा मा अंधेरु छायो
जीकोडी मा लगी ठेस चा
देख वख छ टेहरी बसी
अब बाँध बंधी झील च..............

कैकुंण बुलणु हमाणु
देहरदुन सीयीं सैरचा
गैर बणग्या गढ़वासी
विपदा बस अब भैरचा
देख वख छ टेहरी बसी
अब बाँध बंधी झील च..............

देख वख छ टेहरी बसी
अब बाँध बंधी झील च
लोड शैडिंग होणी रैंदी
गीचुं फ़ैली तिसचा
देख वख छ टेहरी बसी
अब बाँध बंधी झील च.............

बालकृष्ण डी ध्यानी
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विनोद सिंह गढ़िया

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याद है मुझेको

याद है मुझेको वो
मुश्कुराना तेरा
सर हिलकर आपना
हाल मुझे बताना तेरा
याद है मुझेको वो .......................

गुजर गया वो
गुजरा जमाना
याद आता है अब भी
इठलाना वो शर्माना तेरा
याद है मुझेको वो .......................

छुटी छुटी बातों
वो रूठ जाना तेरा
बचैन मुझे देखकर
मान जाना तेरा
याद है मुझेको वो .......................

अकेले मै वो तेरा
छुप छुपकर आंसूं बहना
तडपता था इस तरहा मुझे
अकेले बैठा जाना तेरा
याद है मुझेको वो .......................

यादों मै रह गया बस
इस तरह याद आना तेरा
कँहा खो गयी हो तुम
मुझे भी वंहा ले जाना तेरा
याद है मुझेको वो .......................

बालकृष्ण डी ध्यानी
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devbhumi

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प्रवासी उत्तराखंड

मी प्रवासी पहडीयूँ थै
जब मी ऐ बात पूंछदूँ
भै मेरा क्या बात व्हाई
किल तिल ऐ पहडा छुडै

बात बात मा बात गोल व्हैजन्दी
अन्खुमा आंसूं की रेघ ऐजांदी
कंठ जब भुर जांदी गलडू बाटा
जीकोदी सररर फ़ैल जांदी
मी प्रवासी पहडीयूँ थै
जब मी ऐ बात पूंछदूँ......................

जब मन को उमल थामेंदूँ
त्बैर दोई शब्द अब भैर आंदी
हे उत्तरखंड हे मेरा बोयी
मी रैलू क्ख्क भी मरुँण मील यखी आण
मी प्रवासी पहडीयूँ थै
जब मी ऐ बात पूंछदूँ......................

मील जाँणयाली वोंकी पीड़ा
मील पाछायाण आली वोंकी खैरी
भुमी अपरी छुडीकी कु भी खुश नीच
तेरा भागमा बस आंसूं रैन
मी प्रवासी पहडीयूँ थै
जब मी ऐ बात पूंछदूँ......................

मी प्रवासी पहडीयूँ थै
जब मी ऐ बात पूंछदूँ
भै मेरा क्या बात व्हाई
किल तिल ऐ पहडा छुडै

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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devbhumi

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पछाणा आली

अब मील पछाणा आली
नये पुराणु को ऐ खेल चा
बस छुटगै बल छुटगै भुल्हा ध्यानी
नयु जमाणु को रेल चा ............

यकुली यकुली
थ्कुली बाजण
यकुली यकुली
ब्योहा रचाँण
देख कंण सीखा सैर चा
ऐ नयु जमाणु को रेल चा ..............

मीलणी बताण
सब मा छुपाण
बात जो बाणीचा
गढ़ होग्या गैरचा
ऐ नयु जमाणु को रेल चा..............

अब मील पछाणा आली
नये पुराणु को ऐ खेल चा
बस छुटगै बल छुटगै भुल्हा ध्यानी
नयु जमाणु को रेल चा ............

बालकृष्ण डी ध्यानी
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विनोद सिंह गढ़िया

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याद आणु

घोंगरा आ अ अ
तयार उड़ता घोंगरालो बाला
तयार इंण लट्लों मा
उलझीगे रै मन म्यार
घोंगरा आ अ अ .............

हो हो हो ....हो गीता गाणों म्यार पहाडा
मी थै बुलाणों मुल्क म्यार हो हो ..........


तेरी दंतोली तेर हसोली
तेर माथा की गोल गोल बिंदी
मी थै बोलाणी या ...हो हो ...मी थै बोलाणी या तेर माया
मी थै खुदेड़ जाणदी वा यकुली मा रुले जांदी वा तेर माया

हो हो हो ...हो याद आणु मी थै मेरु पहाडा
क्दगा बरस बीतगे छुडी की मेरु गढवाला हो हो ......

मी यकुली तो यकुली रेगे
प्रीत मेरी हो हो हो प्रीत मेरी बल मेरी जीकोडी रैगै
उफाराणु टपराणु च बल अब ई काया
जीयु भीतर ही भोरी रैगै ऐ उमाला

हो हो हो ....हो गीता गाणों म्यार पहाडा
मी थै बुलाणों मुल्क म्यार हो हो ..........

घोंगरा आ अ अ
तयार उड़ता घोंगरालो बाला
तयार इंण लट्लों मा
उलझीगे रै मन म्यार
घोंगरा आ अ अ .............

बालकृष्ण डी ध्यानी
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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शब्द जब
 
 शब्द जब उठा खड़ा होआ
 ध्वनि घोष का शंक नाद होआ 
 ढोल पीट पीट कर धूम
 कोलाहल अब सरोबोर होआ
 शब्द जब उठा खड़ा होआ ..............
 
 स्वन साथ शब्द का
 अस्तित्व के साथ बोधा होआ
 शब्द अपने आप से बोर होआ
 चक्षु आवाज से मजबूर शब्द
 शब्द जब उठा खड़ा होआ ..............
 
 कर्ण मे सुपेरीत शब्द
 मस्तिष्क दिल पर बोल होआ
 मुख से निकला वो शब्द
 तब क्रांती का उद्घघोष होआ   
 शब्द जब उठा खड़ा होआ ..............
 
 खल दल बल हीन जब शब्द
 विहरीत और विहीन होआ
 बिना ध्वनी का शून्या गुंजा
 शांता था बस अब वो निशब्द होआ
 शब्द जब उठा खड़ा होआ ..............
 
 शब्द जब उठा खड़ा होआ
 ध्वनि घोष का शंक नाद होआ 
 ढोल पीट पीट कर धूम
 कोलाहल अब सरोबोर होआ
 शब्द जब उठा खड़ा होआ ..............
   
 बालकृष्ण डी ध्यानी
 देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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 मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत — with Priti Dabral Prritiy and 49 others. Photo: शब्द जब शब्द जब उठा खड़ा होआ ध्वनि घोष का शंक नाद होआ ढोल पीट पीट कर धूम कोलाहल अब सरोबोर होआ शब्द जब उठा खड़ा होआ .............. स्वन साथ शब्द का अस्तित्व के साथ बोधा होआ शब्द अपने आप से बोर होआ चक्षु आवाज से मजबूर शब्द शब्द जब उठा खड़ा होआ .............. कर्ण मे सुपेरीत शब्द मस्तिष्क दिल पर बोल होआ मुख से निकला वो शब्द तब क्रांती का उद्घघोष होआ शब्द जब उठा खड़ा होआ .............. खल दल बल हीन जब शब्द विहरीत और विहीन होआ बिना ध्वनी का शून्या गुंजा शांता था बस अब वो निशब्द होआ शब्द जब उठा खड़ा होआ .............. शब्द जब उठा खड़ा होआ ध्वनि घोष का शंक नाद होआ ढोल पीट पीट कर धूम कोलाहल अब सरोबोर होआ शब्द जब उठा खड़ा होआ .............. बालकृष्ण डी ध्यानी देवभूमि बद्री-केदारनाथ मेरा ब्लोग्स http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत height=403Unlike ·  · Share

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रुवाली तू

नींदी नी अब ओंदी बल
दीण भी राती भी
अब तू सतोंदी बल
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल
अन्ख्युं थै देख बल अब
रुवाली तू रुवालीजांदी बल

प्रेम का पह्डा लगांदी
दोई एकी दोई
दोई दुनी चार प्यार सीखंदी तू
पाठ वहगे प्रेम पह्डा
अब बल केले बिसरंदी तू
सुधी कीले रूस जांदी तू

नींदी नी अब ओंदी बल
दीण भी राती भी
अब तू सतोंदी बल
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल
अन्ख्युं थै देख बल अब
रुवाली तू रुवालीजांदी बल

आनर सेब आरू की दाणी बल
तिमला कीन्गोड़ा हिंशोंलों की सयाणी बल
कंण राम झम राम झम गदनीयुं की गाणी बल
तेर मुखडी सरीता सबसे स्वाणी बल
प्रीत लगै की कीले गै तू दूरर्वाली बल
खुदमा भी तू अब खुदाणी बल

नींदी नी अब ओंदी बल
दीण भी राती भी
अब तू सतोंदी बल
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल
अन्ख्युं थै देख बल अब
रुवाली तू रुवालीजांदी बल

झणमण बरखा सी जांदी बल
चाल थै अब बल चमकणदी बल
डंडा कंडा सी माया माया लगान्दी बल
दो घड़ी साथ रैकी कीले चली जांदी बल
देख कंण जीकोडी झुओरोंदी बल
तेर खुद बस दगडी दगडी मेर ओंदी बल

नींदी नी अब ओंदी बल
दीण भी राती भी
अब तू सतोंदी बल
जांदी जांदी तू क्ख्क जांदी बल
अन्ख्युं थै देख बल अब
रुवाली तू रुवालीजांदी बल

बालकृष्ण डी ध्यानी
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