मद भाव अभिनय: मद भावौ पाठ खिलण
Performing Intoxication Sentiment in a Drama
भरत नाट्य शास्त्र अध्याय - 6, 7 का : रस व भाव समीक्षा - 31
(गढ़वाली लोक नाटकों से उदाहरण युक्त व्यख्या )
भरत नाट्य शास्त्र गढवाली
अनुवाद शास्त्री – भीष्म कुकरेती
स्खलिताघूर्णितनयन: स्रस्तव्याकुलितबाहुविक्षेप:।
कुटिलव्याविद्ध गतिर्मध्यमदो मध्यमप्रकृति .। ।
मद अभिनय कु (पाठ खिलणौ कुण ) प्रदर्शनौ तौळ हुयां अर घुमदा आँख, थक्यां भारी भुजाउं अस्त व्यस्त चलण , लड़खड़ाती चाल अर उल्टा -सुल्टा चलदा खुट पड़नों क्रिया प्रयोग से करे जांद।
(7 , 42 )
गढ़वाली अनुवाद -
मद अभिनय कु (पाठ खिलणौ कुण ) प्रदर्शनौ तौळ हुयां अर घुमदा आँख, थक्यां भारी भुजाउं अस्त व्यस्त चलण , लड़खड़ाती चाल अर उल्टा -सुल्टा चलदा खुट पड़नों क्रिया प्रयोग से करे जांद।
उदाहरण गढ़वाली लोक नाटक -
एक दैं भंडारी बाग देहरादून म हमनन एक कार्यक्रम म एक नाटक कोरी छौ। नाटकों नाम छौ 'ए ब्वे मि तै दारु पिलै दे '
इखम डवोली (डबराल स्यूं , पौड़ी ) का प्रवासी सम्पूर्ण सिंह बिष्टन शराबी का शराब पिं यी हालत म अभिनय कौर छौ। -
गीता बोल छा -
ए ब्वे मी तै दारु पिलै दे।
डक्खुन बि पे रिख्वान बि पे
रुंदान बि पे , हंसदान बि पे पर मीन नि पे .
ए ब्वे तू मि तै दारु पिलै दे .
सम्पूर्ण सिंह का अभिनय कुछ कुछ जागते रहो का मोती लाल को उ गीत ' जिंदगी ख्वाब है , ख्वाब में ... ' जन ही छौ .
लडख़ड़ाद खुट , बंद हूंद आँख लगणु छौ बिष्टन खूब पियीं च।
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इनि मित्रग्राम (ढांगू ) म राम लीला म मित्रग्रम का इ जय राम जखमोला न बि 'जागते रो 'को मोतीलाल की नकल करी छौ।
द्वी कलाकारों द्वारा मद अभिनय सफल अभिनय छौ।
भरत नाट्य शास्त्र अनुवाद , व्याख्या सर्वाधिकार @ भीष्म कुकरेती मुम्बई
भरत नाट्य शास्त्रौ शेष भाग अग्वाड़ी अध्यायों मा
गढ़वाली काव्य म , भाव ; गढ़वाली नाटकों म भाव , गढ़वाली गद्य म भाव
Raptures, Emotions in Garhwali Dramas and Poetries and in miscellaneous Garhwali Literature
Emotions in Garhwali Poetries , Emotions in Garhwali Proses