Author Topic: Here We will Talk Only in our Language-याँ होलि सिर्फ अपणी भाषा-बोलि में बात  (Read 50298 times)

Meena Rawat

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नेगे जी यश पाप नी कराओ को
अपु हे छोटो क पैलग नी कुना

तुमे यकीन ने छू के मी तुम्हे नान भयू

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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ना दिदी ना
मी नान तुम ठुल

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड बटी सम्भंदित कोई ले विषय में आपुन भाषा में तुमि लोग यो थ्रेड में चर्चा कर सक्छा. 

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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     ( ईजै याद और डूबूक भात )

मक ऐगे आज ईजै याद,
याद ऐगी आज डूबूक भात।

ईजा आज खाण क्ये बनै र,
च्यला भटा डुबूक, भात बनै र।

ईजा झोई भात किलै नी बनाय,
च्यला क्ये बतु दै ज नी जमाय।

ईजा मी नी खान ह, भटा डुबक भात,
च्याला परदेश जै बे आल तिक यैकी याद।

ईजा मी क दूध भात दी दे,
काँ बै दियू च्यला आज भैसैलै नि सौय।

ईजा ह भैसै क घूर्यै दै भ्योवन,
हस नीका च्यला भैसैल आज त नी सौय।

मी क्ये नी जाणन ईजा, मक दूध भात चै,
आज दूध नी छ च्यला, य डूबूक भात खैलै।

खालौ म्यर च्यल,
म्यर च्यल त भौतै भल छ,
खा च्यला खा, शाबास।

सुन्दर सिंह नेगी दिंनाक 23 दिसेम्बर 2009

राजेश जोशी/rajesh.joshee

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नेगी ज्यु भौत ते भली कविता लेखी तुमुले, यसिके प्रयास करने रवा।
मैं आशा करणु कि अघिल लै आपकी कविता सुणन हुण मिलेली।
बड़ा भाग हमार कि हमार फ़ोरम में एक होनहार कवि मौजूद छन।
कविता का लीजी एक कर्मा +

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Sunder jew.

Bhaut bhali kavita tumli lekhi rakhi.. aapun pahad k yaad taaji kari..

aasha yo kaam tumi karte raula..

Dhanyavaad mahraj.

     ( ईजै याद और डूबूक भात )

मक ऐगे आज ईजै याद,
याद ऐगी आज डूबूक भात।

ईजा आज खाण क्ये बनै र,
च्यला भटा डुबूक, भात बनै र।

ईजा झोई भात किलै नी बनाय,
च्यला क्ये बतु दै ज नी जमाय।

ईजा मी नी खान ह, भटा डुबक भात,
च्याला परदेश जै बे आल तिक यैकी याद।

ईजा मी क दूध भात दी दे,
काँ बै दियू च्यला आज भैसैलै नि सौय।

ईजा ह भैसै क घूर्यै दै भ्योवन,
हस नीका च्यला भैसैल आज त नी सौय।

मी क्ये नी जाणन ईजा, मक दूध भात चै,
आज दूध नी छ च्यला, य डूबूक भात खैलै।

खालौ म्यर च्यल,
म्यर च्यल त भौतै भल छ,
खा च्यला खा, शाबास।

सुन्दर सिंह नेगी दिंनाक 23 दिसेम्बर 2009

Lalit Mohan Pandey

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Ji raya, jagi raha, issi bhali bhali kavita sunane raya.

     ( ईजै याद और डूबूक भात )

मक ऐगे आज ईजै याद,
याद ऐगी आज डूबूक भात।

ईजा आज खाण क्ये बनै र,
च्यला भटा डुबूक, भात बनै र।

ईजा झोई भात किलै नी बनाय,
च्यला क्ये बतु दै ज नी जमाय।

ईजा मी नी खान ह, भटा डुबक भात,
च्याला परदेश जै बे आल तिक यैकी याद।

ईजा मी क दूध भात दी दे,
काँ बै दियू च्यला आज भैसैलै नि सौय।

ईजा ह भैसै क घूर्यै दै भ्योवन,
हस नीका च्यला भैसैल आज त नी सौय।

मी क्ये नी जाणन ईजा, मक दूध भात चै,
आज दूध नी छ च्यला, य डूबूक भात खैलै।

खालौ म्यर च्यल,
म्यर च्यल त भौतै भल छ,
खा च्यला खा, शाबास।

सुन्दर सिंह नेगी दिंनाक 23 दिसेम्बर 2009

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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भै बैणीयो दीदी और ददा लोगो हिन्दी मे त खैर मी लीखते रुनू पर
य मील आपणी भाषा मे आपणी जीवन मे पैली बार
आपण भाषा मे कविता लिखणै कोसीस करी जो आपु सबुल पसन्द करी।

तुम सब झनोकै मै कसी धन्यबाद करु, म्यर समझण मे नी आणय।

फिर लै तुम सब लोगो खुटा मे म्यर द्वी हाथ जोड बेर पैलाक हो

म्यरी य पैलाक तुम स्वीकार करला मैकै पुरा भरौस छ ।

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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य मी आपण ईजै है बचपन मे जिद कर छी कि
ईजा मैकै दूध भात दे मै लूण मचॅ डाली नी खान
आज मैकै उ दिनै की याद ऐगे तब उ याद पर मील य कविता लिख दी हो पै।

सुधीर चतुर्वेदी

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नेगी जी बहुते बड़ी कविता छ यो ..... येके पड़ बैर अस्यान सना की याद आगे  ................ बहुते बड़ी 

 

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