Author Topic: जय प्रकाश डंगवाल-उत्तराखंड के लेखक JaiPrakashDangwal,An Author from Uttarakhand  (Read 25337 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal September 22मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-
 
 प्रेम का बंधन, अटूट होता है, लेकिन कुछ लोग, बड़ी आसानी से तोड़ देते हैं,
 कुछ यादों के समंदर में खोये रहते हैं, कुछ बड़ी आसानी से उसे मिटा देते हैं,
 कुछ लोग, बड़े सहज, सरल और सहृदय दिखते हैं, मगर बड़े निष्ठुर होते हैं,
 मगर सच है कि जो निष्ठुर मोह के बंधन तोड़ देते हैं, बड़े खुशनसीब होते हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal September 21मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-
 
 मैंने, एक हसीन राह गुजर से, बड़ी तहजीब से पूछा,
 'बुढ़ापा, किस बात पर मुस्करा रहा है मुझे देख कर?'
 उसने मुझ पर एक सरसरी नजर डाल हंस कर कहा,
 'तुममें मासूम बचपन व जवानी का जज्बा देख कर।'
 
 Moral of my this poetic thought: Live till the last breath with the innocence of a child and spirit of a young man.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal September 20मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-
 
 जब मतलबी हों दोस्त तो कभी उनकी तारीफ को, सच नहीं समझ लेना,
 जिन्हें दुश्मन समझ बैठे हो, उनकी तारीफ़ को नजर अंदाज न कर लेना।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal September 20मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-
 
 जब कभी, सुनहरे स्वप्न, टूटने लगते हैं, और अपने रूठने लगते हैं,
 समझदार लोग, स्वप्न को, टूटने से बचाने के यत्न में लग जाते हैं।
 नादान लोग, उस सुनहरे स्वप्न की अहमियत को नहीं जान पाते हैं,
 हम सकते में, स्वप्न के टूटने पर, न कुछ कह पाते हैं, न रो पाते हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal September 20मेरी कलम से नाराज मित्रों के लिए:-
 
 भूल कर भी भूल न पाए हम एक दूसरे को कब से,
 गुस्ताखियाँ जो हुई हों चलो माफ़ कर दें हम दोनों।
 
 जब से दोस्ती टूटी, मुस्करा नहीं पाए कभी तब से, 
 क्यों न साथ बैठ कर फिर से मुस्करा लें हम दोंनो।
 
 न कोई शिकवा मुझे रहे तुमसे, न तुम्हें रहे मुझसे,
 चलो, एक बार फिर से, दोस्त बन जायें, हम दोनों।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal September 20मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-
 
 मैं मरुस्थल का ऊष्ण पवन, धधक रहा अंतर्मन मेरा,
 तुम वसंत की, शीतल सुवासित रम्य मलय मस्तानी।
 कुम्हला नहीं जाये, कहीं सुन्दर, सुवासित, बदन तेरा,
 सोच कर, मैं तुझसे कहीं दूर चला गया, डगर अंजानी।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal September 18मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-
 
 जादू को समझ पाना आसान नहीं होता, लोग उसे सच समझ लेते हैं,
 जादूगर शीशे का गिलास, अपने बहते हुए आंसुओं से पूरा भर लेते हैं।
 
 असल में यह सब झूठ होता है मगर जादूगर सबका दिल जीत लेते है,
 जादू से मुहब्बत ठीक नहीं, कभी जमीं, कभी आसमां पर बिठा देते हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal
 
बड़े प्रेम से मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-

मैं तो कई बार, राम को सलाम और रहीम को प्रणाम करता हूँ,

मजे की बात यह है कि मैं दोनों से ही बेपनाह मुहब्बत पाता हूँ।

मैं, बड़े प्यार से, राम के और रहीम के चाहने वालों से कहता हूँ,

प्रेम से रहो दोस्तो मैं राम और रहीम में कोई फर्क नहीं पाता हूँ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
मेरी कलम से ©Jai Prakash Dangwal:-

मिटा दिए हैं मैंने अब, सब स्मृति चिन्ह, शेष बचे रह गए हैं मेरे सिर्फ प्रश्न चिन्ह,
कहाँ चूक हो गई थी मुझसे, बन कर रह गया मात्र, मैं एक अनुत्तरित प्रश्न चिन्ह।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jai Prakash Dangwal
November 3
मेरी कलम से दैवी हसीन तस्वीर के लिए कुछ शेर अर्ज . . . . .

इस बिजली के गिरने पर झुलसने की, हमारी भी ख्वाहिश है,
वैसे तो इस शमा पर मर मिटने की हर पतंगे की ख्वाहिश है।

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22