Author Topic: Poem of kanhaiyalal dandriyal : कन्हैयालाल डंडरियाल एक कवि, लेखक,साहित्यकार  (Read 25477 times)

lalit.pilakhwal

  • Newbie
  • *
  • Posts: 19
  • Karma: +4/-0
कन्हैयालाल  डंडरियाल 
एक कवि, लेखक,साहित्यकार और रचनाकार   

प्रमुख प्रकाशित रचनाये
"मंगतू" खण्डकाव्य -सन  १९६०
"अज्वाल" कविता संग्रह -सन १९७८
           

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Re: kanhaiyalal dandriyal
« Reply #1 on: May 04, 2011, 02:25:39 PM »

पालीवाल जी ... बहुत-२ धन्यवाद जानकारी के लिए.

क्या आप कैन्हिया लाल जी के बारे में कुछ और जानकारी दे सकते है!

lalit.pilakhwal

  • Newbie
  • *
  • Posts: 19
  • Karma: +4/-0
Re: kanhaiyalal dandriyal
« Reply #2 on: May 05, 2011, 10:24:45 AM »
ha ji meare pass  kanhaiyalal ji ki   likhe sari kitabe hai aur main  kanhaiyalal ji ke ghar main sab ko janata hu aur wo mare ghar ke pass hi rehate hai

lalit.pilakhwal

  • Newbie
  • *
  • Posts: 19
  • Karma: +4/-0
Re: kanhaiyalal dandriyal
« Reply #3 on: May 05, 2011, 10:28:28 AM »
..................................

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
Re: kanhaiyalal dandriyal
« Reply #4 on: May 06, 2011, 02:34:35 AM »
पिलख्वाल जी आपसे अनुरोध है की इस टापिक पर कन्हैयालाल जी की कुछ कवितायें प्रेषित करें.. धन्यवाद..

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
Poem of Kanhaiyalal Dandriyal ji
« Reply #5 on: May 06, 2011, 02:43:10 AM »
"अन्ज्वाल" से कन्हैया लाल डन्डरियाल जी की एक कविता

जोड़ हत


जोड़ हत
यूँक खुटौं म धैर दण्डकरु, तैं धर्मशिलम रगड़ नाक
म्यार कसूर?
त्यारु कसूर!
तिल सच किले ब्वाल, तु कैकु भलु किले चांदि?
किले ढकांदि तु नाँग सुन्दर दिखेणी?
निरभे जांदि मति करा!
सत्यम, शिवम, सुन्दरम त सिरफ ब्वनै बत्था छिन
इस्क्वल्यूँ, दफ्तरूं अगनै टंगणा बोर्ड छिन
जो अमल मा नि आंदा
ये आदर्श त सिरफ
हौरु कपाल फर चंगण लगाणा काम अंदिन !


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Re: kanhaiyalal dandriyal
« Reply #6 on: May 06, 2011, 11:59:58 PM »
कीडु कि ब्वै
------------------------
 कन्हैया लाल डंडरियाल
----------------------------

पोरू का साल/ये बसग्याˇ
आजै ब्याˇि,
रकर्याणी छै
ऽरा°! द कीडू़ की ब्वै।
भूख अर ना°ग/मˇसा कि मा°ग
काˇी कुयेड़ी/तींदी गतूड़ी/भिजीं रूझीं
कुछ बरखल/कुछ आ°सुल
आ°दि छै फजलै ब्यखुनि
ऽरा°! द कीड़ु की ब्वे।
धुरप्वˇी-पंद्यरि-पा°ड/क्वलणौ छ्वाया
उबर कमˇौ कŸार/पट तिखंडा भितर
यखुल्या यखुलि/बयाणी रैंदि छै
ऽरा°! द कीडु की ब्वै
डोर्यों कि झिंजकी/भा°डौं का खपटण
ढिकीण डिसाण अ°दड़ा/द्वी चार झुल्लौं कि ल्वतगी
अर भितर फु°ड/बक्कि बातै/हडगौं कि थुपड़ि
ऽरा°! द किडु कि ब्वै

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Re: kanhaiyalal dandriyal
« Reply #7 on: May 07, 2011, 12:00:23 AM »
उनि झैड़/ उनि तींदो खैड़
चस्स ऐड़ो/टुट्य°ू दैड़ो
एक कूणी पर/जड्डल खुकटाणी
रूणी रैंदि छै/
ऽरा°! द कीडु कि ब्वै।
पोस्ट मैन भैजिम्/यकनात कै चलि जा°दि छै
आ°दा जा°दौ मु पुछदि छै
ऽरा°! द कबि म्यारू बि
ब्वारि ल्हेकि/खुचलि पर एकाध
इनि गैणा-गा°ठा-गठ्या°णी छै
ऽरा°! द कीडु कि ब्वे।
दिल्ली का बीच/कीड़ू बड़ो आदिम चा
ब्वारि बि चीज प्वड़ी च/ निपल्टु समझा
लोक ब्वदीं/ मिल बि सूण
गगˇा°दि बाच/कीडू.... कीडू....
धै लगा°द/वै ख°द्वार
बिचरि भलि अदमेण छै
ऽरा°! द कीड़ु कि ब्वै।

lalit.pilakhwal

  • Newbie
  • *
  • Posts: 19
  • Karma: +4/-0
कन्हैयालाल डंडरियल
« Reply #8 on: May 22, 2011, 06:34:25 AM »
कन्हैयालाल   डंडरियल

जीवन परिचय :

जन्म : ११ नवम्बर १९३३
             ग्राम : नैली पट्टी -मवालस्यु
             पौढ़ी  गढ़वाल  उत्तराखंड (उत्तरांचल)

शिक्षा  : साधारण
 
२० वर्ष की आयु में जीविका की खोज में दिल्ली आये तथा बिरला मिल्स में बतोर श्रमिक कार्य  करने लगे  सन १९८२ में मिल्स बंद होने के कारण कुछ समय तक घर घर जाकर चाय की पत्ती बेचते रहे


प्रकाशित रचनाये :
"मंगतू" खंडकाव्य - सन १९६०
"अज्वाल" कविता संग्रह (प्रथम संस्करण ) - सन १९७८
"कुयेड़ी" गीत संग्रह - सन १९९०
"नागरजा" महाकाव्य (भाग -१) - सन १९९३
"चौठो की ध्वीड़ " यात्रा वृत्रांत - सन १९९८
"नागरजा" महाकाव्य (भाग -२) -सन १९९९
"अज्वाल" कविता संग्रह (भाग -२ ) - सन २००४
"नागरजा" महाकाव्य (भाग -३ व ४) - सन २००९

 
प्रकशाधीन
गढ़वाली - शाब्दकोष


अप्रकाशित रचनाये :
"बागी उप्पने लड़े " खंडकाव्य
" उडणी गण" खंडकाव्य
"कंसानुक्रम" नाटक (मंचित)
"स्वयवर"  नाटक (मंचित)
"भ्वीचल"  नाटक (मंचित)
"अबेर च अंधेर नी" नाटक
"रुद्री" उपन्यास

पुरस्कार एव सम्मान
१. गढ़ भारती पुरस्कार  - गढ़वाल साहित्य मंडल  दिल्ली - सन १९७२
२. प. टीका राम गौड़ पुरस्कार - गढ़भारती, दिल्ली - सन १९८४
३. डॉ पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल नामित पुरस्कार - उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान , लाखनऊ - सन १९९०
४. प . आदित्यराम नवनी गढ़वाल भाषा प्रोत्साहन पुरस्कार - गढ़वाली  साहित्य परिषद् , कानपूर , उ.प . - सन १९९१
५. गढ़-रतन पुरस्कार - गढ़वाल भात्र परिषद, मुंबई - सन १९९४
६. जयश्री सम्मान - जयश्री सम्मान ट्रस्ट , देहरादून , उतरांचल
७. उत्तराखंड गौरव - गंगोत्री सामाजिक संस्था दिल्ली
८. साहित्य सिरोमणि सम्मान २००४ (मरणोपरांत) - उत्तराखंड राज्य लोकमच दिल्ली   

lalit.pilakhwal

  • Newbie
  • *
  • Posts: 19
  • Karma: +4/-0
Re: kanhaiyalal dandriyal
« Reply #9 on: May 22, 2011, 02:05:29 PM »
घन्टा,
शब्द ब्रहा है जै से प्रकट ,
करद सचेतन दुनिया तैं
आत्मज्ञान को महासूत्र तुम ,
समझा मित्रो घन्टा तैं

ओम ओम जो ब्रहाक्षर च
जै से निकल आत्म विज्ञानं
निराकार की अभीव्यक्ति को,
घन्टा वो चा एक महान

शिव को डमरू, शंख विष्णु  को,
ब्रह्रमा जी को वेद विज्ञानं
परम पुरुष की आदि शक्ति को ,
घन्टा सबि ये एक समान
ध्यान योग मा घन्टा ध्वनी की ,
महिमा को सुन्दर वर्णन चा
दयबता दैंत मनिख यूँ सबु चै,
घन्टा भौत पुरातन  चा

देवी दयबता सबी मुग्ध ही ,
ब्रह्रमा शंकर नारायण
न्योछावर छिन सब घन्टा फर,
भागवत, गीता ,रामायण       (१९६२)

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22