Garhwali Words, Now Getting Extinct -23
Presented by Bhishm Kukreti
Sources : 1-Shri Ramakant Benjwal and Shrimati Beena Benjwal , Garhwali Shabdkosh, Vinsar Publishing co. Dehradun
2- Late Kanhyaa Lal Ji . Dandriyal Garhwali shabd Kosh (Series in Shailvani, Kotdwara )
3- Abodh Bandhu Bahuguna , Garhwali Vyakaran ki Rup Rekha
4- Rajni Kukreti , Garhwali Vyakaran
बिजोरि= बीज के रखा ग्या बीज
भ्नकर = खलियान में सूखने रखा अनाज
भंगेल्डु =गौरैया
भकेंड = किसी हथियार पर लगा हत्था
भगन= बर्बाद, उत्तरदायित्यहीन
भगनमास = नष्ट भ्रष्ट
भटास = प्यास की अनुभूति
भणकाण्या = बाध्य होकर
भणनु =बखान करणा
भताड़ = निट्ठला पति
भतेड़ा = व्यर्थ का परिश्रम, कष्ट
भन्क्या =मजबूरी में /मजबूर होकर
भमाण =उदासीनता, उदासी, सूनापन
भम्वार =उठाव , जोश
भांचण =बन्द करणा, इनकार
भानण = तोड़ना, नष्ट करना
भिंदु = पत्ते या फल का वृंत
भिट्टू = सीढ़ीनुमा खेतों में दो खेतों के बीच की दीवार
भिड़ासौड़ = बहुत सारे लोगों का जोर शोर से कार्य करना
भिदौण =निशाना मरना, भेदना
भीन = परहेज, भेदभाव , अंतर
भुकोल = सांयकाल
भुचकु =झाडी, झाड़ीनुमा पौधा
भुन्नु = जंगली सुअर
भूमंडु = एक ही तल वाला मकान (तल मंजिला)
भुड़था =बकरियों की देखभाल करने वाला व्यक्ति
भुरतु =सेवक
भेतको = मिटटी का छोटा सा तीला
भेलकु = अनैतिक गर्भ ठहरना
भेलगाळी =बिना किसी का नाम लिए गाली देना
भैरगडडू =व्यर्थ घुमने वाला
भौंतरेण =आपे से बाहर होंना
भ्युंरि = आँखों के आगे छाने वाला अन्धेरा
भ्वींता =लकड़ी या रस्सी का पुल
भ्वींजु =पूर्व परिचित
कृपया ध्यान दें :
गढ़वाली व्याकरणनुसार व्यंजनान्त में बडी ई की मात्रा अधिकतर वर्जित ही है
क, का, को भी गढ़वाली व्याकरण सम्मत नही है
ष भी प्रयोग नही होता था प्राचीन काल में ष को ख पढ़ते थे
Curtsey to all
1-Shri Ramakant Benjwal and Shrimati Beena Benjwal , Garhwali Shabdkosh, Vinsar Publishing co. Dehradun
2- Late Kanhyaa Lal Ji . Dandriyal Garhwali shabd Kosh (Series in Shailvani, Kotdwara )
3- Abodh Bandhu Bahuguna , Garhwali Vyakaran ki Rup Rekha
4- Rajni Kukreti , Garhwali Vyakaran