Author Topic: Kumauni & Garhwali Poems by Various Poet-कुमाऊंनी-गढ़वाली कविताएं  (Read 132158 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
।। पलायन करदु जाणु च ।।
छैंद मौल्यार का,
पतझड़ सी हुणु च।
आज एक, भोळ हैंकु,
पलायन करदु जाणु च।।
झणी क्या जी खोजणा छी,
झणी क्या पौणा की च आस।
पाणी का जना ऊंदरी ब्वग्णा,
जाणा की लगि च इखरी सांस।।
खेती - पाती अर धाण-काज,
अब त बसा कु नि रायी।
रट लगि च नौकरी कना की,
खैरि खाणा हिकमत नि रायी।।
पढ़ै-लिखै कु बानु ख्वज्यों च,
जन्मभूमि से नातू तोड़ि याळ।
जण चारेक रुप्या ऐगी खीसा मा,
परदेश मा बसेरु कैरि याळ।।
हमरा पुरखों न भी यखी,
गुजारूं-बसेरु कैरि छौ।
खून-पसीना ळ बणाई मुलुक,
फिर हम किलै नि रै सकदौ।।
फूल-पात सब झड़दी जाणा,
यख बस जाड़ा-ब्वाटा रैगेनी।
जब तक चलणी च साँस,
पहाड़ राळु चलदु आस रैगेनी।।
बगत अभि भी सम्भलणा कु,
यों डांडी- कांठ्युं थै बचाणा कु।
उकाळ अभि काटि सकदी, काटि ले,
फिर क्वी नि राळु यख धै लगाणा कु।।
© अनूप सिंह रावत "गढ़वाली इंडियन"
दिनांक: 20-12-2016 (मंगलवार)
ग्वीन मल्ला, बीरोंखाल, पौड़ी, उत्तराखंड
http://iamrawatji.blogspot.in/2016/12/blog-post_20.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
डंडियों मा धांडू पड्युं छा मांजी रे
डंडियों मा धांडू पड्युं छा मांजी रे
अपडो डंडियों मा धांडू पड्युं छा
गजबज गजबज जिकोडी ळगी छा मांजी रे
गजबज गजबज जिकोडी ळगी छा
डंडियों मा धांडू पड्युं छा मांजी रे
अपडो डंडियों मा धांडू पड्युं छा
कु छे कु आळु अपड़ो रे अपड़ो बणी कि मांजी रे
कु छे कु आळु अपड़ो रे अपड़ो बणी कि
डंडियों मा धांडू पड्युं छा मांजी रे
अपडो डंडियों मा धांडू पड्युं छा
कै का सार ळगयूं छा जियु कै सारू बाण मांजी रे
कै का सार ळगयूं छा जियु कै सारू बाण
डंडियों मा धांडू पड्युं छा मांजी रे
अपडो डंडियों मा धांडू पड्युं छा
ना ह्वै उदास ना कैर इतगा भंडया खैयाळ मांजी रे
ना ह्वै उदास ना कैर इतगा भंडया खैयाळ
डंडियों मा धांडू पड्युं छा मांजी रे
अपडो डंडियों मा धांडू पड्युं छा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
कखि न कखि
कखि न कखि
कबि न कबि
भेंट हुई जाळ
तेर मेरी भेंट हुई जाळ
मिथे तू बनेई दे
ऐ अंगडी की गड़ेई दे
रुपया छन हजार
मि छौं जी लाचार
इतगा नि मेर पास
बाटों तू अपड़ो नप
सिधा साधा लोकों थे
ना इन तू ठग
कनके मिल ठगण
मि छौं खुद यख ठगयूँ
बिकासा का नौं मां
कख अपड़ो नौं लिखयूं
ये बाटों कु यात्री छौं
देखि ले देखि ले मिथे तू
अंदवार मिलि जाळ
तेर मेर भेंट हुई जाळ
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
कबि.. २ इन खैल बी
कबि.. २ इन खैल बी आन्द
झप कैरी कि कबित बण जांद
जबि .. भग्यवान गुरंद
मन झट कैरी लुकि छिपि जांद
कबि.. २ इन खैल बी आन्दू
दिल देल -फ़ैल बी मेरु ह्वै जान्दु
कबि कबार इन ऊ झूरै जान्दु
भुकि लेथोड़ी ले ऊ चुप से जान्दु
कबि.. २ इन खैल बी आन्दू
बण कि बिरौल कुल्हण खोजांदु
दुलण.. २ छिप छिपे कि जियु
मूसा जनि अपड़ी जियु बचान्दु
कबि.. २ इन खैल बी आन्दू
आखर मेरि कलम खुद लेखी जांद
कबि .. इन तिस पौड़ी जांद
समण पड्यां आखर बी मिटि जांद
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Shailendra Joshi 

व्यंग सम्राट नरेँद्र कठैत का व्यंग बाण भोट
परसी तै / हम एका -हैंका
काम अयां / घोर बुण
दुस्मन दग्ड़ा / लड़याँ - भिड़याँ
पर नेता जी / एक भोट खैंची
तुम यू क्या कर गयाँ
तिमला तिमला खत्येनि
अर नग्या नंगी दिखेयाँ
जाति पातिन / हमारा मुंडा बाल
दुरंगा हुयां
एक आँखि हमारि / गढ़वलि रेगी
हैंकि आँखि कुमायाँ ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi

नरेँद्र कठैत का व्यंगबाण नेतागिरी
अरे लाटा !
सुद्धि नेतगिरी नि करदी
अगर छै तू तागतबर
त त्वे हमारि
क्या जरोरत प्वङगी
अर -
अगर छै तू निरबल
त लाटा !
हमारू छै हमारा बीच रे
अरे चुचा !
जन हम हिटणा छवां
तनि तू बि हीट ली ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
आज ब्याली ठंड कु
बबाल भारी चा
मकरैण ऐगी अब
गंगा न्यौला ।
अपणी जिकुड़ी निचौड़ी
छोरी तू अपणा रंग मा रंगदे
तन बदन मा
लीचाड़ा लग जौ तेरा रंग का
बनि जौ तस्बीर माया कि
इन्नी उन्नी मा।।।..............शैलेंद्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
टोपली बन बनिकी
हर देस की
अपणी पहचाण चा
अपणी सान चा
मुंड एक चा
जख जा टोपली पैणा
टोपली पैनावा लुगों तै
टोपली मा राज चा
टोपली मा काज चा
टोपली मा राजनीती का
रंग छन् अनेक
टोपली बिना मुंड नांगु चा
टोपली की टोप जन्दा ज्यु
ऊही मातबरो का मुंड
टोपली कु ताज चा ।.........शैलेंद्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Sandeep Rawat
January 19 at 5:00pm · Srinagar
हार-जीत
कै$कि ह्वेलि जीत
कै$कि ह्वेलि हार,
जनता उन्नि पित्येळि -पिस्येळि
सै$लि मैंगै $ मार |
वूं कि मवासि बणि जालि
हम पर ऐ$लि भगार,
बल, दुपळा $ ज्यूड़ा काटिक
वी पै$रला हार |
कै$कि ह्वेलि जीत....
कै$कि ह्वेलि हार |@ संदीप रावत
श्रीनगर, 19/01/2017

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Sandeep Rawat at Sringar Uttrakhand.
15 hrs
" वोट "
लोकतंत्र का महापरब मा, जरू$र दियां वोट
वोट देकि तुम बि अब सब, गै$री कर्यां चोट |
दल-वल अब सब दांव लग्यां ,तौंका मन मा खोट
पर, सोच-विचारिक सब अपणू , जरू$र दियां वोट |
@संदीप रावत, श्रीनगर गढ़वाल,24/01/2017

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22