Prakash Dhoundiyal
January 24 at 10:55pm ·
रणभेरी है गूंज उठी , ये शोर नहीं थमने देंगे|
जी से है ये जान से है, ये ज़ोर नहीं थमने देंगे|
ये मौका है कुछ करने का, कोशिश है पूरी जारी है|
इस रण में अपनी जि़द है, लड़ने की तैयारी है|
वीरों की इस धरती का, सम्मान बढ़ाने आया है,
बलिदानी पंथ्या का बेटा मान बढ़ाने आया है|
लोगों के दिल की बातों को सुनने वाला आया है,
लोगों के संघर्ष का साथी 'मोहन काला' आया है|
उबल रहा है खून पहाड़ी, इसे नहीं जमने देंगे|
ये शोर नहीं थमने देंगे , ये ज़ोर नहीं थमने देंगे|