Durga Datt Joshi
आवा हिटो आज शिवरात छ, मंदिर है औंनूं।
आपण सुख दुख जिलै छ, शिवज्यूंन धें कै औंनूं।
हमन जबलै जरूरत पड़ी, शिवज्यूंन कें धाद लगै।
हर दुख तकलीफ, शिवज्यूंनिं, चुटकी बजौंण में दूर भगै।
ज्याक क्वे सहार न्हाति, वीक सहार शिवज्यू हुंनी।
भूत प्रेत, पिशाचन तक, यकै म्यार शिवज्यू शरण दिनी।
म्यार शिवज्यू, हौरनाक लिजी सबै भल इंतजाम कनी।
शिव आपणि धें के न धरन , मिलगैत तबै भोग लगूंनी।
नंग धड़ंग, गावन नाग, त्रिशूल, खप्पर, शिव डमरूवाल।
शिव महादेव, देवाधिदेव, महाकाल, छन सबनैहै भाल।
शिवज्यू हम सबै तुमरि शरण में छों, पत धरिया।
जिलै रोग शोक संताप दुख दरिद्र छ, सबनैकै हरिया।
श्री Rajendra Prasad Joshi के द्वारा भेजी कविता...
बुजुर्गोंकि मानी जैल लै राय।धर्म कर्म करौ वील भईं शिव वीकै सहाय।।पूजा तबै छू जबहोल दुखियोंक दुख हरण।लाचारोंकि सेवा करिं मिलें शिवज्यू शरण।।हाथ में डमरू छू झन समझिया क्वे मदारी। आशुतोष रूप में यों छन हमार हितकारी।।पापी अनाचारी और भईं जो लै अत्याचारी।पकड़ि बेर हाथ में त्रिशूल सबै इनूँल मारीं।।आपणीं बात मानि जोशीज्यू मन्दिर जानूँ।पुजौक बखत हैगो आब जरा भजन गाँनूँ।।
Image may contain: 1 person
No automatic alt text available.
Image may contain: mountain, sky, outdoor and nature
Like
Like
Love
Haha
Wow
Sad
Angry
CommentShare
187 Sumita Pravin, राजेंद्र ढैला and 185 others
Comments
4 of 57
View previous comments
Jagdish Chandra Bhatt
Jagdish Chandra Bhatt हर हर महादेव
Image may contain: one or more people
Like · Reply · 2 · 1 hr
भावीन चौहाण
भावीन चौहाण धनयवाद
Like · Reply · 1 · 1 hr
Mohan Singh Bisht
Mohan Singh Bisht बहुत सुन्दर जी