Author Topic: Kumauni & Garhwali Poems by Various Poet-कुमाऊंनी-गढ़वाली कविताएं  (Read 383112 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Darsansingh Rawat
April 6 at 8:21am ·
बदलणा पहाड़ भी, नयु जमना दगड़ी अब।
पुरणी चीजो दगड़ी,मिलणी नयी चीज अब।
मांग वक्त की भी च,बडणु अगनै भी च अब।
जीवन सफल सी तभी,वक्त दगड़ी रैंण जब।
नै दगड़ी चलण त,संजोड़ विरासत भी अब।
जुड़णु अपणो सी भै,पहचान रैंद बणी तब।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Darsansingh Rawat
April 4 at 11:30am ·
जिन्दगी त्यरा रंग कना, बोल न बच्याणां ढंग।
मिलदु मौका मैं जनौं भी,जो जिंदगी म बेढंग।
कथा फिल्म की भै, जमणु जै म मेरू भी रंग।
शक्ल मै ठिक लगदी अपणी, दुन्या रंग बिरंग।
"मनखी तेरा सुपन्या" फिल्म,भै कनु मि डबिंग।
देख्या जरूर तुम भी,सुपन्यो का होंदी कना रंग।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Darsansingh Rawat
 
कथा बीजेपी का,महान विधायक की।
जनता बाटु थै रै भै, दिन भर देखणा की।
समलो अब भी भै बंदो, ऐ नि सुणण्या कै की।
अहं मुंड चढ्यो यू कु,मोदी जी कु करिश्मा की।
पांच साल काटो भै, नेतो की जग्वाल कै कै की।
अपणो थै नि चुनिला त,पुरणी कथा च य भविष्य की।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Darsansingh Rawat
April 10 at 12:20am ·
देखिक तस्वीर तुमारी,संस्कृति याद हम थै आंद हमारी।
कंदड़्यूम म गीत भै,गोपाल बाबू का गुंजदी रात सारी।
नौ पाटा घघरी,माथिया अंगड़ी,
के भली छाजी रै रंगीली पिछोड़ी।
,,,,,,,
गवा गलोबन्द हाथो की धगूली,
चम चमा चमकी रे ख्वारा की बिंदूली।
हाय तेरी रूमाला,,,,,,,गुलाबी मुखड़ी।
तस्वीर सौजन्य-प्रसिद्ध उत्तराखण्डी लोकगायिका-

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मंन्जिल मिल जाली त्वै
चल उठ खड हो कदम बढा
बाटू उबड खाबड ही सही
तू हिटदी जा तू हिटदी जा
मंन्जिल मिल...... हिटदी जा
बैठ बैठिकी क्या सुचणी छै
सोच सोचिकी कुछ नी हुणू रे
मनमा नए जोश नए उमंग भरीकि
तू अगनै बढदी जा तू अगनै बढदी जा
मंन्जिल मिल........... हिटदी जा
सुख दुख त लगया रैदन जीवन मा
अपडी जिकुडी थै तू ना झूरा
ना निराश हो ना उदास हो
तू चलदी जा तू चलदी जा
मंन्जिल मिल........ हिटदी जा
विपदौ कू पहाड हुव्ये त क्या
ना हार तू ना डेर तू
कमर कसी ले अपडी तू अर
यू पहाडू मा तू चढदी जा तू चढदी जा
मंन्जिल मिल................ हिटदी जा
मंन्जिल लाख दूर ही सही
हिम्मत कैरी की धीरज धेरी की
अपडी ही मंतग मा बस
तू बढदी जा तू बढदी जा
मंन्जिल मिल.............. हिटदी जा
मंन्जिल मिल जाली त्वै
चल उठ खड हो कदम बढा
बाटू उबड खाबड ही सही
तू हिटदी जा तू हिटदी जा ।।
सर्वाधिकार सुरक्षित@ दीपक नेगी गढप्रेमी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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*जिन्दगी कु सार******
मथि वालाळ तुु बंधन नि द्याई
जीवन कु एक सार द्याई
ऊसर जिन्दगी मां
झमा-झम बरखा की फुहार द्याई
तब बटिं सिंचणु रे संगसार मेरु
नव तौरण से हरि भरि यु सगोडि उगायी
कोटिस प्रणाम वे सृष्ठी कर्ता कु
जैन यु संगम बणाई
सभार :-"उदंकार" गढ़वाली ब्लॉग
www.ranabalbir.blogspot.in से
@ बलबीर राणा "अडिग"
समर्पित प्रिय श्रीमती सरोज राणा को

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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धर्ती स्वाणी सब्बि धाणी,
ज्वानि देखा बगदु जाणी,
एक दिन चलि जौला,
तब भौत याद औला,
जब तक जिन्दगी छ,
तुम दगड़ी दगड़ू निभौला.....

-कवि जिज्ञासू

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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"मोदी - योगी दुइया भाईं
एक दिन ऊ तै "युपी "पाई
योगिन बोली अब क्या कौला
मोदीन बोली चल ज़रा ठीक करी औला।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Darsansingh Rawat
Yesterday at 8:43pm ·
क्या बोलदि तू भैजी, क्या अब बोलु मी।
खाली होणा गाँव रोज,त्वे कथा बतांदु मी।
रिटैर तुम भी छौ,अर जल्दी रिटैर होणु मी।
लौटि जौला पहाड़ भैजी,बुढेंदा तुम अर मी।
ज्वान तक रैनिगे,ज्वान बणुला तुम अर मी।
करदा कुछ इनु भै,बणदा उदारण तू अर मी।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Darsansingh Rawat
April 11 at 11:01pm ·
कथा बीजेपी का,महान विधायक की।
जनता बाटु थै रै भै, दिन भर देखणा की।
समलो अब भी भै बंदो, ऐ नि सुणण्या कै की।
अहं मुंड चढ्यो यू कु,मोदी जी कु करिश्मा की।
पांच साल काटो भै, नेतो की जग्वाल कै कै की।
अपणो थै नि चुनिला त,पुरणी कथा च य भविष्य की।

 

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