यंन ना मिथे तुम देख्यां
(यंन ना मिथे तुम देख्यां
ज्यू से लगै द्यूँलू
तुम थे मि चुरै द्यूँलू तुम भतिक
बल जिकोडि मां लुकै द्यूँलू ) ..... २
(तेर ज्यू से ऐ गैल्या ज्यू मेरु बुलणु च
प्रीत का बैरी लोक मिथे डौर ल्गदु रैंदु च )..... २
थमी ले अंग्वाळ मेरि मि तुम थे संभळ लियुंलूँ
तुम थे मि चुरै द्यूँलू तुम भतिक
बल जिकोडि मां बसै द्यूँलू
यंन मिथे तुम देख्यां
ज्यू से लगै द्यूँलू
तुम थे मि चुरै द्यूँलू तुम भतिक
बल जिकोडि मां लुकै द्यूँलू ..... २
(मठु.. २ आगि दगडी फिनका सिलगया छन
दूर भतेक तुमण ऐ ज्यू थे क्दगा तडपया छन )..... २
मि अब ऐ ज्यू कु सरया ख्वैस गडु द्यूलु
तुम थे मि चुरै द्यूँलू तुम भतिक
बल जिकोडि मां लुकै द्यूँलू
यंन मिथे तुम देख्यां
ज्यू से लगै द्यूँलू
तुम थे मि चुरै द्यूँलू तुम भतिक
बल जिकोडि मां लुकै द्यूँलू ..... २
(माया कि कुछली मां टिप टिपै कि हम फूल भोरी द्यूँलू
बाटों का सरया कांडों थे दूर कैरी द्यूँलू )..... २
मायादार तुम थे अप्डी जान बनें द्यूँलू
तुम थे मि चुरै द्यूँलू तुम भतिक
बल जिकोडि मां लुकै द्यूँलू
यंन मिथे तुम देख्यां
ज्यू से लगै द्यूँलू
तुम थे मि चुरै द्यूँलू तुम भतिक
बल जिकोडि मां लुकै द्यूँलू ..... २
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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