Author Topic: Leela Dhar Jagoori, famous Poet & Writer from Uttarakhand-लीलाधर जगूड़ी कवि  (Read 3334 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आषाढ़ / लीलाधर जगूड़ी

यह आषाढ़ जो तुमने मां के साथ रोपा था

हमारे खेतों में

घुटनों तक उठ गया है

अगले इतवार तक फूल फूलेंगे

कार्तिक पकेगा

हमारा हँसिया झुकने से पहले

हर पौधा तुम्हारी तरह झुका हुआ होगा

उसी तरह जिस तरह झुक कर

तुमने आषाढ़ रोपा था

 

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