गीत - मौसम पहाड़ का
(तर्ज - मालूरा हरियाली डाना का पार)
अजब पहाड़ कौ बात, याँ हर रात जाड़े की राता!
ठंडी ठंडी हौ तो याँ हर बखत बहन छ !
ठंडी ठंडी पाणि पियो प्यास बुझी जान्छ
फल हनी मीठ यांक ! अजब
कमै सारी धरती त हैयुली ठीक जान्छ
चांदी जस धरती पहाड़ चमकन छह !
स्वर्ग उतारी गोछ याँ - अजब
बसंत की शोभा लै यांकी छ न्यारी !
नया नया बौर कलि सरो की क्यारी !
प्यारा पहाड़ यहाँ का ! अजब
चैत का मैहना में पिन्गुली का बहार
घर घर चेली - बेटी भिटोली को त्यार
लागी जा नराई दिल माँ ! अजब