भाइयो में कवि तो नहीं हूँ, लेकिन थोडा कुछ मेरे मन के जज्बात है जो कलम के माध्यम से पेश कर रहा हूँ
ऊँचा डाना मेरो पहाडा, हौली झुरी ऐगे,
ठंडो पाड़ी ठंडी हवा, मेर दिल भेरी ऐगे,
इजू तेरी याद ऐगे, बेनु तेरु याद ऐगे.
ऊँचा डाना हे हे हे
द्वि रोटी कारन इजू परदेश गयु,
दुश्मन जमाना मेरो, एको हबे रेग्यु,
घर उन को मन करो, परबश ह्वेग्यु,
ऊँचा डाना मेरो पहाडा, हौली झुरी ऐगे,
ऊँचा डाना हे हे हे
तेरी हाथ रोटी सागा, बेनु की नराई,
कुछ काम नि या इजू ये कॉलेज पढाई,
गाली खायी, मार खायी, बाज्यू के हाथ की,
आब याद उन्छों इजू , डांट उ ददा की,
ऊँचा डाना मेरो पहाडा, हौली झुरी ऐगे,
ऊँचा डाना हे हे हे
ऊँचा डाना मेरो पहाडा, हौली झुरी ऐगे,
ठंडो पाड़ी ठंडी हवा, मेर दिल भेरी ऐगे,
इजू तेरी याद ऐगे, बेनु तेरु याद ऐगे.