धन्यवाद कहूँगा नेगी जी एव दीपक जी को !
आपके सुंदर शब्दों का, जिसका में लायक नहीं!
हाँ मेरापहाड़, एक परिवार है, एक मंच है
जहाँ घर जैसा माहौल है!
इस पोर्टल के नीव में जुड़े है नायक
कमल जी, अनुभव, हेम, पंकज,हिमांशु, दयाल आदि
आप लोगो का योगदान भी कम नहीं है!
नेगी जी. धन्यवाद है आमंत्रण के लिए
आरजू है यह मेरी भी, जल्द ही होगी आपसे मुलाकात
आप खुद को क्या कहें ये रजा है आपकी
पर हम पर रही है मेहरबानी आपकी
हम तो इस मंदिर (मेरा पहाड़) में आपकी अमानत हैं
आपको अज्ञानी समझे फिर तो हम पर लानत है
इस मंच पर ला खड़ा किया हमें हम आपके सुक्र्गुजार है
कभी घर आइये आपकी खिदमत को हाजिर ये दिलदार है
दो ला-इन
अग्रज एव अनुज की क्या खूब है यह जुगलबंदी
आशा करता हूँ चलते रहे ये हस्ते -२
मै कविता लिखने में हूँ अज्ञानी
लेकिन अब थोडा सा मै कर रहा हूँ तैयारी