राजनीति शास्त्र मे स्नातकोत्तर श्री कांडपाल जी रूडीवादी एव विकास के बादक प्रम्पराओ का विरोध करते है ! अंध विश्वास मिटाने, शीदो को ने भुलाने, देश प्रेम की जाग्रति, वधुवा मजदूर मुक्ति इता करमा प्रधानता को अपना लक्ष बनाते हुए वे बिगत दशको मे कई पुस्तके लिख चुके है है, जिनमे रूदिवादी एव बधुवा मजदूर के विरूद मे दो उपन्यास, एक कहानी संग्रह एव कविता संग्रह सम्मिलित है ! उत्तराखंड एक दर्पण, तथा उकाव - होरव ( कुमोअनी) २००७-२००८ की रचनाये है !