गिर्दा उवाच:-
जैंता एक दिन तो आयेगा
इतनी उदास मत हो
सर घुटने मे मत टेक जैंता
आयेगा, वो दिन अवश्य आयेगा एक दिन
जब यह काली रात ढलेगी
पो फटेगी, चिडिया चह्केगी
वो दिन आयेगा, जरूर आयेगा
जब चौर नही फलेंगे
नही चलेगा जबरन किसी का ज़ोर
वो दिन आयेगा, जरूर आयेगा
जब छोटा- बड़ा नही रहेगा
तेरा-मेरा नही रहेगा
वो दिन आयेगा
चाहे हम न ला सके
चाहे तुम न ला सको
मगर लायेगा, कोई न कोई तो लायेगा
वो दिन आयेगा
उस दिन हम होंगे तो नही
पर हम होंगे ही उसी दिन
जैंता ! वो जो दिन आयेगा एक दिन इस दुनिया मे ,
जरूर आयेगा,