Author Topic: Poem Written on various issues of Uttarakhand- उत्तराखंड पर ये कविताये  (Read 15526 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Poet : Lokesh Nawani

Title - Paita Mera Sajdu Yo

बुरा°सा ब्ग्वानू मा, गंगा का गुठयार रे
पैटा म्यारा सौंजड़् यो व°ू डा°ड्यू° का ध्वार रे।
जखा की माटी का कण कण छीं बदन मा
जखा की थाती का भाव छीं मन मा
जख का विचार अर खूना कि च धार रे।
रौंतेˇी का°ठ्यू° मा गंगा गढ़देश मा
बसदिन देव जख मनख्यूं का वेश मा
वख जख झ°गोरा कौणि कि छन सार रे।
डाठ्य°ू मा कफुआ, गदन्यू मा ट्यौंट्या
ब्वलदीं पुकारी ऐजा, ऐजा, ऐजा
गढ़माता हमारी दींणी च रैबार रे।
बिगरैली डा°डी हैरो पंΠया तूणी
कू°जा व बुरा°सा कि खुशबू ब्वगणी
बारामासी छ्वाया अर चा बहार रे।
हिट्टा सिनक्वाˇ डा°डी छीं टुटणीं
गढ की पिड़ा स्या गंगा मा ब्वगणी
तैं गढ़ बुथ्यौंला, अफू ल्य°ूला भार रे।
रे म्यारा दगड्यो ! तुमकू आ५ान चा
खुट्यू° अˇगावदी जो तुम मा जान चा
चला मिली खोजला क्या डा°ड्यू° का पार रे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Haike Kandh
=========

Virendra Panwar
============

हैंके कांधम्-
बंदूक धर्येद फैर करेंद
खूब दिखेंद
ज्यू भी धरेंद त् हैंकै कांधम्
लोग उकाˇ कटणो भी
लौं∂यांदन हैंकै कांध
कांध होंदी इलै छ
हैंकाअ् बानौ
अपणा बाना नि होंद कांध
हैंकाअ् काम नि आंद
वा कांध कै कामै
वु मनखि कै-लेखौ
कैंधा से कैंधा मिलाणौं भी जरूरी चयेंद
हैंकै कांध
अर जब मनखि पलकि मा बैठद
या राम नाम सत होंद
तब भी काम आंद हैंकै कांध, पण
सच माना नि माना
सब कुछ होंद
सब्वा बिगर रयेंद
पण
हैंकै कांधम
फीति पर फीति लगद
नि सयेंद।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

सुख
===

Poet : Madan Mohan  Duklaan

संसार मा सुख
तब बि छाया
जब हम नि छाया
पर तब सुख
इतगा छांटा
इतगा ख्वींडा नि छाया
जतगा आज
तब सुख सुख्यर्या छाया
वो/ हैंसदा-ख्यलदा
आन्दा छाया
अर मनख्यूं कि मनख्यात देखी
वखि बासा रै जांदा छाया
वूंतै दड़-सांसो अर
हिकमत दे जांदा छाया
सुख तब बि राला
जब हम नि रौंला
शैद वो तब
और बि छांटा अर
अर ख्वींडा ∫वे जाला
तब लोग
कनकै सुख साला
कनकै साला?

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

दुःख

Madan Mohan Duklaan

दुन्या मा दुःख तब बि छाया
जब हम नि छाया
पर तब दुःख
इतगा घैणा अर पैना नि छाया
जतगा आज।
दुःख
तब बि आन्दा छाया
सतान्दा छाया/रूवांदा छाया
आदिम तैं अजमान्दा छाया
अर देखी
आदिमे सक्या वेका तापा
दुःख दुख्यर्या ∫वेकि
लौटि जांदा छाया
आजै तरों
बासा नि रैंदा छाया।
दुःख तब बि राला
जब हम नि रौंला
शैद तब वो
और बि घैणा
अर पैना ∫वै जाला
तब लोग
कनकै दुःख साला
कनकै साला?

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Uttarakhand Ke Dhau

By : Neeta Kukreti

ये कुलैं का डाˇा, ये बांजा डाला,
ये बरांसा डाला
धै लगौणा छन,
एक ∫वे जावा, अगनै आवा
एक प्रश्न बणीगे उŸाराखण्ड,
यू उŸाराखण्ड कू सवाल नी च
तुम्हारी अस्मिता कू सवाल च
क्या तुम पर्वतवासी जर्जर छां
या तुम्हारी जड़ कमजोर छन
यांकी आजमाइस कू वक्त च
ये वक्त तुमन दिखै देण
कि तुम रयां छा बा°जों का डाˇों बीच
खईं च कुलै की ठंडी हवा
पल्या° छा कठोर चट्टानों मां
त चट्टान बणीक अपणी पहचाण दिखावा
आवा, आवा उŸाराखण्ड बणावा।।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Title - Mera Muluk Ka Log
 
Poet : Puran Pant Pathik

कथगा निगुरा छन
मेरा मुलक का लोग
अपणौं तैं हर्च्याणौ
जतन कन पर मिस्यां
भैर वलों का ऐथर-
गौ-बंद हुΠयां
अपणौ खुणि/ दांत कीटिकै-
बौंली बिटैकै/
रे-बे-से-ते कैरिकै/
खिर्तू कना वास्ता
मुण्ड-कपाल-बरमण्ड-धौंण/मूण
कच्याणा वास्ता
झगुलि/ट्वप्ली/सुलार/कुर्ता
चिरणा वास्ता तयार
भैर वालौं का ऐथर गौबंद
मेरा मुलका का लोग।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Bhe

By : Beena Bejwal

बैण्यों का पैथर
∫वै भै
दुन्यान बोली
उज्याˇो त् अब ∫वे
एक्कि ब्वे कु ल्वे
भै कुल कु द्यू
अर बैण?

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Ek Sach

By : Dr Narendra Gauniyal

खचाखच भरीं खटारा बस कु
सर्या चंजर-पंजर हिलणूं छौ
अर
डरैबर का समणि
लिख्यूं छौ-
भगवान त्यारो सहारो!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

"Samaj vaad Bhitar Khand

By : Vinod Uniyal

बृजु दा कि
फटीं कुर्ति
फटीं सुलरि
समाजबादै खोज मा
पहाड़ छोड़िइ
मैदानु मा ऐ ग्ये
वे कि
फटीं टुपलि
बदले ग्वे खादिकि
सफेद टोपि मा
कुर्ति
खादिक कुर्ता झका-झक्क!
अर सुलरि-चम्म सुलार!
बृजु दा अब
पक्को बगुला भगत
बृजमोहन बण्यूं च
मैदानु मा रैकि

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
By : Vinod Uniyal

पहाड़ कि कल्पना हूंणी च
≈°चि-≈°चि डा°ड्यू° मा
कागजि क°ुआ ख्वदेणा छन
अर
तब व्याख्यान दियेणा छन
≈° बृजुं थैं
जौंका गात पर
फटीं कुर्ति भि नी च
भुलौं! टक लगै सुणों
समाजवाद सुदि नि आ°दो
या° का बाना
खाण प्वड़दन
खैरि-सुसगरि
ख्यलण प्वड़दन-कतनै खण्ड
बदलण प्वड़दन दल-का-दल
मिथैं हि देखल्यावदि।

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22