Author Topic: Poems by Rajendra Singh Kunwar-युवा कवि राजेन्द्र सिह कुवर 'फरियादी' की कविताएं  (Read 8370 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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विकाश कु रूप देख्याला

तिसोल्या छन मन्खी यख
डांडियों मा हरियालो नी
रुमक पौडिगे पाखियों मा
जोनिकू उजाल्यु नी !!
कनु होणु च यू विकाश देखा
कनु होणु च यू विकाश देखा
कनु होणु च यू विकाश देखा देखा मेरा पहाड़ मा !

हफार पार धारुमा, शाहरू का अख्बारुमा !
सैणी सड़क बनी च सरकारी बहीखातों मा
प्रधान पटवारी मिलिक रकम चटगौणा छीन
आवाज उठाई जैन तैतै भी धम्कौणा छीन
कनु होणु च यू विकाश देखा
कनु होणु च यू विकाश देखा
कनु होणु च यू विकाश देखा देखा मेरा पहाड़ मा !

गौ का गौ पड़ीयाँ छीन खाली
राशन हर मौ मा बटेंनी छ
ड्यूटीयालू की पोड़ीन बार
अपणु पहाड़ी दिखेंदु निच
कनु होणु च यू विकाश देखा !
कनु होणु च यू विकाश देखा !
कनु होणु च यू विकाश देखा देखा मेरा पहाड़ मा !.....गीत - राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' shared a link.
Thursday near Noida
स्वर्गविभा फौरम पर मेरी कविता

मेरा बचपन


कब छोड़ चला वो बचपन मुझको,
मुझको कुछ भी याद नहीं
क्या मांगू अब किसे पुकारूँ,
सुनता कोई फरियाद नहीं
नादानी थी ऊपर मेरे,
चाँद की मै हठ कर बैठा
रूठ गया है बचपन मुझसे,
तब से खोया सा मै रहता l ............ रचना-राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
 

 

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