ललूडी सपूत' :माधो सिंह भंडारी
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कविता –अश्विनी गौड़ , रुद्रप्रयाग
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गढवाल थाती जन्मी वीर भड़ भारी,
राजा महीपतिशाह, सेनापति माधो सिंग भंडारी,
पिता भड़ सोणबाण कालो भंडारी,
वंश मा सपूत हवैन माधोसिंग भंडारी।
गढवाल मा तपोवन,
देरादूण नजीलो,
दिल्ली कुमौं सिरमोर्या राजौ,
आंख्यूं मा छो सेरो।
राजा महीपतिशाह ब्वोदू,
जीतलो भड़ जैकू,
तपोवन साटयूं सेरा,
सैरू हवोलू तैकू।
वीर भड़ सबि राजौन,
अपडा न्यूत्याल्यां,
दिल्ली मुगल पठान,
कुमौं, कालू-कत्यूरा।
गढवाल राजधानी श्रीनगर,
लगि लडै भारी,
दुश्मन मारी तपोवन जीती,
काळो भंडारी ।
नीती माणा घाटी,
दुश्मन तिब्बती औंदा
भड़ माधोभंडारी तब,
अग्वडि रौंदा।
सीमा गढवाल की,
तुमुन बढैन,
हिमालै डांडीकांठयू,
वौडा धर्यैन।
ज्वालापुर-हरिद्वार,
दुर्ग चिंणैंन,
सिरमोर्या डांडीकांठयू तक,
सीमा बढैन।
श्रीनगर नजीकू,
भूमी, मलेथा रौंतेलों,
बगदि गंगा बोडै तुमुन,
मलेथा का सेरों।
लाल वंश ल्वे बगै,
कूल मलेथा ल्यैन,
इतिहास मा यन,
वीर माधोसिंग हवैन।
बण मा जस 'सिंह' यख,
वीर भड़ भारी,
'ललूडी' सपूत,
माधोसिंग भंडारी ।
------सर्वाधिकार----अश्विनी गौड ----------दानकोट रूद्रप्रयाग।।।।