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Utttarakhand Language & Literature - उत्तराखण्ड की भाषायें एवं साहित्य
(Moderators:
Dinesh Bijalwan
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Saket Bahuguna
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उत्तराखंड पर कवितायें : POEMS ON UTTARAKHAND ~!!!
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Topic: उत्तराखंड पर कवितायें : POEMS ON UTTARAKHAND ~!!! (Read 197215 times)
Bhishma Kukreti
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Re: उत्तराखंड पर कवितायें : POEMS ON UTTARAKHAND ~!!!
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Reply #3060 on:
December 15, 2020, 09:27:49 AM »
सरकार अर पलायन
-
पार्वती जोशी[
/b]
---------------
हे सरकार
कैर कुछ बिचार
म्यारू मुलक
बाँझ पोड़ि गेनि गौं-गुठ्यार
सि इसकोलों मा लगणा ताळा
अर द्वार-मोर फर लगणा जाळा
छन्यों मा घुरणा बाघ
डाँडौं मा लगणी आग
ग्वैर - घसेर्यों तैं रिक्क अटगाणा
अर सगोड्यों मा सुंगर जम्हाणा
धुरपळि मा बैठींच बांदरौं कि डार
हे सरकार
कैर कुछ बिचार
गौं मा प्वड़ींच सुनताळ
उजड़ि गेनि कूड़ि
पोड़ि गेनि पाल
दिल खयेणू च
कि अहा..
कबि कन छै
म्यारा मुलक कि अंद्वार
हे सरकार
कैर कुछ बिचार
मनख्यूं खुण क्य ब्वन्न
पैट्याँ छन
गरपट्ट उंदार
तौंकि बि मजबूरी च
न क्वी उघोग
न क्वी रोजगार
सि पढ्याँ-लिख्याँ छोरा
ठोकर खाणा छन
यीं धार-वीं धार
अर आखिरकार
जब नि होंदु जुगाड़
त बस मा बैठिकि कोटद्वार
अर फिर रेल का धक्कों मा
रड़दा-रड़दा
दिल्ली दरबार
हे सरकार
कैर कुछ बिचार
कैर कुछ उयार...
Copyright parwati joshi
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Bhishma Kukreti
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Re: उत्तराखंड पर कवितायें : POEMS ON UTTARAKHAND ~!!!
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Reply #3061 on:
January 16, 2021, 05:49:50 PM »
ड़पट ह्यून्द,
@ रमाकान्त ध्यानी"आरके"
चुड़पट ह्यून्द,
चुल भड्यां गींठी,
तौ भुज्यां भट्ट-खाजा,
आगि अगेठी,
तातु दूध,
गूड़ा कटग,
चिलमा सौड़,
लगीं कछिडी,
अर खिकताट,
बितीं बात.....
@@@@
रमाकान्त ध्यानी"आरके"
ग्राम-गोम,नैनीडांडा।
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Bhishma Kukreti
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Re: उत्तराखंड पर कवितायें : POEMS ON UTTARAKHAND ~!!!
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Reply #3062 on:
January 16, 2021, 05:53:07 PM »
जडडू कविता
प्रेमलता सजवाण
ड्डु मौसम ह्वा त ह्वा
ल्यो जडमार जरा नि ह्वा।
ऐडा़ढ भैर जनै ह्वा त ह्वा
विचार अढ़गड्यां जरा नि ह्वा।
गात कु जड्डा ल कौंपण ह्वा त ह्वा
दुश्मन ऐथर झरझराट जरा नि ह्वा।
प्रेमलता सजवाण
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Bhishma Kukreti
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Re: उत्तराखंड पर कवितायें : POEMS ON UTTARAKHAND ~!!!
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Reply #3063 on:
January 16, 2021, 05:57:10 PM »
जडू
सुनीता ध्यानी
सरग गरज बल, गरड़ गरड़ घम
फजल बरख यख, सरग झमक झम
ततर बतर अर, छळबळ खळबळ
हरख फरख अब कनम करण बल
चमचम घमघम
बगत-बगत यख
बदन अकड़ कर लकड़ बणद यख|*
(सुनीता ध्यानी
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Bhishma Kukreti
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Re: उत्तराखंड पर कवितायें : POEMS ON UTTARAKHAND ~!!!
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Reply #3064 on:
January 16, 2021, 06:28:59 PM »
ह्यूंद
कविता – अंजना कंडवाल
Garhwali Poetry on Winter/Autumn
ह्यूं पौड़ी ग्ये ह्युन्द दिदों
ह्युन्द बौड़ि ऐ ग्ये
ससर्यान्दी कूर्यो लेकि
ह्युन्द बौड़ि ऐ ग्ये।।
गौं क बाटा घाटा पण
राड़ो पड़ी सबेर
स्कूल्या नौनो कु दीदों,
ह्वे गये अबेर,
उँदारियूं को बाटों
तौं की खुट्टी रौड़ी ग्ये।
ह्युन्द की झड़ी मा दिदों
घास काटि लाण
दूर च जंगल दिदों
यखुली-यखुली जाण
गौं की दीदी भुल्ली सब्बि
उन्द दौड़ी ग्ये।
ह्युन्द की टटकार मा
पाणी कु भी जाण
लत्ती-कपड़ी ध्वे की दिदों
कन क़्वेकि लाण
हथि-खुटियुं उन्द मेरा
झमझ्याट पौड़ी ग्ये।
Copyright @ Anjan Kandwal
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