Author Topic: Poems,Songs Lyric,Articles by Vinod Jethuri - विनोद जेठुडी जी की कविताये  (Read 16129 times)

Vinod Jethuri

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गढवाली शायरी क्या होली करणी ?

[/size]कुंगळी, कुळमुली, कळबळी, कळछडी..
कन कुजांणी कख क्या होली करणी..?
मन मयाळु मायादार मयाळी..♥♥♥....
मन मन मा होळी मुळ-मुळ मुस्काणी..!
 

 
सर्वाधिकार सुरक्षित @
विनोद जेठुडी
७ फ़रवरी २०११
@ २२:२६

Vinod Jethuri

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गढवाली शायरी रुम-झूम बरखा
 
दिन दोपहरी मा छंवी बात लान्दी..
रात सुपनियों मा सुट ये जान्दी...
तेरी माया मा तर बण्यू छौ..♥♥♥....
रुम-झूम बरखा मा छपा-छौली लौन्दी
 
सर्वाधिकार सुरक्षित @विनोद जेठुडी
७ फ़रवरी २०११
@ २३:००

Vinod Jethuri

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शायरी गढवाली

तडतडू घाम मा पसीना कु धार
सुरसुरया बथौं मा जड्डू न बुखार
रुम-झूम बरखा मा माया ऊलार
जल सुवा जौला घुमणू बजार..!!

सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी
11 फ़रवरी 2011 @ 21:51

Devbhoomi,Uttarakhand

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वाह जेथुड़ी जी मजा आ गया गढ़वाली सायरी को पड़कर बहुत ही शानदार है

Vinod Jethuri

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बहुत बहुत धन्यबाद जाखी जी 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Vinod Jethuri

माँ सर्वश्रेष्ठ है जग मे
कमर मे बांधे बच्चे को माँ
सर मे भारी बोझ उठाती
खूद तो भूखी रहती है माँ
बच्चे को भर पेट खिलाती

बच्चे को छाती से लगाकर
बदन के कपडे से है ढकती
पौष की ठन्डी रातो मे माँ
खूद गीली चादर मे सोती

बच्चे की खूशी मे खूश रहती माँ
अपनी खूशी वह कुछ नही चाहती
कांटा चुभे जो बच्चे को तो....
माँ को दर्द बडी जोर से होती

माँ सर्वश्रेष्ठ है जग मे..
माँ से बढकर कोइ ना प्यारी
माँ की ममता लिख ना पाऊ
जैसे सागर की गहराई

अपने तन पर हमे बसाये
बच्चे का माँ बोझ उठाती
कष्ट सहे है माँ ने कितने !
यह तो माँ ही है जानती

माता पिता की सेवा करना
उनको सदा सूख ही देना
माँ के आन्सू अगर गिरे तो
फिर सारी उम्र पछताना

Copyright @ Vinod Jethuri, 2010

Vinod Jethuri

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किसमत (जोगब-भाग)

बहुत सी ईन लोग छन जू दिन रात मेहनत करि तै सुखी जीवन क सपना दिखदन, परिवार तै खुशी रखण चान्दन.. लेकिन किसमत ऊ अभागो कु दगडी इन खेली खिलदी कि हर काम मा निराश ही होण पुददु, हुयू-ह्वायू काम मा भी असफलता हासिल होन्दी.. याकु तै किसमत खराब नी बुलण ता क्या बुलण.....!

भटक्यूँ यख, फिरडयूँ तख
सदानी ह्वे दौड-भाग........
होन्दु वी छौ दगडियोँ !
जू लिख्युँ छ जोग-भाग ।
अफु कु कभी कमी नी चाही
अच्छी-अच्छी नौकरी भी पायी
जब भी सोची सुखी रौलु.......
किसमतन तभी धोखा द्यायी ।
क्या ता मिन सोची छायी
अर क्या सी क्या आज ह्वे ग्यायी
सुची-साची रैगे जिकुडी ....
किसमत न ईन रुलायी ।
बचपन सी आजतक
सदानी मिन खैरी खायी
जोग-भाग इन छन कि....!
जोग न जोगी बणायी ।
कत्का करा कुछ भी करा
किसमत न सदा हरायी...
जत्का लिख्यु जोग-भाग
वाँसी जादा कुछ नी पायी ।
किसमत जैकी जनी होन्दी
ऊनी ही होन्दु भाई.........
किसमत कु अगने कुछ ना
किसमत न क्या-क्या करायी ।

सर्वाधिकार सुरक्षित ©  विनोद जेठुडी, 2010
22 सितम्बर 2011 @ 11:45 PM

Vinod Jethuri

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हैप्पी होली (होली की सुभकामनाये)

मेरू मुल्क मेरु देश की धरती.
प्रेम कु रंग मा रगिंणी होली..
जाति-धर्म भेद-भाव तै छोडी
मिली जुली तै सभी मनौला होली


होली कु रंग मा रंग-बिरंगी
रंगो न सजली या भारतभूमी
प्रेम कु रंग मा रंग जावा ईन कि
यू रंग ना मिटू कै परन कभी




प्रेंम दया स्नेह की बणा रंगोली
परोपकार की मरा पिचकारी
सुख शान्ति सरै देश मा होली
साल भर बाद फिर येगे होली


पैली दिन क्वारी हैकु दिन छरोळी
कन सजणी छै होली की टोली
मै पर ना लगा रंग बुनी छ बौजी..
द्योरा जी फिर भी मनु छ पिचकारी


नानतेर दान और ज्वान जमान
खोळा-खोळा घुमला लगैकि मण्डाण
भैजी भुला और दीदी भुली
आप सबों तै हैप्पी होली
चाचा चाची और बोडा बोडी
आप सबो तै हैप्पी होली
हैप्पी होली, हैप्पी होली  !!!




सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी, २०१०
19/03/2011 @ 07:15 AM

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Bahut Sunder likha hai Vinod Bhai.

हैप्पी होली (होली की सुभकामनाये)

मेरू मुल्क मेरु देश की धरती.
प्रेम कु रंग मा रगिंणी होली..
जाति-धर्म भेद-भाव तै छोडी
मिली जुली तै सभी मनौला होली


होली कु रंग मा रंग-बिरंगी
रंगो न सजली या भारतभूमी
प्रेम कु रंग मा रंग जावा ईन कि
यू रंग ना मिटू कै परन कभी




प्रेंम दया स्नेह की बणा रंगोली
परोपकार की मरा पिचकारी
सुख शान्ति सरै देश मा होली
साल भर बाद फिर येगे होली


पैली दिन क्वारी हैकु दिन छरोळी
कन सजणी छै होली की टोली
मै पर ना लगा रंग बुनी छ बौजी..
द्योरा जी फिर भी मनु छ पिचकारी


नानतेर दान और ज्वान जमान
खोळा-खोळा घुमला लगैकि मण्डाण
भैजी भुला और दीदी भुली
आप सबों तै हैप्पी होली
चाचा चाची और बोडा बोडी
आप सबो तै हैप्पी होली
हैप्पी होली, हैप्पी होली  !!!




सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी, २०१०
19/03/2011 @ 07:15 AM

Vinod Jethuri

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सुखद भविष्य की मन्गलकामनाओ के साथ आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक सुभकामनायें, ये नव वर्ष आपके जीवन मे ढेर खुशियां लाये, बहुत सारा प्यार मिले, धन मे बढोतरी हो और आप सफ़लता की बुलन्दियो को छुंते हुये सदा आघे बढे, ये मै आप सभी के लिये दुवा करता हूं ।


नव वर्ष के नव किरण से
नया सवेरा हो गया है ।
बीत गये जो पल बुरे थे
अंधियारा सब मिट गया है ॥

नयी ऊमंगे नयी तरंगे
हर दिल मे नया जोश भरा है ।
सुख सम्रधि और खुशहाली
नव वर्ष ले कर आ गया है ॥

क्रोध ईर्ष्या लालस मनसा
दूर हमसे भाग चला है ।
दया प्रेम और भाईचारा
का मानवता जाग गया है ॥

जीवन के इस पथ पर हमने
कदम एक ओर बढा दिया है ।
हंसते गाते कदम बढायें
बस थोडा सा रह गया है ॥

क्या खोया क्या पाया हमने
इस वर्ष जो बीत चुका है ।
पर्वत जैसा दिखने लगा था
पल भर मे ओ बीत चुका है ॥

हंसते गाएं खुशी मनाये
नव वर्ष जो आया है ।
बढते जायें कदम बढायें
शुख सम्रधी लाया है

नव वर्ष के नव किरण से
नया सवेरा हो गया है ।
बीत गये जो पल बुरे थे
अंधियारा सब मिट गया है ॥

विनोद जेठुडी
1 जनवरी 2012

 

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