Shailendra Joshi उसी का का कारोबार है
उसी की सरकार है
रंग उसका रूप उसका इश्क उसका ये हुस्न उसका
टसन उसका फैशन उसका
वो का ले धंदे भी गोरे रंग मे करता है
क्यों की वही अंधरे मे दिया करता है
जो भी किया उस ने की या उसी का मीडिया
उसी का सरोकार उसी का अखबार
जल उसका जंगल उसका जमीन उसकी
जब मन किया सोदा कर लिया
बैबलैत का बटन उस के पास
जब नचा लिया जब घुमा लिया
वही परधानमंत्री वही मुखिया मंत्री
वही रास्ट्रीय पति वो सब का पति
वो पतियों का पति
क्यों की वो पूंजीपति
कविता शैलेन्द्र जोशी