Shailendra Joshi
November 2
सजनी आयी है दीवाली
बटुवा है महगायी से खालि
शॉपिंग तो करनी है मिया जी त्योहार आता साल मे इक बारी
उधारी भी रामप्यारी कब तक करे लाला से
अरे सौ रूपया किलो प्याज है
कैसे बचाये लाज आदमी हिन्दुस्थान मे
जगमगा रही चाईनीज लड़ी
रो रहा इंडियन का हार्ट है
ऐसे मे स्वीट हार्ट कैसे मनाये दीवाली
हाथ खाली पैसे कि तंगहाली कनिस्तर आटे चावल का बजाकर करे आतिशबाजी
रचना ..............शैलेन्द्र जोशी