Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 98920 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
 
जिन्दगी जीणो किरण
लुछी तेरी बेसर्मी का बादलन
मेरी उज्यालि किरण
अंधेरु करी तेरी बेसर्मी का बादलन
लुटी इज्जत मेरी
तेरा मन का फतुरुन
कब तक राली स्या हवस
तेरा गात राकछस
मेरी मौत कु इंसाफ
मिल्लु कब तक मेरी देस कि
दीदी भूलियो तै
या लुटती राली आबरू
स्या ज़ुल्मयो हात उंद
रचना। ………शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
 
नया क्या रचु
नया रचु तो
किन्तु सवाल उठते मन ये
पुराना भी ऐसा कुछ नहीं रचा
जो अपने कवि कहु
तो क्या दिल मे
लिखने कि प्यास बुझादु
इस चाहत मे
रचता हू शब्दो का कबाड़ मै
कवि तो वो है जो बूंद मे सागर भर देते है
कवि वो है जो शब्द भेदी बाण छोड़ देते है
कवि वो जो पत्थर मे प्यार भर देते है
कवी तो वो है जो सियासत के तख़त पलट देते है
कवि तो वो है जो दिलो मोहब्बत भर देते
प्रेम करले तो मीरा बन ईश्वर से नाता जोड़ लेते है
बिन अक्षर बिन कागज कबीर बन
दोहे मे जीवन दर्शन रच जाते है
रचना। …… शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
January 25

फ्योंली बिगरैली द्याखा,
मंगसीर पिंगली ह्वेग्ये,
बुरांस कु मिजाज भी बदली,
पूष ललंगी कैग्ये
फ्योंली कु फूल तै
त्वे जनि कतामति चा छोरी
बसंत की नि करि जग्वाल
मौल्यार मा ही कतामति ह्वेगे
छोरा बुरांस कु फूल बि
त्वे जनि बैमान चा
बसंत की नि करि जग्वाल
मौल्यार मा ही कतामति ह्वेगे
ग्लोबल वार्मिंग कु सब्बसि जादा
असर हम मनख्यों मा चा
डाला बोटा पौन पंछी
फूल कांडा डाला सब्बि
हमरि चार पैथर चलदा
बचपन बिसरीकि कि हम मनखी
बगत से पैली ज्वान होणा छन
फ्योंली और बुरांस तै क्या बुन फिर
मौल्यार बिसरकि बिना बंसंत अया
ज्वान ह्वेकि
बंसत खौलिगे मेरु क्या रोल चा
जब सब्बि बगत से पैली जवान होणा छिन
रचना। .... शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi

January 25

फ्योंली बिगरैल ह्वेगे
बे सिजन खिलणी चा
बुरांस बैमान ह्वेगे
पूस की ठण्ड मा
खिली लाल हवेगे
फ्योंली कु फूल तै
त्वे जनि कतामति चा छोरी
बसंत की नि करि जग्वाल
मौल्यार मा ही कतामति ह्वेगे
छोरा बुरांस कु फूल बि
त्वे जनि बैमान चा
बसंत की नि करि जग्वाल
मौल्यार मा ही कतामति ह्वेगे
ग्लोबल वार्मिंग कु सब्बसि जादा
असर हम मनख्यों मा चा
डाला बोटा पौन पंछी
फूल कांडा डाला सब्बि
हमरि चार पैथर चलदा
बचपन बिसरीकि कि हम मनखी
बगत से पैली ज्वान होणा छन
फ्योंली और बुरांस तै क्या बुन फिर
मौल्यार बिसरकि बिना बंसंत अया
ज्वान ह्वेकि
बंसत खौलिगे मेरु क्या रोल चा
जब सब्बि बगत से पैली जवान होणा छिन
रचना। .... शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi

January 24

अब क्वी मायादार बौण मा नि दिखदु
अब क्वी गौ गौलो मा प्यार नि करदु
क्या अब यी संगसार मा क्वी प्यार नि करदु
प्यार ना हो संगसार मा इन क्या कबि ह्वे सकदु
गैनि जमाना दीदा जब चढगे छौ जीतू
भरणा का प्यार मा खैट
अब मायादार घर बैठी कि करदा चैट
कै जमाना छौ भुला
जब रैदु छौ दगडू कु गैल
अब सब का मन मा ह्वे गे मैल
चैल पैल भी चा , भीड़ भी चा दुनि का यी मेला मा
इन बात नि चा दीदा कै ज़मना के बत्त करना छा
फेसबुक का ज़मना मा बिराणा बि अपणा छन
गौ कि छानी मा बैठे तुम कनेक्ट ह्वे सकदा
कै अमरिका गोरी मैम दगडी
क्या बुन भुला ज़मना ज़मना कि बात चा
संचार क्रान्ति संचार युग मा जीवन इन्नी चा
कविता शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
January 24
तुम
का लेज
मे आयी हो
नये बसंत बुरांश सी

तुम हो फ्रेशर स्टुडेंट फर्स्ट इयर की
तुम पे लियर चड़ी है नय जवानी की
अरे नये नौजवान तो
अजमाना चाहते है अपनी किस्मत
तुम से इश्क लड़ाने के लिये
नये नये फॉर्मुले खोज रहे है
अरे बुढे अधेड़ प्रोफसर लाक्चेरार
अपनी किस्मत को रो रहे है
बीमार कर ने के लिये अशिको जब हुस्न की ये बीमारी पैदा हुई
अरे उस दौर ए काल मे ये एक्सपायर डेट हुए
क्या जूनियर क्या सीनियर सब
देख रहे है इस हुस्न जवानी की फिगर .
कविता शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
January 23
छुई लगाणा तै
गिच्चु चैणु या दिमाग
तुम ही बोला
पर गिच्चु काम
सिर्फ बोलणु चा क्या
या खाणु
गिच्चु से ही क्रांति ऐ सकदी
गिच्चु से ही महाभारत ह्वे जांदी
गिच्चु से ही प्रेम होंदु
गिच्चु मा ही त् सारी जीवन कि
कथा व्यथा छन
पर गिच्चु खाली प्रिंटर चा दिमागो कु
असली फैक्टरी दिमाग कि ही चा
ज्यू गिच्चु का मुंड सैरा फगार
डाल देंदु
पर ज्यु भी चा
पर दुन्या नज़र मा गिच्चु बैमान चा
रचना। …शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
January 22
गौ बस गौ ही चा
सरकारी कागजों मा नौ ही चा
इना छन भग्यान
गौ पदान
चुनौ जीती देस लुक्यान
गौ मा इस्कूल बि छन
पर गौ क्वी बि इस्कूल्या नि
गौ मा कुल बनणी
बांजा खेतों तै
जब किसाण छा
तब कुछ ह्वे नि
गौ मा सीमेंटेड बाटा बनणा
पर बटेर क्वी नि
गौ मास्टर बि छन
जन बि होल्या कुजाणि
गौ मा डॉकटर बि छन
जन बि छन
छै तो छन
गौ सब कुछ होणु चा
पर कैकु
सैद गौ तै होणु होलु
गौ कु पदान हो
या हो मास्टर डाक्टर
पर गौ क्वी नि रैंदु
चला जैतै रोटी नि
मिल नि गौ से विथे बोलण बि क्या
पर ज्यु लोला गौ का नाम परिवार पलाणा छन
उन सुधि यखुलु किल्लै छोड़ी गौ
रचना। ……शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
January 22
काटी जाली कपास
मायादार छोरा कबिलाष
बातो कु रसिया
छोरा कबिलाष
चीफला मिज्याज
छोरा कबिलाष
हौसिया उमर
आंख्युन चलांदु छुरिया
छोरा कबिलाष
मै छोरी जुकुडी बसियु
छोरा कबिलाष
कुमरा सि बैचैन करदु
छोरा कबिलाष
सिब कि मूरत
छोरा कबिलाष
विष बि पै देलु
तेरा बाना
छोरा कबिलाष
मै छोरी कु भाग
तेरा हात
छोरा कबिलाष
रचना। …… शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
January 21
ट्वीटर मा ट्वीट करदी वा
फेसबुक मा चैट करदी वा
वट्स अप मा बच्यांदी वा
वी चैट मा छवी लगांदी वा
ज्वान छोरो बोल्यांदी वा
झ़ुटी पीटी माया लांदी वा
वींकी आग लगौणिया तस्वीर अपलोड
वीका चीफली छवि बातों का वाल स्टेटस
छि भै इन्नी बाँद से बे बांध ही भला
रचना शैलेन्द्र जोशी

 

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