Poiet Shailendra Joshi
August 17
ऐसु बरस म्येरा मुल्क नंदाजात होली
बाराबरस मा नंदाजात अपणा मुलूक बौड़ाली
दीदी भूली नंदा का गीत गाली
ध्याणी अपणा मैत जाली वख नाचली गाली
मै कनी अभागी छोऊ रमियु देस मा मन मेरु पौच्यु हिमालय
नौटी कासुवा ईधा बधाणी की दीदी भूली नंदा गीत गाली
चौसिंघ्या खाडू का पैथर छातोलियो तै लेकी जात्रा का जत्रोई जाला
सेम कोटी भगोती कुलसारी की दीदी भूली नंदा गीत गाली
मेरु मन पौच्यु वख
चैपड़ो नन्दकेसरी फल्दिया गोउ मुन्दोली
कण भैटुली होली अपणी मैत बैटूली
कुरुड़ बाधण वाला भी पौचिया होला नन्दकेसरी
नंदा जात कु कनु मिलन देखा
कुरुड़ दसोली दसमद्वार डोली
गैरोली पाताल पातर नाचोणिया
सिलासमुद्र च्न्दनियाघाट
वख बुग्यालो लोग हिटणा होला
मेरु मन पौचियु वख
घाट माँ कानी भारी करुणा
नंदा मैत से विदा होली
मि अभागी यख परदेश मा खुदेणु छोऊ
रचना शैलेन्द्र जोशी