Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 44041 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi with Madhusudan Thapliyal and 62 others.
22 hrs ·
उत्तराखण्ड की एक सुरीली आवाज जिसको दीपा पंत बोला जाता है जो आजकल हर उत्तरखंड़ी लोक गायको से साथ युगल गीत गा रही है यू तो दीपा अन्य राज्य लोक भाषा मे भी गीत गा रही है और कही हिंदी गीतों में भी आवाज दी है दीपा पंत ने हिंदी कही गीतों को गाया है उनके गीत यू ट्यूब और दर्जनों एल्बमस उनकी बाजार उपलब्ध है वैसै दीपा पंत जी ने मात्र तीन वर्ष की उम्र में बेडू पाखो गीत को गाया था वो तीन साल की उम्र से स्टेज शो कर रही है होनहार बिरवान चिकने होत पात कहावत उन पर फिट बैठती है और बचपन उन्होंने कही उत्तरखंड़ी वीडियो एल्बम मे बाल कलाकार रूप एक्टिंग भी की मतलब स्वर संगीत और रंगमंच अभिनय का मिला जुला नाम है दीपा पंत पहाड़ इस सुर घुगुती के बारे जितना कहा जाये उतना कम वो पिछले साल दूरदर्शन के प्रोग्राम जो गायक मुकेश समर्पित था सपने सुरीले सपने उस प्रोग्राम में भी दीपा जी अपनी स्वरों का जलवा बिखेरा था । मै जब पिछली बार सुना था यू ट्यूब मे ऐसा लग रहा था जैसे मीना राना या अनुराधा निराला गा रही ही हो और जब हिंदी सुनो इनकी आवाज जैसै लता मंगेशकर या श्रेया घोषाल गा रही हो दीपा पंत के गले हर तरह संगीत स्वर है पहाड़ में इस तरह की सुरीली गायक है जिस पर पुरे उत्तरखण्ड को उन पर गर्व है दीपा पंत आवाज गीत सुनना कर्ण को धन्य करना जैसा पहाड़ इस सुरकोकिला को प्रणाम जय भारत जय उत्तराखण्ड

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बसन्त पंचमी सरस्वती पूजन की शुभकामना मित्रो
बसन्त पंचमी एगी पिंगली रंगली
धार धार खिलदा फुलू की पौ बार
सजियु बसन्त कु रूप हपार
सरसुती पूजन ज्ञान कु भण्डार
धर्ती मा एगी मौल्यार
न ठण्डु न गरम
गुनगुनु सी मौसम एगी
रितु कु राज एगी
पिरेम रितू का गीतू मा बिझी
होली एगी नचदा गांदा
फिर पिंगलु पैरवाग पैनी
बसन्त एगी रंगिळू पिंगलु ।........शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
February 9 at 10:26am ·
बांदो का द्वी शब्द् होंदा
फेसबुक मा
कैसी लग रही हु मै
अपणा फोटो का दगड़ा
अर बैखो का लाइक कॉमेंट
बरखा कु बस्ग्याल सि लग जांदु
बैख अब जवान हो या बुढया
फेसबुक मा त हर क्वी
बन्यू जवान लौंडा
अर बांद भी खुस
कैसी लग रही मै
जवाबदार लाइक कॉमेंट
सटा सट फटाफट
जेट विमान जना रफ़्तार मा ।.......शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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( राग - जोगिया )*-*-*-*
सैंया गये परदेश,
कैसे कटें अब विरह की रतियाँ ||
मधुऋतु आई, तुम नहीं आये,
प्यासी ही बीती उमरिया,
रंग अबीर सों क्या करूँ सजाना,
अँसुवन रंग गई मोरी चुनरिया || कैसे कटें...
(रचयिता- म०न० गौड़ *चन्द्रा* ) फरीदाबाद, हरियाणा |
( प्रिय श्री शैलेन्द्र जोशी को सस्नेह )

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
February 7 at 9:18am ·
हाल क्या अपणा कुमाऊ गढ़वाल का
बड़ा बड़ा बैनर लगया बाजार मा
क्वी हिमालय बचाणु
क्वी उत्तराखंड बचाणु
क्वी गौ बचाणु
मनन चितन सब हौणु
इत्गा मुंडारु मुंड हम सभु कु लियु
तो फिर बच्णु किल्हे नि
या हमुन बबाल मच्यु सुधि मुधी कु
या हम सब उत्तराखंडी नेता हवे गया ..................शैलेन्द्रजोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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कन्न्न लगनु मुछ लगैकि
जुंगा सजैकि
बतौ माँजी क्या लगणु अपणु बुबा जी
लगणी छे च भै का सौ अपणा बुबा सी
मूंछ हुँदा मरदों की शान
क्या मेरी मूंछ माजी
छन क्या मोटि कटीली
अपणा प्यारा बुबा जनु
छे च लाटी छे च भै का सौ
छे च मेरी बेटी तेरी अन्वार
बिलकुल रे अपणा बुबा जनु
जौकी नि हुन्दी मूंछ
वू क्वी मर्दा बच्चा छन
वू चिफ्ला हुँदा जनानो जन
मर्द की शान अभिमान पहचान
माँजी मूंछ ही हुँदा
ठीक बोली छोरी तिन
बिना मूंछ कख भला
हुँदा ज्वान ठीक बोली
माजी आज मि भौत खुस छौ
आज मुछ लगैकि मि बिलकुल
लगणु अपणु बुबा जनु ।.... शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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‎MN Gaur‎ to Shailendra Joshi
February 8 at 12:41pm ·
*-*-*-* ( राग - जोगिया )*-*-*-*
सैंया गये परदेश,
कैसे कटें अब विरह की रतियाँ ||
मधुऋतु आई, तुम नहीं आये,
प्यासी ही बीती उमरिया,
रंग अबीर सों क्या करूँ सजाना,
अँसुवन रंग गई मोरी चुनरिया || कैसे कटें...
(रचयिता- म०न० गौड़ *चन्द्रा* ) फरीदाबाद, हरियाणा |
( प्रिय श्री शैलेन्द्र जोशी को सस्नेह )
नोट- यह मेरी बहुत पुरानी रचना है और कुमाऊँ की होली बैठकों में और अन्यत्र देश के जिन शहरों में भी होली बैठकें होती है,होली गायकों द्वारा खूब गाई जाती हैं | कुमाऊँ में यह *परज* के रूप में जाना जाता है | धन्यवाद |,

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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समाज सेवी अनिल कुमार पंत जी और UEMD समर्पित मेरा लिखा उत्तराखण्डी कौमी तराना
जै भारत जै उत्तराखण्ड
बीर पाड़ी छा हम
सीमाओ का पैरी छा
जंग का भारी भड़ छा हम
जै भारत जै उत्तराखण्ड
गंगा गंगोत्री सी पावन हमरु मन
देस का वास्ता सदानी
समर्पित चा हमरु
तन मन धन
जै भारत जै ऊत्तराखण्ड
बीरु भडू कु बलिदानो कु
गाला गीत अर गान
त्वे कु मेरा देस ज्यु जान
भि चा कुर्बान
जै भारत जै उत्तराखण्ड
एक चा रंग एक चा जात
हम छा सब्बी
भारत माँ की संतान
जै भारत जै उत्तराखण्ड ।.......शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
February 16 at 10:08pm ·
असली कैमरा आदमी आँख होती
जो चीज मन को भाती है
आँखों को सुहाती है
वही तस्वीर क्लिक हो जाती है
जो फ्रेम आँखों बनता है
हम उसको कैमरे से
व्यू फाइंडर कर क्लिक कर देते
अब जैसे मुझे कल
सरसों पिले खिले फूलों
के साथ खिला गुलाब
अच्छा लगा तो
तस्वीर क्लिक हो गयी ।शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
February 16 at 10:08pm ·
असली कैमरा आदमी आँख होती
जो चीज मन को भाती है
आँखों को सुहाती है
वही तस्वीर क्लिक हो जाती है
जो फ्रेम आँखों बनता है
हम उसको कैमरे से
व्यू फाइंडर कर क्लिक कर देते
अब जैसे मुझे कल
सरसों पिले खिले फूलों
के साथ खिला गुलाब
अच्छा लगा तो
तस्वीर क्लिक हो गयी ।शैलेन्द्र जोशी

 

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