Author Topic: Prof S S Bisht Great Writer of Uttarakhand- प्रो० शेरसिंह बिष्ट जी की रचनाये  (Read 6158 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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दोस्तों,

आज हम मेरापहाड़ फोरम में जानकारी दे रहे है एक ऐसी व्यक्तित्व का जिनका उत्तराखंड के साहित्य में बहुत बड़ा योगदान है! हाँ दोस्तों यह नाम है प्रो० शेरसिंह बिष्ट जी का! इस टोपिक में हम प्रो० शेरसिंह बिष्ट जी के रचनाओं और उनके जीवनी के बारे में जानकारी दंगे! आशा है आपको प्रो० शेरसिंह बिष्ट की लिखी कविताये और किताबे पसंद आयंगे!

 
जीवन-वृत्त (बायो-डाटा)

प्रो० शेरसिंह बिष्ट
एम. ए.- हिंदी (स्वर्ण पदक प्राप्त), पीएच० डी०, डी० लिट्‌०
यू.जी.सी. कैरियर अवार्डी, उत्तरांचल रत्न
आचार्य - हिंदी विभाग
कुमाऊँ विश्वविद्यालय
एस० एस० जे० परिसर, अल्मोड़ा
उत्तराखण्ड - २६३६०१ (भारत)

प्रो० शेरसिंह बिष्ट का जीवन-वृत्त (बायो-डाटा)
पूरा नाम         -        प्रो० शेरसिंह बिष्ट
पिता            -        (स्व.) श्री नरसिंह बिष्ट
माता            -        (स्व.) श्रीमती उर्मिला बिष्ट
जन्म-तिथि        -        १० मार्च, १९५३
जन्म-स्थान        -        ग्राम-डुंगरा, पो०-भनोली, जिला- अल्मोड़ा, (उत्तराखण्ड), भारत
वर्तमान पद         -        आचार्य - हिंदी विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय,
                                  एस.एस.जे. परिसर, अल्मोड ा (उत्तराखण्ड)- २६३६०१
डाक-पता (मेलिंग ऐड्रेस)    -        १६-विवेकानंदपुरी, विश्वविद्यालय परिसर आवास, वि. वि. अतिथिगृह   के पास,    अल्मोड ा- २६३६०१ (उत्तराखण्ड), भारत
दूरभाषः     
 05962&231632 Mobile No 09719595076
 ई० मेल : shersinghbisht@gmail.com वेबसाइट :http// % shersinghbisht.googlepages.com

शिक्षा            -        एम.ए.-हिंदी (स्वर्ण पदक प्राप्त), पीएच. डी., डी. लिट्‌,

शैक्षिक योग्यताएँ :

परीक्षा    वर्ष    श्रेणी    प्रतिशत    विषय    बोर्ड/संस्था    विशेष
हाईस्कूल    १९६९    प्रथम     ६२.४    हिन्दी, अंग्रेजी, गणित,
संस्कृत, भूगोल    यू०पी० बोर्ड, इलाहाबाद   
इण्टरमीडिएट    १९७१    द्वितीय    ५८.६    हिन्दी, अंग्रेजी, भूगोल,
नागरिक शास्त्र, संस्कृत    यू०पी० बोर्ड, इलाहाबाद   
बी०ए०    १९७३    प्रथम     ६०.७    हिन्दी साहित्य, भूगोल,
संस्कृत, सामान्यअंग्रेजी    आगरा वि.वि.,आगरा   
एम०ए०    १९७६    प्रथम    ६७.६    हिन्दी     कुमाऊँ वि.वि., नैनीताल    वि.वि
में प्रथम स्थान

पीएच.डी.  - १९८०, 'हिन्दी कृष्ण-काव्य की दार्शनिक पृष्ठभूमि' (१४०० से १६०० ई० तक) कु.वि.वि. नैनीताल।
डी. लिट्‌.  - १९८८, 'सुमित्रानंदन पंत के साहित्य का ध्वनिवादी अध्ययन,' कु.वि.वि. नैनीताल।

पुरस्कार/ सम्मान/अवार्ड :

१. स्वर्ण पदक - एम० ए०-उत्तरार्ध (हिंदी) में विश्वविद्यालय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के उपलक्ष में कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा 'स्वर्ण पदक' से सम्मानित। १९७६,

२. आचार्य नरेन्द्र देव पारितोषिक - शिक्षक के रूप में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय योगदान हेतु आचार्य नरेन्द्र देव शिक्षा निधि (उ०प्र०) द्वारा 'आचार्य नरेन्द्र देव पारितोषिक' के रूप में 'स्वर्ण पदक' एवं प्रशस्ति-प्रत्र से सम्मानित। १९९१,

३. आचार्य नरेन्द्र देव अलंकार - शिक्षा के क्षेत्र में उच्च नैतिक आदर्श, शिक्षा के माध्यम से समाजोत्थान एवं राष्ट्र निर्माण की दिशा में विशिष्ट सेवा के लिए 'आचार्य नरेन्द्र देव अलंकार' से सम्मानित तथा प्रशस्ति-पत्र एवं स्वर्ण पदक से विभूषित। १९९३,

४. सुमित्रानंदन पंत नामित पुरस्कार - 'भारत माता' (कुमाउँनी कविता संग्रह) पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा वर्ष १९९८ ई. का सुमित्रानंदन पंत नामित पुरस्कार तथा बीस हजार रुपये की धनराशि, द्राॉल, सम्मान-पत्र, प्रतीक चिह्‌न प्रदान कर सम्मानित किया गया। २००१,

५. कैरियर अवार्ड (तीन वर्ष की अवधि के लिए) - विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ४० वर्ष तक की उम्र के युवा एवं मेधावी शिक्षकों को तीन वर्ष की अवधि के लिए दिये जाने वाले 'कैरियर अवार्ड' हेतु चयनित कर, वर्ष १९९२-९३ का यू०जी०सी० 'कैरियर अवार्ड' प्रदान किया गया। १९९३,

६. उत्तराखंड की विभूति के रूप में परिगणित - श्री शक्ति प्रसाद सकलानी द्वारा लिखित 'उत्तराखंड की विभूतियाँ' नामक गं्रंथ में 'उ.त्तराखंड की विभूति' के रूप में स्थान दिया गया है। २००१,
संदर्भ    :  उत्तराखंड की विभूतियाँ, सं. २००१, पृ. २५३,

७. उत्तरांचल रत्न अवार्ड, २००३ - ऑल इण्डिया कॉन्फरेंस ऑफ इंटलेक्ट्‌यूअल्स ;।प्ब्व्प्द्ध द्वारा उत्तरांचल स्टेट कॉन्फरेन्स में 'उत्तरांचल रत्न अवार्ड-२००३' प्रदान कर, 'इंटलेक्ट्‌यूअल ऑनर' से सम्मानित किया गया। २७ जुलाई २००३,


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M S Mehta

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८. आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय साहित्य सम्मान - राष्ट्रीय हिन्दी अकादमी, रूपाम्बरा, कोलकाता द्वारा १६ वें अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में 'आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय साहित्य सम्मान', द्राॉल, सम्मान-पत्र, प्रतीक चिह्‌न आदि से सम्मानित किया गया। २ अक्टूबर २००३,

९. उत्तराखण्ड की प्रतिभा के रूप में परिगणित - श्री चन्दन डांगी द्वारा लिखित 'उत्तराखण्ड की प्रतिभाएँ' नामक पुस्तक में 'उत्तराखण्ड की प्रतिभा' के रूप में स्थान दिया गया है। २००३, संदर्भ : 'उत्तराखण्ड की प्रतिभाएँ, पहाड़ पोथी; सं. २००३, पृ. २४१,

१०. भारत ज्योति अवार्ड २००६ - इण्डियन इण्टरनेशनल फ्रैंडशिप सोसाइटी ;प्प्थ्ैद्ध, नई दिल्ली द्वारा सराहनीय सेवा, विशिष्ट प्रदर्शन तथा उत्कृष्ट कार्यों  के लिए 'इकॉनामिक ग्रोथ एंड नेशनल इंटीग्रेशन' कान्फरेंश, नई दिल्ली में 'भारत ज्योति अवार्ड' - २००६ तथा 'सर्टिफिकेट ऑफ एक्सलेंस' प्रदान कर सम्मानित किया गया। ४ मई, २००६,

११. विवेक गोयल साहित्य पुरस्कार - विवेक गोयल साहित्य पुरस्कार समिति, बरेली द्वारा वर्द्गा   २००९ का विवेक गोयल साहित्य पुरस्कार तथा सम्मान स्वरूप दस हजार रुपये की धनराशी  शौल, सम्मान-पत्र, प्रतीक चिह्‌न आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया। १३ सितम्बर २००९,


१२. महाकवि हरिशंकर आदेश साहित्य-चूड ामणि सम्मान (शोध) - अखिल भारतीय  साहित्य कला मंच, मुरादाबाद (उ०प्र०) द्वारा २७ दिसम्बर २००९ को मुरादाबाद में आयोजित  '२३ वें साहित्य समारोह' में महाकवि हरिच्चंकर आदेच्च साहित्य-चूड ामणि सम्मान (शोध) तथा      सम्मान स्वरूप सात हजार रुपये की नकद धनराच्चि, द्राॉल, सम्मान-पत्र, प्रतीक चिह्‌न आदि   प्रदान कर सम्मानित किया गया। २७ दिसम्बर २००९,

१३. मोहन उप्रेती द्राोध समिति सम्मान - मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान द्राोध समिति (रजि.) द्वारा कविवर सुमित्रानन्दन पंत व कुमाउँनी भाद्गाा और साहित्य पर किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए वर्द्गा-२०१० के समिति सम्मान से अलंकृत किया गया। ६ जून, २०१०

१४. देवसुधा रत्न अलंकरण सम्मान - अखिल भारतीय स्तर के संचयन 'देवसुधा' में संकलित रचनाधर्मिता एवं हिन्दी साहित्य के सृजन-संवर्धन व प्रचार-प्रसार हेतु सारस्वत सम्मान 'देवसुधा-रत्न' अलंकरण से सम्मानित। १२ जून २०१०

१५. डॉ० गोविन्द चातक सम्मान - भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में विच्चिद्गट रचनात्मक अवदान के लिए उत्तराखण्ड भाद्गाा सम्मान के अंतर्गत 'डॉ० गोविन्द चातक सम्मान' तथा पच्चीस हजार रुपये की धनराशि, सम्मान-पट एवं द्राॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया। १६ अप्रैल, २०११,
कार्यानुभव :

१. शिक्षण/शोध अनुभव : २७ जुलाई, १९७६ ई० से निरन्तर अब तक।
२. प्रशासनिक अनुभव :
१.     सहायक प्रॉक्टर : सन्‌ १९८०-८२ तक, कु०वि०वि०, डी. एस. बी. परिसर, नैनीताल में।
२.     सहायक प्रॉक्टर : सन्‌ १९८२-८४ तक, कु०वि०वि०, एस. एस. जे. परिसर अल्मोड़ा में।
३.     कार्यक्रम अधिकारी (राष्ट्रीय सेवा योजना) : सन्‌ १९८७ से जून १९९१ तक, कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिसर, अल्मोड ा में।
४.     सहायक छात्र कल्याण अधिष्ठाता : नवम्बर १९९१ से ३१ अगस्त, १९९३ तक, कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड ा में।
५.     संयोजक/सदस्य/संचालक : विभिन्न कक्षाओं की प्रवेश समितियों, शुल्क-मुक्ति समितियों आदि में संयोजक के रूप में तथा छात्र सहायता कोश, परिसर की वार्षिक मरम्मत समिति, हिन्दी विभाग तथा परिसर के विभिन्न कार्यक्रमों में संचालक के रूप में निरंतर सक्रियता रही है।
६.     सदस्य, कुमाऊँ महोत्सव/स्मारिका समिति/स्मारिका संपादक मंडल, अल्मोड ा, २०००,

७.    सदस्य, बोर्ड ऑफ स्टडीज, (पाठ्‌यक्रम समिति) कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल, (सन्‌ २०००,  २००१)।

८.       सदस्य, परामर्श मंडल, 'जर्नल ऑफ आचार्य नरेन्द्रदेव रिसर्च इन्स्टीट्‌यूट, नैनीताल, २००७,

९.       सदस्य, संरक्षक मंडल, 'अविचल दृष्टिकोण' (साहित्यिक पत्रिका), बिजनौर, (उ० प्र०),२००७,

१०.     सदस्य, पाठ्‌यक्रम अभिकल्प एवं विच्चेद्गाज्ञ समिति, उत्तराखण्ड मुक्त विच्च्वविद्यालय, हल्द्वानी, २००७,

११.      प्रॉक्टर : जुलाई २००६ से अगस्त २००६ तक, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस०एस०जे० परिसर, अल्मोड ा में।

१२.    विच्चेषज्ञ/परीक्षक/प्राच्च्िनक/पर्यवेक्षक : देश के विभिन्न विद्गवविद्यालयों के स्नातक/ स्नातकोत्तर/प्रतियोगात्मक/लोक सेवा आयोग आदि की परीक्षाओं में विच्चेषज्ञ/ परीक्षक/ पर्यवेक्षक/प्राच्च्िनक (पेपर सेटर) आदि।

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शोध/सृजन/प्रकाशन आदि का समेकित विवरण :   
             
(क) शोध परियोजना                 :           ५ (शोध परियोजनाओं पर कार्य सम्पन्न)
;पद्ध  वृहद्‌ शोध परियोजना        :        ३ (वृहद्‌ शोध परियोजना पर कार्य संपन्न)
       ;पपद्ध लघु शोध परियोजना            :        २ (लघु शोध परियोजना पर कार्य संपन्न)
(ख)  शोध-निर्देशन :-
     ;पद्ध   पी-एच.डी.                :        १५ (शोधार्थी पीएच० डी० प्राप्त कर चुके)    (पप)  पंजीकृत              :        ०१ (शोधार्थी पीएच० डी० हेतु पंजीकृत)
    ;पपपद्ध लघु शोध प्रबन्ध            :        १७ (एम० ए० -उत्तरार्ध, ंिहंदी)
(ग) सेमिनार, कार्यशाला/टे्रनिंग कोर्स आदि :          ३७ (में शोध-पत्र वाचन एवं भागीदारी)
(घ) प्रकाशन :
    १.     प्रकाशित पुस्तकें         :        ३०
        (प) मौलिक            :        १९
        (पप) संपादन/पाठ्‌यक्रम निर्माण             ९   
        (पपप) मोनोग्राफ/एकल निबंध    :         २
    २.     शोध पत्र/लेख आदि        :        १६९
              (साहित्य, संस्कृति, भाषा एवं             (१३८ हिंदी में तथा ३१ कुमाउँनी में)
विभिन्न विषयात्मक)               
    ३.    पुस्तक समीक्षा            :        ८ (पुस्तकों की समीक्षा प्रकाशित)
४.    भूमिका लेखन            :        ३३ (पुस्तकों की भूमिका लिखी है)
    ५.    डॉ. बिष्ट की पुस्तकों की समीक्षा    :        १२ (पुस्तकों पर विद्वानों की समीक्षा
प्रकाशित)
६.    प्रकाशित कविताएँ        :        ५८ (हिंदी में) तथा
                                ३६ (कुमाउँनी में)   
७.     प्रकाशित कहानियाँ         :        २ (हिंदी में) तथा
१ (कुमाउँनी में)
८.     प्रकाशित एकांकी                    १ (कुमाउँनी में)
९.     आकाशवाणी से प्रसारित वार्ता/    :        १९ (हिंदी में) तथा
              भेंटवार्ता/परिचर्चा/काव्य-पाठ आदि        ३१ (कुमाउँनी में)
    १०.    मूल्यांकित द्राोधप्रबंध         :        १६ (पीएच० डी०)
०१ (डी०लिट्‌०)
संप्रति :-    प्रोफेसर, हिंदी विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस.एस.जे. परिसर, अल्मोड़ा।

(क) शोध परियोजना

२००५
१.    वृहद्‌ शोध परियोजना (तीन वर्ष) - सहायक अनुसंधाता : सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तरांचल शासन की वृहद्‌ शोध परियोजना के अंतर्गत -'उत्तरांचल के साहित्य और संस्कृति का संरक्षण' विषय पर शोध कार्य संपन्न। २००७,१९९३

२.    कैरियर अवार्ड शोध परियोजना (तीन वर्ष) - मुखय अन्वेषक : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की कैरियर अवार्ड योजना के अंतर्गत- यू०जी०सी० कैरियर अवार्ड' हेतु चयनित तथा 'कुमाऊँ हिमालय की बोलियों का सवर्ेेक्षण' विषय पर शोध कार्य। ०१ दिसम्बर १९९३ से ३० नवम्बर १९९६ तक।

३.    पायलट स्टडी (मार्गदर्च्ची अध्ययन)- आई.सी.एस.एस.आर. के अंतर्गत 'कुमाऊँ के लोकसाहित्य,   संस्कृति, एवं भाषा' पर (छः माह तक) 'पायलट स्टडी' का कार्य सम्पन्न। १९९३, १९९०

४.    वृहद्‌ शोध परियोजना (तीन वर्ष)- मुखय अन्वेषक : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वृहद्‌ शोध परियोजना के अंतर्गत-' कुमाऊँ हिमालय के मंदिरों, लोकगाथाओं, लोकसंस्कृति और बोलियों का सर्वेक्षण-सरंक्षण तथा उनके विविध आयाम' विषय पर शोध कार्य सम्पन्न। १९९०- ९३, १९८२

५.    लघु शोध परियोजना (दो वर्ष )- मुखय अन्वेषक : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की लघु शोध परियोजना के अंतर्गत- 'सुमित्रानदंन पंत के साहित्य का ध्वनिवादी अध्ययन' विषय पर शोध कार्य। १९८२-८४,

(ख) शोध-निर्देशन

पीएच० डी० उपाधि प्राप्त -    पन्द्रह
२०१२
१.  आनन्द सिंह फर्त्याल - 'च्चैलेच्च मटियानी के कथा साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन। २०१२,
२.  कु. अंजु बाला - 'आचार्य नामवर सिंह : व्यक्तित्व एवं कृतित्व'। २०१२, २०१०
३.  कु. नीलम डोर्वी - 'बलवंत मनराल का रचना संसार : एक अनुशीलन'। २०१०,

२००८
४.  श्रीमती हेमा कार्की, - 'डॉ. रामकुमार वर्मा के नाट्‌य-साहित्य का सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनुशीलन'। २००८,             
५.  कु. हेमा सेलाकोटी,- 'शैलेश मटियानी की कहानियों में नारी चित्रण का स्वरूप'। २००८,



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२००४
३कु. नीमा कैड़ा,- '       ६.  कु. नीमा कैड ा,- ' आधुनिक कुमाउँनी कविता में बिंब-विधान'। २००४,   

२००३
७.  श्रीमती हिमांशु पाण्डे,- 'पंडित गोविंद बल्लभ पंत का नाट्‌य-साहित्य : कथ्य एवं शिल्प'। २००३,

८.  श्रीमती लक्ष्मी गहतोड ी,- 'कुमाऊँ के तराई भाबर क्षेत्र की थारू जनजाति के लोक साहित्य का    अध्ययन'।  २००३,
२००२

९.  कु. रेखा अधिकारी,- 'शैलेश मटियानी का कथा साहित्य : सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ'। २००२,

२००१

 १०.  श्रीमती अनिता जोशी,- 'चारों सप्तकः संवेदना एवं शिल्प-विधान'।  २००१,

१९९९
 ११. कु. गीता पंत,- 'कुमाउँनी की बोलियों का तुलनात्मक अध्ययन'। १९९९,

 १२. कु. दीपा धानिक,- 'पंत-काव्य की सांस्कृतिक एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि तथा उनका नवीन जीवन-दर्शन'।
   १९९९, 

१९८९

 १३. भूपेन्द्र सिंह बिष्ट,- 'स्वातंज्ज्योत्तर हिन्दी कविता में अभिव्यक्त जीवन-मूल्य'। १९८९,

१९८८

१४. बची सिंह भाकुनी,- 'सुमित्रानंदन पंत के काव्य का मनोवैज्ञानिक अध्ययन'। १९८८,
१९८६

  १५. कु. बीना पंत,- 'नयी कविता के परिप्रेक्ष्य में मुक्तिबोध के काव्य अनुशीलन,। १९८६,

;पपद्ध पी-एच.डी. द्राोध प्रबंध जमा - दो

;पपद्ध पी-एच.डी. हेतु पंजीकृत -    एक
१.    चन्द्रकान्त तिवारी,

 ;पपपद्ध एम.ए.- उत्तरार्ध में लघु शोध-प्रबंध - सत्रह
२०१२
१.  कु० अंजलि नगरकोटी - 'थोकदार किसी की नहीं सुनता' का तात्विक विवेचन',
२.  कु० पूनम चम्याल - 'राजेन्द्र बोरा का व्यक्तित्व एवं कृतित्व', २०१२
३.  कु० गुंजन डालाकोटी - 'जुगलकिशोर पेटशाली का व्यक्तित्व एवं कृतित्व', २०१२
४.  बालम सिंह - पछाईं का लोक साहित्य : एक अध्ययन', २०१२
५.  गीतांजलि बनौला - बटरोही की कहानियाँ : एक अनुच्चीलन, २०१२
२०११
६.  कु. सुच्चीला वाणी - 'च्चेरदा समग्र' : एक अध्ययन'। २०११,
७.  ललित कुमार - 'कुमाउनी गद्य : एक अनुच्चीलन'। २०११,
२०१०
८.  कु० ममता गहतोड ी - 'वीरबाला कुँवर अजबदे पँवार' तथा महासाध्वी अपाला' खण्डकाव्यों का समग्र    अध्ययन'। २०१०,
९.  कु० दीपा - 'हरिच्चंकर आदेच्च की सप्तच्चतियाँ : एक अध्ययन'। २०१०,
१०.  गिरीच्च चन्द्र - 'प्रो० राप्रकाच्च गोयल 'सोज ' के काव्य का अनुच्चीलन'। २०१०,
११.  बिहारीलाल विच्च्वकर्मा - 'डॉ० दिनेच्च चमोला की बाल कहानियों का अनुच्चीलन'। २०१०,
२००७
१२.  कु० जया भट्‌ट - 'वीरेन डंगवाल का व्यक्तित्व और कृतित्व'। २००७,

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२००६

१३.  कु० अंजु बाला - 'आचार्य नामवर सिंह के काव्य सिद्धान्तों का समीक्षात्मक अध्ययन'। २००६,

२००५
१४.  श्री संजय कुमार,- 'साठोत्तरी प्रमुख कुमाउँनी कवियों के काव्य का विवेचनात्मक अध्ययन'। २००५,
२००२
१५.  कु. हेमा सेलाकोटी,- 'प्रेम सिंह नेगी : व्यक्तित्व एवं कृतित्व'। २००२,
२०००
१६.  कु. रीना अग्रवाल,- 'बलवंत मनराल : व्यक्तित्व एवं कृतित्व'। २०००,
१९९०
१७.  कु. विजया जोशी,- 'सुमित्रानंदन पंत के छायावादी काव्य में बिम्ब-विधान'। १९९०,

(ग) पीएच० डी०/डी० लिट्‌० के शोध प्रबन्धों का मूल्यांकन
;पद्ध  डी० लिट्‌० द्राोध प्रबन्ध : ०१
२००९
१.    'स्वतंत्रता आन्दोलन में संघर्द्गारत गढ़वाली कवियों का हिन्दी साहित्य संवर्धन में योगदान,'
(च्चोधार्थी : डॉ० नंदकिच्चोर ढौंडियाल, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० योगेन्द्र प्रसाद द्रार्मा 'अरुण'), एच. एन. बी. गढ वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ वाल)। २००९,
;पपद्ध पी-एच० डी० शोध प्रबन्ध : १५
२००९
  १.    'सन्त साहित्य पर अद्वैतवाद का प्रभाव',
 
(च्चोधार्थी : श्रीमती समता सिंह, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० जय सिंह 'नीरद), डॉ० भीमराव   अम्बेडकर विच्च्वविद्यालय, आगरा (पूर्ववर्ती- आगरा विच्च्वविद्यालय)। २०१०,
२.    'रूप विज्ञान की दृद्गिट से मानक हिन्दी और भोजपुरी का तुलनात्मक अध्ययन',
(च्चोधार्थी : राजेश चन्द आदर्च्च, शोध निर्देच्चक : डॉ० विमलेश कान्ति वर्मा), दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली। २००९,
३.    'भक्ति काव्य में ईश्वर का स्वरूप'
(द्राोधार्थी : सायमा अजमल, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० मधु जैन). महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली। २००९,
४.    'नई कहानी का वस्तु और शिल्प सौन्दर्य',
(शोधार्थी : सुधा सिंह, शोध निर्देच्चक : डॉ० (श्रीमती) सूरज कालिया), राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद। २००९,
५.    'यच्चपाल के उपन्यासों में व्यक्त सामाजिक यथार्थ'
(च्चोधार्थी : पठाण अयुबखाँ गुलाबखाँ, शोध निर्देच्चक : डॉ नागनाथ कुंटे), स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विद्यापीठ, नांदेड  (महाराष्ट्र)। २००९,
६.    'साठोत्तरी हिन्दी लेखिकाओं की कहानियों में व्यक्त जीवन-संघर्ष',
(च्चोधार्थी : प्रा. पुष्पलता अग्रवाल, शोध निर्देच्चक : डॉ० शोभा देच्चपाण्डे), स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड ा विद्यापीठ, नांदेड  (महाराद्गट्र)। २००९,
७.    'स्वातंज्ज्योत्तर हिंदी कहानी पर पत्रकारिता का प्रभाव',
(च्चोधार्थी : पंकज कुमार द्रार्मा, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० नन्दकिच्चोर ढौंडि याल), एच. एन. बी.    गढ वाल विच्च्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ वाल)। २००९,
८.    'मोहनलाल बाबुलकर के निबन्ध साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन',
(च्चोधार्थी : श्रीमती द्राोभा नेगी, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० नन्दकिच्चोर ढौंडि याल), एच. एन. बी. गढ वाल विच्च्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ वाल)। २००९,
 ९.    'कन्हैयालाल डंडरियाल के समग्र साहित्य का मूल्यांकन'
(च्चोधार्थी : श्रीमती कुसुम द्राास्त्री, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० नन्दकिच्चोर ढौंडि याल), एच. एन. बी. गढ वाल विच्च्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ वाल)। २००९,

२००७
 १०.    'प्रसाद और लक्ष्मीनारायण मिश्र के नाटकों में संस्कृति तत्व : तुलनात्मक अध्ययन',
(च्चोधार्थी : पीयूद्गा कुमार, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० रामकुमार द्रार्मा), चौधरी चरणसिंह विच्च्वविद्यालय, मेरठ। २००९,
 ११.    'जयच्चंकर प्रसाद के कथा साहित्य में नारी पात्रों का चरित्रांकन',
(द्राोधार्थी : मधुरानी दुबे, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० रामच्चरण मिश्र,). महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विच्च्वविद्यालय, बरेली। २००७,
२००६
१२.    'गढ़वाली एवं कुमाउँनी भाद्गााओं का संरचनात्मक आधार पर तुलनात्मक अध्ययन',
(च्चोधार्थी : सुरेच्चचन्द्र पोखरियाल, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० नन्दकिच्चोर ढौंडि याल), एच. एन. बी. गढ वाल विच्च्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ वाल)। २००६,
१३.  'कमलेच्च्वर की पत्रकारिता एवं संस्मरणों में युगबोध',
(च्चोधार्थी : अभय ढोंडियाल, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० सुरेन्द्र जोच्ची), एच. एन. बी. गढ वाल विच्च्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ वाल)। २००६,
२००४
 १४.   'निराला के कथा साहित्य का समाजच्चास्त्रीय अध्ययन',
(च्चोधार्थी : रामप्रताप सिंह, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० कात्यायनी सिंह), इलाहाबाद   विच्च्वविद्यालय, इलाहाबाद)। २००४,
१९९६
१५.   'मिथक और काव्य : अज्ञेय, नागार्जुन और मुक्तिबोध के संदर्भ में
(च्चोधार्थी : श्रीमती अलका द्रार्मा, द्राोध निर्देच्चक : डॉ० सविता मोहन), एच. एन. बी. गढ वाल विच्च्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ वाल)। २००६,

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(घ) सेमिनार/ कार्यशाला/ ट्रेनिंग कोर्स आदि (जिनमें भाग लिया) - ३८

२०१२
१.    उत्तर प्रदेच्च हिंदी संस्थान, लखनऊ; हिंदुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद तथा कुमाऊँ विच्च्वविद्यालय, नैनीताल के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी विभाग, एस०एस०जे० परिसर, अल्मोड़ा में 'हिंदी वर्तनी की समस्याएँ' विद्गाय पर आयोजित दो दिवसीय राद्गट्रीय कार्यच्चाला में भाग लिया तथा 'हिंदी वर्णमाला, मानक वर्तनी एवं वर्तनी विच्च्लेद्गाण' विद्गाय पर व्याखयान दिया।

२.    अंतरराष्ट्रीय विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नई दिल्ली एवं कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड ा के संयुक्त तत्वावधान में २३ अप्रैल, २०१२ को हिन्दी विभाग, एस०एस०जे० परिसर अल्मोड ा में 'वर्तमान दौर में पुस्तकों की प्रासंगिता' विद्गाय पर आयोजित एक दिवसीय राद्गट्रीय संगोद्गठी में भाग लिया तथा उक्त विद्गाय पर व्याखयान दिया। २३ अप्रैल, २०१२,
२०११
३.    उत्तराखण्ड भाद्गाा संस्थान, देहरादून द्वारा १६-१८ अप्रैल, २०११ को आयोजित उत्तराखण्ड लोकभाद्गाा सम्मेलन में उद्‌घाटन सत्र में मुखय वक्ता के रूप में 'उत्तराखण्ड का भाद्गाायी परिदृच्च्य एवं संभावनाएँ' विद्गाय पर बीज वक्तव्य दिया। १६ अप्रैल, २०११,

४.    उत्तराखण्ड मुक्त विच्च्वविद्यालय, हल्द्वानी, नैनीताल (उत्तराखण्ड) द्वारा २४-२५ जनवरी, २०११ को 'सेल्फ- इन्सट्रक्सनल लर्निंग मैटीरियल डेवलेपमेंट' (एस.एल.एम.) विद्गाय पर आयोजित द्वि दिवसीय राद्गट्रीय कार्यच्चाला में भाग लिया तथा अपने सुझाव दिए। २०११,

१९८९
३४.    बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में दिनांक २४.०८.८९ से ०६.०९.८९ तक सम्पन्न 'पुनश्चर्या पाठ्‌यक्रम में भाग लिया तथा ४ सितंबर १९८९ को 'लोकायतनः प्रेरणा और प्रतिपाद्य' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९८९,
१९८८
३५.    'साक्षरता निकेतन' लखनऊ में दिनांक १८.०७.८८ को आयोजित 'साक्षरता अभिनवी प्रशिक्षण' में भाग लिया । १९८८,
१९८७
३६.    उत्तराखण्ड शोध संस्थान द्वारा संघटक महाविद्यालय अल्मोड़ा में १७ एवं १८ अक्टूबर १९८७ को 'उत्तराखण्ड का इतिहास और संस्कृति' विषय पर आयोजित सेमिनार में 'कुमाउँनी संस्कृति' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९८७,
३७.    टे्रनिंग एण्ड ओरिएण्टेशन सेंटर, यूनिवर्सिटी ऑफ रुड की में दिनांक २२.०६.८७ से ०४.०७.८७ तक रा० से० यो० के अंतर्गत 'ओरिएण्टेशन एण्ड टे्रनिंग कोर्स' का प्रशिक्षण प्राप्त किया। १९८७,
१९७६
३८.    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के तत्त्वावधान में दिनांक १८.१०.७६ से २४.१०.७६ तक डी०एस०बी० कॉलेज, नैनीताल में आयोजित 'हिन्दी शिक्षण कार्य-गोष्ठी' (हिन्दी वर्क शॉप) में भाग लिया। १९७६,

२०१०
 ५.     कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस०एस०जे० परिसर अल्मोड ा के हिंदी तथा पत्रकारिता विभाग द्वारा २१ अगस्त २०१० को 'यात्रा साहित्य एवं पत्रकारिता का अंतर्संबंध' विद्गाय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया तथा 'पत्रकारिता का भविद्गय' विषय पर व्याखयान दिया। २०१०
२००९
६.    कुमाउँनी भाद्गाा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति कसारदेवी, अल्मोड ा द्वारा १३. १४ तथा १५ नवम्बर २००९ को अल्मोड ा में आयोजित त्रिदिवसीय 'कुमाउँनी भाद्गाा सम्मेलन' में भाग लिया तथा प्रथम दिन 'कुमाउँनी काव्य की विकास यात्रा' विद्गाय पर मुखय वक्ता के रूप में आधार व्याखयान दिया एवं समापन सत्र की अध्यक्षता की। २००९,

७.    साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा १९ जुलाई २००९ को सभागार, होटल अकेता, ११३, राजपुर रोड,     देहरादून (उत्तराखण्ड) में आयोजित 'हिन्दी रचना-पाठ' कार्यक्रम में भाग लिया तथा रचना-पाठ     किया। २००९,
२००८
८.       कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा प्रायोजित एवं हिंदी तथा पत्रकारिता विभाग, एस०एस०जे० परिसर अल्मोड़ा द्वारा २३- २४ नवम्बर, २००८ को 'पत्रकारिता एवं जनसंचारः वर्तमान संदर्भ, दच्चा एवं दिच्चा' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया तथा 'हिन्दी समाचार पत्रः दच्चा एवं दिच्चा' विषय पर व्याखयान दिया। २००८,

९.    डेलनेट, नई दिल्ली द्वारा कुमाऊँ विच्च्वविद्यालय परिसर, अल्मोड ा के सहयोग से २७ मार्च २००८ को एस. एस. जे. परिसर अल्मोड ा में आयोजित एक दिवसीय 'ओरिएण्टेच्चन प्रोग्राम' में भाग लिया। २००८,

१०.    संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड द्राासन एवं महादेवी वर्मा सृजनपीठ, मल्ला रामगढ , कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के संयुक्त तत्वावधान में १४- १६ नवम्बर, २००८ को 'पंत- द्रौलेच्च स्मृति' विद्गाय पर आयोजित त्रिदिवसीय राद्गट्रीय संगोद्गठी में भाग लिया तथा कुमाउँनी काव्य-पाठ किया। २००८,

११.   एकेडेमिक स्टॉफ कालेज, कुमाऊँ विच्च्वविद्यालय नैनीताल द्वारा प्रायोजित तथा हिंदी विभाग, एस०एस०जे० परिसर, अल्मोड ा द्वारा दिनांक २१. १२. २००७ से १०. ०१. २००८ तक 'आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का रचना संसार' विद्गाय पर आयोजित रिफैच्चर कोर्स (पुनर्नवी पाठ्‌यक्रम) में पाँच व्याखयान दिए। २००७-२००८,
२००७
१२.    कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस०एस०जे० परिसर, अल्मोड ा में इतिहास विभाग द्वारा ९-१० फरवरी, २००७ को 'भारतीय स्तोत्र साहित्य की उपादेयता' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लिया तथा 'श्रीमद्‌भगवत्‌ गीता की प्रासंगिकता' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००७,

१३.    महादेवी वर्मा सृजनपीठ, मल्ला रामगढ , कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा २६ मार्च, २००७ को 'महोदवी वर्मा जन्मशतवार्षिकी : २००७' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया तथा 'महादेवी वर्मा की समीक्षा दृष्टि' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००७,

१४.    वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस०एस०जे० परिसर, अल्मोड ा में २५ जून से २७ जून २००७ तक आयोजित राष्ट्रीय शब्दावली कार्यशाला में भाग लिया तथा 'आंचलिक भौगोलिक शब्दावली' विषय पर शोध पत्र वाचन किया। २००७,

२००६
१५.    सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तरांचल शासन तथा कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा प्रायोजित एवं हिंदी विभाग, एस०एस०जे० परिसर अल्मोड़ा द्वारा ९ अप्रैल से ११ अप्रैल, २००६ को 'उत्तरांचल के रचनाकार और उनका साहित्य' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया तथा 'कुमाउनी साहित्य का उद्‌भव एवं विकास' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००६,
२००५
१६.    कुमाऊँ विश्वविद्यालय, डी.एस.बी. परिसर, नैनीताल में १२ मार्च २००५ को उत्तरांचल के कवि-रचनाकार (लीलाधर जगूड ी, मंगलेश डबराल, वीरेन डंगवाल, हरीश चन्द्र पाण्डे तथा सुन्दर चंद ठाकुर) के सम्मान में आयोजित 'अपनी कविता के बीच : सम्बोधन तथा काव्य पाठ' विषयक गोष्ठी में भाग लिया।  २००५,

१७.    कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा ७ एवं ८ नवम्बर २००५ में आयोजित दूरस्थ शिक्षा अभिविन्यास कार्यशाला में भागीदारी की। २००५,

१८.    वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस.एस.जे. परिसर अल्मोड ा में ११ दिसम्बर से १३ दिसम्बर २००५ तक आयोजित 'मानविकी तथा प्रशासनिक हिंदी' विषयक राष्ट्रीय शब्दावली कार्यशाला में भाग लिया तथा 'प्रशासनिक हिंदी : एक विहंगावलोकन' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००५,
२००४
१९.    साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली तथा हिंदी विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक ९ तथा १० जून २००४ को नैनीताल में आयोजित 'सुभद्रा कुमारी चौहान जन्मशतवार्षिकी' संगोष्ठी समारोह में सक्रिय भागीदारी की।  २००४,

२०.    वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस.एस.जे. परिसर, अल्मोड ा में दिनांक २५ अक्टूबर से २७ अक्टूबर २००४ तक आयोजित 'राजभाषा, प्रशासनिक हिंदी तथा मानविकी' विषयक शब्दावली कार्यशाला में भाग लिया तथा 'वैश्विकीकरण और हिंदी' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००४ ,

२१.    संस्कृति विभाग, भारत सरकार, महादेवी साहित्य संग्रहालय, उमागढ  (रामगढ ) तथा हिंदी विभाग कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक ९ नवम्बर २००४ को आयोजित 'महादेवी का रचना संसार' विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी में भाग लिया तथा 'महादेवी वर्मा का स्त्री विमर्श' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००४,

२००३
२२.    वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस.एस.जे. परिसर, अल्मोड़ा में दिनांक १६ जून से १८ जून २००३ तक आयोजित 'प्रशासनिक हिंदी, मानविकी तथा पर्यावरण विज्ञान' विषयक शब्दावली कार्यशाला में भाग लिया तथा 'कृषि विषयक आंचलिक तकनीकी शब्दावली' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।  २००३,
२३.    विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय, एस.एस.जे. परिसर अल्मोड ा में दिनांक २९ अक्टूबर से ३१ अक्टूबर २००३ तक आयोजित सेमिनार में 'लोक माध्यमों, विशेषतः कुमाउँनी लोककथा के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार' पर ब्रेन स्टोर्मिंग सत्र में संसाधन व्यक्ति के रूप में सक्रिय सहभागिता की तथा 'कुमाउँनी कहावतों का वैज्ञानिक आधार' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।  २००३,
२००२
२४.    वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय एस.एस.जे. परिसर, अल्मोड ा में दिनांक १मई से ३ मई २००२ तक आयाोजित 'प्रशासनिक हिंदी, मानविकी तथा पर्यावरण विज्ञान' विषयक शब्दावली कार्यशाला में भाग लिया तथा 'परम्परित ज्ञान विषयक आंचलिक तकनीकी शब्दावली' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००२,

२५.    नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया द्वारा नैनीताल मंें १ जून से ८ जून २००२ तक आयोजित पुस्तक मेले एवं साहित्यिक गोष्ठी में दिनांक ५ जून २००२ को पुस्तक और ई-बुक्स' एवं ०६ जून २००२ को 'पुस्तक और सिनेमा' विषय पर व्याखयान दिया एवं परिचर्चा में भाग लिया।  २००२,

२००१

२६.    'ब्रतपालजी एवं पन्नालाल जी स्मृति न्यास', अल्मोड ा द्वारा 'उत्तरांचल के बहुआयामी विकास में गढ वाली, कुमाउँनी, हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा की भूमिका' विषय पर दिनांक १४ सितम्बर से १६ सितम्बर २००१ तक आयोजित सेमिनार में भाग लिया तथा 'उत्तरांचल के बहुआयामी विकास में कुमाउँनी भाषा की भूमिका' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। २००१,

१९९९

२७.    वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिसर, अल्मोड ा में २७ सितम्बर से ३० सितम्बर १९९९ तक आयोजित पर्यावरण विषयक राष्ट्रीय शब्दावली कार्यशाला में 'पर्यावरण विषयक कुमाउँनी शब्दावली' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९९९,


१९९७
२८.    उ०प्र० हिन्दी संस्थान तथा महादेवी संग्रहालय, रामगढ़ के संयुक्त तत्त्वावधान में 'पंत स्मृति समारोह' के उपलक्ष में उ० प्र० प्रशासन अकादमी नैनीताल में २० मई १९९७ को आयोजित सेमिनार में 'पंत का नवचेतनावाद' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९९७,

२९.    वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार के तत्त्वावधान में कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिसर अल्मोड ा में २५ जून से २८ जून १९९७ तक आयोजित राष्ट्रीय शब्दावली कार्यशाला में 'हिन्दी भाषा : विविध संदर्भ' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९९७,
१९९६
३०.    उत्तराखण्ड शोध संस्थान की अल्मोड ा इकाई द्वारा श्री लक्ष्मी भंडार, अल्मोड ा में आयोजित सेमिनार में 'कुमाउँनी समाज और संस्कृति' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९९६,


१९९५
३१.    कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिसर, अल्मोड ा में ४ एवं ५ मई १९९५ को 'कुमाउँनी भाषा का मानकीकरण' विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में 'कुमाउँनी भाषा का मानकीकरण : समस्या और समाधान' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९९५,

३२.    'कला एवं साहित्य में साम्प्रदायिक सद्‌भाव' विषय पर राजकीय संग्रहालय अल्मोड ा में ३० जून १९९५ को आयोजित सेमिनार में 'पंत साहित्य और गाँधीवाद' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया, जो बाद में संग्रहालय द्वारा सर्वोत्तम पाए जाने के कारण अलग से 'मोनोग्राफ'/'एकल निबंध' के रूप में प्रकाशित किया गया। १९९५,

३३.    कुमाऊँ विश्वविद्यालय परिसर, अल्मोड ा में दिनांक १६ नवम्बर से १८ नवम्बर १९९५ तक आयोजित 'हिमालयी लोकवार्ता संगोष्ठी' में 'लोकवार्ता और भाषा-विज्ञान' विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। १९९५,

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१९८९

३४.   बनारस हिन्दू विश्वविधालय में दिनांक २४.०८.८९ से ०६.०९.८९ तक सम्पन्न 'पुनश्चर्या पाठ्‌यक्रम में भाग लिया तथा ४ सितंबर १९८९ को 'लोकायतनः प्रेरणा और प्रतिपाध' विषय पर शोध पन्न प्रस्तुत किया। १९८९,

१९८८

३५.   'साक्षरता निकेतन' लखनऊ में दिनांक १८.०७.८८ को आयोजित 'साक्षरता अभिनवी प्रशिक्षण' में भाग लिया । १९८८,

१९८७

३६.   उत्तराखण्ड शोध संस्थान द्वारा संघटक महाविधालय अल्मोङा में १७ एवं १८ अक्टूबर १९८७ को 'उत्तराखण्ड का इतिहास और संस्कृति' विषय पर आयोजित सेमिनार में 'कुमाउँनी संस्कृति' विषय पर शोध पन्न प्रस्तुत किया। १९८७,

३७.   टे्रनिंग एण्ड ओरिएण्टेशन सेंटर, यूनिवर्सिटी ऑफ स्न्ड की में दिनांक २२.०६.८७ से ०४.०७.८७ तक रा० से० यो० के अंतर्गत 'ओरिएण्टेशन एण्ड टे्रनिंग कोर्स' का प्रशिक्षण प्राप्त किया। १९८७,

१९७६

३८.   विश्वविधालय अनुदान आयोग के तत्त्वावधान में दिनांक १८.१०.७६ से २४.१०.७६ तक डी०एस०बी० कॉलेज, नैनीताल में आयोजित 'हिन्दी शिक्षण कार्य-गोष्ठी' (हिन्दी वर्क शॉप) में भाग लिया। १९७६,

 

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