Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 357253 times)

Bhishma Kukreti

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 कैन अफवा सरायी , फैलाई बल मी कम्प्यूटर व्यसनी  छौं ?
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मजाक ,मसखरी , मुलमुल हंसी : भीष्म कुकरेती

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                   कैन  अफवा फैला  दे  बल भीषम त कम्प्यूटर व्यसनी च याने कम्प्यूटर गुलाम च , बल भीषम बगैर कम्प्यूटर का रै इ  नि सकुद।  ऑवर लोगुंन त सच नि मानी पर मेरी ध्याणि , घरवळि , अर्धांगनीन  न सच मानि दे  जन हरीश जुयाल कुटज की वाइफन गिरीश सुन्दरियाल की उदायिन अफवा तै सच्च मानी दे बल हरीशन फिर से पव्वा , दारु , नौटांग शुरू कर दे।
  अब बथाओ यु ठीक च जब मे तैं नातणि गू पुंजण छौ तब मि ई मेल चेक करदो कि कखि कैं सामाजिक संस्थान क्वी  अवार्ड , इनाम किताब दीणो फैसला त नि कौर हो।  अब साहित्यकारै आस त बुडेंद तक ही ना मड़घट जाण तक हूंदी च बल कि एकाद अवार्ड सवार्ड मिल जाव !
 मि अर  कम्प्यूटर ऐडिक्ट , ढब्युं , व्यसनी ?  मीन बड़ो ऐना म अफु तैं ठीक से टक्क लगैक घूर क्या द्याख त पायी कि मी बि आम मनिख खासकर आम  मिडल क्लास भारतीयौ तरां माल न्यूट्रशन , कुपोषण का शिकार ना अपितु अति भोजन प्रियता 
   अर कचर  पचर खाणो कारण     गेरी इन चढ़ी गे जन बुल्यां   नौ मैना दुबास्ता जनानी की गेरी हो।  हाँ मुख पर जरा जरा पीलो पण च पर मै नि लगद यु कम्प्यूटर व्यसनी चिन्ह च अपितु भौत दिनों से मि भैर घूम इ नि छौ तो सूर्य किरण अप्राप्ति से गल्वड़ -सल्वड़ पील पोड़ गे ह्वाल।  पर मि देर रात तक कम्प्यूटरs समिण त नि रौंद बैठ्युं। 
मि अर कम्प्यूटर ठसकी व्यसनी ? ना जी ना बिलकुल कत्तई ना। हाँ     उ ठीक च जब दाढ़ी बणानो टैम हूंद मि  फेसबुक म अपर ना हौरुं Like , Comments , Love टटोळणु रौंद कि मि जु गढ़वाली नाटकों इतिहास पोस्ट करदो तो केवल चार Like एक फोकट माँ great कमेंट अर दगड्यों फोटो पर 400 Like अर 200 comments . इन मा दाढ़ी प्राचीन ऋषि मुन्युं तरां बढ़ गे।  अर दोष कम्प्यूटर ौ नी च अपितु मीन काका हाथरसी की कविता पौढ़  बल " औरत की सोभा साड़ी  में , मकान की शोभा सीढ़ी में मर्द की शोभा दाढ़ी में '  अब काका हाथरसी च्याला हूण क्वी गुनाह या व्यसन तो नी ना !
  मि अर कम्प्यूटर ऐडिक्ट ?  जब अपण चेयर की गंदी गद्दी साफ़ करणौ बगत  रौंद तब मि धनेश  कोठारी , दिनेश ध्यानी सरीखों पोस्ट पढ़णु रौंद , ईर्ष्या , जळण  माँ राख हूणु रौंद  कि कन यूंन  भौत सा ब्लॉगों म अपण साहित्य प्रचारित कर याल।  अरे चेयर की गंदी गद्दे तो कबि बि साफ़ ह्वेई जाली किन्तु सहोदर साहित्यकारों की प्रगति से जळण बि महत्वपूर्ण च निथर बिचारा धनेश कोठरी , दिनेश ध्यानी निरसे नि जाल ? सहोदर साहित्यकारों की उन्नति पर जळण तैं कम्प्यूटर ऐडिक्ट त नि बुले सक्यांद ना ?
       फोकट म लोगुंन अफवा फैलाई दे बल भीषम कम्प्यूटर ऐडिक्ट ह्वे गे अर मेरी वाइफन सच्च मानी दे।  यांसे क्या ह्वे मि अल्लू , प्याज , हरी मिर्च , हरी भुज्जी , सुख्यूं आदो , छांछ ,  जु  मि ऑनलाइन मंगांद थौ  स्यु मेरी वाइफन बंद कराई दे , डेबिट कार्ड कैंसल हि कराई दे।  अब वाइफ बुल्दी बल चलो रियल शॉपिंग कारो अर वर्चुअल शॉपिंग बंद कारो।  वाइफ तै कनै बतौं जथगा समय मि रियल शॉपिंग म लगान्दु उथगा समय म मि सोशल मीडिया म दगड्यों पोस्ट की बड़ाई कम्मेन्ट्स देलु तो बिचारों साहस बढ़ल कि ना ? खामखां लोगुंन म्यार ऑनलाइन शॉपिंग तै कम्प्यूटर एडिक्शन नाम दे दयायी अर मि तै बदनाम कर दे । 
   मै नि लगद मि कम्प्यूटर ैदिक व्यसनी छौं।  हाँ कम्प्यूटर से प्यार च अर जरा सि खांद दैं बि की बोर्ड नि दिखे तो मे से खाये नि ज्यांद , ट्वायलेट म मोबाईल कम्प्यूटर नि हो तो झाड़ा ठीक से नि हूंद।  पर यो तो प्यार च , कम्प्यूटर लव च ये तै कम्प्यूटर एडिक्शन बुलण सरासर अत्याचार च।  आपकी राय क्या च ?

सर्वाधिकार @ भीष्म कुकरेती मई 2009

Bhishma Kukreti

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 म्यार बैंकॉक पटाया मसाज  का अनुभव
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चबोड़ , चखन्यौ , मसखरी : भीष्म कुकरेती
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  म्यार दिमागम , मगजम मसाज याने मालिश की द्वी छवि छन। 
पैल  छवि फिल्म या टीवी सीरियलों मा या तो सूमो टाइपो पहलवान कै  पितक्यूं मनिखो मालिशौ बहाना इन धुलै करद जन बुलया आटो ना माटु गुंदणु हो।  फिल्मों म जमींदार या भयानक हत्त्यारा खलनायक बि पहलवानो से मालिश करवाणो छवि मया दिमाग म च त दगड़म अमरीश प्यूरी , अनवर जान खलनायक की मालिश करदा छमना पात्तरुं  छवि बि दिमागम बैठीं च जी। 
  दुसर   छवि च दगड्यों सुणायीं बात - भाई बहिन जी - थाई मसाज याने श्रृंगार युक्त मसाज याने पटाया या बैंकॉक म मसाज।  म्यार दुकानदार मित्र बैंकॉक पटाया का अपण मसाज अनुभव तै इन रसीली भौण म सुणांदन बल ज्यू बुल्यांद आबि फ़्लैट पकड़ी बैंकॉक पटाया भाजी जौं।  पर फिर सुचदो बल मि तै महिला मालिशदारों से मालिश कराणो िनी शौक हूंद त हॉंककॉंग मकाउ  यात्रा म ही जनान्युं से मालिश करवै लींदो। 
 मालिश , मसाज पर चिंता सुदि नि ह्वे।  भौत क्या कई सालों से गर्दन अर कमर दर्द की परेशानी छे।  जवानी म त डा अर द्वी ब्यौ या वाइफ अर भैर धरीं प्रेमिका मनिख झेल लींदो किन्तु बुढ़ापा म ना त डा सयेंदु ना ही द्वी कज्याण्युं  से सांजस्य हूंद। िनी जवानी म पेन किलर या अन्य दवाईयों से कमर दर्द अर गर्दन दर्द झेलणु  पर अब यीं उमर म परमानेंट सोल्यूसन की खोज म म्यार चार साल लग गेन।  एक मंहगा डाक्टरन त इख तक बोलि दे जथगा बि कमर बचीं च बचा ऐज बोनस।  अब द्याखौ कलियुग म इन बि डाक्टर छन जो जिंदगी बचाणम कम विश्वास करद बल्कि जिंदगी तै बोनस समजदु।  खैर इना उना भटकण अर यार दोस्त इ ना तांत्रिक मांत्रिकों की सलाह से मीन कनक्लूजन , निष्कर्ष निकाळ बल मसाज ही आखरी विकल्प च गर्दन अर कमर दर्द से निजात पाणो।
    पर मसाज से मै इन डौर लगणी राई बल कखी मसाज करंदेर या करंदेरी मि तै इन कुर्ची दे जन टीवी सीरियलों म सूमो पहलवान मसाज करदो दै मरीज तै पिटद या गुंदद मतलब खुटन थंथ्याद  ।  पता नि मन मा इन किलै नि आयी बल  मसाज बैंकॉक पटाया स्टाइल म बि त ह्वे सकद।  मि डौरन मालिश टाळणु रौं किन्तु भौत दिन तक नि टाळि साकु।  तब घरवाळि एक मालिश विषज्ञाणिम मै लीग।  मै लग मि भारत म ही बैंकॉक पटाया अनुभव करलु।
लेडीज मसाज मेकर बड़ी खूबसूरत छे अर अंग्रेजी जानकार छे तो स्यूर छौ बल सया छमना पातर त के इ होली।  अंग्रेजी ज्ञान भौत सी कमी छुपाई लुकाई दींद।
  लेडी मसाज मेकरन पैल मेंसे अर मेरी घरवळि से लिखित म लिखवाई बल मालिश से कुछ नुक्सान मि त मसाज मेकर ना मि इ जुम्मेवार होलु।  एकुण बुल्दन बल जैक मोर सीइ भौर। 
  लेडी मसाज मेकरन मै भितर ओप्रेसन रूम म भ्याज जख अति सुंदर अप्सरा सम बिगरैलि असिस्टिंग मसाज मेकरोंन में तै लंगोट पैरणो दे।  बैंकॉक पटाया मसाज अनुभवी दगड्योंन कबि  नि बताई बल मसाज म लंगोट पैरण पोड़द।  असिस्टिंग लेडी मसाज मेकरन लंगोट का बेड़ एक तौलिया पैरणो बवाल। अर मि तै एक कठोर किन्तु आरामदायक टेबल म उल्टां पड़ाळ दे।  मीन द्याख आस पास क्वी तेल फुलेल की क्वी बोतल नि छे जब कि दगड्यों अनुभव बुलणु छौ आस पास मालिस हेतु बनि बनि तेल बोतल हूण  चयेणु छौ। 
     थ्वड़ा देरम सीनियर मसाज मेकर आयी अर जूनियर मसाज मेकर  सावधान ह्वे गेन।  सं म्यार टेबल क पास चरी तरफ खड़ ह्वे गेन।
 सीनियर मसाज मेकरन मेरी गर्दन की हड्डी पटकांद पूछ - कखम च डा ? मीन बताई अर मसाज मेकर हाथ सरकाणि राई फिर वींक हाथ उखम चल गए जख्म डा छौ मीन हांमी भौर।  सीनियर मसाज मेकरन जोर से हथन दबायी अर अपण जूनियरों तै आँखों आँखों म आज्ञा दे।  एक म्यार बैं खुटक कर अंगुळि नंग , दुसर दैं खुटक कर   अंगुळि नंग जोर से दबाण लग गेन मि तै इन डा ह्वे कि मि किराण मिसे ग्यों।   एक जूनियर न बोल ," मर्द जैसे बिहेव करो।  डोंट कराई लाइक हारे हुए लीडर '
   मि चुप ह्वे ग्यों ।  अफु तैं मर्द शाबित जि करण।  फिर मि तै यांसे बि बिंडी डाउ ह्वे  दिखाणो बान मि चुप्प इ रौ। गर्दन का तीन जगा डा छे तो हर हिस्सा  का दर्द वास्ता जूनियर मसाज मेकरुंन खुटक अलग अंगुळयूं नंग दबैन।  दर्द ह्वे  च भौत  ह्वै पर मि  पूरी तरह से सॉलिड मर्द बण गे  छौ।  सीनियरन फिर कमर का हिस्सा पटकै    कमर म हर अंग का  वास्ता मसाज मेकरुंन म्यार हाथs विभिन्न अंगळयुं नंग दबैन दर्द ह्वे  पर  मीन मर्दानगी नि छ्वाड़।
 आधा या पौण घंटा सीनियर म्यार गर्दन या कमर का कै हिस्सा पटकाओ   अर जखम बि  दर्द हो प्रतिक्रिया स्वरूप जूनियर मसाज मेकर कखि ना कखि  दबाणा रैन। फिर जब   सब फारिक ह्वे त मि  तै खड़ करे गे अर कमर व गर्दन इना ऊना करणो आदेश दिए गे।   मीन कमर हलायी , गर्दन हिलायी , शरीर खुट तक झुकाई पर कखि दर्द नि ह्वे।  सब मसाज मेकर मे से अधिक खुस ह्वेन।
सीनियर  मसाज मेकरन बोल - मिस्टर कुकरेती यू मे नाउ  जो ऐंड रिलैक्स फोर हॉल  लाइफ। 
मीन आश्चर्य से पूछ - ऐंड व्हट अबाउट मसाज ?
 एक जूनियर मसाज मेकरन उत्तर दे - ब्लडी फूल ! दिस इज नॉट मसाज सेंटर।   यह अक्युपंचर सेंटर है।  आते समय बाहर बोर्ड  नहीं पढ़ा क्या। बोर्ड में म साफ़ लिखा है "आयुर्वेद अक्युपंचर सेंटर" !   

Copyright @ Bhishma Kukreti , मई 2019
( जु कथा सच्च लग त मेरी कल्पनाशक्ति की प्रशंसा करण नि बिसरेन )

 Garhwali Humor on Bangkok Pattaya Massage by writer of Jaspur Garhwal; Garhwali Humor on Bangkok Pattaya Massage by writer of Dhangu Garhwal; Garhwali Humor on Bangkok Pattaya Massage by writer of Dwarikhal Block Garhwal;Garhwali Humor on Bangkok Pattaya Massage by writer of Yamkeshwar Constituency Garhwal;Garhwali Humor on Bangkok Pattaya Massage by writer of Garhwal, Uttarakhand .


Bhishma Kukreti

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  दांतु टुपला (Crown )[/b]
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चखन्यौर्या  स्वांग  अनुवाद : भीष्म कुकरेती
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 दांतु डाक्टर -हेलो
दांतु मरीज - हेलो
दांतु डाक्टर - क्या हाल छन ?
दांतु मरीज -सामन्य अर कन।
 दांतु डाक्टर -बढ़िया , बढ़िया , गनीमत च। अच्छा तुम दांत ब्रश्यांद छा कि ना ?
दांतु मरीज - ब्रश्यांद ?
दांतु डाक्टर - अरे गढ़वाली म ब्रश करणो कुण ब्रश्याण इ त बुले जाल कि ना ?
दांतु मरीज - हैं मि त समजदो छौ बल तुम दांतु डाकट छा पर तुम गढ़वाली व्याकरण का डाक्टर ज्यादा लगदा। 
दांतु डाक्टर - मि पुछणु छौं बल तुम रोज ब्रश करदा छा कि ना ?
दांतु मरीज - तुमर मतबल मि दांतु टुपला ब्रश करदो छौ कि ना ?
दांतु डाक्टर - हाँ हाँ टीथ क्रॉउन ब्रशिंग
दांतु मरीज - ह्यां तुमर बदौलत म्यार क्वी बि दांत नी बच्यूं सब दांत त तुमन टुपलों से रिप्लेस कौर आलिन।
 दांतु डाक्टर - ः पर तुम नकली टुपला ब्रश करदा छा कि ना ?
दांतु मरीज - ह्यां पर वो तो धातु टुपला छन कौन सा सड़ जाल जु मि ब्रश कौरुं !
दांतु डाक्टर - फिर बि ब्रश करण इ चयेंद।
दांतु मरीज - ह्यां पर किलै ?
दांतु डाक्टर - ब्रश त   .. खैर जरा तुमर जिबाड़ मतबल जबड़ा चेक करण पोड़ल।  जरा जबड़ा ख्वालो। ये मेरी ब्वे ? हे ब्वे ! ओ  माई गॉड
दांतु मरीज - ह्यां क्या ह्वाइ ?
दांतु डाक्टर - भौत सा टीथ क्रॉउनु शेप खराब ह्वे गे।
दांतु मरीज -मतबल बदलण पोड़ल ?
 दांतु डाक्टर -हाँ पर कनै पता चल ?
दांतु मरीज  (आपरी मन म ) - पूछेर म जावो तो दिबता द्वेष बताल ही दांतु डाक्टर म जावो तो दांत रिप्लेसमेन्ट  की बात होली ही।
दांतु मरीज - जी बस अंथाज
दांतु डाक्टर -अच्छा टीथ क्राउनुं रंग कन पसंद च ?
दांतु मरीज - जबड़ा म चार पांच दांत त बच्यां छन त कटना रंग ?
दांतु डाक्टर - द्याखौ पील दांत तो तुम सफेद रंगौ टुपला से रिप्लेस कारो।
दांतु मरीज - अर सफेद दांत ?
दांतु डाक्टर -पीला टुपला से रिप्लेस करण ठीक च।
दांतु मरीज - ह्यां पर मीम इथगा पैसा नीन। अर  दांतुं कुण इंस्युरेन्स स्कीम बि नी।
 दांतु डाक्टर - क्वी बात नी मीम मंथली इंस्टालमेंट की स्कीम बि च बस द्वी टका सालाना ब्याज ज्यादा च।  नो फॉर्म फाइलिंग फॉर्मलिटीज।
दांतु मरीज - अर जु मि इन्स्टालमेन्ट नि भरल तो ?
दांतु डाक्टर -  हर मैना त इख आणि पोड़ल तो इन्स्टालेंट उगाई ल्योल।
दांतु मरीज - मतबल तुमर हथ हर मैना म्यार जेब पुटुक राल ही ?
दांतु डाक्टर - इखम द्वी राय नी।  एक दै जु तुम नर्सिंग  ठौ  अपर भीतर  धारो त हर साल पुजण इ पोड़ल।  ऊनि एक दैं दांतु डाक्टर म आवो तो हर मैना दक्षिणा दीणो आण इ पोड़ल।
दांतु मरीज - अच्छा त सब दांतु टुपला बदली कर द्यावो इन्स्टालमेन्ट स्किम म।
दांतु डाक्टर - वेरी गुड।  भैर रिसेप्सन से अगला हफ्ता टुपणा रिप्लेसमेंट का अप्वाइंटमेंट ले ल्यावो। 
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 प्रशिक्षण हेतु एक विदेशी मनोलॉग  कु  अनुवाद





Bhishma Kukreti

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चाइनीज होटलम जैन मापो टोफू विदाउट स्प्रिंग अनियन
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 मजाक मसखरी : भीष्म कुकरेती

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 सि  वै  दिन ग्रेट  संघाई चाइनीज होटलम भोजन छौ।    उन मि चाइनीज , इटालियन , मैक्सिकन कुजीन भौत पसंद करदो किन्तु दुसरा मौणी मा अपर जेबन ना।   अपण  खीसा से विदेशी भोजन म मजा  त नि आन्दु ।  हाँ त तै बगत दसेक लोक रै होला। तौं मादे छै शाकाहारी छ अर यूं मादे चार जैन छ द्वी अबि अबि वेज बणीन त जोर जोर से वेटर पर किराणा छा कखि नॉन वेज करी मिक्स नि ह्वे जाव् हाँ।  चार पक्का हिंदी छा जु आज सुंगर याने पोक का पूरा मजा लीण चाणा छा तो द्वी मुसलमान पोक से दूर इ रौण चाणा छा।
   जब शुरू ह्वे त वेटरन ड्रिंक्स बाराम पूछ त सब्युंन चाइनीज टी की फरमाइश करि।  जबकि अमूनन हिन्दू हो , हिन्दू जैन हो , सिख हो या मुसलमान हो हिन्दुस्तानी भजन से पैल चाय पीण त छोड़ो दिखण बि पसंद नि करदो केवल चाइनीज होटलम भोजन से पैल चायपान  ।  मीन लिम्बु पाणी मंगै दे , वेटर त ना पर बकै सब भोजन प्रेमी आश्चर्य म चली गेन जन बुल्यां मीन  जैन मंदिर आहाताम नॉन वेज मंगाई दे हो। 
 स्टार्टर आयी तो एक बिरळs तरां गुर्राणु छौ बल मी तै चिली गार्लिक प्राउन नि चयाणु छौ।  त एक शाकाहारी न स्टार्टर कुछ बि नि खायी , किलैकि वींक कौस्मैटोलिगिस्टन में मीनू खाणै सलाह जि दियीं छे।
 कुछ देर बाद बातचीत भोजन अर भारतीय संस्कृति पर अटक गे।
क्वी रुणु थौ बल इडली बड़ा साम्भर से   पाचक ब्रेकफास्ट क्या होलु किन्तु हम चाइनीज डॉजियांग , टंगबाओ गीजी गेवां। फिर चाइनीज भोजन की प्रशंसा गीत लगण मिसेन।
जैन महिला न बोली - कबि म्यार ड्यार आवो तो मि असली जैन भोजन , जैन मक्खन उसल खलौल।
इथगा मा एक नॉन वेज महिला न बोली - म्यार ड्यार ऐला तो  मि नली निहारी खलौल।  सब नॉन भेज नली निहारी की प्रशंसा चौंफळा लगाण मिसे गेन। जैन लोगुं कुण नो गार्लिक , नो अनियन। 
जब में कोर्स आयी त वेटरों होसियारी दिखण लैक छै , मुस्लिम का आस पास पोक /सूअर का मांस नि आण चयेंद , जैन लोगन पास क्वी बि नॉन वेज का अंस नि दिखेण चयेंद।  तो हिन्दू नॉन वेज टेरियन का पास बीफ नाम नि आण चयेंद।
   असली भारतीय संस्कृति दर्शन दिखणो मिलणु छौ।  अलग अलग भोजन शैली किन्तु सामंजस्य ह्वे जांद। 

Copyright @ Bhishma Kukreti मई 2019

Bhishma Kukreti

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कौन कमबख्त गम हटाने को पीता है...  हम तो
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चबोड्या स्किट : भीष्म कुकरेती

s = आधी अ
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घराती प्रौढ़ - ये बख्तारु ! स्यु म्यार स्याळs नाक लाल किलै ?
स्याळ - जीजा जी ! तुमर मरखुड्या समदीन ल्वाड़न म्यार नाक थींच दे।
जीजा - नै नै समदि जी  त गौ रूप छन च।  जरूर कुछ त ह्वे ह्वाल।
स्याळ -मरखुड्या च तुमर समदी।
जीजा - पर समदी जी त मथि ख्वाळ  रमेशा इख आराम करणो जयां  छा तू कख मीलि ?
स्याळ - हाँ हाँ सूबेदार रमेश जीजान इ हम तै बिठाळ दे जख तुमर मरखुड्या समदी पड़्युं छौ।
जीजा - हां पर समदी जी तो पींद इ नि छन तो।
स्याळ -सूबेदार जीन भौत प्रेम से मिन्नत कार अर हम तिन्न्युंन  अदा अदा घटकै दे।  निखालिश घ्वाड़ा ब्रैंड रम।   रम माने रम।
जीजा - तो ?
बखत्वारु - त क्या येन हौर बि पे दे।
स्याळ -किसी के बाप की पी थी क्या ?सूबेदार जीजा ने पिलाई थी। 
जीजा - अरे पर तीन प्यायी त समदी जीक ले क्या ?
बख्तवारु - जरा बिंडी चढ़ गे त घ्याळ बि ह्वे गे।
जीजा - पर समदी जी त कम सुणदन तो इखम हल्ला कम पे  या बिंडी पे क्या फरक पड़दो ?
बख्तवारु -  जरा नीट रम बिंडी इ ह्वे गे छे  त तै बिंडी चढ़ गे छे।
स्याळ - अरे दुख  तो होगा ही ना।  जीजा मुझसे ज्यादा सम्मान मेरे बड़े भय्यिये को देते हैं
जीजा - अबे सम्मान का बच्चा समदी जीन त्यार नाक किलै   थींच ?
बख्तवारु -  ह्यां तैन उलटी कर दे छे। 
 जीजा - उलटी कार तो भी समदि जीन ?  क्या एन समदी जीक मथि  उलटी कर दे छे क्या ?
स्याळ -हां पर मीन क्या समज मि सै जगा उल्टि  करणु छौं।
जीजा - एक त ऊंक मथि उल्टि करणो क्या जरूरत छे ? अर उल्टि ह्वे बि गे छे त बि साफ़ सूफ कर दींदा।
बख्तवारु -  उल्टिन तुमर समदी जीक सरा मुख भोरे गे छौ तो ऊँ तैं गुस्सा ऐ गे अर ऊंन थांतन एक नाक थींच दे।
जीजा - ह्यां पण उल्टि करणो म्यार समदी क मुक इ मील ? क्या बै क्वी इन उल्टि करदो क्या ? भैर जांद पश्वाउन्द उल्टि करदो।
स्याळ - अब तुमर समदीs   गिच्च  इथगा  चौड़ खोल्यूं  छौ तो मीन समज पश्वा च अर  अर    ....
बख्तवारु -  अर एन पश्वा जाणी तुमर समदीक गिच्चुंद  उल्टी कर दे
जीजा - अबे  क्वी मुंगर लावो मि एक रही सही हड्डी बी तोड़दु। 

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जसपुर गढ़वाल से शराब संबंधी व्यंग्य व जोक्स; ढांगू गढ़वाल से शराब संबंधी व्यंग्य व जोक्स; द्वारीखाल ब्लॉक गढ़वाल से शराब संबंधी व्यंग्य व जोक्स; यमकेश्वर विधान सभा गढ़वाल से शराब संबंधी व्यंग्य व जोक्स; गढ़वाल से शराब संबंधी व्यंग्य व जोक्स;




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 असली भीष्म कुकरेती क्वा च ?

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 चबोड़म आत्ममुग्ध साहित्य  : भीष्म कुकरेती
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  ब्याळि दिनिम सुपिन दिखणु छौ बल न्यूआर्क  टाइम्स , बि 'फॉर गढ़वाली रीडर्स 'एडिसन' म  रोज गढ़वाली व्यंग्य छपण बिसे गे।   कुछ गढ़वाली का महान व्यंग्यकारों जीवनी बि न्यू आर्क टाइम्स कंटेंट एजेंसी ( नेटवर्क ) मि छपद जन कि अखिलेश अलखणिया , पारशर गौड़  , हरीश जुयाल  आदि , मेरी जीवनी इन दियीं च न्यूआर्क टाइम्स का राइटर गिल्ड म -
   जसपुर , गढ़वाल म जन्मयुं भीष्म कुकरेती का जन्म तिथि यद्यपि द्वी अप्रैल 1952 बताये जांद , यू  पी बोर्ड त इनि बतांद पर जन जनरल (रि ) वी के सिंह की जन्म तिथि म लोगुं तैं संशय च तनि कुछ कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं तै अंदेशा च बल या जन्म तिथि सही नी।  भीष्म कुकरेती का परिवार पंडित किशन दत्त कंडवाल की बणाइं  ओरिजिनल जन्म पत्री  दीणो तयार नीन।  सन 52 से भीष्म कुकरेती दिन प्रतिदिन सरैल  से अवश्य बड़ हूणु च किन्तु गौक सौं बुद्धि माँ क्वी वृद्धि नी  हूणी च।  सिद्ध हूंद बल  फिरोज  जहांगीर गांधी परिवार म इ बुड्या निर्बुद्ध, ,  मूर्ख , लाटा  नि हूंदन , गुदड़ जी कुकरेती का  खानदान म बि  कमबुद्धि ,  कम अकली, नॉनसेंस   बुड्या ह्वे सकदन।
                    भीष्म कुकरेती तैं आधारिक विद्यालय से लेकि उच्च माध्यमिक तक हर साल ' बेस्ट जोकर ऑफ़ दि  क्लास ' अवार्ड मिल्दो गे। असलम जन आंत विहीन , दांत विहीन बुड्यों तैं 'वरिष्ठ नागरिक ' या सीनियर सिटीजन 'बुले जांद उनि  सबसे बड़ो काला , लाटा, मूर्खा कुण  बेस्ट जोकर उपाधि छे।  भीष्म कुकरेती यां से कबि नराज नि  ह्वाई , जु छात्र हाइ स्कूल म गणित माँ सबसे ब्रिलियंट स्टूडेंट  हो अर इंटर म गणित छोड़ि जीव विज्ञान विषय चुनाव कारल तो वै तै हर साल सबसे बड़ो मूर्ख याने बेस्ट जोकर उपाधि से बड़ी उपाधि क्या ह्वे सकद छे ? बाद म ग्रेजुएशन अर पोस्ट ग्रेजुएशन म भीष्म कुकरेती तै सबसे सीधो छात्र की उपाधि मिलदी गे।  सीधो मतलब बकौल हरिशंकर प्रिशायी -एक बेचारा गधा '.   
   
      मुंबई म रैक बि भीष्म कुकरेती न अंग्रेजी या हिंदी म लिखण छोड़ि  अर जु गढ़वाली म ल्याखो अर प्रकाशित कारो वे से बड़ो मूर्ख तो फिरोज जहांगीर गांधी पौत्र बि नि ह्वे सकद।  इटालियन बहू सोनिया गांधी भी पुळयाणि रौंदी बल म्यार नौनु से बि बड़ा प्रौढ़ मूर्ख भारतम पैदा हूणा रौंदन। भीष्म कुकरेती की सबसे बड़ो लेखक हूणो सबसे बड़ो  सबूत या च आज तक मिसेज भीष्म कुकरेती न भीष्म का  एक बि लेख या कथा नि पौड़।  सुकरात महान इलै छौ किलैकि सुकरातौ वाइफन  सुकरात का लिख्युं कबि नि पौढ़ ना ही सुकरात की औकात समज । 
    भीष्म कुकरेती कबि बि अकल से प्रौढ़ नि ह्वे यांक सबूत म लखनपाल का भूतपूर्व मैनेजिंग डाइरेक्टर , मर्फी इणिडया का एमडी जतिन कोठरी (JMK )  , केनस्टार का सीईओ राहुल सेठी को कत्ति वक्तव्य छन बल रे कुकरेती  ! नाउ यू आर सीनियर मैनेजर सो बिहेव फॉर्मल टाक  एंड फॉरगेट इनफॉर्मल टॉकिंग विद बॉसेज। 
     भीष्म कुकरेती क जोकर याने महा मूर्ख हूणो एक और प्रबल  प्रमाण च बल।  आज तक भीष्म कुकरेती से अधिक पर्वतीय उत्तराखंड म कैन नि  लेखी, आज की तारीख म भीष्म से अधिक पाठक कै बि उत्तराखंडी लिख्वारौ  नि  छन  किन्तु पुस्तक का नाम पर द्वी या तीन ही पुस्तक छपीं छन।   
    भीष्म कुकरेती वास्तव म एक सीधो साधो बेचारा जेंटलमैन च अर यांक सबूत च बल नवानी अर अर्जुन सिंह गुसाईं पुरुष्कार का अलावा क्वी पुरुष्कार नि ले साको। 
भीष्म कुकरेती का मूर्खतापर्ण व्यवहार पर हर रोज सूचना दिये जाली। 
 Copyright on Retarded  behavior of  an old man is reserved  with Bhishma Kukreti and a politician  ..... (?)
जसपुर गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य , जोक्स; मल्ला ढांगू गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य , जोक्स; द्वारीखाल ब्लॉक गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य , जोक्स; सलाण  गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य , जोक्स; दक्षिण गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य , जोक्स; यमकेश्वर विधान सभा गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य , जोक्स;

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             आप क्याळा  बि बिचदा  ?

     हँसोड़या , चबोड़्या स्किट संकलन :::   भीष्म कुकरेती



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जगा - कम्प्यूटर दुकान
पात्र - कम्प्यूटर सेल्समैन , गाहक
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गाहक दुकान भितर आंद अर पुछद - क्याळा मीलल क्या ? मतलब आप क्याळा बि  बिचदा ?
सेल्समैन - ना ना
( गाहक पर्दा से भैर जांद अर फिर बौड़ी  भितर आंद। )
गाहक - क्याळा छन क्या ?
सेल्समैन - मीन ब्याळि बोल नी कि हम , क्याळा  नि बिच्दा। 

 ( गाहक पर्दा से भैर जांद अर फिर बौड़ी  भितर आंद। )
गाहक - क्याळा छन क्या ?
सेल्समैन - देख बै जु तीन  फिर से क्याळा नाम ले त मीन त्यार खुट पर कील पुड़े  दीण हां ! फिर नि बोली कि  ..
( गाहक पर्दा से भैर जांद अर फिर बौड़ी  भितर आंद। )



गाहक - अच्छा त  कील होला क्या
सेल्समैन ( गुस्सा म ) -  न बै ना ..
गाहक ( मासूमियत म ) - तो क्याळा  ही दे द्या। 




12/ 6 19  ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature ; Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language Literature  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar  ;
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  Breakfast with a Rich Friend
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South Asian Satirist humourist: Bhishma Kukreti
Yesterday, My Rich friend living in 45th floor of Posh colony asked me for early breakfast,” Kuki! Come to my house for breakfast. You come at 7.09 and I will be free for early morning breakfast.
   I reached his residence at fixed time.  His ardaley opened the door and my friend told,” I have tens of silver glasses but my Mud Therapist asks me to have hot water in mud cup only. So I am taking honey with hot water”
    After three minute, he told,” Oh my god! I am two minutes late in taking honey water before breakfast.”
  His ardaley brought honey with water in a small bronze cup.
 A minute later, his ardaley brought raw sprout with green chilli and cut lime pieces on two copper plates. My rich friend saw his hand watch and then glanced at wall clock and said,” OMG?  I am one and quarter minute late in taking sprout.” Then asking me for taking sprout, he said,” My Homeopathy enzyme consultant asked me for taking Moong sprout without salt but with fresh cut lime and green chilli “
 We finished sprout by fork and his ardaley brought some green juice in wood glasses. My rich friend explained,” OMG! I am quarter minute late in taking Mint juice with bitter guard slices. My acidity Unani physician advised me for taking mint juice with bitter guard slices or Neem juice without salt with Khajur Gur in wood glasses for no acidity problem.”
  My friend again saw his hand watch and wall clock and said,” Now breakfast is over. I hope you enjoyed the breakfast.”
   I did not respond for enjoying the breakfast.
 I stood as I understood that it was time for me to go out of his house.
Taking me to door he asked,” Hey! I am suffering sleeplessness for long. All types of doctors failed to bring my sleep. Do you know any Tantric Mantrik ?”
 I answered,” I will find” and came out of his flat.
Copyright@ Bhishma Kukreti


 
 

 


   


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I am ready for becoming Congress President
South Asian Satire, Wit, Humour: Bhishma Kukreti
 Ife-- You should take the fine job in hand.
I - Where are jobs? Opposition leaders are crying that India is now, jobless.
Wife- Opposition leaders don’t open their eyes and you don’t see big opportunity for retired person as you are.
I-Where is job for me ?
Wife- The Congress President Post is vacant for many months.
I- Should I apply for Congress President post?
Wife-You are perfect candidate for the Congress President post.
I-How?
Wife- You can please your boss by all means that you have been doing all those years in your service.
I- Now, Congress president will be free of Nehru –Badra members.
Wife- Do you believe on words from  Congressmen?
I-By heart I don’t believe. Many times my mind says perhaps Congress would change .
Wife- No!  congress will never change .Congress president might be from Non Nehru –Badra family but order will flow from Nehru-Badra members only.
I- Besides, flattery to Nehru-Badra family members ,there will be work for Congress president .
Wife- Not at all. I guarantee you there will be only one job for Congress President and that is taking order from Nehru-Badra members 
I-As ex-Prime Minister Manmohan Singh ji had only one job taking order from Sonia Gandhi or Rahul Gandhi
Wife- Definitely, Congress might change President but will never change its character of sycophancy for Nehru-Badra members
I-You mean  that I will not have any job as Congress President
Wife- Why not? You will have only one job praising Nehru-Badra family and opposing all moves by government good or bad.
I –I am now over 6o and Congress requires energetic leaders rather ..
Wife- No . Congress never  required  energetic young leaders but only Chaploos Netas .Had it required energetic leaders then there should not be talk of making Motilal, Khadge or Gahlot as interim President.
I- Ok then I am sending application letter to Congress Working committee
Wife- You doesn’t know CWC is just a  committee on paper. Send your application to Rahul Gandhi or Priyanka Badra .

Copyright@ Bhishma Kukreti
Satire on Sycophancy, Satire on Congress Culture, Satire on shattered opposition

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Consumer! Please, Restart Spending Money Freely 

South Asian Humour: Bhishma Kukreti
“Hello! Shrimati Consumer! May I speak with you a few seconds?”
“Why not? I am here without work”.
“When are you restarting spending money so that Indian Economy comes on terms?”
“My husband Dinesh Says he can’t give me extra money till recession is over.”
“Hallo Dinesh! When are you buying new car?”
“The new car looks fantastic on TV commercials  but I shall stick to my old car till recession is over.”
“When do you think the recession would be over?”
“I don’t know because Mr. Modi did not hint at all and unless Mr. Modi speaks I don’t believe on other leaders.”
“But, unless you buy the recession will not be over”
“The interest rates are so high I can’t think buying new car for a couple of years.”
“Interest rates would come down only when you all restart buying new car”
“I can’t think buying new car.”
“Then, you buy new house.”
“I am afraid I shall lose my job and in that situation I am unable to repaint the house too.”
“If you don’t repaint the old house, don’t buy new car and don’t buy new house the recession would be there”
“No way. I have to arrange money for my son’s admission in college too.”
“But your buying and spending money freely is must for ending recession”
“Agreed. But, first let recession is over I shall restart spending money freely”
“ No, No!  First you start buying then only recession will be over “
“No ! No! Let first recession is over I shall restart spending money freely”
“But everything depends on your spending money freely. You Indian consumers are the root cause of recession .You all have to spend money freely for ending recession”
“I am sure Mr. Modi will do something. Wait till next budget.”
Copyright@ Bhishma Kukreti, 2019

 

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