Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 357251 times)

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा


                              मंत्री पद आबंटन (बंटवारो)


                               चबोड्या : भीष्म कुकरेती



  दुर्योधन- ममा जी ! अब आपक सुझाव अर बुबा जी बुलण पर हमन मंत्रीपद परिवर्तन त करणी आइ अर छै मैना ह्वे गेन पण अबि तलक निर्णय नि ल्याई कि कै चमचा ते कु पद दिए जाओ .

 शकुनी - भणजा! क्या बोलु मि .जीजा श्री अर दीदी श्री देखि नि सकदन त हरेक निर्णय क बान भीष्म श्री,  विदुर श्री, क्रिपाचार्य श्री, द्रोणाचार्य श्री आर शिल्पी श्री पर आश्रित रौंदन ब्वालो तो निर्णय लेई नि सकदन .अफु बि घंघतोळ मा रौंदन अर हौरू कुणि बि घंघतोळौ दिवाल सीढ़ी खड़ी कौर दीन्दन  घंघतोळौ दिवाल सीढ़ी खड़ी कौर दीन्दन

दुर्योधन -  पण उंकी क्या गल्ती ! द्याखो ना ! भीष्म ददा श्री बुलणा छन बल सेवानिवृत सेनापतियो तै मंत्री बणावो,  विदुर काका बुल्दन बल केवल विद्वान इ मंत्रीपद जोग हून्दन अर हर समौ अड़ी जान्दन . द्रोणाचार्य श्री को मत च बल मंत्रीपद मा परुशराम जी जन ब्रह्म तेजी अर शस्त्र धारी इ हूण चयेंदन त कृपाचार्य श्री  बुल्दन बल पुडक्या बामण अर नेगिचारी (सेवकाई ) का गुण वळ इ मंत्री बणये  जाण  चयेंदन त शिल्पिराज श्री बुल्दन बल शिल्पकारो तै जादा जगा मिलण चयेंद . कैकि सुणो अर कैकि नि सुणो। एकाक सुणो त हैंको रूसे  जांद . सब्युं सुणो त कुछ करे इ नि सक्यांद .

शकुनी - भणजो सुयोधन ! शुक्रनीति  ब्वालो या मनुस्मृति ब्वालो दुई बुल्दा बि छन बल जब राजा अंधा ह्वाओ या सूचना लीण -दीण मा हीण  ह्वाओ या राजा मा क्वी बि कमजोरी ह्वाओ त मंत्री या सलाहकार अपण अपण समुदाय,  अपण अपण मुन्डीत बणाण बिसे जान्दन अर दिखणो त एकी राजा दिख्यांद पण असल मा भौत सा लोग अलग लग ढंग से राज चलांदन , यि लोग राजभोग करदन  अर राजा बिचारो गाळी  खाणो  रौंद। खावन प्यावन  हौरुक अर मार खावन गौरुक .

दुर्योधन - ममा  श्री ! पण अब मंत्रीमंडल परिवर्तन टळण माने हस्तिनापुर पर मुसीबत लाण।

 शकुनी - अच्छा त तेरी सूची तैयार च ? कि कै कै तै मंत्रीपद दीण

दुर्योधन- हाँ

शकुनी - त तुमारी पड़ ददी माता सत्यवती क टुटब्याग  अपणाण पोड़ल।

दुर्योधन - यु क्या च ?

शकुनी - माता सत्यवती बड़ी चतुर विदुषी महिला छे . वो सौब  काम अपणी मर्जी से करदी छे पण लोगु तै लगदो छौ कि वो सौब लोगु तै पूछी जाचिक काम करदी . गणतंत्री अधिनायकवाद की सबसे बड़ी धड्वे  छे माता सत्यवती .

दुर्योधन - या बात मेरी समज से भैर च कि माता सत्यवती गणतंत्री अधिनायकवाद की पुजारिन छे . गण तन्त्र अर अधिनायकवाद त आपस मा मीलि नि सकदन फिर ?

शकुनी - देख भाणजो ! माता सत्यवती न पूछ सब्युं तै च कि कुरु बंश चलाणों बान अम्बा , अम्बालिका क दगड़  निसर्ग योग विधि द्वारा पुत्र उत्पादन करे जाण  चयेंद .

दुर्योधन - हाँ , बुबा श्री , पांडू श्री आर विदुर काका निसर्ग योग से इ पैदा हुयाँ छन .दादी सत्यवती न  भीष्म ददा जीक अर मंत्रीमंडल की पूरी सहमति लेकी यु निर्णय ल्याई .

शकुनी- हा हा  ! 

दुर्योधन - आप हंसणा छंवा ?

शकुनी - माता सत्यवती क विद्वता दिखण लैक च सिखण लैक च।

दुर्योधन - मामा श्री ! इखमा चतुराई क्या च ?

शकुनी - अछा ! जरा बतादी कि निसर्ग योग का वास्ता कै तै बलाए गे छौ ?

दुर्योधन- मुनि व्यास तै

शकुनी - मतबल खून या वीर्य को हिसाब से तुम असल मा कै बि रूप मा कुरु बंश या शातुनु बंशी नि छंवा

दुर्योधन - हाँ पण यो त सब्युं सहमति अर सलाह से ह्वे छौ

शकुनी - हाँ इखम सत प्रतिसत  गणतांत्रिक पद्धति दिख्याणि च . दादा भीष्म अर सबि बुजर्गो न सलाह बि दे अर सहमति बि जताई कि निसर्ग योग से कुरु बंश की रक्षा करे जावो

दुर्योधन - या बात त भीष्म दादा अर शिल्पराज आज बि बुल्दन कि वुनि दादी सत्यवती तै सलाह दे छौ

शकुनी - याने कि खून या वीर्य को हिसबन  जीजा श्री, पांडू श्री अर विदुर श्री व्यास पुत्र छन

दुर्योधन - हां

शकुनी - अर व्यास श्री कैकि सन्तान छन ?

दुर्योधन - व्यास श्री बि हमारी ददी  सत्यवती की सन्तान छन

शकुनी- यो इ त गणतंत्री अधिनायकवाद ह्वाई . सलाह लीण अलग बात च अर सलाह तै अपण हिसाब मोड़ द्याओ बिगळी बात  . माता सत्यवती न सलाह जरोर ल्याई पण निसर्ग का वास्ता अपणो   पुत्र इ बुलाई . बड़ी चतुराई से माता सत्यवती न ये खानदान तै अपणो  पुत्र व्यास का बीज दिलै दिने

दुर्योधन - मामा  श्री ! मी नि जाणदों कि आपको मन्तव्य क्या च मि तै इन बताओ कि इतना जटिल वस्तुस्थिति क मध्य मंत्रीमंडल माँ परिवर्तन कनै करे जावो .

शकुनी - अब एकी ब्युंत च गणतंत्री अधिनायकवाद चलाण जन माता सत्यवती न कौर छौ .

दुर्योधन - क्वा च वा गणतंत्री अधिनायकवाद की कौंळ ?

शकुनी - बस भोळ राज दरबार मा महाधिराज धृतराष्ट्र तै अधा  दिन तलक भीष्म श्री , विदुर श्री , द्रोणाचार्य श्री , क्रिपाचार्य श्री , शिल्प्श्री आद्यु से सलाह मंगण कि एक सुयोग्य मंत्रीमंडल  कनों हूण चयेंद . मन्त्रियों क्या क्या विशेष गुण हून्दन . बस यि दिखण  कि सौब लोग ये वार्तालाप मा शामिल ह्वावन . हाँ ! यूँ तै लगण चयेंद कि निर्णय मा यि लोग शामिल छन .सब तै संतुष्ट हूँण चएंद कि महाराज उंकी सलाह की बड़ी कदर करदन  फिर दुफरा उपरान्त डुग डुगी बजाण कि महान सम्राट धृतराष्ट्र न गणतन्त्र की रक्षा हेतु मंत्रिमंडल परिवर्तन का वास्ता हस्तिनापुर का सबि महान लोगु की सलाह ले याल। सरा हस्तिनापुर मा सलाह की बात घर घर जाण चएंद। .

दुर्योधन - फिर ?

शकुनी - स्याम दै डुगडुगि बजाण कि मंत्री मंडल मा परिवर्तन ह्वे गे अर राजकीय चौबटा मा मंत्रीमंडल की नई सूची टांग दीण।

दुर्योधन- या कौंळ  चली जालि ?

शकुनी - हाँ सूची तुमारी अर लोगु तै लगण  चएंद की मंत्रीमंडल गठन मा सबी लोगु तै सम्मलित करे गे , निर्णय मा सबी शामिल छन . अर यान्खुणि त गणतंत्री अधिनायक वाद बुल्दन . गणतंत्री अधिनायक मा सलाह लीण या  शामिल , सम्मलित को असली अर्थ होंद फंसाण। फंसाण तै इ  कूटनीति बुल्दन .फंसाण इ  गणतंत्री अधिनायक हूंद . गणतंत्री हिसाब से जाळ बूणो,  गणतंत्री हिसाब से  घात प्रतिघात का जाळ बिछाओ अर अधिनायकी हिसाब से शिकार को शिकार कारो।.

   

   Copyright@ Bhishma Kukreti 1/11/2012

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा



                          क्या सचमुच मा  धन्ना सेठ सरकार चलान्दन ?

                              चबोड्या : भीष्म कुकरेती


                अजकाल मीडिया मा,  चौंर्युं मा (चौपाल ) बथा  हूणा  छब कि सरकार राजनीतिक पार्टी चलांदन या धन्ना सौकार सरकार चलांदन . जथगा मुख तथगा बथा . क्वी बुल्दु सरकार त सरकारी अधिकारी चलांदन। हस्ताक्षर मंत्री करदन त हैंको बुल्दु बल धन्ना सौकारौ  बुलण पर इ अधिकारी अधिनियम बणान्दन अर धन्ना सेठौ जोर पर इ मंत्री लोग हस्ताक्षर करदन . कथि त इन बि बुलणा रौन्दन बल हेरक धन्ना सौकारक गुलाम जन ऐम पी , ऐम एल ए  खरीद्याँ रौंदन। जथगा मुख तथगा तौंका अपड़ा विचार , अपुण धारणा . कथगा त इन बि बुलंणा रौंदन बल विद्वानु धारणा बि धन्ना सौकारू रखैल होंदन। जन धन्ना सेठ चादन  तनि विद्वान धारणा बदल्दन अर धन्ना सौकारूं थैलि जोर पर इ विद्वान लोग हौरुं सम्मति , धारणा , मति , मन बदलणो जतन करदन। कथगा  इ गपोड़ी बुल्दन बल अजकाल त विद्वान् अपणी धारणा बणान्दि नि छन बल्कण मा विद्वान् लोग सेठुं नफा नुकसानौ हिसाब से सुचदन अर तब जैक इ धारणा बणौन्दन। इलै इ हरेक विद्वान की धारणा या त भारतीय धन्ना सेठुं या विदेसी धन्ना सेठुं अणसाळु मा ढऴयांदी।


                    सच क्या च अर झूठ क्या च पता लगाणो मि अपण दगड्या सुकेश जंबानी  क ड्यार ग्यों जु दक्षिण मुंबई मा सौवीं मजिल की एक बिल्डिंग मा रौंद . सुकेश जंबानी  भौति व्यस्त उद्योगपति च . मि ग्यों त जंबानी फोन पर व्यस्त छौ .

- हां ! हेलो मि सुकेश जंबानी बुलणु छौं। क्या ? अलण प्रदेश मा निर्यातित माछों पर सेल टैक्स बढ़ाणै बात चलणि च यां से हमारो माछो व्यापार कु  नफा कम ह्वे जालो ? ठीक च मि कुछ करदो छौं 

.

- हेलो! अलण प्रदेशौ पावर ब्रोकर्याणि  ! खीरा गाडिया ! हाँ मि सुकेश जंबानी बुलणु छौं . वो मंत्री जी तै रैबार दे दी बल प्रदेश मा निर्यातित माछों जगा घरेलु माछों पर सेल्स टैक्स बढ़ाओ। .... तो अछा ! इथगा देर मा तुमन दुसर फोन से मंत्री जी तै मेरो आदेस दियाल अर मंत्री जी बुलणा छन बल आजि अबि सरकारी अधिनियम बदले जालु . वेरी गुड ! हाँ हाँ ! अपण कंसल्टेन्सी चार्जो बिल भेजो अर वैबरी पेमेंट भिजे जालो ... अछा अछा ! विरोधी दल की बि बातच ...त ठीक च तुम वूंको मुख बंद करणो इंतजाम बि करि द्याओ मि यांकुणि अलग से फीस दे द्योलु . बढ़िया बढ़िया . एकाद करोड़ ! हाँ बाजिब बात च . सिधांत की बात च .जु बि कुत्ता पूछ हिलाओ वै तै लुतकी -पुतकी-हडकि  मिलण इ चयेंद अर  जु बि बल्द विरोध मा मुख ख्वालो वैक मुख घासन बंद कौरी द्याओ .
       

- हाँ हाँ मि सुकेश जंबानी बुलणु छौं . येस मिस्टर  मैनेजर ! क्या बात च ? क्या कोयला खदान आबंटन मा गैर नियमु बल पर हमारि कम्पनी तै  जो जो खदान मीलि छ्याई वां पर क्वी अधिकारी जांच बिठाण वाळ  च . त ठीक च ...हां हाँ ठीक च जु वै अधिकारी क नौनु  हावर्ड यूनिवर्सिटी मा दाखिला लीण चाणो त कारो ना एड्मिसन कु इंतजाम अर पांच सालौ खुणि जंबानी एजुकेसन ट्रस्ट से वजीफा को इंतजाम बि करी द्याओ . द्याखो जी मिस्टर मैनेजर आप त भारतीय प्रशासन का चुस्त मुस्त  अधिकारी छ्या त आप बि जाणदा इ छन कि जु कुत्ता पूँछ हिलाओ वै तै काम को हिसाब से लुतकी -पुतकी -हडकी मिलण इ चयेंद अर  जु बि बल्द विरोध मा मुख ख्वालो वैक मुख घासन बंद करि दीण चयेंद . ...अचा अछा ... अं अं ... अछा वेरी गुड अछा अधिकारी जी मानी गेन अर ऊँन नियमो अधिनियमो  व्याख्या बि बदलि याल . वेरी गुड . त बस मिस्टर मैनेजर ! आज से आप अफिक निर्णय ल्याओ हमारो ब्यापार को एकि सिद्धांत च बल जु कुत्ता पूँछ हिलाओ वै तै काम को हिसाब से लुतकी -पुतकी -हडकी मिलण इ चयेंद अर जु बि बल्द विरोध मा मुख ख्वालो वैक मुख घासन बंद करि दीण चयेंद .

- हाँ हाँ ! मि सुकेश जंबानी बुलणु  छौं . क्या इंडिया को सबसे  बड़ो बुद्धि जीवी हमारो ब्यापार का विरोध मा लेख लिखणु च . त वै तै कै  बड़ो एजुकेशनल न्यास की फेलो शिप दिलाओ अर भारतीय ब्यापार विकास अन्वेषण का वास्ता विदेश भ्रमण की व्यवस्था कौरी  द्याओ। क्या यु वुद्धि जीवी तबि बि नि मनणु च। ठीक च त नियम या च बल पैल तर्क से मनाओ , निथर पैसा या अर्थ से पुऴयाओ , अर तबि बि समिण वाळ नि मानो त त डंडा मारो . अच्छा अच्छा ! ह्वै ग्याई ना . तै बुद्धि जीवी क तंगड़ी टूटी गेन ना ! वेरी गुड। क्या अब वो हमारो ब्यापार का सकारात्मक व्याख्या करणो तैयार छन . द्याखो जी सिद्धांत च बल जु कुत्ता पूँछ हिलाओ वै तै काम को हिसाब से लुतकी -पुतकी -हडकी मिलण इ चयेंद अर जु बि बल्द विरोध मा मुख ख्वालो वैक मुख घासन बंद करि दीण चयेंद अर यां से बि काम नि चलो त डंडा दिखाओ .

-- हाँ मि सुकेश जंबानी बुलणु छौं . क्या मीडिया मा हमारो विरुद्ध समाचार आणा छन . त ठीक च मीडिया मालिकों से बात कारो कि हम ये साल पोरु साल से  दस गुणा  जादा विज्ञापन दयोला . हूँ ..हूँ ...हूँ ... अछा सुब मीडिया मालिक मानी गेन अर हमारो विरुद्ध क्वी बी समाचार ये साल नि आला . वेरी गुड . कुत्ता क हिसाब से इ  हडकी दीण  चएंद .

-- हेलो हेलो ! हाँ ...हाँ मि सुकेश जंबानी बुलणु छौं . हाँ हाँ पावर ब्रोकर्य़ाणी  वीरा खाडिया जी ब्वालो .वेरी गुड तो तुमन  पूरो इंतजाम कौरी आल कि मंत्रीमंडल गठन माँ हमारा समर्थक ही मंत्री बौणल . अरे वाह सया न्यूज द्याखो ! जादातर मंत्री हमारा इ समर्थक छन . हाँ हाँ तुमारी फीस ईं दै जादा इ होली . भै हमारो  त  सिद्धांत च बल जथगा बड़ो काम उथगा इ बड़ो ब्याला की बलि। अठ्वाड़ो हिसाब से इ ब्याला मारे जान्दन . जथगा बड़ी अठ्वाड़ उथगा इ बड़ा ब्याला अर उथगा इ जादा ब्याला .


अब जब मि जाणी इ ग्यों कि असल मा  सरकार कु चलान्दो त मि बगैर सुकेश जंबानी  से बात कर्युं ऐ ग्यों .


 Copyright@ Bhishma Kukreti 2/11/2012

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा

                 

                             आरोप प्रत्यारोपों मौसम अर एक हैँकि गुलामी तैयारि

 

                                                     

                                        चबोड्या : भीष्म कुकरेती

 

                  कुछ बिंगण  मा नि आणों बल अचकाल भगार लगाणो मौसम च या आरोप प्रत्यारोप लगाणो रिवाज  इ ह्वे गे .
 

     अजकाल टीवी वळा मौसम की जानकारी जगा 'आरोप -प्रत्यारोप ; मौसम की जानकारी दीण बिसे गेन। मीडिया मा ज्वा जगा ब्याळौ मौसम , आज कु मौसम, अगला सपत्वाड़ो (हफ्ता )मौसम का वास्ता निश्चित होंदी छे  वीं जगा मा अजकाल ' ब्याळै आरोप प्रत्यारोप, आने वाले हफ्ते में आरोप प्रत्यारोप का भविष्यफल' का समाचार होंदन .

अचकाल मीडिया क मौसम स्तम्भ (कॉलम ) मा सूरज कब उग अर कब अछ्ल्याई की खबर रौंदी नी च अजकाल त मौसम खाम (कॉलम ) माँ खबर रौंदी ' अलणौ  फलण पर आरोप सुबर छै बजि लग अर खौंळेणै बात च कि यू आरोप सरा भारत मा स्याम दै छै बजि तलक ज़िंदा राई . फलणो प्रत्यारोप अर बचाव का अर्रोप से बि यु आरोप छै बजि स्याम तक नि अछ्ल्याई। उ त  राजस्थान मा धूल  भ्रयुं बड्रा तूफान आई तब जैक  अलणो आरोप अछ्ल्याई .

   ब्याळी चार बजे प्रेस हाल मा  स्वामी आरोपी बरखा ह्वाई पण स्वाड़ा की ज्वा उम्मीद छे वो स्वाड़ा नि आयि . आरोप प्रात्यारोपी मौसम विभाग कु अनुसार बहादुर जफर मार्ग पर पुख्ता सबूतों प्रेसर नि होण से स्वामी बरखा थमी गे पण राहुल गांधी अर सोनिया गांधी पर एकाद बरखा छींटा पोड़ीन अर यूँ छिटगौं (छींटो _ दिग्विजय सिंग अर  सैम पेद्रोदा तै स्वामिभक्ति को फ्लू ह्वे ग्याई अर दुयून मान हानि दावा का आरोप बचौण्या कैप्स्यूल खैन।

        परसि केजरीवाल नामौ पुराणो  बादल फटी छौ अर वां से  मुकेश अम्बानी अर कौंग्रेस घैल ह्वे छा त प्रत्यारोपूँ डिजास्टर मैनेजमेंट की मरहम पट्टी करे गे अर अब द्वि भला चंगा गोदावरी बेसिन मा दुबारा तैरणा  छन।

       ये सीजन मा आरोपों झड़ी से सबसे जादा नुकसान विदर्भ महारास्ट्र मा ह्वाई। नितिन गडकरी की अध्यक्ष वळि पकीं पुकीं फसल पर बजर पोड़ी गे। उन शरद पंवार नितिन गडकरी की फसल बचाणो कोशिश अबि बि करणा छन . गडकरी तै उम्मीद च की राष्ट्रीय स्वयं सेवक नामक कीटनाशक  जरूर खराब हुंई फसल बचालो सो गडकरी राष्ट्रीय स्वयं सेवक नामक कीटनाशक का छिड़काव करणा छन।
 
           भारत याने कौंग्रेस तै कॉमन वेल्थ , टू जी . कोयला आबंटन स्वाड़ा से जु नुक्सान ह्वाई वांकी भरपाई वास्ता  ऍफ़ डी नामक सड़ी अर आउट ऑफ़ डेटेड दवा से काम चलणु च . चूंकि कोंग्रेस, भारतीय  जनता पार्टी आर सबी पार्टी भ्रष्टाचार नामक बीमारी अर दिमागी तौर से दिवालिया हुयां छन त सबि सडीं अर  आउट ऑफ़ डेटेड दवावों इस्तेमाल करणा छन। दिमागी तौर से दिवालिया हूण से क्वी बि नै दवा नि खोजि सकणा छन . मौसम विभाग कु एक वैज्ञानिक न बताई की जब तलक सत्ता लोलुपता का वाइरस रालो तब तलक दिमागी तौर से दिवालियापन की बिमारी बि रालि अर आरोप प्रत्यारोपू मौसम बदस्तूर इनि  रालो .


                      आण वळ  मौसम कु बारा मा खबर या भविष्वाणी इन होंदन

कश्मीर को मौसम मा  क्वी बदलाव नी होण हमेशा क तरां पाकिस्तान जिना बिटेन अलगाववादी हवा चलणि रालि . जरा अचकाल अमेरिकी डिप्लोमेटिक प्रेस्सर से अलगाववादी हवा की गति मध्यम च .

  छतीसगढ़ , उत्तराखंड अर झारखंड, महारास्ट्र  मा चूँकि सबि भ्रस्टाचार का झुल्ला पैरदन त आरोप प्रत्यारोप की बरखा कु असर जादा नि दिखेंद .

  पंजाब मा आरोप प्रत्यारोप से पर्यावरण तै भौत नुक्सान होलू अर उख गंदी राजनीति का कंटीली झाड़ियो पैदावर बढ़णो   पूरा अवसर छन

  बिहार मा चूंकि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला चक्रवात मा फंस्या छन त आरोप प्रत्यारोप कु दबाब कम हूण से बिहार मा आरोप प्रत्यारोप कु मौसम उथगा गरम नि रालो जथगा उम्मीद छे .

     उन भारत मा अगला हफ्ता हर सेकंड मा हर प्रदेश , दरेक जगा आरोप प्रत्यारोप का बादल छयां राला पण स्वाड़ा,  धूल भोरिं आँधी , अगड़ -बगड़  दिल्ली मा इ  सीमित राला .


  सुचणै बात च कि यु होणु क्या च अर आरोप प्रत्यारोप को ये  दंगल से ह्वालू क्या ?


   रोज रोज , हर समौ आरोप प्रत्यारोपों क बरफबारी , गरम हवा,लू चलण से, भगार की आंधी-तूफ़ान से, लांछन को स्वाड़ा -तड़क्वणि -ढांड -रगड़ -बगड़ से, आरोप प्रत्यारोप कु चक्रवात आदि से हम भारत्वास्यु न  इखिमा फंसी जाण , भूतकाल मा रौण गीजि जाण अर चिन्तक, पथप्रदर्शको, प्रशासक , नेतृत्व आदियुं न भविष्य क बारा मा घड़याण - सुचण बंद करी दीण अर इन मा हमन एक नई तरां की गुलामी भट्याण। जब कै बि देस , परिवार , समाज , समुदाय मा आरोप प्रत्यारोपुं  मा नीचा दिखाण इ उदेश्य ह्वाओ अर विकल्प की छ्वीं कतै नि ह्वाओ त समजी ल्याओ वो देस, वो समाज, वो परिवार, वो समुदाय कै हैंकाक गुलाम हूण वाळ च . 
 
                   .

   नामी गिरामी सल्ली पट्टी /विशेषग्य भारतै आजौ परिस्थिति जाणणो अमेरिका यूरोप टूर पर जयां छन , दोयम विद्वान अमेरिकी, यूरोपियन साहित्य जन की प्लेटो जन दार्शनिको साहित्य बांचिक विवेचना करणा छन . चूंकि यी लोग संस्कृत की पोथ्युं तै मिथ समजदन त यी लोग पश्चमी साहत्य पर जादा भरवस करदन अर यूँ तै क्वी ख़ास लिंक, क्लू, सूद भेद नि मिलणु च बल अचणाचक भारत मा नै तरां को वातवरण किलै बौण?विदुर नीति, चाण्यकौ मुद्राराक्षस पड़दा त यी यूरोपीय साहित्य का धड्यौ जाणि जांदा कि जब बी समाज मा व्यक्ति अफु तै समाज से बड़ो समजण बिसे जान्दन , जब बि व्यक्त्युं कुण देस की क्वी अहमियत नि होंदी बल्कण मा अपणो स्वार्थ या अपणो विचार देस से बड़ो माने जाओ या जब जब शीर्सस्थ नेता या नेतृत्व देस, समाज या गण (लोग) क असली जरूरत नि पछ्याणदन अर अपण स्व-स्वार्थपूरक योजना लागू कौरन त आरोप प्रत्यारोपौ युग आन्दु। नित , रोज आरोप प्रत्यारोपी युग को परांत गुलामी जग शुरू हूंद . आजौ राजनीत्यौ , व्याप्यार्यौ , समाजौ माहौल बथाणु च बल भारत एक भंयकर विदेशी प्रशासन कु या विदेशी सिधान्तो गुलामी को शिकार हूण वाळ च . हूण युग , कुतुबदीन युग , मुग़ल युग, ब्रिटिश युग, या उत्तराखंड मा गुर्ख्याणी युग से पैलि इनि  आरोप -प्रत्यारोपौ युग छौ . 

 

Copyright@ Bhishma Kukreti 3/11/2012

 

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                       अमेरिका कुणि बक्कि बनि  चिंता  अर चीनौ तरफ ध्यान इ नी


                                    चबोड्या : भीष्म कुकरेती


                         अमेरिका मा कै मौ क इख जरा एक घंटा बिजली गे अर एक घंटा अन्ध्य्रर रावु त हमारा टीवी न्यूज चैनेल सुबर बिटेन  स्याम तलक किराणा रौंदन, लोगुं तै डराणा  रौंदन बल हे मेरी ब्वे अमेरिका मा फलणो  ड्यार  सरकारै गल्ति से एक घंटा अन्ध्यरू राइ अर यूं  खबरों स्पोंसर होंदन क्वी इनवर्टर ब्रैंड या जनरेटर कम्पनी।     

                           अमेरिका मा क्वी गाड भोरे जांद अर एकाद डाळौ  ग्वाळ  तलक पाणि ऐ जाओ त हमर देसौ पत्रकार इन फिकरमंद ह्वे जांदन जन बुल्यां जमुना मा बाढ़ ऐ गे ह्वे धौं ! खबर नबीस यीं खबर तै भारतीय जन मानसौ मध्य इन सौरांदन  कि छ्वटा छ्वटा नौन्याळो तै बि ये अमेरिकी गाड कु नाम याद ह्वे जांद .

                     जब पच्छमी यूरोप मा कै छ्वटु  सि  गदन मा गंदगी से सड्याण  आवो त हमारा इखाक खबर्या भारतीय लोगु तै इथगा घबरै दीन्दन, इथगा डराई  दीन्दन  कि गंगा प्रदूषण  हटाण  वळा सरकारी इंजिनियर बीस दिनों की सिक लीव ले लीन्दन अर बिमारी डौरन गंगा प्रदूषण हटाण वळा ठेकेदार अर कर्मचारी काम बंद कौरी दींदन। 

                       उख अमेरिका मा अमेरिकी राष्ट्रपति एक मिनट कम स्याओ त भारतीय राष्ट्रीय मीडिया इ ना रीजनल मीडिया बि घांडी घंडल बजै घ्याळ करदन कि अमेरिकी राष्ट्रपति क नीदै कमि पूरि करणों बान सरकारी बाबु अर अधिकारी दिन मा इ औफ़िस मा इ सीण बिसे जान्दन।

रूप्या क मुकाबला डौलर को उतार चढ़ाव की खबर त भारतीय खबरची सुबर से स्याम तलक चौबीस घंटा इन तरे से दीन्दन कि भारतीय ब्यापारी स्विस बैंक की पूजा मा रात दिन व्यस्त ह्वे जांदन .

               यु ठीक च बल अमेरिकी अर यूरोप की आर्थिक , सामाजिक, राजनैतिक, रोजगारै   स्तिथि भारतीय सामजिक, आर्थिक, राजनैतिक , रोजगारै तै प्रभावित करदी अर हम भारितीयों तै अमेरिकी अर यूरोप की आर्थिक , सामाजिक, राजनैतिक, रोजगारै स्तिथि बारा मा टक्क लगैक चित्वळ हूण  जरुरी च . अमेरिका अर यूरोप की राजनैतिक फेर बदल से हमारी स्तिथि मा बि बदलाव ऐ जांदो त भारतीयों तै  अमेरिका अर यूरोप की जानकारी हूणि चयेंद .

                 पण एक बात बथावदी जब क्वी   दूर दाराजों दुसर गां बारा मा त चित्वळ रावो, दुसर गां क समस्याओं से फिकरमंद ह्वाओ, दूर हैंको गां मा क्या क्या  हूणु  च की सौब खबर कट्ठा कारो अर अपण  ख्वाळम अपण पड़ोसी क इख क्या होणु च को बारा मा अज्ञानी ह्वाओ , पड़ोसी क हालात क बारा मा चित्वळ नि ह्वाओ त इन आदिमौ कुणि क्या बुलली ? बेवकूफ इ बोलिलि कि ना ? कि जब क्वी मनिख मा  दूरौ गां मा कैक ड्यार क्या क्या पकणु  च की त खबर ह्वाओ पण पड़ोसी भूकू च तिसा च या अघळ चकी क्वी खबर नि ह्वाओ त इन मनिख तै मूर्ख, लाटो , फुलिश, बेवकूफ इ बुले जालो कि ना ?

                      चीन हमारो पड़ोसी देस च . हमर बान हरेक दृष्टि - सामजिक, ब्यापारिक , राजनैतिक, आर्थिक ,  रोजगारौ , सामरिक  की दृष्टि से महत्वपूर्ण च। इख  तलक कि चीन की मौजूदा भौगोलिक अर औद्योगिक  स्तिथि भारत तै हर समौ प्रभावित करणी रौंदी अर हमारो मीडिया, हमारा बुद्धिजीवी चीन का मामला मा तकरीबन सियां रौंदन .

   सन बौसठ मा हमन मार इलै इ खाइ कि हम निर्गुट सम्मेलन , रूस अमेरिका संबंधों बारा मा , अमेरिका अर यूरोप का हेरक गांकी पंचैत को बारा मा गणित त बैठाणा रौंवां पण अपण ख़ासम ख़ास पड़ोसी चीन की राजनीति का बारा मा अनभिग्य रौंवां अर जब चीनन हम पर हमला कार तब तलक देर ह्वे गे छे।

    आज आर्थिक उन्नति, रोजगारौ उन्नति, शैक्षणिक व्यवस्था , आयात  -निर्यात का मामला , विदेश नीति क मामला  मा चीन  हम कुणि अमेरिका अर यूरोप से जादा महत्वपूर्ण च पण हम सौब सिंयां छंवां।

         ओबामा जीतल या रौनी -टौमी  जीतल की चिंता त हम भारतीयों तै छें  च पण हम लोगु तै फिकर इ नी च कि चीन का मा राष्ट्रपति  हू जिंताओ अर सरा कम्युनिस्ट पार्टी चीन की शक्ति युवा लोगु तै दीण वाळ च .

             यूरोप मा कु देस यूरो यूनियन से खुस च का बारा मा  त हम आम जनता  बनि बनि छ्वीं लगौंदा पण हम आम मनिख निस्फिकर सि  छौंवां  बल निकट भविष्य मा  चीन मा मिलट्री , ब्यूरोक्रेसी , नेत्रित्व माँ एक बडो फेर बदल हूण वाळ च अर चीन को यों भारी बदलाव भारत की अर्थनीति , सामरिक नीति , रोजगार नीति, आयत -निर्यात नीति पर प्रभाव डळण वाळ इ होली . इन मा हमारो सामजिक कर्तव्य च कि हम आम लोग चीन तै ठीक समजणो बान तरकीव लवां अर चीन की हरेक गतिविधि बारा मा सचेत रौंवां।सरकार अर समाज एकी होंद त जु समाज चीनोनमुखी ह्वालो त सरकार तै चीनौ दगड़ संबंध बढ़ाण-घटाण मा सुविधा होलि. 

    आज जरुरात च कि हमारा समाचार एजेंसी चीनोनमुखी समाचारों से आम आदमियों तै अवगत काराव . आज जरुरात च कि  आम भारतीय बि चीन की खबरों मा ध्यान द्याव अर चीन क बारा म जादा से जादा जानकारी हासिल कारो। चीन हमारा महत्वपूर्ण पड़ोसी च अर हमारो सामजिक कर्तव्य च कि हम चीन का बारा मा उथगा इ संवेदनशील होवाँ जथगा हम अमेरिका अर यूरोप का बारा मा संवेदनशील छौंवां . या चीन संवेदन्शीलता समय की मांग च, समय की भारी जरुरत च  अर सामजिक उत्तरदायित्व बि च . 



 


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चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                      ग्लोब्लाइजेसन माने  अमेरीकिकरण

 

                             चबोड्या : भीष्म कुकरेती

 

                अचकाल जख जावो तख ग्लोब्लाइजेसनै छ्वीं लगणा छन . इख तलक कि जु हमर गांवक अणसाल ग्लोब्लाइजेसन  से पैलि खन्द्वार हूण बिसे  छौ उखाक बासिन्दा मूस अर लुखुन्दर अपण आपस मा छ्वीं लगौणा छा , हे भै! जु हमर मुंडितौ मूस मुंबई जोग ह्वे ग्याई वु बुलणु छौ बल बस एकाद साल मा हमर गां मा बि ग्लोबलैजेसन आलु अर हम गौं वळ  मूस बि मैक्डोनल्ड  या पीजा खौंला "

"मतबल अब यी गांवक लोग ढबाड़ी रुटि या भोरीं रुटि छोडिक मैक्डोनल्ड या पीजा बणाला ?" हैंक मूसो न पूछ

" नै नै क्वी बि कॉपीराईट को तहत मैक्डोनल्ड या पीजा  नि बणै सकुद बस वो औथोरैज्ड होटल से  इ मैक्डोनल्ड या पीजा खरीद सकुद ." जबाब छौ

" ऑ त यांकुण बुल्दन ग्लोब्लाइजेसन ! मतलब अपण कामौ , अपण भौगोलिक स्तिथि क अनुसार बण्यु खाण्क छोडिक दुसरौ लैक बण्यु खाण्क खाओ . वाह रे ग्लोब्लाइजेसन " टिप्पणी छे


  जी हाँ ग्लोब्लाइजेसन को असली मतबल च कोकालाइजेसन , कोका या पेप्सी  साम्राज्यवादीकरण अर अपण पाणि छोडिक, हजारो साल कु परीक्षित , विश्वसनीय जल जीरा छोड़िक   गोर भैंसो तै बि कोका कोला, पेप्सी  पिलाओ कि अमेरिकी धन्ना सेठुं गेरी भोरे जावो।

  इखमा क्या च ? ग्लोब्लाइजेसन को असली अर्थ होंद अपण देस का मौलिक गुड्डा गुड्डी तोडिक अमेरिकी  बार्बि , यूरोपीय बियर (भल्लू ) , डिजनी का खिलौनों तै  अपण ड्यार ल्हाओ जां से अमेरिकी सौकारुं तिजोरी भोरे जावु। असल मा डिजनीलाइजेसन  कु इ नाम च ग्लोब्लाइजेसन जांको एकी रस्ता हूंद अपणी  मौलिकता की डांडी सजाओ अमेरिकी मौलिकता की टोपी पैरो अर अमेरिकी धन्ना सेठो तै हौर बि सेठ बणाओ जां से अमेरिका अफगानिस्तान , ईराक मा सैन्य प्रदर्शन की धौंस दिखै साको , गरीब देसुं लूटिक गरीब देसु पर राज करणों नाम इ ग्लोब्लाइजेसन च.
 
        सदियों से अपणायूँ भ्यूंळो सिरप्वळ को विकास नि करण , उल्टां भ्यूंळो जड़ नाश कारो, भ्यूंळो बंश बीज  खतम  कारो अर अमेरिका कु शैम्पोन मुंड ध्वाओ अर अपण सोसल सेक्युरिटी मा कटौती कौरिक अमेरिकौ  सोसल सेक्युरिटी बजट मा बढ़ोतरी कारो।

 
           अपण कपास,अपण जुलाहा , अपण टेलर , अपण कारखाना मा जंग्या सीलो, वै जंग्या तै बरमुदा नाम द्याओ , वै बरमुदा पर अमेरिकी ब्रैंड कु नाम छापो अर बगैर बातो ऱवायल्टी अमेरिकी सेठो तै द्यायो जां से वो तुम तै यू एन ओ  मा धम्कै साको .

       आई एम ऍफ़ या वर्ल्ड बैंक बिटेन उधार ल्याओ अर फिर अमेरिकी हिसाब से अपण सड़क , कूड़ चीणों अर नुक्सान तुमारो नफा अमेरिका कु किलैकि आई एम ऍफ़ या वर्ल्ड बैंक पर असली अधिकार त अमेरिका कु इ च .


   अपण टाट पल्ल तै भेळ जोग कारो इखमा अपण टाट पल्लों  विकास अपण हिसाब से करणों जगा अमेरिकी टेंट खरीदो अर सद्यान्यो कुणि अमेरिका को गुलाम रावो को मतबल च ग्लोब्लाइजेसन .


          अपण नाच गाण छोड़िक अमेरिकी गाणों पर नाचो अर अपण संस्कृति को जड़ समेत नाश करणों  ग्लोब्लाइजेसन बुल्दन . अपण फ़िल्मी संस्कृति तै मड़घट मा स्योड़ जोग कौरिक  अमेरिकी फ़िल्मी संस्कृति तै अपण मुंड मा अळगाणों तै धूर्ततापुर्बक ग्लोब्लाइजेसन नाम दिए गे अर हम धूर्तो भकलाण मा ऐकि अपण मवासी डाळ लगाण मा धूर्तो दगुड़ दीणा छौंवां


                        ग्लोब्लाइजेसन का समर्थक बुल्दन बल ग्लोब्लाइजेसन से प्रतियोगिता बढ़दि पण ग्लोब्लाइजेसन की रण भूमि या प्लेयिंग फील्ड त अमेरिका तै फैदा दिलाण वाळ च त फिर क्यांकि सही प्रतियोगिता ? अर यु कु नि जाणदो कि इन छौंपा दौड़ी या प्रतियोगिता मा धनी देसों तै इ फैदा होंद ना कि  कमजोर देसु तै . हाँ ! बस रुटि जगा बर्गर खाणों जरुर मिल्दो


   पैल  त स्थानीयकरण अर स्थानीय बुद्धि को बिणास कारो फिर अमेरिकी टैलेंट अपणावो को ही नाम ग्लोब्लाइजेसन च .

           

    आज भारत जन देशों तै ग्लोब्लाइजेसन से जादा जरूरत ग्लोब्लाइजेसन का नाम पर अमेरिकी उपनिवेशवाद ख़तम करणै च . आज असली आवश्यकता च कि कनै ग्लोब्लाइजेसन क नाम पर अमेरिकी धांधली, अमेरिकी धौंस , अमेरिकी धींगामस्ती  खतम करे जावो .

 
    क्या भारत मा मर्द कु बच्चा या रानी लक्ष्मी बाई पैदा होला  जु ग्लोब्लाइजेसन माने अमेरिकीकरण को विकल्प खुज्यालो अर अमेरिकी धांधली , धनिकों तै हौर धनी अर गरीबों तै हौर गरीब बणानो अमेरिकी टुट ब्याग ख़तम करे जाओ     

 
 
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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                             सन 2050 मा  कॉपीराईट की दादागिरी           

                                   

                                चबोड्या : भीष्म कुकरेती



(ये लेख की कल्पना मीन तब कौरी छे जब एक अमेरिकीन हल्दी तै अमेरिका माँ पेटेंट करे छौ . आज लेख पूरो ह्वाई )



    " ए भुलि ! क्या ह्वाई ! त्यार मुख पर सुबर सुबर खारो किलै पोड्युं च ? "

  : अरे नि जैन वु  नेता सोरग , उखि रैन नरक भुगणा जौन इंटरनेशनल कॉपीराईट ऐक्ट पर मुहर लगाईं ."

" ह्यां ह्वाई क्या च जु तु सुबर सुबर नेताओं तै कुटबाग दीणि  छे ?"

" हूण क्या छौ . रोज रोज भितरौ ट्वाईलेट मा झाड़ा करदो करदो बिखळाण  पोडि जांद त मि आज सुबेर ब्यणस्यरिखम गां से तौळ  अपण पुंगड़म खडिको डाळ तौळ  ग्यों उख़ मीन द्वी  पथरूं चुल बणाई अर हौगी हागिक आई छौ कि म्यार टैबलेट पर कें अमेरिकी कंपनी क मैसेज ऐ ग्यायी कि चूंकि पथरों चुल बणैक  हगणो तकनीको कापिराईट वूं मा च अर मीन ऊं तै ऐडवांस मा चुल बणैक हगणो तकनीको प्रयोगौ बान ना त  दरख्वास्त नि दे छौ अर ना इ ऐडवांस फ़ीस भोरि छे त ग्विरमिलाक से पैल रौयल्टी का द्वी सौ डौलर मय  भारो . अब अपण पुंगड़ मा अपणो पथरो चुल बणैक झाड़ा करण मा बि यूँ अमेरिक्युं तै रौयल्टी द्याव ! इ क्वी न्याय  च ? निसाब च ?"

" ह्यां पण तु  त जाणदि इ छे कि अमेरिकी सेटेलाईट लग्याँ छन त तीन कै बकर्या बुट्या तौळ झाड़ा जाण छौ . मि त बकर्या बुट्या तौळ  इ झाड़ा जांदु कुज्याण कनकै बकर्या बुट्या तौळ सेटेलाईट फेल ह्वे जांद धौं ! उखाक इमेज अमेरिकी  सेटेलाईट नि पकड़ सकुद ."

"पण हमर पुंगड़ो मा कखि बि बकर्या बुट्या बि त नीन!  अब कब तलक हम लोग छ्वटि छ्वटि बातों पर अमेरिकी कंपन्युं  तै रौयल्टी दीणा रौंला ?"   

 " हाँ त बुनाइं , अरे ये अमेरिकी दादागिरी क बि क्या बुलण भूलि ! परसिपुण मेरि बेटि कौंक गौड़ी गैबण छे अर बियाण माँ बगत छौ त मेरि बेटी अर जंवै न अमेरिकी कंपनी 'ऐनिमल डेलिवरी टेक्नीक ' कुणि ऐडवांस नि भेजि . अचाण्चक वा गौडि बिये ग्याई . बेटिंन  वीं गौडिक नाळु क्या काट कि वैबरी सैटेलाईट मेसेज आई कि गौड्यु नाळु काटणो पेटियंट या कॉपीराईट हनन को वजै से फीस अर डंड मिलैक चार सौ डालर भौरों . वैबरी इ  भरण पोडिन पट चार सौ डालर।"

  " अब क्या लगौं अपण मैतो छ्वीं . हमर बूड खूडू अपण अदरको जलड बचायां छन त वां पर त या या अमेरिकी दादागिरी चौल नि सकदी पण हर साल अपणों अदरक खड्यारिक बूणों रौयल्टी पांच सौ डालर एक अमेरिकी कंपनी तै दीणी पोडद किलैकि वीं कंपनी न अदरक खड्यानो तकनीक अपण नाम पर रजिस्टर्ड करीं च ."

' कख लगाणी छे तू छ्वीं . यूँ अमेरिक्युं न त हथन मुंगरी उदाड़नो तर्कीबौ  बि पेटेंट करयाँ छन अर हर साल हम लोगुं तै मुंगरी उदाड़णो तरीका की फीस वीं खबेस कंपनी तै दीण पोडद "

" ये दीदी ! यी सुबेर  सुबेर पंडिजी अर झाड़ ताड़ लगाण वळ जिठा ज्योर तै पुलिस पकडिक किलै लिजाणी च ? जरा पूछ्दी जरा !"

" ये पंडित द्यूर ! या पुलिस सुबेर सुबेर ..?"

" अरे ए बौ ! क्या बोलवां ईं अमेरिकी गुळादंगी कुणि . ब्याळी  मीन अपण जजमानो इख काल सर्प योग की पूजा कार अर ये मान्त्रिक भुलान दूध फूल गाड त एक अमेरिकी  कंपनी बिटेन इमेल से हम दुयुं कुण मेसेज आई बल हमन कॉपीराईट या पेटेंट नियमु उल्लंघन कार तो फीस अर डंड मिलैक हजार हजार डौलर भारो । हम दुयुं न जबाब दे कि हमारा  खानदान हजार साल से इन पूजा करणा छन त हमन डंड क्या फीस बि नि भरणाइ। बस वीं कंपनीन  इलेक्ट्रोनिकलि पुलिस मा ऍफ़ आइ आर दर्ज कराई दे . त पुलिस पकडिक लिजाणि च . अब हमारा बाब ददों न पूजा पाठ , झाड़ ताड़ दीणों तरकीव कॉपीराईट नियमो तहत रजिस्टर्ड नि कराई अर अमेरिकी  कंपन्यूनं रजिस्टर्ड कराई त अपणों बणायों तरकीबो की बगैर बातो  फीस अमेरिकी कंपन्यू तै दीणों वाध्य छंवां ."

" यी राम दां ! क्वी नेता हुंद ना जु यूं अमेरिकी कंपन्यू खिलाफ आवाज उठांदु ."

xxxxx

   "भाइयो अर बैण्यु मि नेता बुलणु छौं . हमारा सौब पैत्रिक तकनीको तै अमेरिकी लोगु न पेटेंट करे याल अर यां से हमारा हजारो साल की अपणी तकनीक पर भी हम तै रौयल्टी भरण पोड़णि च . यु अत्याचार च  , यु अनाचार च . मी कापीराईट अर पेटेंट नियमु विरुद्ध हड़ताल करण वाळ छौं, सत्याग्रह करण वाळ छौं।"

" नेता जी! मि पुलिस इन्स्पेक्टर छौं .आपन petented , रजिस्टर्ड भाषणों अर सत्याग्रह तकनीकौ  कापीराईट कु उल्लंघन कार  पैल कापीराईट उल्लंघन की फीस अर डंड भौरों तबि आप सत्याग्रह करी सकदवां।"               


 

 

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चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                           अमिताभ बच्चन कु बंगलौ भूगोल अर  चीनै सामरिक शक्ति

                                     

                                    चबोड्या : भीष्म कुकरेती
 
 

 

             कै बि देसै प्रगति-बढ़ोतरी, रक्षा  माँ सरकार की चेतना, जनता की चेतना द्वीइ जरूरी होंदन . अर  यि एक हैंक पर असर डाळणा रौंदन .

 यु दिखे ग्याई बल रक्षाक मामला माँ हम आम लोग फकोरिक बौंहड़ सियां रौंदा अर हम तै पोड़ी बि नि रौंदी बल सरकार रक्षा मामला मा कथगा चितळ च . इख तलक कि हमारा नेता जु फोकटौ  फड्याण मा रोज वर्ल्ड रिकॉर्ड तुडणा रौंदन अर रोज ऐं वै बुलण मा वर्ल्ड रिकौर्ड बणाणा  इ रौंदन वूं तै बि नि पता कि रक्षा क्या होंदी . पोर परार न्यूक्लियर डील  बिल पास होणै दै सब्युं पोल खुल कि जो न्यूक्लियर डील बिल समर्थन करणा छ्या अर जो विरोध करणा छया दुयुं तै नि छौ पता कि न्यूक्लियर डील  छ क्या च? बस द्वी पाळी वळा ढोल दमौ त  बजौणा  छा अर कै नि पता कि हम जु ढोल दमौ बजौणा छ्न्वां यु संग्रांदी बजौण च कि बरजात खुलणो  बजाणा छंवां 

 जनता मा रक्षा प्रति चेतना कथगा इ तरां से आंद .

  एक जरिया हमारा पत्रकारिता संसार बि च . जु जनता मा रक्षा प्रति लोगुं तै चितळ करांदु . पण मै नि लगदु प्रजातन्त्रौ चौथु खाम यिं जुमेवारी निभाणु च . एकाद टीवी न्यूज चैनेल छोड़िक बकै चैनेल  त सोप ओपेराओं का एजेंट छन .

    हम सबि जाणदा भोळै लड़े दारुम्दार वायु सेना पर इ रालो अर हम तै जादा ना सै थोड़ा भौत पाकिस्तान अर चीनै वायुसेना शक्ति कु  ज्ञान जरूरी च . किलै कि हमारी जन चेतना सरकारी चेतना वास्ता जरूरी च . अर यांकुण पत्रकारों तै बि अपण मिळवाक दीण जरूरी च।

पण जादातर हमारो  पत्रकार समाज सियुं सि दिख्यांद .

हमारा पत्रकार इन खुज्याण मा त अग्वाड़ी रौंदन कि कतरीना कैफ कु बचपनौ नाम क्या छौ पण यी पत्रकार  इन बताण मा शरमै जान्दन कि चीनौ एयर फ़ोर्स कु नाम 'पीपल'स लिब्रेसन आर्मी एयर फ़ोर्स ' च

हमारी जनता बि कम नी च हम तै यो पता च कि फलाणों फ़िल्मी ऐक्टरो बंगला कथगा बड़ो च पण गौ बुरी चीज जो हम तै खबर ह्वाओ कि चीनी हवाई सामरिक शक्ति अमेरिका, रूस का बाद दुनिया मा तीसरी बड़ी शक्ति च।

 पत्रकार यी जरूर बथांदन कि शाहरुख खान का कथगा चौकीदार छन पण इन बथांद दै यूं पत्रकारों गिच पर बुज्यड़ जांदो कि चीन क एयर फ़ोर्स माँ तकरीबन 3, 3,30000 वायु सैनिक अर 26000 नाविक वायु सैनिक छन .   

हमारा देसौ पत्रकार इन ढोल बजै बजैक बथांदन फलाणा टी वी सीरियल का सेट मा इथगा अलमारी , इथगा सोफा सेट , इथगा कुर्सी छन पण इन बताणो बगत पर यि पत्रकार मूंड तौळ बीड़ी पीण बिसे जांदन कि चीनौ एयर फ़ोर्स मा 2500 से बिंडी एयरक्राफ्ट छन अर नेवल फ़ोर्स मा 570 से बिंडी एयरक्राफ्ट छन

 हमारा जागरूक पत्रकार ऐश्वर्या राय -बच्चन अर करीना -सैफऔ ब्यौ मा एक एक चीजौ अंतर बथाण मा एक हैंकाक दगड़ मारकाटी प्रतियोगिता करदन पण चीन अर भारतौ एयर फोर्सुं मा क्या क्या अंतर च की बातौ बारा मा ना त गिच खुल्दन ना इ कलम पैऴयांदन।

  हमारा पत्रकार अमिताभ बच्चन का ड्यारो भूगोल का बारा मा तजबिज से दसो पना मा व्योरा दीन्दन  पण ये मेरी ब्वे चीनौ एयर फ़ोर्स बेजिंग मिलिट्री रीजन , चेंगडु मिलिट्री रीजन, गुआन्ग्झू  मिलिट्री रीजन ,जिनान मिलिट्री रीजन,लानझोऊ मिलिट्री रीजन, नानजिंग  मिलिट्री रीजन,सेन्यांग  मिलिट्री रीजन, 15 वीं एयरबोर्न कोर्प्स माँ प्रशाशनिक ढांचा मा बंटी च लिखद दै यूं पत्रकारों स्याई सूख जांदी .

  हमारा पत्रकार कै फिलमौ रिसर्च कै तरां से हुणि च की खोज मा  दिन रात लग्याँ रौंदन अर बथान्दन कि यशराज फिल्म की रिलीज से अजय देवगन पर क्या फरक  पोड़ल पण  चीन की नई वायु सेना शक्ति से भारत पर क्या फरक पोड़ल खुज्याणों बगत पर इ लोग बैंकोग पटाया जात्रा पर चली जांदन .

  वो समौ अब नि रै गे कि रक्षा की चेतना सरकारी महकमा तक सीमित राव आज समौ ऐ ग्याई कि हम बि रक्षा का मामला मा थ्वड़ा  भौत चितळ रौंवां। सबि जुमेवारी सरकारऔ मौणि मा धरण ठीक नि होंदी बल्कण मा कुछ जुमेवारी अपण मुंड मा धरण बि जरूरी होंद , जन की चीन की सामरिक शक्ति बारा मा जनता तै बि सजग रौण  चएंद . जनता की सजगता ही सरकार तै सही निर्णय दिलाण मा सहायक होंदी .         

 


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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा



                            अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा नीत्युं  भारत पर  फरक

 

                                 चबोड्या : भीष्म कुकरेती



       परसि बिटेन जख जाओ तख भारत माँ चर्च्याण इ चर्च्याण (चर्चा ) फैलीं च बल नयो अमेरिकी राष्ट्रपति नीत्युं से भारत पर क्या असर ह्वाल ? पथरों तौळा कीड़ा बि चर्च्याण्या (चर्चा कर  रहे हैं ) छन बल क्या अमेरिका बिटेन भारत माँ  कीड़ मारणों नयी नयी दवा आलि   या  ह्वे सकद च बल अमेरिका बिटेन कुछ इन नया कीड़ आल कि वू भारत मा भारत का स्थानीय कीड़ो से जादा  नुकसान द्याला . जन कि पी ऍल कोटा मा  अमेरिकी  ग्युं दगड़  कौंग्रेस घास (महाराष्ट्र मा  यी नुकसान दीन्देर कुणजो जन घासौ नाम कौंग्रेस घास च) बि आयी अर आज किसानो खेति अर बौणो डाळ निपटाण मा सबसे अग्वाड़ी च। 

     किसान डर्यां छन बल  अपण सरकारी नुकसान  (फिस्कल डेफिसिट ) भरपाई करणों बान राष्ट्रपति ओबामा भारत सरकार पर भंयंकर दबाब डाळल अर भारत सरकार विदेसी निवेश (ऍफ़ डी आइ ) का नाम पर अमेरिक्युं तै भारत का किसानो पुंगड़ पटळ खरीदणो इजाजत देद्याली अर फिर कुछि दिनों मा भारत की कृषि पर अमेरिकी अंकल सैम कु कब्जा ह्वे जालो

    किंग फिशरौ मलया त पुऴयाणु च कि विदेसी निवेश (ऍफ़ डी आइ ) का नाम पर ओबामा जी भारत क अगास पर अमेरिकी कब्जा कौरी  दयाल।

  कोयला की कोठड़ी मा जौं जौं तै अपण मुख काळु करणों ऐवज मा कोयला ब्लॉक मीलि छौ ,वो क्वीला क बेशरम , बेहया दलाल  त खुस छन बल  वै ब्लॉक तै अमेरिकी कंपन्यु तै हजारो गुणा दाम मा बेचिक ओबामा जीक अमेरिकी ब्यापार मा   गिरावट  की परेशानी दूर करे जावो।

  भारतीय संस्कृति विभाग का कारिंदा खुस छन कि ओबामा जीक कृपा दृष्टि भारतीय संस्कृति पर इनि बणी रालि अर सबि अमेरिकी व्यापारिक फाउन्डेसन भारत की संस्कृति मंडलियों तै खूब सहायता मौ मदद द्याला जां भारत मा बच्यां खुच्यां जगों पर बि वैलेंटाइन डे , न्यू यियर मनये जालो .

 पर्यावरण वादी बि खुस छन कि ओबामा प्रदत्त  अमेरिकी इमदाद से अमेरिकी हिसाबन भारत मा भारतक पर्यावरण की रक्षा करे जालि।

  इखमा कम्यूनिस्टो क्या कै बि भारतीय तै शंका नी च बल हमारी वित्तीय नीति व्हाईट हाउस का हिसाबन  इ चौललि। हमारा वित्त मंत्री ओबामा का बयानु हिसाब से भारतीय बजट पेश कारल .

  ओबामा की कृपा दृष्टि से भारतीय विद्वान् विद्यार्थी भारत छोड़िक अमेरिका पलायन कौरल . ओबामा जी इन्डियन ब्रेन ड्रेन की गति जर्वत से जादा इ बढाला .

  ओबामा जी हमारी सरकार पर अवश्य ही  एकोनोमिकल रिफोर्म तै अग्वाड़ी बढ़ाणो प्रेस्सर द्याला अर भारत का छ्वटा अर मध्यम श्रेणी का उद्योग भारत बिटेन चम्पत ह्वे जाला अर हम भगवानो मूर्ति, आचमनी,पूजौ चौकल , नाळ, पंचांग  दुबल कुणज बि उन्ना देसु (विदेस) से मंगाणो  विवस ह्वे जौला 

  हाँ  हमारी देर से न्याय दीणै व्यवस्था  अर पेचीदि न्याय व्यवस्था पर ओबामा जीकि क कुछ  नि चलण। 

खनन मंत्रालय की नीति पर बि राहू केतु जन अमेरिकी वक्र दृष्टि राली ही।

  आई एम् ऍफ़ अर वर्ल्ड बैंक भारतीय ग्रामीण विकास की दशा अर दिशा निर्धारित कारल याने कि भारतीय ग्रामीण विकास मा बि अमेरिकी राष्ट्रपति की दखलंदाजी त रालि ही .

 भारत मा पेंसन बिल पास हूण से ओबामा जी खुस ह्वाला किलैकि अमेरिकी बैंक या इन्सुरेंस कंपनी इ त भारतीय  पेंसनेरु पैसा पर सट्टा लगाला .

   आउट सोर्सिंग का मामला अलग च इखमा हमारो आउट सोर्सिंग उद्यम बगैर भारतीय  सरकारी मदद से ओबामा जीक नीत्युं दगड़ अफिक लोहा ल्यालो .

  हमारी स्टील नीति , कपड़ा नीति, शहरी विकास नीति, तेल अर गैस नीति ,आयात निर्यात नीति ,   विदेस नीति , रक्षा नीति पर त अमेरिकी राष्ट्रपति क दखलंदाजी की पूरी संभावना छन

    पैल  हम ब्रिटिश राज मा गांदा छा 'गॉड सेव द किंग अर क्वीन' अब हमन गाण '  अंकल सैम की जय हो'   


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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा

                                        उत्तराखंडऔ बारौं सालौ बरसफल 

 
 
                                     चबोड्या : भीष्म कुकरेती

 

 उत्तराखंड तै बणाणो बान आन्दोलान्कार्युंन कत्ति खैरि खैनी अर कथगौंन नि बण दीणों बान कति खंड खेलिन .
 
उत्तराखंड कथगौं कुण अपुण राज च त कथगा बुल्दन बल असली राज त राजनैतिक या  सरकारी ठेकदारों अर वूंक च जु जाणदा बि नि छा कि इलाहाबाद तै छोड़िक बि क्वी पवित्र जगा बि च .

लोग भरम मा छ्या कि उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश च भलो ह्वाई चीमा जीको अर कौशिक जीक जौन बथाई कि पहाड़ी लोग मैदानों तै चुसणा छन।
 
जौं तै उत्तराखंडी लोग नि  जाणदन वूइ इखाक राज्यसभौ सीट लैक हून्दन 

जू बि इखाक मुख्यमंत्री रौंद वू जाप करदो कि 'पहाड़ो से पलायन रुकणा चाहिए ' पण पहाड़ी अपण मुख्यमन्त्र्युं बात कतै नि सुणदन

उत्तराखंड का पहाड़ी द्वि किस्मो हून्दन एक  जु उख रौंदन अर एक जु उख नि रौंदन . 

जु उख नि रौंदन वूं तै गलत फहमी च कि वू उखाक छन अर जु उख रौंदन वो बि आज ना भोंळ  उख नि राला। जब यी बि प्रवासी ह्वे जाला त यूँ तै बि गलत फहमी ह्वे जाली कि यि उत्तराखंडी छन .

प्रवास्युं कुण उत्तराखंड एक पर्यटन लैक जगा नी च बल्कणम नागर्जा नर्सिंग  पुजणों स्थान च अर प्रवास्युं तै इख पूजै बान जबरदस्ती पर्यटक बौणिक आण पोडद निथर प्रवास्युं कुण प्रवास्युं कुण हिमाचल प्रदेश पर्यटनो कुण जादा तर्कसंगत अर रौन्तेली जगा च .
 
पैल इखाक गदनो मा पाणि रौंद छौ अब गाड गदनु मा शराब बगदी .

उन त  गौं का तकरीबन सबि  गौड़ बल्दुं तै  पलायनौ बाघ खै गे अर गल्ति से कुछ बच्यां बि छन त  कुछि सालम यूं गौड़ी भैंस्युं तै पलायन बाघ दाड़ी (भाकोरना ) ल्यालो।उत्तराखंड मा रसायनी मोळ अर कीड़ मरणों दवै नुक्सानदिवा च त हमन खेती करण बंद करी दे . भै हम त नियम धियमुं मा विश्वास जु करदां

चूंकि अब इख खेती पाती बंद ह्वे ग्यायी त इखाक रास्ट्रीय खाण्क चाऊ माऊ ह्वे ग्यायी .

कति ठेकेदार रूणा रौंदन कि  छतीसगढ़ , झारखण्ड या उड़ीसा जन  खनन उत्तराखंड मा बि स्वीकृत होंद  त उत्तराखंड माँ कथगा इ चूना गेट , पथर गेट आबंटन हूंदा त कथगा मजा आंदो .

अचकाल हम तै अपण संस्कृति दिखणो  बान सरकारी प्रदर्शनी जन कि ग्रीष्म मेला या शीत मेला की जग्वाळ करण पोडद या टीवी चैनेलो प्रोग्रैम दिखण पोड़दन

आजौ समौ मा कुमाउनी अर गढ़वाऴयूं तै चीन से  रक्षा की डौर नी च बल्कणम यी लोग चिंतित छन कि लेंटिना झाड़ी , गूणी , बान्दरो अर सुंगरों से कनै रक्षा करे जावु

 पहाड़ी लोग  सुबेर बिटें स्याम तलक  गूणी बांदर भजांदन अर रात सुंगर भजाणा रौंदन त  मानव संसाधन मंत्रालय अन्वेषण मा लग्यां छन कि यूं  पहाड्यु जंगली जानवर भगाणो उत्पादन शीलता कनै बढ़ाए जावो .

हरेक सरकार बुलणि रौंदी कि विरोधी दल सरकार तै कारगार विकासोन्मुख योजना नि बणाण  दींदी अर जनता च कि विरोधी दल तै बि वोट दीणि रौंदी

 हमारो उत्तराखंड प्रदेश को फिस्कल डेफिसिट उथगा जादा नी च जथगा महारास्ट्र को फिस्कल डेफिसिट च। पण हमारी सरकार  कटिबद्ध च कि  आज ना भोळ हम वित्तीय घाटा मा शिरमौरी प्रदेश बौणि जौंवा।वित्तीय घाटा मा टॉप मा हूणो बान  प्रदेश सरकारन   योजना आयोग से  कथगा दै दरख्वास्त बि कार अर करदी इ रालि

उत्तराखंड सरकार गाँवों गाँवों मा डाक्टर कंपोडर  भिजण त चाणी च पण अचकालौ छ्वारा गां  जाण इ नि चांदन त विकल्प मा ग्रामीण अस्पतालों सफाई कर्मचारियों तै ग्रामीण चिकित्सा को उत्तरदायित्व दिए गे , अन्वेषण से सिद्ध ह्वाई कि डिग्रीधारी डाक्टरों मुकाबला मा सफाई कर्मचार्युं चिकित्सा जादा असरकारी च .

सरकार पहाड़ो बागवानी तै बढ़ावा दीणो वास्ता वचनबद्ध च इलै फ़ूड प्रोसेसिंग का छपरा भौत सि जगा बांधे गेन पण पहाड़ी छन कि सरकार की मंशा पर शक करदन अर बागवानी नि लगांदन . यां से सरकारी फ़ूड प्रोसेसिंग का कर्मचारी रुड्यू मा बि घाम तपणा रौंदन .

सूचना प्रसारण का वास्ता ग्रामीण कानाफूसी , अफवाह केंद्र खुल्यां छन अर भली भांति अपण उत्तरदायित्व निभाणा छन .

मनरेगा आदि मा भ्रष्टाचार जन  लघु उद्योग अर ट्रांसफर जन मध्यम उद्योग सरकारी मदद से विकासोन्मुख छन।.

जख तलक ऊर्जा  को सवाल च गंगा प्रदूषण बचावो आन्दोलन से उत्तराखंड की सरा ऊर्जा चुसे गे त अचकाल जनता अर सरकार उर्जाहीन अवस्था मा च।

पर्यटन बढानो बान हमारा पर्यटन मंत्री, पर्यटन सचिव  विदेस मा जैक अन्वेषण करणा इ रौंदन चूँकि अबि तलक बारा सालों मा कैकी बि रिपोर्ट नि आयी त उत्तराखंड पर्यटन उत्तरप्रदेश को ढर्रा पर यि चलणु च भलो हो जु कुछ प्राइवेट ओपरेटर थोड़ा बहुत मदद सरकार तै दीणा इ छन .

उत्तराखंड सरकार  ग्लोबलाइजेसन का सिद्धांत तै माणदि त बच्चों विकासौ ठेका प्राइवेट स्कूलों तै दीणो बान एज्युकेसनो प्रावेटिजेसन पर खूब जोर च .

उत्तराखंड सरकार चांदी कि उत्तराखंड राज्य आधुनिक राज्य बौणो इलै राज्य मा द्कीयानूसी खेल या पारम्परिक खेल खतम ह्वे गेन अर क्रिकेट जन नया खेलु से समय बितान्दन .

हमारी सरकार अपण पुराणा आणा , पख्याणो  की रक्षा बान प्रतिबद्ध च  त सरकार नि चांदी कि या  पुराणि कहावत ' पहाड़ का पानी और पहाडो का युवा मैदानों की तरफ बहता है  "  निमड़ी जावो , ख़तम ह्वे जावो। इलै अबि बि पहाड़ो मा पाणि त्राहिमाम होणि रौंद .

इखाक लोग बड़ा राष्ट्रभक्त छन इलै यूनं अपण दुधबोली भाषा छोड़ि आल अर अब यूंकि मातृभाषा हिंदी च।
 
  हमारा मुख्यमंत्री संस्कृत अर संस्कृति प्रेमी छन इलै संस्कृत इखाकि राजभाषा च अर इन सुणन मा आयि कि चूंकि पारम्परिक पंडितो न संस्कृत पढन छोड़ि दे छे त कर्मकांड पूजा बान अब पंडित अर मजदूर आयात कर्याणा छन।

 ये सालौ बरख पूजी आल हैंक साल बि यनी बरसफल रालो त ये बरसफल तै संबाळिक रख्यां रैन   
 
 

 

 

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

चबोड़ इ चबोड़ मा

                               कास ! म्यार पति बि सरकारी इंजिनियर हूँदो !


                                              चबोड्या : भीष्म कुकरेती

 
 
  मेरि कज्याणिन खिजेक ब्वाल , " हूँ ! तुमार दगड़ रैकि क्या पाइ ? तुम से बढ़िया त वी इंजिनियर इ ठीक छौ . छ्याई त काळो अर स्याड़ो पण इथगा बेज्जती त नि होंदी  ... !"

मीन पूछ ," ह्यां कु इंजिनियर अर क्यांकि बेज्जती ?"

वींन जबाब दे," जु इंजिनियर तुमसे पैल मि तै दिखणो ऐ छौ , एक दै त मि बि मानि गे छौ , पण तैबरी तुमारि फोटो अर जन्मपत्री बि ऐ गे छे ."

मीन बोलि ," अर मुहल्ला  मा क्यांकि बेज्जती ?"

वींन ब्वाल , " तुमर जगा उ सरकारी इंजिनियर हून्द त हमारो ड़्यार अम्बानी या डाबर जन अमीर लोगुं नजीक होंदु ."

मीन पूछ , " त .."

वा  अनसुणि ह्वेक बुल्दी गे ," हमर ड्यार घूस का पैसों बुसड़ होंदु , घूस का रुप्यों कठघळ होंदी अर हम उं रुप्यो कठघळ मा  सीड्युं से चढ़दा।"

मीन ब्वाल , " अर इनकम टैक्स , ई डी  वळा सिंयां रौंदा ?"

वा बुल्दि गे ," इनकम टैक्स का क्वी टंडन जन दयालु अधिकारी हम तै सलाह दींदु बल जब भारत मा काळो धन तै विदेसी खासकर स्विस बैंको मा जमा कराणै सौ सुविधा च त घौरम काळो रूप्यों कठखौळ लगाणै जर्वत क्या च ?"

मीन पूछ , " त ?"

वा बुल्दि गे , " फिर टंडन जन इनकम टैक्स अधिकारी हम तै जेनेवा क एक फोन नम्बर दीन्दो . हम वैबरी टंडन जी क नौनु तै अपण टैक्स अर फिनेंसियल कन्सल्टेंट बणाइ दीन्दा ."

मीन पूछ , " फिर ?"

वींन ब्वाल , " फिर म्यार सरकारी इंजिनियर हजबेंड   स्विस बैंक को वै नम्बर पर फोन लगांदो। त उख बिटेन जबाब मिल्दो, " अपण पता द्याओ हम अपण  प्रतिनिधि तुमर ड्यारम भिजणा  छौवां "

मीन पूछ , " फिर ?"

वींन ब्वाल , " फिर हमर पता बतांद इ  वै स्विस बैंको प्रतिनिधि हमर ड्यारम ऐ जांदो ."

मीन ब्वाल , " फिर "

वींन ब्वाल , ' फिर वो बैंक  ऐजेंट  हमारो फॉर्म भरदो . हम तै बैंक अकाउंट नम्बर अर गुप्त कोड नम्बर बतांदु "

मीन पूछ ," फिर ?"

वींन अग्नै ब्वाल , ' फिर हम वै ऐजेंट तै अपण रुप्यों कटघळ  दिखांदा . वू एजेंट रूप्या गणनों कुणि द्वी चार चार्टेड अकौंटेंट मजदूरों तै बुलांदु . वो चार्टेड अकौंटेंट मजदूर  बुसड़ो अर कठखळौ रूप्या गणदा  अर .."

मीन पूछ , " अर फीर "

वा बुल्दि गे ," फिर आठ दस एम कौम मजदूर आंदा अर वो हमर रूप्या ट्रक मा  चढै दींदा . इना एम कौम मजदूर हमर काळो रूप्या ट्रक मा चढाँदा उना जेनेवा बिटेन फोन ऐ जांदो कि हमर अरबो रुपया स्विस बैंक मा जमा ह्वे ग्याई . हम तै बड़ो चैन मिल्दो ."

मीन पूछ , "क्यांक चैन ?"

वींन  दनकांद दनकांद ब्वाल , " अरे भारत मा ,  घौरम बैठ्याँ बैठ्याँ हमारो अरबो रुपया स्विट्जर लैंड का बैंको मा जमा ह्वालो त हम तै चैन नि आलो ?"

मीन पूछ , " फिर ?"

वींन गम्भीर ह्वेक ब्वाल , " फिर हम टंडन जन इनकम टैक्स अधिकारी क सलाहानुसार कै टैक्स हेवन देस जन कि सेंट किट्स आई लैंड या मोरेसिस मा एक कंपनी खोल्दा ."

मीन पूछ , ' त तुम तै कंपनी रजिस्टर करणों बान उख जाण  पोड़दो ?"

मेरी घरवाळि न ब्वाल , " ना ना ! उ बि एजेंटो परतापन इखि रैक कंपनी रजिस्टर ह्वे जाली ."

मीन पूछ , ' अर कंम्पनी क पता या एड्रेस?"

वीन राज ख्वाल , " उख पोस्ट बौक्स का पता पर  कंम्पनी रजिस्टर करै सकद्वां . यूं देसुं तै एक या द्वि परसेंट सर्विस चार्ज दीण पोड़द बस "

मीन पूछ , " फिर ?"

 वींन ब्वाल , " फिर हम स्विस बैंक से रुपया यीं मौरेसिस की कंम्पनी मा ट्रांसफर करौंदा ."

मीन पूछ , " फीर ?"

वीन रहस्य बथाई , " फिर हम मौरेसिस कंम्पनी से फौरेन इन्वेस्टमेंट स्कीम का तहत ये रुपया तै भारत मन्गौंदा अर भारत मा इज्जत से बिजनेस करदा ."

मीन पूछ , " फीर ?"

वीन बताई , ' हमारा वित्तमंत्री बयान दीन्दा कि भारत मा ऍफ़ डी आइ मा बढ़ोतरी हुणि च . हम बि सूखि अर भारत सरकार बि सूखि "

मीन पूछ , " अर जु पकड़े गे त ?"

वींन ब्वाल , " पैल त पकड्याणों चांस नि आंदो . पकड़े बि  ग्याई त हमारी न्याय प्रक्रिया मा देरी से आठ दस साल इनि निकळ जाला "

मीन पूछ , "अर जु न्याय प्रक्रिया जल्दी पूरि ह्वे ग्याई त ?"

 वीन घमंडम ब्वाल , " त क्या ह्वाई हजबेंड तै द्वी चार सालै जेल ह्वेलि अर क्या ?"

मीन पूछ , " अरे हजबेंड तै द्वी चार सालै जेल होलि अर तु बुलणि छे कि क्या ह्वाई ?"

वींन समझाई , " इखमा क्या च . एकाक त्याग से सात पुस्तों की गरीबी त दूर हवेलि कि  ना  ?"

मीन पूछ ," बाई द वे , तुमारो वो इंजिनियर अजकाल कख च ?"

वीन दुखी ह्वेक बथाई , "बिचारो तै सात साल की जेल ह्वे ग्याई . द्वि मैना बिटेन जेल मा च ."

मीन पूछ , " अर वैका परिवार का त बुरा हाल होला ?"

वीन खुलासा कार , " वैका सरा परिवार स्विट्जरलैंड शिफ्ट ह्वे ग्याई  अर उं सब्युं तै स्विट्जरलैंड की नागरिकता मीलि गे . सब सुखी छन ."

मीन ब्वाल , " मतबल हर युग  मा बाल्मीकी अपुण  परिवारौ बान चोरी करदो अर परिवार त मजा करदो पर पाप को भागी बणदो  सिरफ  अर सिरफ बाल्मीकि "

 


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