Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 357533 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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नि पेवा शराब
 
 शराब कु नशा हमारा समाज मा नाशूर की तरौऊ फैल्नु छ ,हमारी युवा पीढ़ी भी ये सी अछूती निछ ,कैयों का घर बर्बाद व्हेगेंन ,हम सभु कु कर्त्यब्य बंणदू की अपरा घर परिवार और गांउ गला मा शराब पर पर्तिबंध लगाण का खातिर एक जुट व्हेई जावा ,,,,,,,   
     
     # नि पेवा शराब #
 
 
 नि पेवा ,नि पेवा भाई बंदू तुम शराब |
 जिंदगी करी देंदी या सबुकी खराब ||
 ध्यान देवा मेरी बात तुम या खाश |
 शरीर कु करी देंदी या सारु नाश ||
 अच्छा अच्छो की मति करदी खराब |
 नि पेवा ,नि पेवा भाई बंदू तुम शराब ||
 अच्छा अच्छा परिवार बर्बाद व्हेंन |
 अपरा आख्योंन सब देखि मैंन ||
 अगर नौजवान शराब मा डूब्या राला |
 बाल बच्चा तौका भोल क्या खाला ||
 होई जालू पारिवार बरबाद सारु |
 सारी बरबादी की जड़ छ या दारु ||
 गांऊ गांऊ मा यनि जाग्रति लावा |
 शराब का नशा तै जड़ सी मिटावा ||
 नि करी सकदा तब तक हम विकाश |
 जब तक नि होंदू शराब कु नाश ||
 माता बैन्यों भी तुम ध्यान देवा |
 सभी मिली जुली यनु शकल्प लेवा ||
 शराब गांऊ मा कै नि बनौंण देवा |
 परिवार मा अपरा कै नि पेण देवा ||
 समाज का खातिर होलू यु योगदान |
 होलू यु कार्य तब सबकु महान ||
 नि पेवा ,नि पेवा भाई बंदू तुम शराब |
 जिंदगी करी देंदी या सबुकी खराब ||
 
 द्वारा रचित >भगवान सिंह जयरा
 अबुधाबी (यू.ए.इ.)
 दिनांक >२८/०४/२०१२ 

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा



                                           किकबैकs मजा 


                                          चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ )



मेरि घरवळिन झस्कैक बोलि," तुम से बढ़िया त वो इ ठीक छौ।"

मीन पूछ," कु ?"

म्यार भतिजन जबाब दे," जु  बोडि तैं तुम से पैल दिखणो ऐ छौ।"

"अरे  पण को च ऊ?" मीन पूछ

 वींन बथाइ," ऊ जंगळु ठेकौं दलाल छौ। वो खटीमाम च ।"

 मीन पूछ," अरे त कैन रोकि विक दगड़ ब्वौ करण से?"

म्यार भतिजो बुलण छौ,' बोडी पढ़ीं लिखीं छे अर वू जंगळु दलाल  पांच पास बि नि छौ।"

मीन पूछ," ह्यां पण ! सुबर सुबर ये जंगळु दलालs बात कखन आइ?"

 म्यार नौनौन  जबाब दे," आज सुबर बिटेन ममी हेलिकोप्टर चौपर की खबर इ बंचणि च।"

 मीन पूछ," तो ?"

भतिजोन तून देकि ब्वाल," त क्या तुम अर बुबा जी बि दलाल हूंदा त .."

मीन बि तनकेक ब्वाल," त ? जु हम द्वी भै मैनेजर छोड़िक दलाल ह्वे जांदा तो क्या ह्वे जांदो ?"

नौनन बोलि," आप द्वि भै सनै सनै कौरिक दल्ला गिरि छोड़ि दींदा।"

मीन पूछ," त फिर हम द्वी भै क्या करदा?"

 घरवळिs बुलण छौ," फिर तुम द्वी भै आर्म डीलर ह्वे जांदा।"

मीन बोलि," आर्म डीलर या दल्ला गिरिम क्या फर्क च?"

नौनौन समझाइ," दल्ला हिंदी शब्द च अर आर्म डीलर अंग्रेजीक शब्द च। दलाल गिरि निकृष्ट काज च अर आर्म डीलरशिप बडो रिस्पेक्टेड जॉब च।"

भतिजोs  बुलण छौ," इंग्लिश  टाइटल हैज मोर रिस्पेक्ट दैन हिंदी टाइटल। फॉर इक्जान्पल  डैड वर्ड हैज मोर रिस्पेक्ट दैन बुबा जी वर्ड ।"

घरवळिन बात अग्वाड़ी बढ़ाइ,' तुमारो सम्पर्क भैर देशों हथियार निर्माताओं से हूंद अर फिर तुम दिल्लीम अधिकार्युं अर नेताओं सम्पर्क मा ऐ जांदा।"

नौनन ब्वाल," फिर तुम इन्डियन आर्मी कुण बनि बनि हथियार सप्लाई करणों बान अधिकार्युं अर नेताओं अर उंका रिस्तेदारों मौज मस्ती इंतजाम इख अर विदेशोंमा करदा।"

भतिजन ब्वाल," तुम नेताओं अर सरकारी अधिकार्युं  तै  पटान्दा अर इन्डियन आर्मी तैं विदेशी  हथियार बिकवांदा।"

  घरवळिन पुळेक ब्वाल,' तुम एक अकाउंट स्विटजरलैंडक बैंक मा खुलदा। विदेशी हथियार निर्माता किकबैक कु पैसा तुमर जेनेवा को बैंक अकाउंटम जमा करि दींदा।"

नौनन बिंगाई," फिर तुम वै पैसा तै मौरिसिसम एक क्या दस दस नकली ब्यापारिक संस्थानु बैंक अकौन्टोम ट्रांसफर करान्दा।"

भतिजोन समझाई," फिर मौरिसिस से फौरेन  इन्वेस्टमेंट को नाम पर तुम अपण पैसा इख इण्डियाम ट्रांसफर करवांदा। फिर वै पैसा तै तुम नेताओं अर सरकारी अधिकार्युंम बांटदा।"

 घरवळिन पुळेकइ  ब्वाल," फिर वै अरबों रुपया से हम सौब परिवार वाळ मजा करदा।"

नौनन उत्साहम ब्वाल," हमम अलग अलग शहरोंम कथगा इ मकान होंदा अर कथगा इ गाड़ी हूंदा।"

 भतिजोन अति उत्साहम ब्वाल,' हमम दुनियाक तमाम सुख-सुविधा हूंदा  अर हम मजा करदा।"

मीन पूछ," अर  जब टाइम्स या इक्स्प्रेश अखबार पोल खुलदा त क्या होंदु?"

घरवळिन बोलि,' सरकार इनक्वारी कमिसन बिठांदी।"

नौनन ब्वाल," पैल त इनक्वारी से कुछ नि होंद  ..."

भतिजन ब्वाल," अर खुदानाखास्ता इनक्वारी पूरी ह्वे जांदी त तुम जीवन भर जेल माँ हूंदा।"

मीन जोर से ब्वाल," अरे पर जिन्दगी भर जेल जाण क्वी बढिया काम च ?"

 घरवळिन बोलि,' ह्यां पण जेल त तुम द्वी भाइ जांदा ना ? हम परिवार वाळ अर हमारि सात पुस्त त मजा ही मजा करदा ना?"

मीन ब्वाल," वाह ! हम त जिन्दगी भर  जेलम हूंदा अर तुम परिवार वळा सात पुस्तों तलक मजा करदा हैं?

नौनु अर भतीजो जबाब छौ," हां ! जू बि भ्रष्टाचारी बुरु काम करदो वो तो जेल ही जांद अर वैको परिवार  वळा इ त मजा करदन।"

 मीन ब्वाल," इन पैसा से भलो त रूखी सूखी रुटी ही ठीक च।"

 घरवळिन बोलि,' तबि त मीन ब्वाल बल तुम से त भलो लकड़ी दलाल इ ठीक छौ जु तुम से पेल मि तै दिखणो ऐ छौ।"     


       



Copyright@ Bhishma Kukreti 17/2/2013

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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यकलु बानर कभै हँसौदिँ- कभै रुलौदिँ
 गौ कु माटु- माटु कु पानि
 याद दिलौदिँ- नौले मा भरदि
 ताबै कि गगरि- घँघरि मा चलदि
 "ऊ छा तेरि-मेरि दुर पहाडि बुढि माँजि"
 लग्ग-लग्ग करदि पानि लान्दि
 चुल मा बैठि याद ले करदि
 कभै हँसौदिँ- कभै रुलौदिँ
 दिल्ली मा बैठि
 जिकुडि तै झुर झुर हुन्दि
 "ऊ छा तेरि-मेरि दुर पहाडि बुढि माँजि"
 त्यारु-ब्यारु दब्यातू कु थाणु
 हाथ ले जौडदि चेलुकू नौउ
 कदुक मयालु छै तू माँजि
 आपण दुखै कै उ छुपैन्दि
 हँसदि मुखडि च्यल मा रखदि
 तू छै माँजि
 कभै हँसौदिँ कभै रुलौदिँ
 गौ कु माटु-माटु कु पानि
 याद दिलौदिँ-नौले मा भरदि
 ताबै कि गगरि- घँघरि मा चलदि
 "ऊ छा तेरि-मेरि दुर पहाडि बुढि माँजि"
 
 http://phhadikavita.blogspot.com/2013/02/blog-post_15.html
 लेख-सुन्दर कबडोला
 गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
 © 2013 copy right sundarkabdola , All Rights Reserved

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                 काश ! मि पुलिसौ इन्कौन्टर ऐक्सपर्ट हूंद !

 

                      चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती


(s =आधी अ )

 

 बुबा जीन अखबार बिटेन नजर हटैक  हड़कांद बोलि,"बुजर्गों बुल्युं नि मानो त पैथर पछताण पोड़द।"

मीन पूछ," कनों?"

बुबा जीन बोलि ," अरे तू अपण ददा जी बुल्युं मानिक पुलिसम भर्ति ह्वे जांद त क्या से क्या ह्वे जांदो।"

मीन बोलि," पण वैबरी तुमनि ब्वाल  बल पुलिसै नौकरी बेकार च।"

बुबा जीन दुखि ह्वेक बोलि," वैबरी मी फर भक्त दर्शन जीs  इमानदारी वळु  भूत लग्युं छौ त मीन अपण बुबा जीक विरोध कार अर त्वै तै पुलिसम भर्ति हूण से रोकि। औंळौ स्वाद अर बुजर्गूं बुल्युं पैथर इ याद आंद।"

 "कनो आज कैको भूत लगी गे जु तुम तै पछतावा हूणु च बल मि पुलिसम भर्ति किलै नि हों ?" मीन पूछ

" आज मै  फर रमेश निशंक, सुखदेव सिंह नामधारी, ए . राजा, सुरेश कलमांडी, अशोक चौहान, लालू यादव, जय ललिता , यदुरप्पा जन व्यवहारिक राज नेताओं नेताओं जिंदी हंत्या चढीं च।"बुबा जीन खुलासा कार।

मीन पूछ,"  जु मि पुलिसम भर्ति ह्वे जांदो त क्या ह्वे जांद?"

बुबा जीs  उत्तर छौ," अरे इन बथादि क्या नि ह्वे जांद? घ्वाडोंम भौरिक ड्यार घूसौ रूप्या आंद अर तु पुलिसै नौकरिम  डुलण भौरिक हीरा -जेवरात ड्यार लांदो। हम सौब  रुपयोंमा सींदा अर हीरा जवारात खांदा।"

  मीन बोलि," रूपयों क्या करदा?"

बुबा जीs जबाब छौ," कथगा ही शहरोंम जमीन जायजाद होंदि । कथगा इ गाड़ी-घ्वाड़ा होंदा। पांच छै जगा तेरि रखैल होंदि  अर रुप्यों छळाबळि मा मेरि बि एकाध रखैल होंदि। अर हफ्ता द्वी हफ्तों मा हम एक हेंकाकी  रखैलुं संट्वरा -बंट्वरा बि करदा       "

  मीन घंघड़े   बोलि," क्या ?"

बुबा जी बुल्दा गेन,"  ब्यटा जब इन रूप्या आला त थ्वड़ा क्या ! बाब बेटा बीच शरम-ल्याज थुका  रै  जान्दि।"

मीन अचकचैक ब्वाल," ए मेरि ब्वे !"

बुबा जी बुल्दा गेन," तू  इनकौन्टर एक्सपर्ट ह्वे जांदो। पैल तू अपराध्युं पर हाथ साफ़ करदि अर धीरे धीरे त्यार संबंध माफिया  गैंग से ह्वे जांदो, तु पुलिसम रैक बि एक गैंगमा भर्ति ह्वे जांदो  अर तब तू अपण गैंग को बुल्युं मानिक दुसमन गैंगक अपराध्युं इनकौंटर मा हत्या करदी अर हत्या करांदि ।"

मीन ब्वाल," इ क्या क्या घड़्याणा (सुचणा) छंवां तुम?"

 बुबा जी बुल्दा गेन," फिर तू माफिया बुलण पर पुलिसै नौकरी छोड़ी दॆन्दि अर माफिया का एक एरिया को सरदार ब्वालो  सूबेदार ब्वालो हवे  जान्दि।"

"ए मेरि ब्वे" म्यार मुखन आइ

 बुबा जी बुल्दा गेन," तेरि बवे बि मजा करदि,रोज किटी पार्टी  करणी रौन्दि।, फिर तू लोगुं तै मारणों सुपारी लींदी अर लोगुं हत्या करदी। खूब धन दौलत कमाणि  रौन्दि "

मीन ब्वाल," अब त बंद कारो यो बकबास।"

  बुबा जीन बोलि," मि बकबास नि छौं करणु। तीन समाचार नि बांचि बल नवी मुंबई मा एक घाघ रिटायर्ड इनकौन्टर एक्सपर्ट सैमुअल अमोलिक कनो अंडरवर्ल्ड याने  माफियों कुण काम करदो छौ।"

   मीन ब्वाल," क्वी बुबा अपण नौनो बान इन सुचदो क्या?"

बुबा जीक जबाब छौ," जै देसम रक्षक भक्षक बौणि जाला त वै देसम ब्वे बाब अपण नै साखि (जनरेसन) तै अपराधी बणानम नि शरमांदि।"   

                                 

   

         

 

Copyright@ Bhishma Kukreti 18/2/2013

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                                  कुत्ता भुकणो  त वै तै हड्डी दे द्यावा 

 

                                  चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती


(s =आधी अ )

 

 " ए मेरि ब्वे मोरी ग्यों।पुटकुंद भारी पीड़ा होणि च।"

" ह्यां ! त डाक्टरम जादि'

" गे त छौ।"

" त क्या ब्वाल डाक्टरन?"

"क्या बुलण छौ। डाक्टरन बोल बल  पिस्युं धणिया मा घ्वाड़ो लीद, जीरो मा जंगली बीज, काळी मर्चम पपीता बीज, लाल मरचम कुज्याण को कैमिकल मिलायुं मसालों से म्यार पेट दुखणु च। डाक्टर बुलणु च बल मसालोंम मिलावटन ऐपेडिमिक ड्रोप्से हूणों पूरा अवसर छन।"

" हे नागराजा! नि खैन भोळो बग्वाळ यी   ब्यापारी जु साफ़ मसालोंम अंट संट चीज मिलाणा छन।"

 " हे बुबा मोरी ग्यों। नि बचदो मी। सांस रुकणी सि च।"

" ह्यां किलै छे कराणि?"

" अरे जु दूध पीन्दो छौ  वैमा बल यूरिया मिलायुं छौ अर मि मिलावटी दूध पेकि बीमार पोड़ी ग्यों। वैद जी तै  अंदेसा च बल ह्वे सकुद च मी तै इनक्रीज्ड साल्वेसन,उन्द-उब (उलटी-दस्त ),अबडोबिनल क्रैम्प,बार बार तीस लगणों अंदेसा बि च।"

" बांजि पोड़ि जैन यूंकि कूड़ि जु दूध मा यूरिया अर भौं भौं सिंथेटिक दूध मिलांदन। बजर पोड़ि जैन यूंकि कूड़िउंद जु यी घीमा, चीजमा, पनीरमा, खोयामा   कोलतार डाइज जन केमिकल  मिलान्दन, दहीमा  अर लोगुं जिन्दगी से खिलवाड़ करदन।"

 " अरे यी कथगा लोग  अस्पताल किलै जाणा छन?"

" यी सबी एकि दुकान बटी रासन खरीददा छा अर अब पता चौल बल ग्यूं-चौंळम सुफेद पथर, बजरीम बळु मिऴयुं रौंद छौ या फंगस इन्फेक्टेड ग्यूं -चौंळ,खाणों  तेलम रेनसीड तेल, दाळुम लथाइरस सैटिवास जन विषैली दाळ मिलीं रौंद छे"

"तो?" 

" तो क्या, क्वी डाहिरिया को रोगी ह्वे गे, कै पर लथाइरिज्म की बीमारी ह्वे ग्यायि अर कै पर लकवा बि ह्वे गे।"

" जा तड़म लगी जैन यूं कुनेथ्युं पुटकी। ये मेरि ब्वे थ्वड़ा सि नफाs बान मनिखों जिन्दगी लीणा छन यी राक्षस ?"

 " अरे या लोगुं बड़ी लंग्त्यार कख जाणि च?"

  " यी सुब मिलावटी फल या भुजि खैक बीमार हवे गेन।ब्यापारी फल अर साक भुजी उमर  बढाणो बान फलों या सबज्युं पर इंजेक्सन दीन्दान अर वांसे इन भुजि खाण वळ  लोग भौं भौं बीमारीन ग्रसित ह्वे गेन।"

 " घाम लगि जैन यूं ब्यापार्युंकी मौ ! जो इन दुष्कर्म करणा छन।"

" ये मेरि ब्वे ! ये मड़घटम चारोंतरफ न सौ द्वी सौ मुर्दा किलै आना छन/"

" कुछ लोग मिलावटी दारु पेक मोरी गेन अर कुछ लोग विषैलो शिकार-मटन-मच्छी खैक मोरी गेन।"

' ये मेरि ब्वे ! त सरकारी अधिकारी क्या करणा छन?"

" कुत्तों तें हड्डी दे द्यायो त कुत्ता बि भुकण बंद कौरि दीन्दो।"

"मतबल?"

"मतबल या च बल अधिकारी रिश्वत खैक मिलावट करण वाळु तै खुलि छूट दीणा छन त इन मा मिलावट रुकी नि सकदी।"

 " हे भगवान मेरो भारत को यी हाल?"

" हां! सोमनाथ मन्दिर जब लुट्याणु छौ त हथियार उठाणों जगा भारतीय भगवान तै यि त याद करणा छया।"

"तो हथियार इ एक विकल्प बच्युं च ?"

" मि क्या बोलुं ? यो त भारतीयों तै इ सुचण कि क्या सै च अर क्या गलत च " 

 

 
 
Copyright@ Bhishma Kukreti 20/2/2013

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा


                                      आण वळ राजनैतिक मौसम


                                           चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती

(s =आधी अ )


   आण वळ मौसम की भविष्यवाणी सरल नि होंदि किलैकि बल स्त्री चरित्रंम , पुरुषस्य भाग्यम अर वातावरणम बदलावs बाराम  दिवता बि नि बथै सकदन त मनिखौ क्या बिसात! पण अचकाल  हम भारत को राजनैतिक मौसम की जानकारी अग्रिम जानकारी दीण लैक ह्वे गेवां।

अब द्याखो ना चुनाव आण इ वाळ च त बजट का जरिया गरीब नामक पहाड़ियोंम कनसेसन अर स्कीमों  का बादळ जरूर दिख्याला।

गरीबुं नामौ स्कीम गरीबुं ड्यार त क्या बरखलि   ? पण  या स्कीम ट्रांस्फोर्मेसन का जरिया गरीबुं हिमायत्यूं ड्यार जरूर बरखलि ।

  गरीबू आकाशम चुनाव तलक  राजनैतिक पार्टी रुपी बनि बनिक बादळ जरूर रोज दिख्याला। गरीब लोग ये आसरा मा राला बल क्वी ना क्वी बादल यूंखुणि खुशहाली लालो पण सबि बादल 'काले बादल जी डरावे' जन सिद्ध ह्वाला।

   राजनैतिक   आश्वासनोंम  अणु -परमाणु बम कृतिरिम ढंग से इंजेक्ट ह्वाला।हरेक पार्टी हेड क्वार्टर बिटेन  आश्वासनों बम्ब लेकि हरेक राजनीतिग्य आश्वासनों बमब्याट कारल अर हरेकौ बमब्याट को हल्ला मा इन पता इ नि चौलल कि यी आश्वासन रूपी बम सन बावनो आश्वासन छन अर इथगा सालोंम खालि 'मेड बाइ ' को लेबल ही बदल्याणु रौंद।  आश्वासनों बम से वातावरणमाँ एक अजीब सि बेहोशिक गंध फैललि जां से  जनता बेहोश ह्वे सकदी। कुछ लोगुं पर आश्वासनों बम फटण से दिनम बि सुपिन दिखणो रोग लगि जालो  अर पूरो वातवरणम एक दिव्य भरम की चकाचौंध रालि या दिव्य भरम की चकाचौंध बि जनता तै अति काल्पनिक आनन्द दीणि रालि।

       

राजनैतिक आरोप प्रत्यारोपुं बादल रोज फटणा राला अर यांसे वातवरणम गंदगी, सड्याण, चिराण पैदा होलि अर  जनताम गुस्सा, चिंता, आशाहीनता नामक  बीमारी अवश्य सौरलि  (फ़ैललि).चूंकि हकीम लुकमानम बि गुस्सा, चिंता, आशाहीनता नामक बिमार्युं दवा नी होलि त जनता तै नया किस्मौ कैंसर की लाइलाज बिमारी भुगतण इ पोड़ल। लोगुं समजमा यो नि आलो बल यूं आरोप-प्रत्यारोपु बादळुम गाळी जन विषैलो पदार्थ कखन ऐ गे।


  राजनैतिक गहमा गहमी से  वातवरणम भयंकर गर्मी पैदा हवे जालि अर आचार -विचार-सही सची बातों -सुलक्षणी व्यवहार  की कमी से  सूखा पोडि जालो। सब जगा झूट, लम्पटगिरी, लफंगागिरि, लुच्चागिरि ,अनाचार को राज  ह्वे जालो। 

चुनावी मौसमम जन कि हर दै हूंद चुनाव टिकट पाणों बान पार्ट्यु दफ्तरम दंगऴयाट-भंगऴयाट-भिभड़ाट को वातावरण त अवश्यम्भावी च।

 चंदा वसूली का बादल बिचौलियों ड्यार धना सेठुं से जादा  दिख्याला।   

चुनाव जितणो मनोकांक्षा से कुछ स्थाई वाइरल वीमारी बि फैल्दन जन कि परिवारवाद।  कौंग्रेस, लालू जीक पार्टी, अकाली दल, शिवसेना, मुलायम सिंग यादव जीक तर्ज पर भारतीय जनता पार्टीमा बि परिवार वाद को वाइरस सौरल ( फैलना )         

    पौलिटिकल  पार्ट्यु द्वारा  अलाइन्स पार्टनरो खोज से वातावरणम गलतफहमी,भरम अव्यवस्था, गडबड, क्या बुन्या-क्या कन्या स्थिति , भैर कुछ हौर-भितर कुछ हौर, अस्थिरता को डरs  बबंडर चुनाव ही ना चुनावुं पैथर बि रालो अर ये गलतफहमी,भरम अव्यवस्था, गडबड, क्या बुन्या-क्या कन्या स्थिति , भैर कुछ हौर-भितर कुछ हौर, अस्थिरता को डरs बबंडर से प्रजातंत्र की पौ/नींव खपचाणो खतरा सद्यानि बण्यु रालो।

    राजनैतिक  भाषणोंम जातीय विषैली गैस भर्यालि अर वोटर्स भारतीय हिसाब से नि गणे जाला बल्कण धर्म , जाती, उप जाती का हिसाब से खंडित होला। क्वी बि वोटर भारतीय ह्वेक वोट नि द्यालो बल्कणम धरम अर जातिक हिसाब से वोट द्यालो।

     प्रधान मंत्री कु बौणल को गुबारा हरेक जगा लटक्यां राला अर यां से राजनैतिक पार्टी चुनावी गणत लगाणा राला।               

     में सरीखा चबोड्या लिख्वारो कुण त मजा रालो कि रोज एक नयो विषय अफिक मीलि जालो।                   

           

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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

 सौज  सौजम मजाक-मसखरी 

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा



                     बुड्या मरणु बि नी!: याने एक अभिनव आन्दोलनs जड़नाश   



                                 चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
 
 

(s =आधी अ )

 

म्यार ख़ास दगड़्यान ब्वाल," बल रे भीषम त्यार दगुड़ कौरिक मै कुछ नि मिलि।"

मीन बोलि," अबे दगुड़म लिए नि जांद दिये जांद।"

वैन जबाबम बोलि,' मि द्वापरो  दगड़्या नि छौं। कळजुगि दगड़्या छौं जैक बोल हून्दन बल मि त्यार इख औंलु त तु  क्या देलि अर तु म्यार इख ऐलि त मेखुण क्या लेकि ऐलि?"

मीन ब्वाल," अछा बोल आज क्या ह्वे जु तु म्यार दगड़न परेशान छे."

ख़ास दगड़्यान बोलि," यार तु अरविन्द केजरीवाल जन होंदु त म्यार कथगा मजा हूंदा!"

मीन पूछ,"कनो क्या ह्वे जांदो?"

 वो बुलण  लगि राय," तू पैल सरकारी अधिकारी बणदु अर उख त्वे तैं कम करण पोड़द त त्वै  तैं मजा नि आंदो। तेरि जिंदगी फलसफा होंदो बल दुसरो पीठम सत्तू छोळण।"

 मीन बीचम बोलि,"  पण हरेक सरकारी  अधिकारि त यी चांदो काम क्वी कारो अर प्रमोसन म्यार इ ह्वावो।"

 वो बुलदो गे," हां जब तु दिखदि बल सबि अधिकारि दूसरो  मौणिम बंदूक चलांदन त तेरि उख कतै नि चलदि अर तु सरकारी नौकरि छोडी दींदु।"

मीन बीचम बोलि," अबे म्यार परिवार बि त होंदु बगैर नौकरि मि परिवार कनै पाळदो?"

 वो बुलणु छौ," तू एक एन. जी. ओ खोलि दींदो अर इन मा दान दक्षिणा से तेरि सामाजिक कार्यकर्ताs चमकीली दुकान बि चलणि रौन्दि अर परिवार बि पळणु रौंद।"

मीन पूछ," अबे इन माँ क्या च? उत्तराखंडम उथगा गां नि छन जथगा  एन. जी. ओ छ्न. त एन. जी. ओ चलाण वळा अपणि सामजिक  कार्यकर्ताs दुकान बि चलाणा छन अर  परिवार पळणा छन।"

वो बुल्दो गे,' तू हौर एन. जी. ओ चलाण वळो से जादा  महत्वाकांक्षी होंदु अर तेरी नजर कै बड़ो पद पर होंदो पर क्वी नेता तेरो कब्जा मा नि आंदो जु त्वै तै क्वी संवैधानिक पद दे द्याओ।"

  मीन बोल," हूँ !"

  ख़ास दगड़्यान बुलण चालु रख," फिर त्वै तै एक सरीफ गांधीवादी अन्ना हजारे जन बूढों मनिख मील जांदो, वै गांधीवादीs  समाजम बड़ी इज्जत होंदी। वै गांधीवादी तै म अखबारों से ना वैको काम  से पछ्याणे जांदो।"

मीन पूछ," फिर?"

दोस्तन अग्वाड़ी ब्वाल " फिर क्या ? त्वै तै लग जांदो कि यो गांधीवादी बुड्या का कंधा तेरि महत्वाकांक्षा पूरि कौर सकदन अर तु गांधीवादी बुड्या तैं पटांदि बल भारतीय भ्रष्टाचार से त्रस्त छ्न. अर आज एक भ्रष्टाचार उन्मूलन आन्दोलन की बड़ी जरूरात च। बिचारो अछेकि गांधीवादी, सीधो साधो मनिख तेरि भकलौणि मा ऐ जांदो।"

मीन ब्वाल," इखम  बुरु क्या च ?भ्रष्टाचार उन्मूलन आन्दोलन त भारतम खाणो खाण जन एक बड़ी जरोरात च।  "   

वैन बोलि," फिर एक बहुत जोरs  भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन चलदो अर ये आन्दोलन तै जनता अर मीडिया को पूरो समर्थन होंदु। जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त छे त वा एक गांधीवादी नेता की जग्वाळम छे अर आन्दोलन की तैंची-गरमी राजनैतिक नेताओं तै बि लगदी फिर संसद मा भ्रष्टाचार खतम करणों फोकटो स्वांग रचे जांदा।"

मीन बोलि," सत्ता को सासत्व नियम च बल  सत्तासीन अपण विरोध्युं   तै खतम करणों बान बनि बनि टुटब्याग करदन।" 

वो बुल्दो गे," फिर गांधीवादी भ्रष्टाचार विरोधम उपवास करदो। अर तु भगवान से प्रार्थना करदो कि यी बुड्या उपवास करदो मोरि जावो।"

मीन पूछ," बुड्या मोरण से क्या फैदा हुंदो?"

वैन ब्वाल," तू चान्दि कि बुड्या उपवास करदो मोरि जांदो त भारतम एक आग लगि जांदी अर तू चुनाव लड़िक प्रधानमंत्री बौणि जान्दो।"

मीन पूछ,"अगनै बोल "

वैन ब्वाल," तू खुलेआम एक राजनैतिक पार्टी जन कि  स्वराज्य पार्टी बणाणो तैयारी करी लींदो पण  गांधीवादी बुड्या ये  आन्दोलन तै निखालिस सामजिक आन्दोलन बणानो  बात करदो।"

मीन ब्वाल,"हां आज भारत की एक बड़ी जरूरात सरकार पर सामजिक दबाब की च किलैकि राजनैतिक दबाब उठ्गा प्रभावशाली नि होंदु जथगा सामजिक दबाब।"

वें बोलि," फिर तू अर त्वै  जन राजनैतिक महत्वाकांक्षी दगड़्या वै असली गांधीवादी बुड्या तै छोड़िक एक कॉमन मैन  पोलिटिकल पार्टी खड़ी करी दींदा।"

मीन ब्वाल," अर मी स्वार्थ, अवसरवाद, महत्वाकांक्षी एक अभिनव आन्दोलन को जड़नाश करदो।"

वें ब्वाल," हां तू त राजनैतिक क्षेत्रमा अवश्य चमकी जांदो पण एक आवश्यक अर सही आन्दोलन एक स्वार्थि मनिखो महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ी जांदो।'                         

                                         

 




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गढ़वाली हास्य व्यंग्य

 सौज  सौजम मजाक-मसखरी 

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                       डौर ना ! हिन्दुस्तान आतंक्युं कुण चारागाह च   


 
                        चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
 

(s =आधी अ )
 
 

 " खाला ! वधाई हो !  अंतर्राष्ट्रीय दहसतगर्दी  संगठनन जावेद तै  आतंक  फैलाणो चुनि अर वै तै नेपालो रस्ता हिन्दुस्तान भिजे जालो ।"

" पण बुबा !म्यार जावेद त मजहब  रक्षा बान जिहादि बौण अर तू दहसत गर्दी संगठन को नाम लीणि छे।"
 
"ओ खाला इख मजहबी जिहाद्युं तै क्वी घास नि डाऴदो पण दहसत गर्दी संगठन का नाम से खूब रुपया कट्ठा होन्द।"

" ओ होलु क्वी नयो टुटब्याग। ह्यां वैन हिन्दुस्तान जैक करण क्या च?"

" कुछ जादा ना! द्वी चार भीड़ वाळ  जगौंम जिहाद को नाम पर टाइम बम फुड़णन अर क्या?"
 
" पण बुबा इन मा बेकसूर लोगुं ज्यान नि जालि?"

" वो हो ! खाला! अचकाल  जेहाद को काम दहसत सौराण (फैलाण) च अर इन मा बेकसूर लोगुं ज्यान लीण भौत जरूरी होंद।"

" पण बुबा मि तै भौत डौर  लगणु च बल यु जिहादि जावेद नेपाल  सीमा से हिन्दुस्तानै सीमा पर पकड़े ग्यायि त। उखम हिन्दुस्तानो खुफिया विभाग काम करदो होलो कि ना?"
 
" खाला त्वी बि ना! उखम हिन्दुस्तानो खुफिया विभाग कारगर होंदु मजाल च नेपालो रस्ता क्वी तस्कर, ड्रग ट्रैफिकर-ट्रांसपोर्टर अर दहसत गर्दी हिन्दुस्तानs धरतीम घुसी सकदा।"

" पण यां! फिर बि कखि पकड़े गे तो ?"
 
" क्यांक पकड़े गे ! उख सीमा पर इनि जि चौकस धर पकड़ होंदि त  हिन्दुस्तानाम इथगा आतंकवादी हमला होंदा?"

" ह्यां पण पुलिस?"

" ओहो खालाजान! हिन्दुस्तानी पुलिस ले इथगा जि इमानदार होंदि त हिन्दुस्तानम अपराध बढ़दा क्या? याद च त्वै तैं जब मामूजान ड्रग का नाम से इख बिटेन हिन्दुस्तान आर. डी. एक्ष. लीग्या छा अर फिर वापस बि ऐ छया त  याद च वापस ऐक क्या बोलि छौ उन ?"
 
 " हाँ! वूंको बुलण छौ बल हिन्दुस्तानम पुलिस का आँखों पर घूस की पट्टी बांधि द्यावो त पुलिस फिर कुछ नि दिखदि। पण बुबा! वो बात त सन उन्नीस सौ तिराणे की छे तब बिटेन हिन्दुस्तानन कुछ ना कुछ त इंतजाम कौरि आल होला।"
 
  " हां सन तिराणे बिटेन राजनीतिज्ञोंन  लाखों दें दहसतगर्दी खतम करणै सौं जरूर घटिन पण असलियतम कुछ नि कार। उखाक राजनीतिज्ञों आँख पर हिन्दुस्तान बचाणों चस्मा नि लग्युं बल्कणम वोट खुज्याणो ऐना लग्युं च,आतंक खतम करणों जजबा कें बि राजनैतिक पार्टीम नी च त हम लोगुं कुण हिन्दुस्तानम आतंक सौराण (फैलाना) सरल च।"

" पण मीन सूण बल उख हिंदुस्तानम कथगा इ खुफिया ऐजेंसी छन जो पता लगांदन बल  हिन्दुस्तानक दुश्मन क्या करणा छन।"

" हाँ हिन्दुस्तानम  कथगा इ केन्द्रीय खुफिया ऐजेंसी छन अर इनि राज्यों अपण अपण दुन्या भौरक खुफिया ऐजेंसी छन।"

" जै देसम इथगा तरां खुफिया ऐजेंसी ह्वावन त उख तुम सरीखा दहसतगरदी दहसती काम तै कनै अंजाम दींदा भै?"

" ह्यां! दस तरां खुफिया ऐजेंसी हूण से अपराध खतम नि होंदन। उख हिंदुस्तानम एक खुफिया ऐजेंसी तै पता इ नि चलदो बल हैंकि खुफिया ऐजेंसीम क्या क्या सूचना छ्न. फिर केन्द्रीय खुफिया विभाग अर राज्यों खुफिया विभागों मा आपस मा तालमेल नाम को क्वी ठिकाणो नी च उल्टां वो आपसम अपण अधिकारों अहम का झगड़ा लॆकि जादा चिंतित रौंदन। इनमा अपराध्युं अर  हम  दहसतगर्दयुं सूचना एक विभाग बिटेन दुसर विभाग तलक आन्दि-जान्दि नी च।"

" ह्यां पण मीन सूण बल उख केन्द्रीय गृह मंत्री कुछ दिन पैलि राज्यों तै सूचना दींदु च बल क्वी दहसतगरदी कारनामा हूण वळ च।"

"हां  पण इन सूचना बाद राज्यों पुलिस खानापूरी करणों गस्त बढ़ाई दींदी अर खालाजान जब खाली खानापूर्ति बान  पुलिस गस्त ह्वावो त हम शातिर दहसतगर्दी थोड़ा पकड़े जांदवा, छ्वटा -छ्वटा चोर लपेटामा ऐ जांदन बस।"

" पण मीन सूण उख भीड़ वळ जगौंम  क्लोज सर्किट कैमरा लग्यां रौंदन।"

" खाला तू बि ना भौत इ सीधि मनखिण छे। क्लोज सर्किट कैमरों तै क्वी नि दिखुद, इ  कैमरा  बि खानापूर्ति बान लग्यां छन। छै छै मैना बिटेन क्लोज सर्किट कैमरों तार टुट्यां रौंदन, कैमरों लेंस पर कीच लग्युं रौंद  अर क्वी कैमरों देख भाळ करण वाळ नी हॊन्द।"

 "पण बेटा दहसत गर्दी कांड हूणो परांत त पकड़ा-पकड़ी होलि कि ना?"

 " हूंदी च पण हम पर कुछ जादा फरक नि पड़दो किलैकि हम लोग उखाकि धर्म की राजनीति का फायदा उठैक भाजिक अपण देस ऐ जांदा।"

  " पण ब्यटा! उखाक संसद आदि छन। सांसद विधायक बि त कुछ कारल कि ना?"

   " हां ! प्रजातंत्र को धरम निभाणों बान विपक्षी सांसद या विपक्षी विधायक सरकारी राजनितिक दल पर बड़ी बड़ी भगार लगांदन अर राजकीय राजनैतिक दल विपक्षी दलों पर उथगा इ जोर से लांछन लगांदन। अर इन मा असली मुद्दा कखि कुण्या जोग ह्वे जांद।"

" पण फिर बि डौर ! द्वी चार दिन अखबार नेताओं बयानों से भर्यान्दन अर फिर सौब बिसरि जान्दन कि क्या ह्वे छौ  "

" ओहो खालाजान ! भारत की धरती दहसतगरदी बान एक नजीलो -उपजाऊ धरती च। हिन्दुस्तानम दहसत से लड़णो रणनीति रिऐक्टिव च ना की प्रोऐक्टिव त इन मा हम टेर्रीरिस्टों तै क्यांक डौर?"

" ब्यटा जु कूड़ इथगा खपचयुं ह्वावो, आज ना भोळ इन कूड़ भ्युं पोड़ल ही। वै पर बमग्वाळा दागणै क्या जरूरत?"

" हां उन त हम तै इन कूड़ पर बमग्वाळा फिंकणै जरूरत नी च पण हम बि अपणि आदत से मजबूर छंवां हमर बि त  दहसतगर्दी नामो नयो धरम च त हम दहसत फैलान्दा।"

 " हां त इन कौर वो फरीद, मुरीद आदि खालि छन वन तै बि भर्ती करी दे. "

"ठीक च"     

                       

         

                         

 

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सौज  सौजम मजाक-मसखरी 

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

 

                                              रेलबजट पर रेलमंत्री दगड़ मुखाभेंट 

                                     

                                                         चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
 

(s =आधी अ )
 


   उन त  अचकाल आम बजट अर  रेल बजट को क्वी ख़ास महत्व नी च किलै अब सरकार जब चाहे टैक्स बढ़ाणि-घटाणि रौन्दि। ममता बैणि तै वापस अलाइंसमा लाण ह्वावो त जनरल  डब्बा का जत्र्यों भाडा बरा नामौ कुण कम करि द्यावो अर माया बैणि तैं दंगऴयाण ह्वावो त फर्स्ट क्लास ए  .सी . कराया बढ़ाई द्यावो। अब वित्तीय निर्णय राजनीति आधारित ह्वे गेन अर राजनैतिक निर्णय वित्त आधारित ह्वे गेन। पण फिर बि कर्मकांड जन बजट संसदमा पास करणों पड़द जन कि रेल बजट। जु मि रेल बजट से सात आठ  दिन पैल रेल मंत्री इंटरव्यू लींदो त मुखाभेंट कुछ इन होंदु।

मि - क्या बात रेल मंत्री जी ! या उठा-पोड़ किलै? इन लगणु जन तुम तैं जोर कि करास लगीं हो पण झाड़ा नि होणि होउ।"

रेल मंत्री -तुम लिख्वारुं ले क्या? अरे इख रेल बजट बणान्द दै ना  दिन को चैन अर ना ही रात की निंद।"

  मि - इखमा क्या च। जन पैलाक मन्त्र्युंन रेल बजट बणै ऊनि बजटम  सैकड़ाक नयी रेलों वायदा दे द्यावो, किराया कम कारो , पॉपुलर बजट पेश कारों  अर फिर कुछ दिनुम संसाधनों कमि बथैक आठ दस पुराणि रेलों तै कैन्सिल करी द्यावो, रेलुं डब्बों से पंखा- ट्वाइलेट  हटै दयावो।"

रेलमंत्री-हां पण मि अलाइंस पार्टनर नि छौं। कौंग्रेस या भाजापा क परेशानी या च पौपुलरिटि त अलाइंस पार्टनर ली जांदन अर अभियोग,अविश्वास,भगार, लांछन, गाळी कौंग्रेस या भाजपा को बांठ आंद। अब द्याखो ना टू जी (2G) घोटालाम माल खै डीमके वळुन अर गाळी कौंग्रेस खाणि च।   

मि- त ये बगत पौपुलर बजट नि आलो? यांक मतबल च बल रेल किरायाम बढ़ोतरी ह्वेलि। 

रेलमंत्री- अरे क्या कुटबाग दीणा छंवां? सि कथगा राज्योंम चुनाव आणा छन अर लोकसभा चुनाव बि नजीक इ छन त मि पौपुलर बजट नि बणौलु त राजीव गांधी जीक नेत्रित्व मा हम चुनाव कनकै जितला?

मि- त याने कि घाटा वळु रेल बजट आलो। किराया नि बढैल्या बल्कणम किराया कम करि देल्या? 

रेलमंत्री- अजी! क्या , लाटो, कालों बेवकूफों, अहमकों जन बात करणा छंवा। घाटा वळु रेल बजट रालो त राहुल गांधी जीक नाम विदेशोंम खराब नि ह्वे जालो।

मि- औ त लालू प्रसाद यादवs  तरां रेलवेक अचल सम्पतिक  कीमत बढैक रेलवे तै लाभकारी संस्थान घोषित करणै मनशा च?

रेलमंत्री- मूर्खों जन बात नि कारो। कुछ ऊंच-नीच ह्वे गे त राहुल गांधी जीक नाम हावर्ड यूनिवर्सिटीम बदनाम नि ह्वे जालो बल एक भावी प्रधानमंत्री आळि-जाळि बजट बणवाणु च।

मि- तो साफ़ च बल ये बजटम रेलवे कु आधुनिकीकरण की बात नि होण।

रेलमंत्री- अजी क्या मुर्खतापूर्ण बात करणा छंवा! जो मि रेलवे को मौडर्नाइजेसन को बजट पेश नि करुल त भैर देसुंम  राहुल गांधी जीक नाम पर बट्टा नि लग जालो बल मोडर्नमैन राजीव गांधी को अल्ट्रा मॉडर्न मैन नौनु इन्डियन रेलवे तै मॉडर्न नि बणाणु च।

मि- तो जरूर आप रेलवेमा विदेसी-निवेश की बात करण वाळ छंवां।

 रेलमंत्री- अजी क्या मनमोहन सिंह जीक भाषा बुलणा छंवां। रेलवेमा विदेसी-निवेश की बात होलि त भारत माता समान सोनिया गांधीजी पर लांछन नि लग जालो कि सोनिया जी भारत तै बिचण चाणी छन।

मि- तो आप माल भाड़ाम बढ़ोतरि करण वाळ छंवां।

रेलमंत्री- अजी आप बि चिदम्बर जी जन भाषा बुलणा छंवां। माल भाड़ाम बढ़ोतरि करलु त भाजापा-कम्युनिस्ट -ममता बैणि क त हम तै डौर नी च पण हमारो खैरख्वाह अलाइंस पार्टनर शरद पंवार जी ही हम पर खुले आम , बीच चौकम  भगार लगै द्याला बल डीजल कीमत वृधि अर रेल माल भाडा वृद्धि से कौंग्रेस मंहगाई बढ़ाणि च। अर इन मा विदेशी पत्र-पत्रिकाओं मा राहुल गांधी जी पर भगार -लांछन लगी जालो बल राहुल गांधी जी तैं सहयोगी दलों से सामजंस्य करण नि आंदो। 

मि- त ये सालो रेल बजट नि आलो।

रेलमंत्री- अजी इन क्या बात च। ल्या यि द्याखो सन १९४७म जो बजट जौन  मथाई जीन रेल बजट पेश करी छौ मि वो ही बजट पेश करण वाळ छौ बस फिगर इ बदल्याल बकै बयानबाजी, रलवे मा सुधार , लोगुं तै आशा दिलाण वळ वाक्य सन १९४७ का रेल बजट का ही राला। अर यां पर विदेशी पत्र पत्रिकाओंम   राहुल गांधी जी को बयान छपल कि भारतम पैलि बार इथगा कल्पनाशील, भविष्योनमुखि  रेल बजट आयि           

मि -जी नेहरु -गांधी कुल नीति-रीति सदा चल आयि जनता तै झूठा वायदों क्वाथ पिलायि।   

                                       

                 

 

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गढ़वाली हास्य-व्यंग्य

सौज सौजम मजाक-मसखरी

हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा

                       

                       सफल जनानि  पैथर हैंकि जनानि 

 

                              चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
 

(s =आधी अ )

 

                  'हर सफल आदमी के पीछे एक औरत खड़ी मिलती है ' कहावत त आपन सूणि होलु अर अब हरेक  सफल जनानिs  सफलता मा बि मरद ना जनानिs हाथ हूंद। यो जो महिला स्वतंत्रता की बड़ी बड़ी छ्वीं लगदन त तुम दिखिल्या बल ज्वा बि नामि-गिरामि जनानि वीमेन'स लिब या महिला स्वतन्त्रता की करता धर्ता ह्वेलि वींक पैथर बि जनान्युं हाथ होलु।
 
    अब सि मिसेज कलावती  गुदखोर तैं इ देखि ल्यावदि। गुदखोर एक बड़ी लेखिका अर महिला स्वतन्त्रता आन्दोलन याने वीमेन'स लिबरेसन की  बड़ी धड्वै   च अर परिवारम संबंधो बाबत कविता -कहानी लिखदि। मीन जब वीं तैं पूछ बल तुम इथगा जादा कनै लेखी सकदा? त मिसेज गुदखोरौ जबाब छौ बल म्यार लिखणम जनान्युं बड़ो हाथ च।

मीन पूछि," क्या मतबल? आपक सफलता मा  मिस्टर मौनि गुदखोरौ बि त हाथ होलु?"

मिसेज गुदखोर- हां जब मि अपण सासु मिसेज बिनबातो बबड़ाट से लिबरेट हों याने बिगऴयों तो म्यार हजबैंडक बि अलग होणम  हाथ छौ। वूंन तब अपण ब्वे पर हाथ छोड़ी छौ पण फिर त म्यार लिखणम सिरफ जन्यान्युं हाथ च।जन कि अचकाल म्यार लिखणम मिसेज घरबाइ  को बडो हाथ च।
 
मि- मिसेज घरबाइ?

मिसेज गुदखोर- हां म्यरो ड्याराम काम करण वळि। मिसेज म्यार ड्यारो सौब काम संभाल्दि,  बच्चों देख रेख करदि अर सबसे बड़ी बात च वा हमर खाणों बि बणान्दि।   

मि- मिसेज घरबाई तनखा लॆन्दि ह्वेली?
 
 मिसेज गुदखोर- हाँ मि अपण कमाई से इ मिसेज  घरबाइ तै तनखा दींदु।

मि- तो तुमर कजै मिस्टर मौनि गुदखोर मिसेज घरबाइ तनखा नि दीन्दन।

मिसेज गुदखोर-नै वूंन साफ़ बोलि बल मि तैं लिखण ह्वावो या महिला स्वतन्त्रता आन्दोलनम जाण ह्वावो त मी तै घौरो काम करणों बाद इ लिखण अर जनान्युं तै लिबरेट करण पोड़ल
 
मि- पर मिस्टर मौनि गुदखोर तै त तुम पर गर्व हूण चयेंद कि तुम एक सफल लेखिका अर वीमेन'स लिबरेसन की बड़ी धड्वै छंवां।

मिसेज गुदखोर- नै नै मिस्टर गुद्खोर तै मै पर घमंड च अर मै इ ना मिसेज घरबाइ पर बि गर्व च कि वा जाणदि च बल  मिस्टर गुदखोरक टी शर्ट कखम च.                           
 
 मि-वो यांक मतबल च कै बि सफल महिला तै सफलता बान हैंकि महिला अवश्य चयान्दि।

मिसेज गुदखोर- हां। अब स्या मिसेज धड़ाका महिला स्वतंत्रता आन्दोलन की  इथगा बड़ी लड़ाका  धड्वै  बौंण तो वांको कारण च मिसेज धड़ाका की सासु मिसेज कामगती घौरक सौब काम संभाल्दि। मिसेज क्याबुन्या की नन्या  सासु मिसेज क्याकरेजा  नि ह्वावो तो मिसेज क्याबुन्या एक दिन बि नौकरी नि करी सकदी।     
 
मि- हां अरे ! तुमन त मीरा आँख खोलि दें बल जनानी तै स्वतंत्र हूण  च त हैंकि जनानि तै बंधक बणान पोड़द।.

मिसेज गुदखोर- हां पण हमम क्वी हौर विकल्प बि नी च। सि मिसेज बरखबान की बात ले ल्याओ। विचारि मिसेज बरखबानम स्वतंत्र महिला हूणों सौब गुण छन पण ना हि वींक सासु सहायता दॆन्दि अर ना हि वीं तैं क्वी परमानेंट नौकरानणि   मील त विचारि कुछ नाम नि कमै साक। किलैकि हमर कजै या या पति जात सुधर इ नि सकदन।

मि-   पति जात सुधर इ नि सकदन को मतबल?

मिसेज गुदखोर- अब मेरि बात देखि ल्यावो। म्यार पति  अर मि पेज थ्री की पार्ट्यु मा जांदवां त म्यार पति बड़े  गर्व से म्यार परिचय करांद नि थकदन कि," मीट  माय वाइफ़ गुदखोर। शी  इज ग्रेट राइटर एंड वेरी लिबरेटेड वुमन। पण जनि देर रात  ड्यार आंदा त मि तैं दनकाण नि बिसरदन कि बेडशीट गंदी च, बाथरूमम ठीक से हवा नि औणि च आदि आदि।

मि- आप नयो जमानो नवाड़ी नौन्युं तै सफलता बान क्या संदेश  दीण चैलि?

मिसेज गुदखोर- म्यार संदेश च कि जन्यांयुं तै सफलता बान वीं कौम पर ध्यान दीण जरूरी च जैं कौम से घौरो नौकरानी मिल्दन।

मि- जन कि?

मिसेज गुदखोर- जन कि अचकाल जन्यांयुं तै अपणि  सफलता बान बंगलादेशी जनान्यु पर ध्यान दीण जरूरी च जो अचकाल घर का काम करदन।                         

             

 

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