गढ़वाली हास्य-व्यंग्य
सौज सौजम मजाक-मसखरी
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
सत्ता बजार कु सट्टा बजार
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
सन द्वी हजार साल नौ बिटेन परसी तलक करुणानिधि अर डीएमके का करता धर्तौं तै टू जी ,या अन्य मलायीदार विभागों चिंता सताणी रौंदी छे अर चार साल बाद अचाणचक याद आयि बल श्री लंका मा तमिलों पर घोर अत्याचार ह्वेन। जब बि करुणानिधि तैं तमिलों चिंता सतांद वो दिल्ली की सरकार भेळ जोग करी दींदन। तमिल चिंता से ही गुजराल साबै सरकार भ्युं पोड़ि छे अर अब करुणानिधि की तमिल चिंतान मनमोहन सिंगै सरकार तैं आईसीयू जोग करी दे। डाक्टर बुलणा छन बल अकर्मण्य अर खराब छवि जन क्षय रोग से तो ये सरकार कनि कौरिक बि दिन काटि लेलि पण जब तलक मुलायम सिंह अर मायावती अपण मुखान कृत्रिम सांस दीणा राला सरकार सांस लींदी रालि।
अचकाल जख जावो तख ये इ छ्वीं लगणा छन बल को राजनीतिक दल कैको दगड़ जोड़ी बणालो। अफार सि पंडित भजराम की बेटी अंसारी दगड़ भाजणै तयार च अर ठाकुर चंदेल सिंह की बेटी जौन एरिक का ड्यार भाजणो तयार च पण पंडित भजराम अर ठाकुर चंदेल सिंग तै अपण बेट्युं भाजणै चिंता नी च वूं तैं चिंता च बल क्वा राजनेतिक पार्टी कैंक दगड़ पलाबंद बांधलि। हरिया काका की जवान ब्वारी तिसर दें कै छ्वारा दगड़ फिर भाजि गे हरिया काका तै अर वूंको नों तै जवान ब्वारी भजणो चिंता नी च जथगा चिंता या च कि कखि नीतेश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड ) भाजापा क ठांगर छोड़ी कखि कॉंग्रेसी बुड्या दगड़ भाजि गे तो भाजापा को कथगा कुहाल होलु?
भारतम चर्चाओं को बजार मा उछाला च। टीवी चैनलों मा बहसों को बजार गरम च, अखबारों मा भविष्य वाणी बथाण वाळो बथौं चलणु च, स्टॉक मार्किट तैं उंद -उब-छरक की बीमारी लगीं च, चौराहों अर चौपालों मा चर्चा अर निर्णयहीनता का कुयड़ लग्युं च बल कु कैको ऊँट कै करवट बैठल? सब राजनैतिक ऊंट तै दिखणा छन बल यो ऊंट कना बैठल अर ऊंट च कि खड़ी च। ऊंट करवट तबि ल्यालो जब वो बैठण मिस्यालु। ऊंट तो खड़ी च।असल मा राजनैतिक ऊंट बि भरम मा च , ऊंट घंघतोळ मा च कि अबि बैठु या खड़ी रौं! इलाई अफवाओं बजार बि गरम च अर यांसे सट्टा बजार मा उछाला आयुं च।
सट्टा बजारम एक दिन सुबेर भाजापा का भाव रुपया पर दस रुपया होंदन तो नीतेश कुमार को जो बिहार तैं विशेष दर्जा द्यालो वै तैं समर्थन मीलल बयान आण से दुफरा मा भाजापा का भाव रुपया पर चवनी ह्वे जांद। सुबेर मुलायम सिंग को बयान कि साम्प्रदायी ताकतों तैं रोकणों बान मनमोहन सरकार तै समर्थन रालो से कौंग्रेस का भाव रुपया पर पांच रुपया मिल्दन तो एक घंटा मा राम गोपाल यादव को बयान कि बेनी प्रसाद बर्मा क्षमा नि मांगल तो समर्थन वापस लिए जालो से कौंग्रेस का भाव रुपया पर दुवनी ह्वे जांद।
सुबेर जब शरद यादव ऐनडीए सांसदों बैठकम संयोजक की कुर्सीम बैठद तो सट्टा बजारम ऐनडीए का भाव रुपया पर बीस रुपया ह्वे जांदन पण दुफरा मा शरद यादव कौंग्रेस का चाणक्य अहमद पटेल से मिल्दो तो ऐनडीए का भाव रुपया पर एक आना ह्वे जांद।
उद्धव ठाकरे की छींक सट्टा बजारम करोड़ो का वार पार करदी तो राज ठाकरे को खंकार से सट्टा बजार म अरबों का न्यारा वारा ह्वे जान्दन। जय ललिता की उबासी सट्टा बजारम उंद -उब लान्दि।
सट्टा बजारम ' लोकसभा चुनाव समौ पर ह्वाला' पर बि सट्टा लगणो रौंद। जब कपिल सिब्बल का बयान आंदो बल चुनाव समय पर होंगे तो 'चुनाव समय पर होंगे ' का भाव रुपया पर दुअनि ह्वे जांद अर जनि ममता बनर्जी , मुलायम सिंह यादव का बयान कि चुनाव समय पर ही होंगे आन्दन तो 'चुनाव समय पर होंगे' का भाव बीस रुपया तक पौंछि जांद। लालू प्रसाद यादव का बयानों से अचक्याल सट्टा बजार पर क्वी फरक नि पड़दो। उनि लाल कृष्ण अडवाणी, सोनिया गांधी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, एंटोनी , चिदम्बरम का बयानो से सट्टा बजार पर रति भर बि प्रभाव नि पड़दो। सट्टा बजार का वास्ता अजकाल राष्ट्रीय पार्ट्यु का नेता अप्रसांगिक , असरहीन, अवोळ (फलहीन) ह्वे गेन।
अचकाल तो ममता बनर्जी, नितीस कुमार, नवीन पटनायक, मुलायम सिंह यादव, मायावती, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, शरद पवार , करूणानिधि, चन्द्रा बाबू नायडू, जय ललिता , प्रकाश सिंह बादल जन क्षेत्रीय नेताओं का बयान अर कथन ही सट्टा बजार तै प्रभावित करदन अर आज क्षेत्रीय पार्टी ही सत्ता बजार अर सट्टा बजार का वास्ता प्रसांगिक छन .
Copyright @ Bhishma Kukreti 21 /3/2013