Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 359176 times)

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                                         आर्थिक मंदीs  चिन्ह
 
                                          चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

                    अचकाल कॉंग्रेसी अपण पीठ अफुक थपताणा छन बल वैश्विक आर्थिक मंदी बगत बि जब  एक  लाख करोड़ से तौळ घोटाला नि होणा छन या रॉबर्ट बड्रा  की कम्पनी हर दिन करोड़ों  नफा कमाणि च तो यांक अर्थ च बल सोनिया जीकी कृपा से अर हमर अर्थशास्त्री मनमोहन सिंग जीक काम से भारत आर्थिक मंदी से बची गे. उना विरोधी बुलणा छन यदि भारतम आर्थिक मंदी नी च तो नितिन गडकरी की कमपन्यु  पर  आय कर विभाग से छापा किलै पड़ना  छन या फिर यदि आर्थिक मंदी नी च तो नरेंद्र मोदी को गुजरात मा उद्योग पतियों न अरबों  रुपया को एम् ओ यू पर दस्तखत कार छौ पण उद्योग तो लाख रुपयों का ही किलै लगिन? भाजापा बुलणि च बल गुजरातम इकरार नामा अरबों का अर असली निवेस लाखों का से साबित हूंद कि मनमोहन सिंग की आर्थिक नीति से ही आर्थिक मंदी आई।
             यांक मतबल साफ़ च भारतम बि आर्थिक मंदी हिटणि च।
               आर्थिक मंदी का कुछ ख़ास चिन्ह छन।
                 जु पोर साल तलक  तुम ब्रैंडेड जूतों बडै करदा नि थकदा छा अर ड्यारम अयां हरेक छ्वटुबडु पौण तैं अपण परिवारों हरेक  सद्स्यौ ब्रैंडेड जुत  इन दिखांदा छा जन बुल्यां तुम मेहमान तै जुत्याण वाळ ही छंवा अर अब अपण जुतों कैबिनेट किचन मा ली गेवां कि मेहमानों तैं तुमर अनब्रैंडेड  जुतों बाराम पता नि लगो तो समझी ल्यावो देशम ना सै पण तुमर घौरम आर्थिक मंदी को निवास ह्वे गे।
जब पैल कैक वाश बेसिन (हथ धूणै कुंडी) म केवल लिक्विड सोप की बोतल धरीं रावो अर घराती (होस्ट) बार बार आप तैं ब्रैंडेड लिक्विड सोप से हाथ धूणो ब्वालो अर अब घराती को  वाश बेसिनम झुल्ला धूणो साबणक बच्यां टुकड़ा धर्यां ह्वावन तो शर्तिया  मंदी ऐ गे।
                     जब पैल क्वी कुत्ता -बिरळ पाळो अर लोगुं तै सुणावों कि कुत्ता बिराळो  कुण केवल अमेरिकन ब्रैंड का ही भोजन लाण चयेंद पण अब वो ही मनिख  अपण कुत्ता-बिराळु कुण लुकैक बीफ मीट  लावो तो अंदाजा लगी जांद कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिसेसन ऐ गे। भारतम या अर्ध विकसित देसोंम  जब ब्रैंडेड अमेरिकन डॉग -पेट फ़ूड की खपत कम होलि तो यो रिसेसन इंटरनेशनल रिसेसन ही ह्वाइ कि ना?
          जब कें कम्पनी मा हर मैना 'हाउ टु रिड्यूस वेरिएबल एक्सपेंसेज' पर कौन्फेरेंसेज हुणा ह्वावन तो समज मा ऐ जांद कि कम्पनी आर्थक मंदी को शिकार ह्वे गे। या जब कै  संस्थानम विक्री विभाग का टूर बजेट मा कटौती करे जावो तो समजण चयेंद कि कम्पनी हालत ठीक नी च। 
           जब कैं कम्पनी मा रोज एक सर्कुलर आवो कि बिजली, पानी, पेन्सिल, आलपिन, रबर , कागज को बजेट मा कटौती कर्याणि च तो समजी ल्यावो कि रिसेसन ऐ गे। या जब पैल कैं कम्पनी मा चपड़ासी रद्दी बिचणो जुमेवार होंद ह्वावो पण जब अचाणचक रद्दी बिचणो जुमेवारी कै मैनेजर तैं दिए जावो तो समजी ल्यावो कंपनी रिसेसनग्रस्त च।
            जब कैकुण कराची या  दुबई बिटेन दाउद इब्राहम का गुर्गों कै सेठ,उद्योग पति या अभिनेता से प्रोटेक्सन मनी या ऐक्सटौर्सन मनी मांगो अर सेठ,उद्योग पति या अभिनेता उत्तर मा ब्वालो," धन भाग छन भाई तुमर फोन आइ। एक बात बथावो भाइ आठ दस करोड़ रुपया इंटरेस्ट पर मीलल क्या? रिसेसन न कमर तोड़ी दे जनि रिसेसन खतम होलु दुगुण इंटरेस्ट समेत मूल वापस करी द्योलु ". अर दौड़ इब्राहिम सरीखा गुंडा पाजी लोग प्रोटेक्सन मनी या ऐक्सटौर्सन मनी मंगण छोड़ी ब्याज पर पैसा लगाण शुरू कौरि दयावन तो जरूर ही वै क्षेत्र मा रिसेसन की भंयकर मार पड़ी च।
    जब क्वी परिवार  पैलि नास्ता मा फ्रूट जूस , किलौंग , ब्रेड बटर, अमूल लग्युं पराठा  को नास्ता करदो ह्वावो अर अब सूखी रुटि अर आलु को पंद्यर झोळ से काम चलाओ तो मान लीण चयेंद कि आर्थिक मंदी ऐ इ गे।
जब पैल लोग व्यक्तिवाद की पूजा करदा ह्वावन अर शेयर टैक्सी या शेयरिंग कार की बात तैं आदि वासी समाज की मानसिकता की पहचान बथांदा ह्वावन अर अब सांझा चुल्हा, शेयरिंग टैक्सी या शेयरिंग कार की भयंकर प्रशंसा करण  लगी  तो समझो कि देस रिसेसन की आग मा फुकेणु च।
  जब हास्य व्यंग्य की मांग बढ़ी जावो तो समजी ल्यावो समाज मंहगाई , भ्रष्टाचार अर आर्थिक मंदी को शिकार हुयुं च।     
         
         

Copyright @ Bhishma Kukreti   9 /4/2013


Bhishma Kukreti

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ढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं

               नगर पालिका चुनावों मा  सोसल मीडिया  मा तिकड़म

                              चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

आज सुबेरि बिटेन फोन आण शुरू ह्वेन।
 एक फोन आयि," पहचान कौन ?"
मीन बोलि, " तुमि बथै द्याओ तुम कौन?"
 उख बिटेन बोल ऐन," कन जमानो ऐ। अपण खास  आदिम अपण लोगुं नि पछ्यांणदन ?"
मीन बोलि," सचि! नि पछ्यांण मीन?"
वूंन उत्तर दे ," मि उत्तरकाशी बिटेन बुलणु छौं। तुमर कुटुंब की तुमारि छुमा बौ को मौसा को समदी को साडो भाइ क बडो जंवै छौं अर रिश्ता मा तुमर भुला लगुद। अर तुमर क्षेत्र ढांगू को इ छौं "
मीन बि बगैर रिश्ता समजी ब्वाल।" जी ब्वालो!"
ऊंन बोल," मि सत्य  प्रसाद बडोला छौं। बस आज याद आयि कि हमर लोग बि मुंबई मा छन तो बात करणों ज्यू बुले गे।"
मीन पूछ," क्वी ख़ास काम ?"
सत्यप्रसाद जीन बोलि," ना ना क्वी ख़ास काम नि च बस इनि फोन कार। म्यार फोन नम्बर सेव कुरी ल्यावो हां!"
बडोला जीन फोन बंद करी दे
इथगा मा हैंको फोन आयि," अंदाज लगावो मैं कौन?"
 मीन बोलि," आप ही अपुण परिचय दे द्याव कि आप कौन?"
ऊंन बोलि,"जी मि ढौंडियाळ स्यूं को  तुमर ससुरासौ ल्वार  गोधन लाल  जी क ससुर जीक छ्वटो भुला को ममिया ससुर को नातिक गांवक मौसिक नौनु छौं अर रिश्ता मा तुमर मम्या ससुर लगुद।"
मीन ब्वाल," समनैन मम्या ससुर जी। आपक नाम?"
ऊंन उत्तर दे ," मि सुन्दर लाल आर्य छौं अर कोटद्वार रौंद।"
मीन पूछ," जी हुकुम कारो ."
आर्य जीन बोलि," कुछ ना। बस मि त ढौंडियालस्यूं का सबि रिश्तेदारों दगड़ छ्वीं बथ करणम विश्वास करदो। म्यार फोन नम्बर सेव करी दयावो हां!"
अर आर्य  जीन फोन काटि दे।
इना आर्य जीक फोन कट अर उना एक हैंक फोन आई।
उख बिटेन  आवाज आयि," वाह कुकरेती जी आप मि तैं पछ्याण गेवां हैं कि मि तुमर बूड ददिक ममाकोट क नजीकौ गौं क रानू बिष्ट छौं"
मि अदकचयों कि मि सरा दुन्या तैं ऊंको जातिक इत्यास बथांदु पण मि तैं अपण बूड़ ददा नाम नि मालुम अर ना हि पता कि मेरि बूड ददि कखक छै।
मीन पूछ," ह्यां पण मेरि बूड ददि कखक छे?"
रानू बिष्टन जबाबम ब्वाल," अरे तुमरि बूड ददि उदयपुर पट्टीम किमसार की  कंडवाळ छे अर तुमर बूड  ददिक ममाकोट ठांगर ह्वे अर जातिक रतूड़ी छा  तुमर बूडददि ममा।   अर मि थळधारक मिसेज रानू बिष्ट छौं "
मीन बोलि," धन्यवाद!  रानू जी जु तुमन मि तैं अमूल्य जानकारी दे . ब्वालो क्या  हुकुम च?
रानू बिष्टन बोलि," कुछ ना  बस इनि दोस्ती बढ़ाणों खातिर फोन कार। मि ऋषिकेश रौंद। म्यार फोन नम्बर सेव करि  लेन।" रानू बिष्टन फोन काटि दे।
आज दिन तलक कुज्याण क्थ्गा फोन ऐन धौं अर इनि रिश्तेदारी लगंदेरी फोन ऐन। म्यार  माँ नि आयि कि अचाणचक  इ फोन किलै ऐन।
उ  तो दुसर दिन पता चौल कि अचाणचक फोन किलै ऐन।
सुबेर सुबर रानू बिष्ट को फोन आयि," भीष्म जी मि ऋषिकेश नगरपालिका चुनाव लड़णु छौं। तुम इंटरनेट पर इथगा लिखदा तो म्यरो एक काम करि देन। फेस बुक पर फ्रेंड्स ऑफ रानू बिष्ट  च अर ट्वीटर पर बि यी अकाउंट च . आपसे गुजारिस च बल आप रोज फेस बुक अर ट्वीटर  पर रोज हजारेक दें मेरी बडै करदा जा प्लीज!"
मीन बोलि," पण रानू जी मि आपक बारा मा कुछ नि जाणदो तो बडै क्या कौरुं?"
रानू जीक जबाब छौ," इखमा जाणन  क्या च। बस इन समजी ल्यावो कि मि राहुल गांधी छौं तो तुम अलंकृत भाषा मा मै तैं अन्तराष्ट्रीय नेता बथावो अर ट्वीट कारो अर फेस बुक मा केंट द्याओ  कि अमेरिका यूरोप की समस्याओं समाधान  रानू बिष्टम च।"
मीन टोकि," पण .."
रानू बिष्ट को आदेस  छौ," पण उण कुछ ना। मि जीति गे तो आपका मेलों हिसाबन आपकुण ऋषिकेश नगरपालिका मा मोफत की जमीन  आबंटित ह्वे जालि। ऋषिकेशम जमीन चयाणि च तो फेस बुक अर ट्वीटर t पर  मेरी प्रशंसा  करदा जावो "
रानू बिष्ट को फोन खतम ह्वाइ कि सुन्दर लाल आर्य जीक फोन आयि," भीष्म जी मि सुन्दर लाल बुलणु छौं।  मि कोटद्वार से नगर पालिका चुनाव लड़णु छौं। कोटद्वारम फोकट मा जमीन चयाणि च तो आप रोज सौएक दें फेस बुक अर ट्वीटर पर म्यार विरोध मा कठोर से कठोर  बचनु मा  ल्याखो।"
मीन बोलि," आर्य जी मि तुम तैं जाणदो इ नि छौं तो मीन  तुमर विरोध कई हिसाबन करण?"
आर्य जीन बोलि," अरे इन समजि ल्यावो कि मि इ राजा , अशोक चौहाण या यदुरप्पा छौं। बस आप जथगा बड़ी सभ्य गाळी ह्वावो दींद जावो।"
मीन पूछ , " पण सोसल नेटवर्क  पर मेरि गाळी से आप तैं क्या फैदा?"
आर्य जीन खुलासा कार,"  तुम जथगा जोर से मै तैं गाळि देल्या मि उथगा जोर से ब्राह्मण वाद तै गाळि द्योलु। बस फिर तो मि तैं नगर पालिका चुनाव जितण से क्वी नि रोकि सकदो। अर सुणो कोटद्वरम फ्री मा जगा चयेणि त मि तै सोसल मीडिया मा मै तै गाळि दींदा जावो। जथगा कैड़ी गाळि उथगा बड़ो प्लौट ..." अर आर्य जीन फोन बंद करी दे।                   
 
इथगा मा सत्यप्रसाद बडोला जीक फोन आयि," भीष्म जी मि सत्यप्रसाद बडोला बुलणु छौ। मि उत्तरकाशी बिटेन नगर पालिका चुनाव लड़णु छौं।"
मीन बोलि," विश यु औल दि बेस्ट।"
बडोला जीन बोलि," आप इंटरनेट मा प्रसिद्ध छन तो जरा म्यार एक काम करी देन। मेरा विरोधी यशपाल सजवाण च . तो ट्वीटर अर फेस बुक पर नकली इमेल अर ब्लौग 'महान राजपूत  सजवाण' खोलिक जथगा जादा ह्वे साको उठ्गा जोर से फेस बुक अर ट्वीटर मा   राजपूत अर ब्राम्हणों झगड़ा  फैलावो ।"
मीन पूछ,"  पण यां से क्या फैदा?"
  बडोला जीन रहस्य ख्वाल," असल मा मेरि कंस्वीटेंसी मा बामण जादा छन अर राजपूत कम तो मि चांदो कि इख ख अर ब की मार काट मची जावो। जु तुम सोसल मीडिया से इख ख अर ब याने बामण -राजपूतो जुध कराणम कामयाब ह्वे जैल्या तो उत्तरकाशीम जगा फ्री।"
अर बडोला जीन आदेस  देकि  फोन काटी दे।
 अब मि सुचणु छौं कि फ्री की जगा कोटद्वार , ऋषिकेश या उत्तरकाशी मादे कख ठीक रालि?             
 
 
                                 



Copyright @ Bhishma Kukreti  11/4/2013

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं

                     पाराशर गौड़ौ सम्मान समारोह मा पाराशरौ बौऴयाण   (पागल हूण )

                             चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
 अध्यक्ष - आज हम से जादा खुसि पाराशर गौड़ जी तैं  हूणि ह्वेल कि जग्वाळ को रिलीज हूणो  पचास साल बाद बि हम  गढ़वळि गौड़ जी सम्मान करणा छंवां निथर अमूनन हम अपण महान आदम्यु तैं ज्यूंदम पुछद नि छंवां अर मरणोपरांत श्रधांजलि दीणम  हम लोग छौंपा  दौड़ करदां।  पाराशर गौड़ जी पुऴयाणा बि वूंको सम्मान समारोह मा बड़ा बड़ा साहित्यकार बि निड़े गेन निथर हम गढ़वळि  साहित्यकार एक हैंक तै सम्मान दीण अपण बेज्जती समजदवां। सचि बोलुं त जु मि तैं समारोह मा अध्यक्ष नि बणान्दा त मीन बि ये समारोह मा शामिल नि होण छौ।
पाराशर (अपण मन मा अफिक)- साला ! ब्याळि राति एन पूरी बोतळ घटकाइ अर आज रातौ बन्दोबस्त को भरवस दिलाइ तबि  तो स्यु समारोह मा आइ।
अध्यक्ष - चूंकि मि अछेकि गढ़वळि छौं जु समारोह मा बगैर तयारी ऐ जांदन तो मि पाराशर जीक  बारा मा जादा क्या एक लबज बि नि बोलि सकुद इलै मि अब माइक पर फिल्म प्रोड्यूसर कैलास द्विवेदी जी तैं बुलांदो जु पाराशर जी को बारा मा  बताला।
कैलास द्विवेदी- जन कि हमारि संस्कृति च कि हम दुसरक बारा मा जाणणै कोशिस नि करदां तो मि अपुण परिचय अफिक द्युंदु। अपन रीति रिवाज अनुसार ही अपण परिचय मा मि  घंटा लगौल अर फिर समय बचि जालो त थ्वड़ा सि जग्वाळ फिल्मो बाराम बि बुलल . . . . .पाराशर जीक जग्वाळ से ही मि प्रेरित हो मि फिल्म निर्माण मा औं। अब मि अपण भाषण खतम करदो।
पाराशर (अपण मन मा अफिक)-  ये जी द्विवेदी जी ! जरा म्यार गढ़वाली नाट्यकर्मी चरित्र  पर प्रकाश डाळदा तो तुमर क्या जांदो। कथगा दां दिल्ली मा हमन दगडि  गढ़वाली थियटर कार पण तुमन अपण फिल्मो अर जग्वाळ से तुम तै क्या प्रेरणा मील पर ही सरा समय  लगाइ पण एक शब्द बि  नि ब्वाल कि मि गढ़वाली थियेटर एक्टिविस्ट बि छौ।
अध्यक्ष - अब श्री दिनेश बिजल्वाण जी आप तैं पाराशर जी का कामुं बारा मा बथाला। चुंकि गढ़वाली संस्कृति अनुसरण का हिसाब से मीन दिनेश जी को बारा मा समारोह मा आण से पैल पता नि लगाइ तो मि दिनेश जी से प्रार्थना करदो कि अपण परिचय अफिक द्यावन। 
दिनेश बिजल्वाण -  धन्यवाद अध्यक्ष जी ! जु तुमन म्यार परिचय नि द्यायि। तुमन तो म्यार परिचय द्वी वाक्यों मा खतम करी दीण छौ अब मि अपुण परिचय सौ वाक्यों मा द्योलु अर समौ बचि गे तो 'जग्वाळ' फिल्म मा मा नाटकीयता पर अपणि राय दलू। मीन कथगा ही गढवाली नाटक लेखिन अर शेक्सपियर नाटक का अनुवाद बि तयार च  ........ अब मि 'जग्वाळ' फिल्म मा मा नाटकीयता पर बुलण शुरू करदो .....
  पाराशर (अपण मन मा अफिक)-  गजब च भै दिनेश बिजल्वाण। त्वै तै पता च मीन कथगा ही गढ़वाली नाटकों मा  पाठ ख्याल। गढवाली थियेटर खड़ा करण, गढ़वाली समाज तै अपण गेड़ीन पैसा खर्च कौरिक गढ़वाली  नाटक दिखणो  वास्ता मीन दिल्ली  मा जमीन तैयार कार।'औंसी कि रात', 'आन्दोलन', 'रिहर्सल' जन नाटक लेखिन अर निर्देशन - मंचन कार।  दिनेश भुला नाटककार हूणो नातो  तेरो उत्तरदाय छौ कि मेरो गढवाली नाटक विकास पर योगदान का बाराम बि लोगुं तैं बथांदो।
अध्यक्ष - अब मीमा पर्ची मा एक नाम आई क्या च धौं !  हां ललित केशवान ..! गढवालम  केशवान जात बि होन्दि मीन पैल बार सूण। खैर होलि  या केशवान जात बि। मै नि पता कि  ललित केशवान क्या करदन?. ललित केशवान जु बि  ह्वावो मंच पर आवो अर जु बि बुलणाइ बोलि जावो।
 ललित केशवान- अध्यक्ष जीन बोलि कि वूं तैं नि पता कि ललित केशवान को च? अध्यक्ष जी ! जब म्यार  द्वी नौनु ब्वार्युं तै इ नी पता कि म्यरो गढ़वाली भाषा सम्वर्धन मा क्या योगदान तो तुम  क्या जाणलि  कि मि कु छौं। जब अपण ही घौर वाळ साहित्यकार तै नि पछ्याणल तो भैर वाळु से क्या उम्मीद करण। हां तो मि द्वीएक कविता सुणैक फिर आप लोगुं तैं बथौल कि पाराशर भुला तैं जग्वाळ  फिल्म प्रदर्शन मा क्या क्या तकलीफ ऐन। ......पाराशर तै सिनेमा हौल मा प्रदर्शन करण मा ब्वै  बुबा  ऐ गेनि, क्या क्या ओसंद  आइ। पाराशर तैं फिल्म बणान मा उथगा परेशानी नि ह्वे जथगा परेशानी फिल्म एक्जिविसन मा होइ .....
पाराशर (अपण मन मा अफिक)- अरे केशवान जी फिल्म  प्रदर्शन की परेशानी पर तुमन इथगा ब्वाल तो एक वाक्य इन बि बोलि दींदा तो तुमर क्या जाणो छौ कि  पाराशर गौड़ को योगदान दिल्ली मा गढवाली काव्य संध्या अर कवि सम्मेलन संस्कृति  उर्याण मा बि च। केशवान जी ! तुम त दगड़ि छया कि हम तै पैल पैल  काव्य संध्या अर कवि सम्मेलन उर्याण मा कथगा औसंद आन्दि छे।
 अध्यक्ष - अब बल  नरेंद्र कठैत  नामको क्वी लेखक 'जग्वाळ' फिल्म मा व्यंग्य पर ब्वालल। अर चूँकि हम गढ़वाली लोग हिंदी का टुच्चा से टुच्चा साहित्यकार की जानकारी लीणम गर्व समजदवां पण गढ़वाली साहित्यकारों जानकारी लीणम हम तै बड़ी शरम लगदी तो नरेंद्र कठैत जू बि च जरा अपण परिचय अफिक दे देन।     
  नरेंद्र कठैत - मी गढवाली को सबसे बडो व्यंग्यकार छौं। श्री भगवती नौटियाल जी क अनुसार भविष्य मा बि में से बडो व्यंग्यकार गढवाली मा पैदा  ह्वे ही नि सकुद। याने कि न भूतो न भविष्यति ।  अब जन कि हम गढ़वाली साहित्यकारों सर्वमान्य संस्कृति  च  हम दूसरों साहित्य पढ़न मा बेज्जती समजदवां तो मि बि दूसरों साहित्य नि बांचदु। खैर मीन जग्वाळ फिल्म तो नि द्याख पण श्री भगवती  नौटियाल जी से जु बि सूण वै आधार पर जग्वाळ फिल्म मा व्यंग्य कथगा च पर बोल्लु।  .....सैत च मीन आधा घंटा बोलि आल होलु हैं !  ....तो यां से आप तै पता चल गे होलु कि  जग्वाळ मा कथगा व्यंग्य च।
पाराशर (अपण मन मा अफिक)- हे भगवान! गढवाली का बड़ा व्यंग्यकार !  जरा लोगुं तैं यी बि बतें दींदा कि मीन द्वी सौ से जादा गढवाली गद्यात्मक व्यंग्यों रचना बि कार तो तुमर गेड़िन क्या जांदो?
 अध्यक्ष - अब डॉ नन्द किशोर ढौंडियाल से प्रार्थना च बल अपण परिचय देक 'जग्वाळ' फिल्म पर कुछ शब्द बोलिन
डा  नन्द किशोर ढौंडियाल- मि डा नन्द किशोर ढौंडियाल छौं अर गढ़वाली साहित्य मा मि  कविता, समालोचना , भषा विज्ञान , अनुवाद आदि का बान अति प्रसिद्ध छौं।  का हिसाब से मि गढवाली समालोचना को नागेन्द्र छौं जो  हिसाब से समीक्षा करदा छा।  अब मि 'जग्वाळ' फिल्म की समीक्षा संस्कृत शास्त्रीय हिसाब से करलु।......तो या च जग्वाळ  शास्त्रीय समीक्षा ...
पाराशर (अपण मन मा अफिक)- डा ढौंडियाल जी ! जग्वाळ छोड़िक   मेरो साहित्य की बि जानकारी रखदा तो तुम क्या  जाणों कि मेरि जिकुड़ि मा कथगा सेळि पोड़दि?
अध्यक्ष - अब गढवाली साहित्य का नामवर सिंह उर्फ़ वीरेंद्र  पंवार जग्वाळ फिल्म की साहित्यिक दृष्टि से समालोचना करला। नामवर सिंह जी से पुछण चांदो  कि  नामवर सिंह सरीखा भलो नाम  ह्वेक  बि वीरेंद्र पंवार उपनाम रखणै जरूरत क्या पोड़?
वीरेंद्र पंवार - अध्यक्ष जी ! मेरो नाम वीरेंद्र पंवार च, मि बि गढ़वाली साहित्य मा आधुनिक ढंग से समीक्षा करदो  अर म्यार दगड्या मेखुण नामवर सिंह बुल्दन। अब मि  'जग्वाळ' की साहित्यिक दृष्टि से समीक्षा बथांदो ....... तो या च  'जग्वाळ' की साहित्यिक दृष्टि से समीक्षा ....
पाराशर गौड़ (जोर से ऐड़ेक, अपण झुला फड़दा फड़दा ) हे साहित्यकारों ! क्या छंवां जग्वाळ जग्वाळ लग्यां। वीरेन्द्र जी आप तै पता च कि मीन गढवाली मा द्वी से बिंडी कविता बि रचिन अर मेरो गढ़वाली कविता संग्रह 'उकाळ -उंदार'  भि प्रकाशित हुयुं च तो हे महाराज कबि तो मेरि कवितों बात बि त कारो  ....मेरो सम्पूर्ण गढ़वाली साहित्य की भी समीक्षा करो ....
अचला नन्द जखमोला - मि एक  भाषा विद छौं अर गढवाली -हिंदी अंग्रेजी शब्दकोश कु रचयिता बि छौं . तो  मि पाराशर गौड़ तैं समजाण चांदो कि जग्वाळ एक सूर्य च अर तुमारो बकै साहित्य गैणा छन अर सूर्य का समणि दिन मा गैणा नि दिख्यांदन तो पाराशर जी तुम कथगा बि ताकत लगावो, कथगा बि जोर मारो , कथगा बि ताणी मारो , कथगा बि कोशिस कारो बात जग्वाळ की ही होलि अर तुमारो साहित्य तै  जग्वाळ का समणी क्वी नि पूछल।
पाराशर गौड़ (रुंदा रुंदा )- यांकि तो रुण च कि ......           
                             
       
               
Copyright @ Bhishma Kukreti  12 /4/2013

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ढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                             
                            गां मा फेस्बुक्याण अर ट्वीटर्याण   
                             चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेतीइन
(s = आधी अ )
  दिल्ली , मुम्बै , भैर देसुं गढ़वळि  समजदन जन बुल्याँ नै  टेक्नौलौजि उपयोग यी बिंडि जाणदन अर गाँव  वाळ इनि गंवार छन।
इन नी च। म्योर गां मा फेस बुक या ट्वीटर को बडो प्रचलन बढ़ गे अर खूब  फेस्बुक्याण अर ट्वीटर्याण सौरीं (फैलीं ) च।
अब सि मधुलि बौ तैं इ देखि ल्यावदि। नणद तें बिजाळणो टैबलेट मा एक वेकिंग रिंग टोन  लगै छौ जु नणदो ब्यौ बाद बि उनि च अर  अर ठीक सात बजि टेबलेट से रिंग टोन बजद," हे नरभागण सि धारमा घाम ऐ गे। कन निंदाड़ ब्वे की बेटी छे जु अबि बि फकोरिक सिंयीं छे।उठ हे असुण्या।" अब नणद त अपण ससुराल च पण रिंग टोन मधुलि बौ तैं बिजाळणो काम आंद।
मधुलि बौ सुबेर सुबेर बिजिक मुख नि धोंदी बलकणम टैबलेट पर अयां रैबार पढ़दि। जु दिल्ली बिटेन भैजिक  फेस बुक मेसैज नि रावो  तो मधुलि बौ  जोर जोर से बरडान्द कि बगल  का  कमरा मा  सासु बि सुणि ल्याओ , रात तुमन अपण ब्वै रन्ड़ोळो दगड फेस बुक पर चैट  करि होलु अर वीनं पाठ पढै होलु त अबि तलक सुबेरो रैबार नि भेजि।" अर इनि रैबार फेसबुक से भैजि कुणि भेजि दींद।

उना जमली बोडि अपण ब्वारिक सुबेरों कुटबाग  सुणदि अर बोडि बि जोर जोर से  हथनी जन चिंघाडि बुलण मिसे जान्दि," कन बदमाश रांडै बेटी च। जनों तन  ह्वावन कन। मी तो 'कन च आज की ब्वारी' सीरियल देखि से गे छौ। अर अबि तलक मीन कम्प्यूटर औन बि नि कार। मीन जु चैट करी हो तो त्यार बुबाक  गौड़ मोरी जैन।" अर बोडी बि बगैर मुख धुयां कम्प्यूटर औन करदी अर भैजि कुण ब्वारि काट करण वाळ मेसेज भेजि देंदी। उना बौ बि सासु तै गाळी की मैसेज भैजि कुण भेजि दींद। पैल खाली कम्प्यूटर छौ तो द्वी- सास ब्वारि कम्प्यूटर प्रयोग का बान  झगड़दा छा। जब बिटेन भैजिन बौ बान टैबलेट भ्याज तो अब बोल बचन मा झगड़ा कम ह्वे गे, किलैकि अब द्वी या तो अपण अपण कमरा मा  टीवी सीरियल दिखण या फेस बुक मा चैटिंग मा व्यस्त रौंदन। अब भैजि मन्योडर नि करदन बस इलेक्ट्रोनिक मैसेज से बौक बैंकम रुपया ट्रांसफर कर  दीन्दन। अर बोडी कुण कै हैंकाक अकौन्ट्स से रुपया ट्रांसफर करदन कि बौ तैं पता नी चौल कि भैजि अपण ब्वे कुण रूप्या भिजणु च।     
   अब सि धनु बोडि तैं इ देखि ल्यावदि। धनु बोडी चार लड़िक छन पण द्वी साल ह्वे गेन अबि तलक वूंन निस्तार नि कार साक कि धनु बोडि कुण टैबलेट कु भै भ्याजल।उन त जब तलक बडा  बच्युं छौ बोडिन नि जाण कि पतिव्रता नार क्या हूंद पण इना बड़ा सोरग होइ अर गां मा टैबलेट को प्रचलन ह्वाइ तो धनु बोडी  जैक बि ड्यारम जावो वैमांगन टैबलेट मांगदि अर सीता की कहानी इना उना फेस बुक मा पोस्ट करणी  रौंद। पैल जैक लैंदो नि होंद छौ वु छांच मांगिक पऴयो   खांदो छौ अब जैम टैबलेट नी च वो दुसर मांगन मांगिक फेस बुक माँ चैट करदो या मैसेज पोस्ट करदो। गां मा सहयोग की भावना अबि बि बचीं च।
बच्चा लोग अब गुल्लि डंडा , क्रिकेट कुछ नि खिल्दन अब तो बस टैबलेट पर कम्प्यूटर गेम मा ब्यस्त छन।
बुड्या अब चौक या कैक डिंड्यळम बैठिक छ्वीं नि लगौंदन अब तो बस  फेस बुक ही ऊंकुण  चौक , डिंड्यळ हवे गे.   
अब तुम तै इन सुणनो रोजि मीलल। "ये भुलि बारा बजि गेन तीन खाणा बणै याल?" तो भुलि जबाब आंदो,' ना हे  दीदी! आज एक बजे फेस बुक मा संजीव कपूर लाइव चैट पर आणु च बस जो बि वो खाणक बणालु मीन आज वो इ खाणक बणान, अर तीन खाणक बणै आल?"
 जबाब आंदो," कख ! अचकाल टैम हि कख मिलणु च। आज सुबेर बिटेन अमिताभ बचन , शाहरुख खान को ट्वीटर मा ही व्यस्त रै ग्यों। बस जरा अमीर खान को   ट्वीट ऐ जावो तो लंच मा खिचडी चढौल. दुफरा  बाद आज  फेस बुक अर ट्वीटर पर सलमान खान अर कटरीना कैफ  लाइव आणा छन।"     
   सुन्दरी अर गुन्दरी बौ छन त काका बाडो बेटि पण द्यूराण -जिठाण हूण से वु द्वी अब सांप - नेवला का  खेल का खिलाड़ी ह्व़े गेन। पैल  फेस बुक को प्रचलन नि छौ तो गां वाळ परेशान छा . एक भाजपा तैं जोर जोर से गाळी देंदी छे तो हैंकि कौंग्रेस तै ऐडेक गाळी दींदी छे, या जू बि  मील वैक समणि अपण पार्टी बड़ाई अर विरोधी पार्टी काट। लोग यूं मादे कै तै बि दिखदा छा त रस्ता इ बदल दींदा छा। पण जब बिटेन फेस बुक अर ट्वीटर को प्रचलन बढ़ सरा गां का लोग चैन मा छन। अब सुन्दरी महाफेन्कू का नाम से दिन भर-रात भर नरेंद्र मोदी तै गाऴयूं मैसेज या ट्वीट भिजणम व्यस्त रौन्दि अर गुन्दरी पप्पू छ्वारा नाम से दिन -रात राहुल गांधी तै गाळिक मेल , मैसेज, ट्वीट भिजणि रौंदी, अब दुयुं तैं पता बि नी च कि ऊंक  क्वी गां च , समाज च बस ऊं दुयुंक समाज फेस बुक अर ट्वीटर तक ही सीमित ह्वे गे।
हां रघुकुल रीति सदा चलि आयि कि नई टैकलौजीक  पैलो  फैदा उच्च या इलीट लोगुं तैं   ही मिलदो। अब हमर परिवारों ल्वार भाना काका  तै  देखि ल्यावदि। जब लोग फेस बुक अर ट्वीटर को फैदा उठाणा छन भाना काका रोज लोगुंम जांदो अर मिन्नत करदो ," हे ठाकुर जी ! जैदिन तुमर मोबाइल फिंकण लैक ह्वे जावो मि तै अपण मोबाइल दे दिंयां हां।" आज पांच साल ह्वे गेन आज बि भाना काका उम्मीद मा च कि कै ना कै दिन वैको बि मोबाईल होलु         
 
                       


 
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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं

                                          अपण बल्दौ खुंड सिंग
                                     चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
 
                    गढ़वाळिम एक मिसल च बल 'अपण बल्दौ पैनु सिंग'। कुज्याण कैन त य़ा मिसल रचि अर गळथि से मिसल रचि बि तो या मिसल किलै प्रसिध्यायि? मिसल वै प्रसिध्याण चयेंद जैं पर लोग टक लगैक अमल  कारन। अब जब हमन जैं बात पर अमल कतै नि करण त फिर इन मिसल को क्या फैदा? हम अपण अपण बल्दों पैनु सिंग नि बथान्दा बल्कणम  सरा अडगैं (क्षेत्र) मा भोंपू लेक बुलणा रौंदा बल कख जयुं बिच्युं बल्द च  अर तैको सिंग खुंड छन। हम अपण   लोगुं भलो काम दिखणो मामला मा जन्मो काणो जि छंवा तो पैनो सिंग ह्वेक बि हम बुलणा रौंदा बल हमर बल्दो खुंड सिंग छन।
  अब सि हमर मल्ला ढांगू कि हि छ्वीं ले ल्यावदि। ग्वील का नंदा दत्त कुकरेतीन स्व सदानंद कुकरेती मरणोप्रांत सिलोगी स्कूल सम्बाळ अर स्कूल तैं मिडल बिटेन हाई स्कूल करवाइ पण हमन उंकी इज्जत त नि करि होलि हां बेजत करण मा हमन कमि बि नि कार। उ त भलो ह्वेन डा नन्द किशोर ढौंडियाळो जौन हम ढांगू  वळो  तैं बथाइ बल नंदा दत्त जी एक विभूति छया। हम  अपण कामौ बल्द पछ्याणनम अर सम्मान दीणम   भौति कंजूस छंवां। फिर यु 'अपण बल्दौ  पैनु सिंग' की कल्पना किलै ह्वे होलि?
             अब जब डा नन्द किशोर ढौंडियालो छ्वीं आइ गे त छ्वीं पर छ्वीं ऐइ जांद। डा  नन्द किशोर ढौंडियालन छै खंडोम गढ़वाल की दिवंगत विभूतियाँ (सन अस्सी बाद ) छपै। पण कथगा इ बुलणा रौंदन बल नन्द किशोर ढौंडियालन कै तैं बि विभूति बणै दे। त म्यार बुलण च बल हे भै   जु तुममा विभूति पछयाणनो बड़ी सिद्धि च तुमि एक किताब छपै दींदा! असलम हम अपण बल्दो पैनो सिंग सहन हि नि कौरि  सकदां। हम गढ़वाऴयुं कुण अपण बल्दों पैनु सिंग'  बेकार की मिसाल च उल्टा हम त 'अपण बल्दौ  पैनो सिंग' तैं खुंड्याण अर पैनो सिंग तैं तुड़नम उस्ताद छंवां।
   अफार सि केशर सिंग बिष्ट की बदौलत आज मुंबई सरीखा जगा मा बड़ो उत्तराखंडी कौथिग होंदु पण हम मुंबई का   उत्तराखंडी केशर सिंग बिष्ट अर  वूंको टीम की हौसला अफजाई जगा पर काट करण मा अपणि बडै  समजदवां। 'अपण बल्दौ  पैन सिंग' देखिक हम जळदा छंवा।
         अब मुंबई की बात ऐ गे त बलदेव राणा बात भि होलि ही। मुंबई सरीखा जगा मा  दस दिनों नंदा जात जात्रा उर्याण एक अभिनव  प्रयोग च अर संस्कृति रक्षा, संस्कृति प्रसार , संस्कृति से पछ्याणक बणाणो वास्ता बलदेव राणा अर टीम की जथगा बि प्रशंसा ह्वावो कम ही च। पण हम मुंबई का उत्तराखंडी एक जुट ह्वेक बलदेव राणा को उचित सम्मान नि दींदा। उल्टां पीठ पैथर काट करणम अग्वाडि रौंदा। 'अपण बल्दौ पैन सिंग ' से हम हर्षित ना शोक ग्रस्त ह्वे जांदा।
   इनि बिछ्ला ढांगु  मा खंड गां का एक  मनीषी छया मुकन्द राम  बडथ्वाल। भैर वाळु कुणि  संस्कृत अर ज्योतिष का बड़ा विद्वान्। पण हम ढांगु वाळु कुण बस एक बुड्या। हमन सार्वजनिक तौर मुकन्द राम जी तैं वो सम्मान कबि नि दे जांक वो लैक छया। 'अपण बल्दौ पैन सिंग' से हम चिरड्याद छंवा।
   अब बिछ्ला ढांगु मा खंड की बात आलि तो सत्य प्रसाद बडथ्वाल की बात त होलि ही। सत्य प्रसाद बडथ्वालन अपण गां मा लोगुं तैं बथाइ बल जु गढ़वालम नौन कनवेंसनल (गैर पारम्परिक ) खेती याने  बागवानी करे जावो तो पलायन बि  रुकल अर कमाइ बि होलि। पण      हम ढांगु वळ बुल्दवां बल जब तै सत्यान पौढ़ी लेखिक खेती ही जि करण छे त किताब  किलै बोकिन? हम अपण बल्दौ पैन सिंग मा द्वास जरुर खुज्यांदा पण अच्छाई खुज्यान्द दें हम या तो टुटकां पोड़ी जांदा या बौंहड़ से जांदा।
                   
  बिचारो पैन सिंगौ बल्द अपण पैनो सिंग से कुज्याण कथगा मानसिक अर भौतिक  लडै लड़दो पण हम अपण बल्दो कमजोर्युं बखान करणम सद्यानि अग्वाडि रौंदा।
अपण पैनो सिंग वाळ बल्दौ हुंकार तैं हम बकवास नाम दींदा अर दुसरौ मरण्या बलदक कुणाट तैं पद्मश्री दीणो रगर्याट करदां।
अपण पैन सींग को बल्द मा हम तमाम ऐब खुज्यांदवां अर दुसरो ऐबि की  प्रसंशा करण मा एक हैंको दगड़ छौंपा दौड़ ( प्रतियोगिता ) करदां।
अब समौ ऐ गे बल हम  अपण मनीषियों तैं उचित सम्मान देवां।                             
 
 



Copyright @ Bhishma Kukreti  14 /4/2013

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ   पूजा
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं

                  जरा    चार पांच चियेर गर्ल्स बि लै जै !
                                चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
फोन पर एक आवाज  - हेलो भीषम  मि गांवो पंच नथु बुलणु छौं।
भीष्म -ओ भैजि नमस्कार ! ब्वालो क्या हाल छन  ?
नथु दा - बस ठीक छन। यां   गांवक संजैत  नागरजा पूजा बान  लोगुंन प्रेजिडेंट बणै आल तो मीन स्वाच सब्युं  तैं रैबार दे द्यूं।
भीषम - भैजि या त बढ़िया बात च।
नथु दा - हां बढ़िया बात छ पण आफत बड़ी च भै।
भीषम - आफत क्यांकि। सरा गां , सबि प्रवासी सहयोग द्याला अर नागराजा त दगड़म छैंइ छन।
नथु दा - हाँ सि त छैं   च। पण गांवक अर कोटद्वरक लोगुं इच्छा च बल जरा प्रोग्राम झसकेदार हूण चयेंद।
भीषम - कन झसकेदार?
नथु दा - वु क्या च  जरा आस पास का गावुं मा प्रतियोगिता चलणि च कि कै गांवक नागराजा पूजा जादा झसकेदार होंदि।
भीष्म - भैजि ! यि त लग्युं इ रौंद हम जब  छ्वटा छा तो रामलीला करणम बि प्रतियोगिता होंदि छे।
नथु दा  - हां पण तबो जमानो अर आजौ जमानो मा  भौत अंतर च। अचकाल  तो नागराजा पूजा प्रोग्रैमै  दगड़ कल्चरल प्रोग्रैम बि करण पोड़दन   
भीषम - अछा क्या क्या प्रोग्रैम छन ?
नथु दा  -प्रोग्रैम त भौत छन जन कि कब्बडी , खो खो, अर शेक्सपियरक  द्वी नाटक बि खिले जाल।
भीषम - अरे शेक्सपियर का नाटक ?
नथु दा  - हां वो अचकाल प्रवास्युं बच्चौं तैं गढ़वाली त छ्वाड़ो हिंदी प्रोग्रैमों मा बि मजा नि आंदो तो ऊंक  बान शेक्सपियरक  द्वी नाटक रखण पडिन
भीषम - पण नाटक कु कारल?
नथु दा- ड्याराडूणम एक रमेश डोबरियाल च। पैल गढ़वळी थियेटर करदो छौ। गढ़वळि थियटर नि चौल तो हिंदी थियेटर मा आइ। जब हिंदी थियेटर बि नि चलिन तो अंग्रेजी थियेटर करण बिसे गे।  अब परिवार पळण जोग ह्वे गे।
भीषम - वो त ड्रामा पार्टी  देहरादून बिटेन आलि। तो बस प्रोग्रैम पूरा ह्वे गेन।
नथु दा- अरे न्है भै ! क्रिकेट टूर्नामेंट बि छन अर मुख्य प्रोग्रैम ..सुणिल तो मजा ऐ जालो
भीषम - अछा ! क्या प्रोग्रैम छन?
नथु  दा - द्वी रात द्वी दिन गजेन्द्र राणा गीतुं प्रोग्रैम बि उरायुं च।
भीषम -   गजेन्द्र राणा गीतुं प्रोग्रैम?
नथु दा - हां लोग सभा  सोसाइटयु मा गजेन्द्र राणा तैं गाळी जरुर दींदन पण मजा लेक गीत बि सुणदन
भीषम -वो। वो त प्रोग्रैम वास्तव मा झलसेदार छन!
नथु दा -हां ! पण एक बात त बताण रयीं च कि तीन,  चार पांच चियर गर्लूं इंतजाम बि करण ?
भीषम - चियर  गर्ल्स ?
नथु दा - हां अब बादि-बादणु नाच दिखणो क्वी तयार नी  च तो सब्युं राय च कि पूजा मा बाद्युं तै नि बुलाये जालो बल्कणम चियर  गर्ल्स बुलाये जाला।
भीषम -बादणों जगा पर चियर गर्ल्स ?
नथु दा - हां अर चार पांच रूसी चियर गर्ल्स लाणों जिमा त्यार च . सूण ! चियर गर्ल्स रूसी ही हूण चयेंदन हा! अचकाल बड़ी धोकाबाजी हुणी च। एजेंट रूसी  चियर गर्लूं जगा यूक्रेनी या चेक चियर गर्ल्स भेजि दीन्दन। जरा देखि भाळिक चियर गर्ल छांटी हां, छड़छड़ी बिगरैलि। नवा गलत चियर गर्ल लै जै हां।
भीषम - दादा ! यि चियर गर्ल्स कारल क्या ?
नथु दा - कनु ? अरे जो  बादण करदी छे वो काम अब चियर गर्ल्स कारलि। पूजा टैम पर मन्दिरौ चौकंम वेस्टर्न डांस अर जखम जरूरत होलु उखम बि डांस। फिर गजेन्द्र राणा गीतुं पर बि चियर गर्ल्स ही डांस कारल।।
भीषम -पण गजेन्द्र राणा को गीत ?
नथु दा- नै नै गजेन्द्र राणान बोलि आल कि चियर गर्ल्स जथगा   बिचक्यां डांस कारल वो बि  उथगा बिचक्यां गाना गालो।
भीषम - मतलब अब गजेन्द्र राणा क गीतुं हिसाब से डांस नि होलु?
नथु दा  - ना ना अब डांस को हिसाब से गजेन्द्र राणा गाणा बणालु अर वैइ हिसाब से धुन बि बणालु
भीषम - पण भैजि ?
नथु दा - पण उण कुछ ना. ले एजेंट को नाम अर फोन नम्बर फिर चियर गर्ल्स छांटी ले . फिर एजेंट को नम्बर  गजेन्द्र राणा तै दे दे . गजेन्द्र राणा चियर  गर्लूं दगड़ बात कौरिक  अफिक गीत अर धुन  तयार करी ल्यालो। पण सूण चियर गर्ल्स नौ रसी हूण चयेंदन हां। गांवक इज्जत को सवाल च। अब मि फोन कटणु छौं। मि तैं एक डी . जे . को दगड़  फोन करण  ....                 

(नाम काल्पनिक छन )
Copyright @ Bhishma Kukreti  18 /4/2013

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं


                             बुड्या नि मोरणु त पौड़ी ली जा !

                                     चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
   "हे दीदी  ! म्यार नौनु घंतु ना खाणु ना पीणु। इन सुचणु छौं पौड़ी डाक्टरोंम दिखै द्युं।"
"भुलि ! कनो तू तैकि मौस्याण मा छे? त्यार  स्यु नौनु अपण कोखौ च कि सौत्याणि कोख को ?"
: क्या छे बुनि हे  दीदी! त्वी इ  त एक जनम हूणम स्विलकुड़ बैठि छे । फिर इथरी बात किलै बुनि छे ?"
" अब क्वी अपण ज्यूंद नौनु -नौनि तैं पौड़ी अस्पतालोंम दिखाणो बात कारल त लोग सौतिया करम ब्वालल कि ना?"
"ह्यां ! पण तू पौड़ी अस्पतालों बाबत ततरी बात  किलै बोलणि छे?
" मि अपण मन से थुका बुलणु कि पौड़ी अस्पतालों म जैक भलो आदिम बि ज्यूँरा जोग ह्वे जांद।"
"तो कैन बोलि कि पौड़ी चिकित्सालय आज यमराजौ एजेंट ह्वे गेन, पौड़ी का अस्पताल ज्यूँरा दलाली करणा छन?"
"ह्यां उख विमल नेगी भुला नी च?"
"हाँ बडो मयळु च अर अंग्रेजी लेक्चरार च तो?"
" वे इ विमल नेगी भुलान खबर सार भेजि बल इख पौड़ीम सबि अस्पताल अचकाल यमराज की नौकरी बजाणा छन।"
"क्या बुनि छे? हां तू त वै विमलनेगी कुणि कबि कबार चंदा रूप माँ गहथ लिजान्दि छे त वैन त्वे तैं पौड़ी खबर सार भेजणि च।"
"भुलि मि त त्रिभुवन उनियालौ, मनियारी बरम मोहन नेगी, गणेश गणी  अर वु  वीरेंद्र पंवार सब्युंक रिश्ता मा  बौ लगुद  त सबि पौड़ीक  खबर सार दीणा इ रौंदन।"
"हे दीदी इन बथादी जु पौड़ीक डाक्टर अचकाल ज्यूँरा तरफदारी करणा छन तो पौदीक अस्पताल, दवाखाना  बांज पड्या होला?"
" ना ना वो त्रिभुवन उनियालौ भाई गबरू अर वैकि एक गौं की बौ च ना ?"
"हां ये दीदी ! ऊं त्रिभुवन उनियालौ बात से त इन लगद बल द्वी द्यूर -भौज का बीच मा कुछ तो छ!"
" हाँ तो गबरू सुवा बौ इ बुलणि छे बल एक कज्याणि कै नेपाली दगड़ कुछ चलणो छौ अर ऊंकी इच्छा छे कि वींको पति मोरि जा।"
"तो ?"
"तो क्या वा कज्याण अपण पति तैं पौड़ी दांतुं डौक्टरम लीग अर बल  डौक्टरन  बिंडी अनिस्थिया दे द्याई बिचारो पति फिर सद्यानौ ज्यूँरा  जोग ह्वे ग्यायि।"
" भलो च म्य़ार कै नेपालि या बिहारी दगड़ नि चलणु च निथर मीन बि घंतु बुबा तै पौड़ी दिखाणो लिजाण छौ अर ..। पण हे दीदी इन थुका च कि सरा गढ़वाल कि जनान्युं नेपाल्युं से ..."
"ह्यां हे भुलि अर जै तैं अपण ब्वारिक कतल करण ह्वावो तो वो ब्वारि तैं बिमारी बाना पौड़ी लिजांदन तो उख एकाद मैना क गैरजिमेदाराना इलाज, असावधानी, कर्मचार्युं  सम्वेदनाहीनता से वा ब्वारी भग्यान ह्वे जांदी।"
" चलो भलो च मि अबि सासु नि बौण निथर मि तैं ब्वारि मरवाणो ब्वारि तैं पौड़ी अस्पतालोंम भरती कराण पड़ण छौ।"
" हे भुलि सूण त सै। कैक बुड्या बाबु या बुडडि ब्वे नि मोन्ना ह्वावन तो पौड़ी सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालोंम भरती करै द्यावो तो डाक्टरों गैरहाजरी , हौस्पिटल कर्मचार्युं   असावधानी अर गलत सलत चिकित्सा या गलत दवा से बूड-बुड्या अफिक सोराग चली जांदन।"
"औ ! या बात च। म्यार त सास ससुर नी छन पण आजि मि अपण भुलि कुण रैबार दींदु कि पौड़ीम सरकारी अर गैर सरकारी अस्पतालोंम गैर जिमेदारना खेल चलणा छन तो अपण बुड्या ससुर तै इख पौड़ी अस्पतालम भर्ती  दयावो।"
"हाँ अर ये ले त्रिभुवन द्यूरो टेलीफोन नम्बर बि लेलि। त्रिभुवन उनियाल बथालो बल कु कु अस्पताल गैर जिमेदाराना काम मा व्यस्त छन।"
" हाँ आजि मि अपणी बैणि कुण खबर सार भेजि दींदो कि बुड्या उन नि मरणु च त बुड्या तैं पौड़ी अस्पतालम भरती करी दे।"         

             
(बरोबर काल्पनिक लेख च, जगा को  नाम अर घटना बि  काल्पनिक छन। )


Copyright @ Bhishma Kukreti  19 /4/2013

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                          अरे जरा जादा से जादा कन्ट्रोवर्सी लाओ!

                         चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
-हेलो ! यू क्या होणु च भै?
-सर , ठीक चलणु च , ट्वीटर पर दिनौ लाखों ट्वीट  होणा  छन।
-खन्नौ ठीक चलणु च लोग ट्वीट  करणा छन तो तीन थुडा कार ट्वीट पौपुलर।
-सर सबि छोटा -मोटा   समाचार पत्र अर सबि मीडिया मा मैचों बाराम लिख़णा छन। इख तलक कि गढ़वाळी साहित्य जै तैं गढ़वळि बि नि पढ़दन वीं भाषाम बि हमार  टूर्नामेंटो बारा मा लिख्याणु च।
-  हां त क्या ह्वाइ? लोग हमर टूर्नामेंट पसंद करणा छन त गढ़वाली लिख्वार बि सुचणों ह्वालु कि ये टूर्नामेंट का बारा मा लेखिक इ सै क्वी बंचनेर मीलल , क्वी गढवाली पाठक लेख त बांचल! इख्मा तयार क्या मिऴवाक (योगदान)?
-सर हरेक बडो नेता अचकाल टूर्नामेंट का खिलाड्यू तैं वधाई संदेस भेजणु च  अर हरेक खिलाड़ी से मिन्नत करणों च बल हे खिलाड़ी ! म्यार  दगड़ फोटो खिंचै दे। अर जादातर छ्वटु खिलाड़ी बि नवा नेता क दगड़ फोट खिंचाण से  पौपुलरिटी कम ह्वे जावो का डौरन कै बि नेता क दगड फोटो नि खिंचाणु च। सुणन मा त यि बि आयि कि सचिन तेंदुलकरन अपण विज्ञापन मैनेजरौ सलाह पर राहुल गांधी दगड़ फोटो नि खिंचाइ। विज्ञापन मैनेजरौ बुलण छौ कि नेताओं दगड फोटो खिंचाण से खिलाड्यु ब्रैंड इक्विटी (ब्रैंड कीमत ) मा भारी गिरावट ऐ जांद। सर  अर पर ....
- सर अर पर क्या?
- सर ! युसूफ पठान अर इरफ़ान पठानन  नरेंद्र मोदी दगड फोटो खिंचाणै शर्त रखी दे बल जु मोदी मुसलमानी टुपला पैरल तो ही द्वी भाइ मोदी दगड फोटो खैंचाला। सुणनम आयि बल मोदी मुसलमानी टोपी पैरणो तयार च।
-अरे नेताओं छवि इथगा खराब ह्वे गे कि नेताओं तैं छवि उच्चीकरण अर छवि सुधारणो बान खिलाड्यु जरूरत पोड़नि च। पण मि पुछणु छौं बल जु बड़ा बड़ा नेता खिलाड्यु दगड़ फोटो खिंचाणो पुठ्याजोर लगाणा छन त इख्मा तेरि पब्लिक रिलेसन कम्पनी क्या योगदान च ?
-सर अबि अबि महेंद्र  सिंग धोनी अर  सुरेश रैनान ट्वीट कार बल सर रवीन्द्र -जडेजा .
--तो   इखमा तेरी कम्पनी को क्या कंट्रीब्यूसन च भै?
- सर ! भौत सा  क्रिकेट विचारकों अर  संसलेषकों विचार च बल इन्डियन प्रीमियर लीग को खेल देखिक लगणु च बल वीरेन्द्र सहवाग तै टेस्ट से रिटायर हूण पोडल।
- हे तू पब्लिक रिलेसन कम्पनी मालिक छे कि बैंकॉक पटाया को मसाजी ?
-सर हम भौत कोशिस करणा छंवां कि  इन्डियन प्रीमियर लीग खेल माँ कुछ विवाद ह्वाओ, कुछ प्रतिवाद ह्वावो .. हां
- तो अबि तलक इन्डियन प्रीमियर लीग खेल बुरी चर्चा , विवाद मा किलै नि आयि?
-सर हमन कोशिस त कौरि छे अर ससांत तै सलाह भिजवै छे कि हरभजन  काण्ड तैं दुबारो अग्वाड़ी लावो कि जां से आई पी ऐल खेलों मा लोगुं तैं विवादों चटनी , कैच अप मीलो
-पण ह्वाइ क्या च तुमारि चटनी मा त कीड़ पोड़ी गेन ना !
-सर! अब  दिन गौतम गम्भीर अर  विराट कोहली मा बोल बचन बि ह्वै छौ ..
-हाँ पण वां से बि लोगुं तै चटकारा नि लगिन ना?
सर !  हम त कोशिसम लग्यां छां कि इन्डियन प्रीमियर लीग खेल विवादों का घ्यारा मा आवो।
-हां इन्डियन प्रीमियर लीग खेल को मतलब च लोगुं मनोरंजन ना कि खेल तो ये कहल माँ जब तलक विवादों को तड़का नि ह्वालो तो इन्डियन प्रीमियर लीग तैं कु याद कारल? कंट्रोवर्सी इज द होली मदर ऑफ आई पी ऐल 
-जी सर- सूण अब द्वी चार दिनुम समाचार आण चयेंद कि कुछ खिलाड़ी चीयर गर्लों दगड़ फंसी गेन
-जी खिलाड़ी फंस जाला
-द्वी चार दिनों मा खबर आण चयेंद कि खिलाड्यून शराब का  मा कै होटलम दंगा फसाद कार
-समाचार ऐ जाला
-न्यूज आण चयेंद कि कुछ खिलाड़ी चरस गांजा पींद पकडे गेन
-जी खबर ऐ जालि
-खबर हूण चयेंद कि कुछ खिलाड़ी अर अम्पायर मैच फ़िक्षिंग मा लिप्त छन।
-जी सर समाचार ऐ जाला
- अर अबि तलक क्वी मैच फिक्सर नि पकडे गेन किलै?
-सर अचकाल देस मा बलात्कार का जघन्य केस इथगा हूणा छन कि पुलिस वाळ जन आन्दोलन दबाण इ मा व्यस्त च तो मैच फिक्सिंग का केसों मा पुलिस तै क्वी इंटरेस्ट नी च
-  अर अबि तलक कै शासि थरूर मंत्री न इस्तीफा बि नि दे? ना ही प्रफुल पटेल जन मंत्री की बेटिन एयर इंडिया को जहाज रुक्वाइ?
-सर अचकाल नेता बिंडी चलाक ह्वे गेन-
- मी कुछ नि जाणदो  जु आई पी ऐल कु हैंक सालो ठेका चयाणु च तो ये साल आइ पी ऐल का विवाद लोगुं समणी आण चयेंदन जां से जादा जादा से लोग आई पी ऐल से जुड़िन 
-जी हमारी कम्पनी कोशिस कारलि कि जथगा बि ह्वावो आई पी ऐल विवादों घ्यारा मा आवो
-दैट्स गुड स्पिरिट। चलो दु दु स्मगल्ड दारु पैग ह्वे जावन।
               
  Copyright @ Bhishma Kukreti  21 /4/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                           भारतीय चीयर गर्ल्स  बाजार                 

                         चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
                  वैदिन चीयर गर्ल्स   क्या ल्याख अर नेट साइटों मा छाप कि दुसर दिन बिटेन साइटों  मौडिरेटरों फोन आण बिसे गेन।
अब सि ब्याळि दिन मा मेरापहाड़ का माहि मेहता जीक फोन  आयि," भीष्म जी ! चीएर गर्ल लेख तो गढ़वाली मा छौ पण व्यूवर अंग्रेजी से  जादा ह्वे गेन । जरा एक लेख भारतम  चीयर लीडर  बजार का बारा मा  लेख  भ्याजो।"
ब्यखुन दें छुंयाळ का जय बिष्ट जी फोन आयि  चीयर गर्ल लेखौ  मांग बढ़ी गे जरा पता तो लगावो बल चीयर गर्ल मार्केट कथगा बड़ो च।
वेबरि  इ- उत्तराखंड पत्रिका क विपिन पंवार जीक फोन आई बल दाना  -बुड्या रीडर्स  चीयर गर्ल उद्योग का बारा मा प्रश्न पुछणा छन।
रत्यां जयपुर बिटेन निराला उत्तराखंड का नारायण सिंह रावत जीक फोन आई बल निराला उत्तराखंड का चीयर लीडर्स  का बारा मा विशेषांक प्रकाशित होलु त जरा चीयर लीडरूं  बारा मा जादा जानकारी भ्याजो।
अदा राति , अमेरिका बिटेन बेडुपाको का  शैलेश उप्रेती जीक फोन आयि बल गाऊं मा लोगुं तैं चीयर गर्ल्स  की जादा जानकारी चयेणि च तों कुछ चीयर लीडर्स  मुतालिक  लाइव इंटरव्यू भ्याजो।
    लेखक क्या मांगे ? दर्शकों की रूचि, और क्या ! बस त  मि सुबेरि बिटेन चीयर गर्ल सप्लाई मार्केट चलि ग्यों। उख मीन खुट धार नी कि एजेंटों एजेंट चिलंग बरोबर म्यार पैथर पोड़ी गेन। क्वी म्यार दें खुट खैंचणु त क्वी बैं, कवी इ हाथ तो क्वी वै हथ , क्वी हथकुळि खैंचुणु, क्वी अंगुळी , क्वी म्यार कन्दूड़, कैको हथ म्यार नाक पर एकान तो म्यार बाळ पकड़िक बोलि बल भौं भौं   किस्माक चीयर गर्ल दिखौल मि। हरेक यु बुलणु छौ बल वो ही चीयर गर्लूं बडो व्यापारी च।
  मीन जब ब्वाल बल मि चीयर गर्ल लीणों नि अयुं छौं बलकणम भारतम चीयर गर्ल डिमाण्ड पता लगाणो अयुं छौ त सब्युंन इकछुटि गाळि  दीन्द बोलि बल फोकटम टैम खराब ह्वे गे। एकान गाळि  दीन्द ब्वाल बल जा समणि हमर असोसिएसन कु जन सम्पर्क ऑफिस च उख मोर। जु पुछण़ाइ उख पूछ।
मीन इन ऑफिस सुपिन मा बि नि देखि छौ। मै नि लगद इथगा बढ़िया ऑफिस इंडिया मा कै ललित मोदीक बि  होलु धौं ! सैत च ए राजा या कलमाड़ीक इन ऑफिस होलु त होलु। सब जगा भग्वानुं , देवी -दिवतौं फोटो जगा भारतीय क्रिकेट बोर्ड का अधिकार्युं फोटो टंग्या छा। अर गणेश जी जगा सब जगा ललित मोदी मूर्ति धरीं छे।
मि तैं अप्सरौं से बि बिंडी बिगरैलि बांद मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी मा लीगि।  सरा रस्ता  चीयर गर्ल मी मा चंवर डुलाणि रायि।
जनसम्पर्क अधिकारींन मेरो स्वागतमा पाइवो (यूक्रेनी बियर ) कि गिलासडि दे अर पाइवो तै मुख तलक लिजाणो चीयर गर्ल   छे . वीन  बोलि," ना जदोरोव, बुडमों"
मी तैं  अधिकारि बथाई कि वा उक्रेनी भाषा मा चीयर बुलणी च। मीन चीयर  कार।
मीन पूछ ," मि इंडिया मा चीयर गर्ल मार्केट का बारा मा जानकारी लीणों अयुं छौं।"
अधिकारिन  बोलि," अचकाल भारत का हरेक समाचार पत्र , पत्रिका ,  इख तलक कि  धार्मिक पत्रिका बि चीयर गर्ल्स का बारा मा म्यार इंटरव्यू लीणा छ्न।
मीन पूछ - भारतम अचकाल चीयर गर्ल्स को बिजिनेस कथगा हूंद ?
इथगा मा  चीयर गर्ल मिनी गिलासडि मा जिन लेकि आई अर चेक  मा वीन चीयर बोलि -ना जद्रावी ( तुमर सेहत  का वास्ता ).
अधिकारिन जबाब दे - महान ईश्वर ललित मोदी की मेहरबानी से पोरु साल तलक  चीयर गर्ल को बिजिनेस पचास करोड़ तलक पौंछि गे छौ अर हमर सर्वेश्वर बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल ऑफ इंडिया का बदौलत  ये साल सौ करोड़ तक पौंछि जालो
म्यरो सवाल छौ - अचाणचक इथगा बढ़ोतरी किलै?
  एक  हंगरीयन चीयर गर्ल एक पेय मिनी गिलासडि मा  लेकि आयि  अर वींन  चीयर करदा  ब्वाल -केडवेस इगेसजसेगेरे (तुमर स्वास्थ्यौ बान)       
 अधिकारिन उत्तर दे - वु क्या च अचकाल हेरक स्कूलम  अर कोचिंग क्लासम चीयर गर्लूँ  बड़ी जरूरत च मास्टरों जगा शाबाशी शब्द अब चीयर गर्ल्स बुल्दन अर यां से विद्यार्थी अति उत्साहित ह्वेका पाठ याद करदन। हमर अनुमान  च कि एकाद द्वी सालुम स्कूल , कॉलेजों, कोचिंग क्लासोंम विद्यार्थ्युं तैं पाठ याद करण अर खेल मा चीयर करणों बान हजारों चीयर गर्लूं  आवश्यकता होलि। हमन यांकुणि  एक अलग से स्टूडेंट चियरिंग विंग   खोलिं च।
मेरो हैंकु सवाल छौ - स्कूल कौलेजों अलावा आपका ग्राहक कख छन?
एक रूसी चीयर गर्ल मिनी कप मा बोद्का लेकि आयि अर वीं चीयर कार -बडेम जडोरोवी (हम सौब स्वस्थ रौंवां).
अधिकारी को जबाब छौ - अब  भारतीय चांदो कि वैका हरेक संस्कार का कर्म काण्ड मा चीयर गर्ल्स  चीयर कारन, इनि लोक मेलों क बान चीयर लीडरों  बड़ी मांग बढ़ी गे  अर हमर अनुमान च कि एकाद सालम भारत का हरेक  ब्लौकम सैकड़ाक चीयर गर्लूं हरदम आवश्यकता होलि।
 मीन बात अग्वाडी बढ़ाइ - अर व्यापारिक संस्थानोंम चीयर लीडरों  डिमांड कथगा च?
इथगा मा एक स्लोविकियाई चीयर गर्ल सिल्वोविका ड्रिंक लेकि आई अर स्टोलिक्का शब्दों से वीन चीयर कार   
  अधिकारींन बथाई -  अब हरेक ऑफिसम हरेक अधिकारी तैं स्वप्रेरणा वास्ता  कम से कम एक चीयर लीडर  चयाणि च ,माल्स अर छ्वट  दुकानदारों तै ग्राहकों अर अपण  मुलाजिमों तैं चीयर करणों बाण चीयर लीडरूं  बड़ी भारी जरूरत महसूस होणि च। अर शायद एकाद सालम रिटेल सेक्टरम  एक लाख चीयर लीडरों  आवश्यकता पोड़लि
मेरो  अगलों प्रश्न छौ - अर धार्मिक अर राजनैतिक क्षेत्रों मा चीयर लीडर  डिमांड को क्या हाल च ?
इथगा मा एक चीयर लीडर बुल्गारियन पेय रिको लेकि आई अर नाजद्रेव नाजद्रेव बोलिक  चीयर करण मिसे गे।
अधिकारिको उत्साही उत्तर छौ - चुनाव आणा छन तो हरेक राजनीतिक पार्टी तैं हरेक चुनाव क्षेत्र का वास्ता चीयर लीडर चयाणा छन अर यी चीयर लीडर अपण अपण देसुंक  आदि वास्युं ड्रेस पैरिक भाषणों बीचम चीयर कारल जां से इन लग कि अधनंगी जनानी चुनाव प्रचार नि करणा छन बलकणम संस्कृति, सभ्यता  अर  धर्म को आदान प्रदान होणु च।  जख तलक धार्मिक  स्थानों मा चीयर लीडरूं  सवाल च तो अब दुबर देवदासी संस्कृतिन जनम ले आल। हां !  मन्दिरोंम अब भारतीय देव दासी नि नाचल बलकणम विदेसी चीयर लीडर नाच कारल। हमर अनुमान च कि सन द्वी हजार बीस तलक चीयर लीडर को छै हजार करोड़ को मार्किट ह्वे जालो। ल्या यी बुकलेट तैं ली जावो इखमा  भारतीय चीयर लीडर मार्किट संभावनाओं अर मार्किट दोहन का बारा मा सब कुछ समजायुं च।
मीम अब पुछण लैक कुछ नी छौ मि तैं भैर छुड़णो पांच छै चीयर लीडर ऐन। 
   
   
                   


Copyright @ Bhishma Kukreti  23 /4/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                           पुराणा विद्वानों अर योद्धाओं वर्तमान मा कुहाल

                    चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

परसी सुपिनम क्या दिखुद बल बशिष्ठ तैं बी ऐडम  एड्मिसन   नी मील ता कोचिंग क्लास का बड़ा मास्टर बौणी  छकिक रुपया कमाणा छन I नजीक ही विश्वामित्र का कोचिंग क्लास खुलण से वशिष्ठ को व्यापार पर फर्क पड़णु च 
चाणक्य की पोलिटिकल कंसल्टेंसी  की दुकान नि चौल ता राजनीतिक बिचौलिया बौणिक रुपया गटकणा  छन I
भरत  ब्रदरहुड  का नाम फर एन जी ओ चलैका सौकार  बण्या  छन .
गुरु गोरखनाथ "चौर्यां स्याळ  " का नाम से राजनीतिक औघड़ बाबा बण्या  छन I
महात्मा बुद्ध तैं बुद्धू आर पागल समजी का पागलखाना भीजे गयी .
मेनका कू फिलम इन्स्टिच्युट  चलणु  च. वात्सायन को सेक्स पर वेब पोर्टल धड़ला से चलणु  च. हुर्स्या हुर्सी मां कोका को भी सेक्स पोर्टल की दुकान खुली गे .
कबीर बिचारा की कपडों की मिल कि  नौकरी छूटी गे अर अब रेल मुसाफिरूं   तैं सोनू निगम का गाना सुणाना छन .
तुलसी दास  अच्काल बी जे पी का वास्ता बैनर बणाना छन।
सूरदास मुरारी बापू या आशा राम बापू कुण गीत लिखदन।
कालीदास फिल्मू मां डैलौग अर  गीत लिखणा  छन पण कुगति च डैलौगुं अर  गीतू का क्रेडिट मां उंको नाम नि आन्द .
उरबसी सरोज  खान का इख झाडू पुत्या करदी .
शुक्राचार्या अर वृहस्पति रास्ता मां बैठिक ज्योत्षी का कम करणा  छन . भृगु बाल्टी वाले बाबा क इख बिस्तर साफ़ करणा छन।
 इन्टरनेट आण  से नारद जी मां क्वी  काम नि रै ग्याई ता रेलवे  स्टेसन का समणि  दाद  खाज खुजली की दवैउं  का पर्चा बंटाना छन   .
सरकारी नौकरी मां लग्याँ   हरिश्चंदर अर युधिष्ठर जख जान्दन सच बोलणा वजै से  ऊन्कि दर तीन मैना   मां बदली होणि  रौंद . भीम कुस्ती असोसिआसन मां चपड़ासी  की नौकरी  मां दिन काटणा  छन ता अर्जुन दिल्ली मा वी के मल्होत्रा   का इख चिलम भरणा  छन .
दुसासन बलात्कार खतम करणों कमेटी चेयरमैंन  छन। चालीस साल ह्वे गेन अबि तलक ऊनं रिपोर्ट तयार नि कार कि भारत मा बलात्कार कनकै बंद होला।
 बेलो पावर्टी लाइन कार्ड होल्डर हूण से धृत्रराष्ट्र  कंस्टिटयूसन क्लब मा सरकारी पैसों से मजा करणा छन तो पांडू मेनत  मजूरी से पेट भरणो च।  कबि कबि विदुर तैं धृत्रराष्ट्र कंस्टिटयूसन क्लब बुलै लींदो।
शंकर टीका कार  का काम छोड़ी विद्यार्थ्युं  Ph D  की पोथी लेखिक अपन पुटुक भरणा छन .

Copyright @ Bhishma Kukreti  24/4/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

 

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