फेस बुक की लाइक्याण ( Like की गंध /बास )
चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
अब फेस बुक इन यथार्थ ह्वै ग्यायि कि परसि एक ब्यौ मा मेरि ब्वै सब्युं समिण बुलण बिसे ," म्यार भीषम त मि तैं फंड धुऴयुं समजद।"
भुंदरा बौन बोलि ," ए जी ! क्या बुलणा छां ? भीषम त तुमकुण इथगा चीज लांदु, ; इख तलक कि तुमर बान अपण घरवळि दगड़ लडै झगड़ा तक करदु !
ब्वेन बोलि," यि सौब दुनिया तैं दिखाणौ ढ़ोंग छन। मि तै भलु माणदु त मि तैं फेसबुक मा Like नि करदो। तीन साल बिटेन सार लग्युं छौं कि म्यार भीषम मि तैं Like कारल पण दुन्या तैं रोज Like करदो पण मेकुणि वैक Like हर्चीं छन। सी कथगा इ नौन छन रोज अपण ब्वे तैं पिटदा छन , धमकांदा छन पण फेसबुक पर रोज दस दै अपण ब्वे तै Like करदन। इन ह्वाइ 'लौ बाणी' (अच्छा चरित्र ) का नौन !
अब हरेक मा की ख्वाइस होंद कि वींक नौना -नाति -नातण वीं तै फेसबुकम हर दै Like कारन !
पंडि जी बि फेस बुक की Like की अहमियत पछ्याणि गेन अर अब वो ब्यौ मा सात फ्यारा नि लिवांदन बलकणम अब ब्यौ मा अठौं फेरा लिवांदन। अठौं फेरा मा ब्योला तैं कसम खाण पुड़द ," अब जब तू मेरी अर्धांगनी बन जायेगी तो मै फेसबुक या अन्य सोसल ग्रुप में सदा हर समय तुझे Like करूंगा। "
फेस बुक की Like अब हमर भाषा मा कथगा इ आण -पखाण , मुहावरा लै गै। सि परसि घना काका अर सुंदरि काकि मा तून लगि गेन।
घना काका -त्वे पर रति भर की बि तमीज नी च। त्यार सवर देखिक त क्वी बि त्यार हथन पाणि बि नि प्यालु।
सुंदरि काकि -अरे तुम कुण इ मि फंड धुऴयूँ छौं। जरा फेस बुक मा जावो त सै त पैल्या कि अमेरिका , रूस , जापान क्या चीन का छ्वारा बि मि तैं प्रेम से Like करणा रौंदन अर दगड़म रसीला कमेंट्स बि भिजणा रौंदन।
फेस बुक की Like अब सामाजिक पद, सामाजिक रूतबा , सोसल स्टेटस कु चिन्ह , सिम्बल बणि गे।
अब नौनि अपण दगड़्याणियुं तैं इन दनकांदन ," तु क्या मेरी बरोबरी करिल ? मीम फेस बुक मा पांच हजार परमानेंट , दस हजार टेम्पोरेरी Like करण वाळ छन। "
अब फेस बुक का Like तुलना करणौ माध्यम ह्वे गे ।
कैं सभा मा कै बड़ आदिमौ परिचय इन दिए जांद ," श्री खुंखार सिंग जी परिचय का मोहताज नि छन। रोज फेस बुक पर हजारों संख्या मा खुंखार सिंग जी कुण Like आणा रौंदन। "
अब मृतक तैं श्रधांजलि इन दिए जान्दि ," स्वर्गीय घपरोऴया जीम कार , मकान, चमचौं फ़ौज सब त छैंइ छौ दगड़म ट्वीटर अर फेस बुक पर लाखों Like करंदेर बि छया।
अब साहित्यौ आलोचना मा इन लिखे जांद , " भीष्म कुकरेती तैं अब आलोचना करण बंद करि दीण चयेंद। यद्यपि भीष्म कुकरेती न ब्रह्मा नन्द ध्यानी की कवितौं बुरी तरां से आलोचना कार , काट कार पण आलोचना से क्या हूंद ब्रह्मा नन्द ध्यानी का भंडार मा अबि तलक अड़तालीस हजार Like छन। उना भीष्म कुकरेती ब्रिजेन्द्र सिंह की कवितौं इथगा बडै करदन पण आज तक इथगा सालुं मा ब्रिजेन्द्र सिंह को फेस बुक भंडार मा केवल दस Like इ छन। "
Like अब एक पुण्य जन धन च। Like जळण या इर्ष्या को माध्यम बि बणि गे अर एक अपण दगड़्या क Like से जळिक इन बोदु ," साला घर से नगा है अर अपण फेस बुक का Like संख्या पर इथगा घमंड करुद जन बुल्यां मुकेश अंबानी ह्वालु ! "
Like शंका बि लांदु। एक बेटी क मंगतेर बुबा फेस बुक की Like पर इन बुलुद ," हां छ्वारा तैं फेस बुक मा Like करण वाळ त सैकड़ों छन। पण क्या सचमुच मा यू नौनु इथगा मयळ होलु ? कखि मेरी बेटि अणभरवस त नि होलु ?"
Like से पैदा हूण वाळ दैन्य , हर्ष , आवेग , विषाद, उग्रता , चिंता , श्रम , उन्माद आदि भावों से अब ब्लड प्रेसर अर हार्ट अटैक की बीमारी बि बढ़णा छन।
जब कैक फेस बुक मा Like कम ह्वावन तो वो मन मारणो बान अपण मन तैं समजांदु ," फेस बुक का Like माया च , मोह च , मिथ्या च , झूठ च । "
Copyright@ Bhishma Kukreti 1/9/2013
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